Water Chestnut Benefits in Hindi सिंघाड़ा एक जलीय फल है जिसे वॉटर चेस्टनट्स (Water Chestnut) भी कहा जाता है। यह सर्दीयों के मौसम में विशेष रूप से भारतीय बाजारों में मिलता है। सिंघाड़ा के फायदे इसमें उपस्थित पोषक तत्वों और स्वाद के कारण स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक होते हैं। यह मानव शरीर में खून बढ़ाने, मूत्र संक्रमण को दूर करने, पीलिया का उपचार करने जैसे विभिन्न प्रकार से हमारी मदद करता है। इस लेख में आप जानेंगे सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान (Singhara Khane ke fayde Aur Nuksan in Hindi) के बारे में।
सिंघाड़ा में कुरकुरा और सफेद गूदा होता है जिसे कच्चा या पकाकर खाया जा सकता है। सिंघाड़े का उपयोग बहुत से एशियाई व्यंजनों जैसे हलचल-फ्राइज, काट, सूई करी और सलाद के लिए प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है। सिंघाड़े के कई उपयोग है और इसके फायदे भी बहुत हैं।
विषय सूची
1. सिंघाड़ा क्या है – What is Singhara in Hindi
2. सिंघाड़े का पौधा – Singhara (Water Chestnut) Plant in Hindi
3. सिंघाड़ा के पोषक तत्व – Singhara Nutritional Value in Hindi
4. सिंघाड़े का उपयोग क्यों करना चाहिए – Why eat Singhara in Hindi
5. सिंघाड़े खाने के फायदे – Singhara Khane ke fayde in Hindi
6. सिंघाड़े खाने के नुकसान – Singhara Khane ke Nuksan in Hindi
यह एक पौष्टिक और स्वादिष्ट जलीय सब्जी है जो आमतौर पर तालाबों या दलदली भूमी पर उगाई जाती है। इसमें ट्यूब का आकार होता है और इसकी उपज पत्तियों के बिना होती है। इस सब्जी का खाने योग्य भाग कॉर्म (corms) है जिसका रंग सफेद होता है। इस फल को कच्चे और थोड़ा उबालकर भी उपयोग किया जाता है। सिंघाड़े का उपयोग आटा और केक बनाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। सिंघाड़े के फायदे बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोगी होते हैं।
इस जलीय कंद का पौधा तालाबों, झीलों, धान के खेतों या दलदली जमीन पर उथले पानी में होता है जहां उसे अच्छी तरह से खाद और उर्वरक प्राप्त हो सके। सिंघाड़े के पौधे 50 से 200 सेमी लंबे होते हैं और इनका तना पानी के अंदर सीधा खड़ा रहता है जो कि अंदर से खोखला होता है। जिसमें इसके फल गुच्छों के रूप में फलते हैं। इसमें छोटे-छोटे फूल होते हैं।
इस कंद के कुरकुरे और हल्के स्वाद के अलावा बहुत से पोषक तत्व, विटामिन और खनिज पाये जाते हैं। 124 ग्राम सिंघाड़े का सेवन करने पर 0.404 मिली ग्राम कॉपर, 0.407 मिली ग्राम विटामिन बी 6, 29.69 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0.248 मिली ग्राम विटामिन बी 2, 0.41 मिली ग्राम मैंगनीज, 724 मिली ग्राम पोटेशियम, 0.174 मिलीग्राम विटामिन बी 1 और 0.594 मिली ग्राम विटमिन बी 5 K प्राप्त किया जा सकता है। इन पोषण मूल्यों के आधार पर सिंघाड़े के फायदे हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक माने जाते है।
पोषक तत्वों की पर्याप्त उपलब्धता के कारण सिंघाड़े का सेवन करने पर हमारे शरीर में बहुत से सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। जैसे कि :
इस कंद में हल्का मीठा स्वाद होता है जो कि उच्च पोषण सामग्री के कारण यह एक उत्कृष्ट खाद्य स्रोत बन जाता है। इसके औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। आइए जाने सिंघाड़े खाने के फायदे और इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में।
