Shimla Mirch Ke Fayde in Hindi: शिमला मिर्च एक खाद्य सब्जी है जिसे बेल पेपर (Bell peppers) या मीठी मिर्च के नाम से भी जाना जाता है। क्या आप शिमला मिर्च खाने के फायदे जानते हैं? शिमला मिर्च (sweet pepper) कम तीखी किस्म की मिर्च होती हैं। शिमला मिर्च के लाभ पाचन समस्याओं, पीठ दर्द, त्वचा स्वास्थ्य, पेट के अल्सर, रजोनिवृत्ति की समस्याओं, हृदय रोग और डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याओं के लिए होते हैं। यदि आप इन समस्याओं से बचना चाहते हैं तो शिमला मिर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं। सामान्य रूप से शिमला मिर्च का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है। लेकिन आप अन्य खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट बनाने के लिए भी शिमला मिर्च का प्रयोग कर सकते हैं। आज इस लेख में हम शिमला मिर्च के औषधीय गुण और फायदे नुकसान (Shimla Mirch Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi) संबंधी जानकारी बता रहे हैं।
विषय सूची
1. शिमला मिर्च क्या है – Shimla Mirch Kya hai in Hindi
2. शिमला मिर्च के पोषक तत्व – Bell Pepper Nutritional Value in Hindi
3. शिमला मिर्च की तासीर क्या है – Shimla Mirch ki Taseer Kya Hoti Hai in Hindi
4. शिमला मिर्च के फायदे स्वास्थ्य के लिए – Bell Pepper Health Benefits in Hindi
5. शिमला मिर्च खाने के नुकसान – Shimla Mirch Khane ke Nuksan in Hindi
पारंपरिक रूप से शिमला मिर्च (Capsicum) का उपयोग एक मसाले के रूप में किया जाता है। शिमला मिर्च से संबंधित सभी प्रकारों में तीखा स्वाद होता है। शिमला मिर्च एक सदाबहार पौधा है जो उष्णकटिबंधीय जलवायु में बढ़ता है। यह पौधा पीले, हरे, नारंगी और लाल रंग की मिर्च पैदा करते हैं। शिमला मिर्च एक मसाला होने के साथ ही उपभोग करने पर विभिन्न स्वास्थ्य लाभ दिला सकती है। विशेष रूप से यह गठिया और कैंसर का इलाज करती है। आइए विस्तार से जाने शिमला मिर्च के गुण और स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
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शिमला मिर्च का उपयोग भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। लेकिन शिमला मिर्च में औषधीय गुण भी होते हैं। जिसके कारण यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी होती है। शिमला मिर्च एक फाइटोकेमिकल (phytochemical) युक्त मसाला है जो शरीर में गर्मी पैदा करने में मदद करता है। हालांकि वैरायटी के अनुसार शिमला मिर्च में कैप्सैसिन (Capsaicin) की अलग-अलग मात्रा हो सकती है। कैप्सैसिन की मात्रा के अनुसार ही शिमला मिर्च गर्म या कम तीखे स्वाद की होती है। इसके अलावा शिमिला मिर्च में विटामिन ए और सी भी उच्च मात्रा में होते हैं। शिमला मिर्च में टैनिन, फ्लेवोनोइड और अल्कालॉइड जैसे बायोएक्टिव घटक भी होते हैं। इन सभी पोषक तत्वों के कारण ही शिमला मिर्च के फायदे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।
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औषधीय गुणों से भरपूर शिमला मिर्च की तासीर गर्म होती है। शिमला मिर्च की गर्म तासीर इसमें मौजूद सक्रिय घटक कैप्सैसिन की मौजूदगी के कारण होती है। गर्म तासीर होने के कारण शिमला मिर्च सर्दी खांसी जैसी समस्याओं को दूर करने और प्रतिरक्षा शक्ति को बेहतर बनाने में मदद करती है।
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व्यंजनों को स्वादिष्ट और आकर्षक रंग प्रदान करने वाली शिमला मिर्च स्वास्थ्य के लिए भी प्रभावी होती है। इसमें मौजूद विटामिन A, C, K, कैरोटेनॉइड और फाइबर अच्छे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। शिमला मिर्च में विटामिन बी6 और फोलेट भी होते हैं जो होमोसिस्टीन (homocysteine) के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। होमोसिस्टीन एक हार्मोन है जो हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। यहां शिमला मिर्च के कुछ स्वास्थ्य लाभ बताए जा रहे हैं। जिन्हें जानकर आप भी शिमला मिर्च से फायदा ले सकते हैं।
