सांस फूलना (Shortness of Breath) एक गंभीर बीमारी है जो बहुत सी आंतरिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं की ओर इशारा करती है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण खुले में साँस लेना बहुत सी साँस सम्बन्धी समस्याओं का कारण बन सकता है। जिसमें से एक गंभीर समस्या है, सांस फूलना। इसलिए सांस फूलने की समस्या के इलाज के लिए इसके कारणों को जानना अतिआवश्यक है आज के लेख में आप जानेंगे कि सांस फूलना (Shortness of Breath) क्या है, इसके कारण, लक्षण, जांच, उपचार और रोकथाम के बारे में।
1. सांस फूलना क्या है – what is Shortness of Breath in Hindi
2. सांस फूलने के लक्षण – Shortness of Breath Symptoms in Hindi
3. सांस फूलने के कारण – Shortness of Breath Causes in Hindi
4. सांस फूलने की आंतरिक स्थितियां – Internal conditions for Shortness of Breath in hindi
5. सांस फूलने के तीव्र समस्या के कारण – Acute causes for Shortness of Breath in hindi
6. सांस फूलने के जोखिम कारक – Shortness of Breath Risk Factors in Hindi
7. सांस फूलने का निदान – Diagnosis of Shortness of Breath in Hindi
8. सांस फूलने का इलाज – Shortness of Breath Treatment in Hindi
9. सांस फूलने की समस्या होने पर डॉक्टर को कब दिखाएँ – Saans Fulne Ki Bimari Hone Par Doctor Ko Kab Dikhaye In Hindi
10. सांस फूलने से बचाव के उपाय – Prevention of Shortness of Breath in Hindi
Sans Fulne Ki Bimari kya hai सांस फूलना (Shortness of Breath) शब्द का प्रयोग सामान्यतः सांस या श्वास की कमी के लिए उपयोग किया जाता है। यह तनाव की वह स्थिति है, जब कोई गतिविधि करते समय सांस लेने में तकलीफ महसूस होती हो। सांस फूलना वह स्थिति है जिसमें हवा (ऑक्सीजन) पर्याप्त मात्रा में हमारे फेफड़ों तक नहीं पहुँच पाती है जिससे सीने में दर्द, तनाव, घबराहट आदि स्थितियां प्रगट होती हैं।
सांस की तकलीफ (shortness of breath) के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में डिस्पनिया (dyspnea) कहा जाता है। यह स्थिति सामान्य से असहज और कष्टदायक हो सकती है।
बहुत अधिक व्यायाम, उच्च तापमान, अधिक मोटापा और बहुत अधिक ऊंचाई ये सभी कारक किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए सांस फूलने (Shortness of Breath) की समस्या पैदा कर सकते हैं।
सीढ़ियों पर चलने और सभी साधारण कार्यों के दौरान सांस लेने में असुविधा, परिश्रम करने पर सांस की कमी, श्वसन क्रिया के दौरान असुविधा और कोई भी क्रियाकलाप के साथ सांस में कमी ये सभी लक्षण सांस फूलने की बीमारी की ओर संकेत करते हैं।
Sans Fulne Ke Lakshan सांस लेने में तकलीफ (Shortness of Breath) जीवन के लिए बहुत जोखिम दायक हो सकता है। सांस की कमी या डिस्पनिया (dyspnea) के लक्षण सामान्य से बहुत गंभीर हो सकते हैं, और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। अतः इसके लक्षणों को जानकर स्वास्थ्य को ख़राब होने से बचाया जा सकता है। सांस फूलने के लक्षणों में निम्न तथ्य शामिल हैं:
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Sans Fulne Ke Karan कुछ लोगों को सांस की तकलीफ (Shortness of Breath) अचानक और थोड़े समय के लिए अनुभव हो सकती है। तथा कुछ लोग इसे नियमित रूप से अनुभव कर सकते हैं। नियमित रूप से होने वाली सांस की तकलीफ (Shortness of Breath) अधिक गंभीर आंतरिक स्थितियों का कारण हो सकती है।
सांस फूलने के सामान्य कारण हो सकते है
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आंतरिक स्थितियां जो दिल और फेफड़ों को प्रभावित करती हैं और सांस की तकलीफ का कारण बन सकती हैं, उनमें शामिल हैं:
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सांस फूलने की समस्या श्वास की तीव्र या अचानक कमी के कुछ कारण भी उत्पन्न होती हैं जो तुरंत चिकित्सा इलाज का संकेत देती है। इसमें शामिल है:
बढ़ा हुआ दिल (enlarged heart)
फेफड़ों में खून का थक्का जमा होना (blood clot in the lungs)
गंभीर एलर्जी की प्रतिक्रिया
श्वसन मार्ग में अवरोध (choking)
ह्रदय धड़कन रुक जाना (heart failure)
कार्बन मोनोऑक्साइड की विषाक्तता
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Saans Phoolna Ki Wajah In Hindi पुरानी फेफड़ों की बीमारियां, मांसपेशियों की कमजोरी, हीमोग्लोबिन की कम मात्रा, व्यायाम की कमी, बहुत अधिक मोटापा और अस्थमा सांस फूलने की बीमारी का कारण बनते है सांस फूलने की बीमारी इन समस्याओं की गंभीरता की ओर संकेत करती है। धूम्रपान और शराब का सेवन इसके जोखिम कारकों में शामिल हैं।
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जब किसी व्यक्ति को परिश्रम करने पर सांस फूलने (Shortness of Breath) की समस्या पैदा होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए पीड़ित व्यक्ति से चिकित्सा इतिहास के बारे में कुछ प्रश्न पूंछ सकते हैं और कुछ परीक्षणों की भी सलाह दे सकते हैं। अतः इस स्थिति में किये जाने वाले टेस्ट, सांस फूलने की समस्या के कारणों को निर्धारित करने में मदद करते हैं। अतः सांस फूलने के समस्या के निदान के लिए निम्न परीक्षणों की सलाह दी जा सकती है:
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Saans Ki Bimari Ka Ilaj In Hindi सांस फूलने की बीमारी के कारण और लक्षण काफी जटिल एवं व्यापक होने के कारण संभावित उपचार विविध प्रकार के हो सकते हैं। सांस लेने में कठिनाई या सांस फूलना एक गंभीर समस्या है, इसलिए इसके निदान कार्यों में देरी नहीं करनी चाहिए। एक बार साँस फूलने की बीमारी का सही तरीके से निदान हो जाने के बाद डॉक्टर इसके उपचार में निम्न प्रक्रिया शामिल कर सकते हैं:
इनहेलर (Inhalers) – यह युक्ति (device) वायुमार्ग में सीधे एयरोसोलज्ड दवा (aerosolized medication) प्रदान करती है। यह सांस फूलने की समस्या या अस्थमा के दौरे के दौरान तत्काल राहत प्रदान कर सकती हैं, यह तरीका लम्बे समय तक राहत तथा लाभ प्रदान कर सकता है।
ऑक्सीजन (Oxygen) – पूरक ऑक्सीजन सांस फूलने की बीमारी को कम कर सकती है, और रक्त में ऑक्सीजन के कम स्तर वाले मरीजों के लिए भी जीवन में सुधार लेने में सहायक है।
सर्जरी (Surgery) – सांस फूलने का कारण बनने वाली आंतरिक समस्या जैसे – फेफड़ों में तरल पदार्थ की उपस्थिति, कैंसर, दिल की समस्या या कई अन्य संभावनाओं के इलाज के लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।
अन्य दवाएं (medications) – एक डॉक्टर श्वास के लक्षणों को कम करने, सांस फूलने से सम्बंधित बीमारी को बढ़ने से रोकने या आंतरिक समस्याओं के कारणों का इलाज करने के लिए दवाएं दे सकता है।
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यदि कोई भी व्यक्ति सांस फूलने की बीमारी (sans fulne ki bimari) से सम्बंधित लक्षणों को महसूस करता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अतिरिक्त अन्य सामान्य लक्षण भी है, जो सांस फूलने की समस्या का संकेत दे सकते है। अतः निम्न समस्या होने पर डॉक्टर को तुरंत दिखाए:
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सांस फूलने की समस्या में कमी और बचाव के लिए निम्न तरीके अपनाये जा सकते हैं:
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