उचित पोषण आहार की कमी आंखों की बहुत सी समस्याओं का कारण बन सकता है। शोध से पता चलता है कि विटामिन बी6 को अन्य विटामिनों जैसे फोलेट के साथ लेना आंख विकारों और दृष्टि के नुकसान (Loss of Vision) को कम करने में मदद करता है। विटामिन बी6 सिंघाड़े में पर्याप्त मात्रा में होता है। यदि इसका उचित और नियमित मात्रा में सेवन किया जाए तो यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी हो सकता है, क्योंकि इसका सेवन करने से यह हमारे शरीर में आवश्यक विटामिन बी6 की जरूरी मात्रा का 31.31 % भाग उपलब्ध कराता है। विटामिन बी6 आंखों की कुछ बीमारियों के साथ-साथ आयु से संबंधित मैकुलर अपघटन (Macular Degeneration) की शुरुआत को कम करने में मदद करता है।
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विभिन्न प्रकार के मूत्र संक्रमण के इलाज के लिए सिंघाड़े का उपयोग किया जा सकता है। सिंघाड़े में मौजूद एंजाइम मूत्र मूत्राशय (Urinary Bladder) को साफ करने में मदद करते हैं और इसे कुछ हद तक कीटाणुरहित करते हैं। यह मूत्र पथ संक्रमण और मूत्र प्रणाली से संबंधित अन्य बीमारियों को ठीक करने में उपयोगी है। सिंघाड़े का सेवन करना आपके शरीर को शुद्ध करने और स्वस्थ्य रखने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। यदि आप चाहते हैं कि आपको किसी भी प्रकार का मूत्र पथ संक्रमण (Urinary Tract Infection) न हो तो आप इस औषधीय फल का सेवन कर सकते हैं।
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यदि आप हृदय या रक्तचाप जैसी समस्याओं से बचना चाहते हैं तो आपको सिंघाड़े के फायदे पता होना चाहिए। सिंघाड़ा रक्तचाप (Blood Pressure) को कम करके शरीर को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। उच्च रक्तचाप और हृदय संक्रमण से ग्रसित लोगों को पोटेशियम की अच्छी मात्रा को आहार के रूप में लेना चाहिए जो आपके इन लक्षणों को दबाने में बेहद मदद करता है। सिंघाड़े में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होने के कारण यह दिल की धड़कन को सामान्य करने में मदद करता है। यह हृदय एराइथेमिया (Arrhythmia) और दिल के दौरे की संभावनाओं को भी कम करता है। पोटेशियम खाद्य पदार्थ जब मूत्रवर्धक के साथ मिलते हैं तो पुरुषों में 60 प्रतिशत तक स्ट्रोक की संभावनाओं को कम करता है।
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जिन लोगों के शरीर में राइबोफ्लेविन (Riboflavin) की कमी होती है वे बार-बार सिरदर्द और यहां तक कि माइग्रेन का शिकार हो सकते हैं। हालांकि जब व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में इस पोषक तत्व को पा लेता है या इसका पर्याप्त मात्रा में सेवन करता है तो वह ऐसी समस्याओं से बच सकता है। माइग्रेन या सिरदर्द जैसी समस्याओं से बचने के लिए आप विटामिन बी2 या राइबोफ्लेविन समृद्ध सिंघाड़ों का सेवन कर सकते हैं। एक शोध से पता चलता है कि जो लोग 200-400 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन लेने वाले लोगों में अन्य लोगों की तुलना में माइग्रेन की संभावना कम होती है। शोध यह भी बताते हैं कि विटामिन बी2 बार-बार होने वाले सिरदर्द और उसकी तीव्रता (Frequency and Intensity) को कम करने में मदद करते हैं जो कि सिंघाड़े में अच्छी मात्रा में मौजूद रहते हैं।
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अल्जाइमर रोग के प्रभाव को कम करने मे विटामिन बी 1 बहुत सहायक होता है। सिंघाड़े में विटामिन बी 1 भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद रहता है। यदि प्रति दिन 100 मिली ग्राम विटामिन बी 1 का सेवन किया जाये तो अल्जाइमर से ग्रसित लोगों का उपचार करने में मदद मिलती है। यदि अल्जाइमर रोग की संभावनाओं और इस रोग के स्तर को कम करना है तो सिंघाड़े के फायदे लेने के लिए आप इनका नियमित रूप से सेवन करें। यह अल्जाइमर रोग से आपकी रक्षा करने में मदद करेगा।