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शिमला मिर्च में टैनिन की उपस्थिति होती है। टैनिन वह घटक है जो गंभीर ट्यूमर के कारण होने वाले कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है। नियमित रूप से शिमला मिर्च का सेवन विशेष रूप से गैस्ट्रिक कैंसर (gastric cancers) के लिए प्रभावी होता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि शिमला मिर्च का सेवन करना प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) और हार्मोन से संबंधित अन्य कैंसर की रोकथाम में भी प्रभावी हो सकता है। हालांकि इसके लिए अभी और भी शोधों की आवश्यकता है। लेकिन यदि आप भविष्य में कैंसर की संभावना को कम करना चाहते हैं तो शिमला मिर्च को अपने दैनिक आहार में जगह दे सकते हैं।
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विटामिन ए की उच्च मात्रा होने के कारण शिमला मिर्च खाने के लाभ आंखों के लिए हो सकते हैं। शिमला मिर्च का उपयोग आहार के रूप में करना द्रष्टि और विशेष रूप से रात में देखने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इन मीठी मिर्च में ल्यूटिन नामक कैरोटीनॉयड की अच्छी मात्रा होती है। जो आंखों के धब्बेदार अध: पतन (macular degeneration) की संभावना को कम करने में सहायक होते हैं। यह समस्या उम्र बढ़ने के दौरान देखने की क्षमता को कम कर सकती है। इसके अलावा बीटा-कैरोटीन और विटामिन सी की मौजूदगी मोतियाबिंद (cataracts) को होने से भी रोक सकती है। यदि आप भी अपनी आंखों को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो शिमला मिर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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गर्म तासीर होने के कारण शिमला मिर्च में वार्मिंग गुण होते हैं। जिसके कारण यह हाइपोटेंशन (hypotension) और असामान्य हृदय गति को कम करने में सहायक होती है। आहार के रूप में इस औषधीय मसाले का सेवन करने पर इसका शरीर पर वासोडिलेटिव प्रभाव होता है। जो शरीर में रक्तचाप और रक्त परिसंचरण दोनों को संतुलित कर सकता है। उचित रक्त प्रवाह होने के कारण आप हृदय संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं। हेल्दी हार्ट के लिए मसाले के रूप में शिमला मिर्च का प्रयोग करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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क्या आप अपने वजन को नियंत्रित करने
का प्रयास कर रहे हैं। मोटापा घटाने वाले अन्य प्रयासों के साथ शिमला मिर्च का सेवन आपको फायदा दिला सकता है। शिमला मिर्च भूख में सुधार करने और ट्राइग्लिसराइड (triglyceride) के स्तर को नियंत्रित करने में प्रभावी योगदान देता है। इसके अलावा नियमित उपभोग करने के दौरान यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम कर सकता है जो मोटापे के प्रमुख कारणों में से एक है। शिमला मिर्च में मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ चयापचय को बढ़ाने और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाते हैं। जिससे मोटापे के लक्षणों को कम करने में आपको मदद मिल सकती है।(और पढ़े – वजन और मोटापा कम करने के लिए क्या खाएं क्या न खाए…)
शिमला मिर्च में एनाल्जेसिक (analgesic) गुण होते हैं। जिसके कारण यह गले की समस्याओं को कम करने और प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में सहायक मानी जाती है। पीली बुखार होने का प्रमुख कारण प्रतिरक्षा शक्ति का कमजोर होना है। लेकिन इन लक्षणों को कम करने के लिए आप शिमला मिर्च के सूप का सेवन कर सकते हें। शिमिला मिर्च की गर्म तासीर प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने और यलो फीवर का इलाज करने में आपकी मदद कर सकती है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि शिमला मिर्च शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सहायक हो सकती है। क्योंकि नियमित सेवन करने पर इसके औषधीय गुण शरीर में इंसुलिन उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। जिससे टाइप 2 डायबिटीज को रोकने में मदद मिल सकती है। मधुमेह रोगी को विशेष रूप से हरी शिमला मिर्च का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसमें हाइपोग्लासेमिक (hypoglycemic) गुण उच्च मात्रा में होते हैं।
