Shavasana in Hindi शवासन दो शब्दों शवा (Shava) और आसन(Asana) से मिलकर बना है। इसे सोए हुए मुद्रा का आसन (sleeping pose) भी कहते हैं क्योंकि यह आसन लेटकर और आंखें बंद करके किया जाता है। अंग्रेजी में इसे कार्प्स पोज (Corpse Pose) के नाम से जाना जाता है। जानिए कैसे करें शवासन, शवासन के लाभ और अन्य जानकारी, शवासन के फायदे – Benefits of Shavasana (Corpse Pose) शवासन करने का तरीका – Steps to do Shavasana (Corpse Pose) शवासन करने में क्या सावधानी बरती जाए – Precautions to take when doing Shavasana in Hindi।
शवासन एक ऐसी मुद्रा आसन है जिसमें अधिक ध्यान लगाने या खुद को आत्मकेंद्रित करने की जरूरत पड़ती है। इस आसन में शरीर के हर एक अंग पर ध्यान केंद्रित करना होता है। शवासन आमतौर पर योगाभ्यास करने के बाद किया जाता है। यह आसन शरीर और मस्तिष्क को मेडिटेशन की भांति तनावमुक्त एवं रोगमुक्त रखता है एवं राहत प्रदान करता है।
शवासन करने का तरीका – Shavasana (Corpse Pose) Steps in Hindi
किसी भी आसन का अत्यधिक लाभ उठाने और चोट (injury) से बचने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हमें उस आसन को करने की सही विधि मालूम हो। यहां हम शवासन (Corpse Pose) को सही तरीके से करने की प्रक्रिया बता रहे हैं।
शवासन करने की विधि
- जमीन पर पीठ के बल एकदम सीधे लेट जाएं।
- दोनों हथेलियों को अपने शरीर से 15 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें।
- हथेलियों को ऊपर की तरफ ही खुला रखें और उंगलियों को हल्का सो मोड़े या झुकाए रखें।
- दोनों पैरों को सीधे रखें और इन्हें आपस में चिपकाएं नहीं। दोनों पैरों के बीच में दूरी बनाए रखें और एकदम शांत (calm) रहें एवं आराम की मुद्रा में लेटे रहें।
- दोनों आंखें बंद रखें और सिर एवं रीढ़ को बिल्कुल सीधा रखें।
- गर्दन या सिर को किसी ओर मोड़े या झुकाएं नहीं।
- किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि न करें और शांतिपूर्वक लेटे रहें। मस्तिष्क और शरीर दोनों को आराम दें।
- सिर से लेकर पैरों तक अपना ध्यान केंद्रित करें और सांस लेते एवं छोड़ते (inhale & exhale)समय सांसों पर आत्मकेंद्रित रहें।
- सांसों को महसूस करें और अपने मस्तिष्क में विचार लाएं कि आपके शरीर को राहत मिल रहा है और सांस छोड़ने समय आपका स्ट्रेस, डिप्रेशन और चिंता शरीर से बाहर निकल रहा है।
- इस विचार के साथ आंखें बंद कर इस मुद्रा की 3 से 5 मिनट तक प्रैक्टिस करें और राहत महसूस करें।
जितनी देर तक लेटे हुए अवस्था में आप यह आसन करने में आप सक्षम एवं सहज हैं उतनी देर तक करें। लेकिन 1 से 2 मिनट तक करना भी पर्याप्त है। अपनी प्रैक्टिस को अधिक आसान बनाने के लिए आप सिर के नीचे पतली तकिया भी लगा सकते हैं। मेडिटेशन या सोने से पहले यदि शवासन किया जाए तो यह अधिक लाभदायक होता है।
(और पढ़ें – मेडिटेशन क्या होता है , प्रकार और करने के फायदे)
शवासन के फायदे – Benefits Of Shavasana (Corpse Pose) in Hindi
अन्य आसनों की तरह ही शवासन भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह आसन मेडिटेशन की तरह है इसलिए यह मानसिक शांति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मस्तिष्क के साथ ही तन और मन के विकारों को भी दूर करता है। आइये जानें शवासन करने के क्या फायदे होते हैं।
शवासन के फायदे तनाव दूर करने में
शवासन शरीर को गहरे मेडिटेशन मुद्रा में लाता है जो ऊतकों एवं कोशिकाओं की मरम्मत करता है और मस्तिष्क से स्ट्रेस को बाहर निकालता है।
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शवासन करने के फायदे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में
शवासन (shavasana) हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और हृदय को दबाव से मुक्त रखता है। शरीर को शांत रखने के साथ ही यह चिंता को भी दूर करता है।
(और पढ़ें – चिंता दूर करने के उपाय, तरीके और घरेलू नुस्खे)
एकाग्रता बढ़ाने में शवासन करने के फायदे
शवासन करने से एकाग्रता बढ़ती है और किसी भी काम में ध्यान और मन अधिक केंद्रित होता है। यह यादाश्त को भी बेहतर बनाता है।यह आसन रक्त प्रवाह को बढ़ाने में भी लाभदायक होता है।
(और पढ़ें – इन तरीकों से बढ़ाएं अपनी एकाग्रता)
शवासन के फायदे एनर्जी बढ़ाने में
शवासन करने से तुरंत एनर्जी बढ़ती है और यह कार्य करने की क्षमता को अधिक बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा शवासन मासिक धर्म की अनियमितता को भी दूर करता है।
शवासन करते समय सावधानियां – Precautions For Shavasana in Hindi
- किसी भी आसन को करते समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है अन्यथा इससे शरीर को हानि भी पहुंच सकती है। आइये जानें कि शवासन करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
- यदि पीठ या कमर में चोट लगी हो तो अपने घुटनों को मोड़कर एवं पैरों को जमीन पर रखकर शवासन करें।
- यदि आप प्रेगनेंट हैं तो शवासर करते समय सिर के नीचे तकिया लगा लें ताकि यह आसन करने में परेशानी न हो।
- ध्यान लगाते समय और शरीर को आराम की मुद्रा में छोड़ते समय बेहतर यह होगा कि आप खाली पेट रहें और ढीले कपड़े पहने रहें और किसी शांत जगह पर यह आसन करें।
- शवासन करते समय हर संभव कोशिश करें कि आपको इस दौरान नींद न आये।
- यदि रिलैक्सेशन के दौरान भारीपन महसूस हो, गर्मी लगे या अच्छे विचार न आयें तो घबराएं नहीं और शांत होकर लेटे रहें।
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