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दांत और मसूड़ों को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए फास्फोरस (Phosphorus) की आवश्यकता होती है। कैल्शियम, विटामिन डी और फास्फोरस दांत की परत (Tooth Enamel), जबड़े की हड्डी और संपूर्ण दांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। इस प्रकार ये खनिज दांतों के सड़न (Tooth Decay) को रोकने में भी मदद करते हैं। (और पढ़े – दाँतों की देखभाल कैसे करे…)
दांतों की कठोर संरचना को बनाने के लिए बच्चों को विशेष रूप से फास्फोरस और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है। आप इन पोषक तत्वों को प्राप्त करने के लिए सिंघाड़े का उपभोग कर सकते हैं। सिंघाड़े में ये सभी पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं। कैल्शियम के संतुलन को बनाए रखने और दांतों के गठन के दौरान इसके अवशोषण के लिए फास्फोरस की आवश्यकता होती है। सिंघाड़े का सेवन कर आप अपने दांतों को स्वस्थ्य और मजबूत (Healthy and strong) बना सकते हैं।
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शोध से पता चलता है कि सिंघाड़े में पाय जाने वाले विटामिन बी 5 विकिरण चिकित्सा (Radiation Therapy) से त्वचा को हुई क्षति का उपचार करने में मदद करते हैं। इसका नियमित सेवन करने से यह घावों के उपचार प्रक्रिया को तेज करता है। सिंघाड़ा, समय से पहले आने वाले बुढ़ापे के संकेतों जैसे त्वचा पर झुर्रीयां (Wrinkles) और काले निशान आदि को भी कम करने में मदद करता है।
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अक्सर महिलाओं में प्रसव (Childbirth) के बाद दूध उत्पादन में कमी होने की संभावना बनी रहती है। आप सिंघाड़े का सेवन कर इस प्रकार की समस्या को दूर कर सकते हैं। सिंघाड़े में उपस्थित पोषक तत्व स्तन ग्रंथि (Mammary gland) को उत्तेजित करके दूध की गुणवत्ता और स्राव (Secretion of milk) को बढ़ाने में मदद करते हैं। नवजात बच्चे और मां को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए सिंघाड़े के फायदे प्राप्त किये जा सकते हैं।
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शरीर में पानी की कमी होने से बहुत सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। शरीर में संतुलन प्रभाव पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम की उपस्थिति और सोडियम की कम मात्रा के कारण जल प्रतिधारण (Water Retention) के विनियमन में मदद करता है। यदि आपको ऐसा लगें कि आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है तो विकल्प के रूप में आप सिंघाड़े का सेवन कर सकते हैं। इसमें पोटेशियम अच्छी मात्रा में होता है।
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पोटेशियम की अच्छी मात्रा सिंघाड़े में मौजूद रहती है। इसके साथ ही इसमें विटामिन बी और ई भी होते हैं। ये सभी पोषक तत्व बालों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छे होते हैं। आप भी अपने बालों को स्वस्थ्य और सुंदर बनाने के लिए सिंघाड़ों का उपयोग कर सकते हैं।
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आपने अब तक गेहूं, चावल और बहुत सी दालों के आटा का उपयोग कर विभिन्न पकवान बनाए होगें जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छे होते हैं। पर क्या आप सिंघाड़ा के आटा के फायदे जानते हैं। इसमें उपस्थित पोषक तत्व और आयोडीन के कारण यह थायराइड ग्रंथि (Thyroid gland) के उचित कामकाज को बनाए रखने में मदद करता है।
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आपकी अच्छी नींद के लिए विटामिन बी6 बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जो कि सिंघाड़े में पर्याप्त रूप से पाया जाता है। विटामिन बी6 आपकी मनोदशा को कम करने के लिए भी अच्छा होता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर (Neurotransmitters) पैदा करता है जो आपके मनोदशा और अच्छी नींद (Mood and Sleep) के लिए प्रभावी होते हैं।
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