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पेट या जठरांत्र (gastrointestinal) संबंधी समस्याओं को दूर करने में शिमला मिर्च लाभकारी होती है। शिमला मिर्च में मौजूद टैनिन (tannins) पेट की सूजन और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टानल समस्याओं जैसे पेचिश, दस्त आदि समस्याओं को दूर करने में सहायक है। यह गैस्ट्रिक बलगम (gastric mucus) के उत्पादन में भी सहायक होता है। जिससे पेप्टिक अल्सर (peptic ulcers) की संभावना कम हो जाती है। इस तरह से यदि आप अपने पेट को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो शिमला मिर्च के औषधीय गुणों का उपयोग कर सकते हैं।
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रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में शिमला मिर्च प्रभावी हो सकती है। क्योंकि शिमला मिर्च में फ्लेवोनोइड की अच्छी मात्रा होती है। ये फ्लेवोनोइड महिलाओं में रोजोनिवृत्ति से संबंधित लक्षणों को कम करने में अहम योगदान दे सकते हैं। जो महिलाएं रजोनिवृत्ति से गुजर रही हैं उनके लिए शिमला मिर्च एक अच्छा घरेलू उपाय हो सकता है। जो रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
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ग्लोइंग स्किन पाने का प्राकृतिक तरीका शिमला मिर्च का उपयोग करना हो सकता है। शिमला मिर्च में एंटी-एजिंग गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन ए और विटामिन सी भी त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। शिमला मिर्च में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स की रोकथाम करने में प्रभावी होते हैं। आप अपनी त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और ग्लोइंग स्किन पाने के लिए शिमला मिर्च को आहार के रूप में शामिल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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स्वस्थ, काले, लंबे और घने बाल पाना सभी की इच्छा होती है। लेकिन खराब जीवनशैली और उचित पोषक तत्वों की कमी के कारण अक्सर बालों संबंधी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन नियमित रूप से शिमला मिर्च को अपने आहार में शामिल कर आप इन समस्याओं को दूर कर सकते हैं। शिमला मिर्च में मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ बालों को पतला होने, दो मुंहे बाल (split ends) बालों का झड़ना और रूसी जैसी समस्याओं का उपचार कर सकता है। शिमला मिर्च का सेवन करने से स्कैल्प में रक्त परिसंचरण को बढ़ावा मिलता है। जिससे बालों को वृद्धि करने में मदद मिल सकती है।
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ऐसा माना जाता है कि शिमला मिर्च का सेवन आपको गठिया के दर्द से राहत दिला सकता है। क्योंकि शिमला मिर्च में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। जिसके कारण यह गठिया के दर्द और सूजन दोनों को कम करने में प्रभावी हो सकती है। इसके अलावा शिमला मिर्च में मौजूद फाइटोकेमिकल्स भी गठिया के दौरान ऊतकों में होने वाले दर्द को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यदि आप भी गठिया रोगी हैं तो जोड़ों के दर्द से बचने के लिए उपचार के रूप में शिमला मिर्च का सेवन कर सकते हैं।
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शिमला मिर्च का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन अधिक मात्रा का सेवन करना हानिकारक हो सकता है। हालांकि शिमला मिर्च के उपयोग से कोई गंभीर दुष्प्रभाव या नुकसान नहीं होते हैं। फिर भी इसे कम मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
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