जड़ीबूटी

सिंहपर्णी के फायदे और नुकसान – Singhparni (Dandelion) Benefits and Side effects in Hindi

Dandelion in Hindi सिंहपर्णी (Singhparni) को हम एक खरपतवार के रूप में जानते हैं, जो कि हमारे आसपास कहीं भी सड़क के किनारे या पथरीली जगहों में सामान्‍य रूप से दिखाई देती है। लेकिन क्‍या आप सिंहपर्णी के फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं। सिंहपर्णी (डंडेलिओन) को आप केवल एक खरपतवार (Weed) न समझे यह आपके लिए बहुत से स्‍वास्‍थ्‍य लाभों का खजाना हो सकती है। सिंहपर्णी का उपयोग सदियों से फायदेमंद जड़ी-बूटीयों (Herbs) के रूप में उपयोग किया जा रहा है। आज इस लेख में आप जान सकते हैं सिंहपर्णी के फायदे, औषधीय गुण, सिंहपर्णी जड़ की चाय के लाभ, उपयोग और नुकसान के बारें में जो शायद आपको अब तक पता नहीं थे।

विषय सूची

1. सिंहपर्णी का पौधा – Dandelion Plant in Hindi
2. सिंहपर्णी जड़ी-बूटी के पोषक तत्‍व – Singhparni Jadi Buti Ke Poshak Tatva in Hindi
3. सिंहपर्णी के फायदे – Singhparni ke fayde in Hindi

4. सिंहपर्णी के नुकसान – Singhparni ke Nuksan in Hindi

सिंहपर्णी का पौधा – Dandelion Plant in Hindi

डंडेलियन (सिंहपर्णी) एक बारहमासी खरपतवार है। इसे बगीचे की खरपतवार के रूप में भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम टराक्सेकम (Taraxacum) है। यह पौधा लगभग 12 इंच की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। इस पौधे की जड़ें मांसल होती हैं जिनमें एक सफेद दूधिया पदार्थ भरा होता है, इनका स्‍वाद कड़वा और थोड़ा खुशबूदार (slightly odorous) होता है। इसकी गहरी भूरे रंग की जड़ें मिट्टी में गहराई तक पहुंच सकती है।

इसके पत्‍ते चमकदार और दांत या पिनाट (Pinnate) तरह नुकीली होती है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसके फूल संवेदनशील होते हैं जो सुबह सूर्य की रोशनी के साथ फूलते हैं और शाम को मुरझा जाते हैं।

सिंहपर्णी जड़ी-बूटी के पोषक तत्‍व – Singhparni Jadi Buti Ke Poshak Tatva in Hindi

इस आयुर्वेदिक पौधे की जड़ें और पत्तियां (Roots and Leaves) पूरी तरह से खाने योग्‍य होती हैं। सिंहपर्णी के फायदे प्राप्‍त करने के लिए इसकी जड़, पत्‍ते और फूलों का उपयोग सामान्‍य रूप से किया जाता है। लेकिन इनका उपयोग इस बात पर निर्भर करता है कि किस समस्‍या के लिए आप इस पौधे के कौन से हिस्‍से का उपयोग करते हैं। सिंहपर्णी के पौधे में बहुत से पोषक तत्‍व (Nutrients) होते हैं जो इस प्रकार हैं :

फास्‍फोरस, मैंगनीज, विटामिन ए, जस्‍ता, विटामिन सी, आयरन, विटामिन बी (Thiamin, Riboflavin, Niacin, Vitamin B6, and Folate), तांबा, विटामिन डी, कैल्शियम, विटामिन ई और पोटेशियम आदि की अच्‍छी मात्रा सिंहपर्णी में मौजूद रहती है।

सिंहपर्णी में कई घटक भी शामिल होते हैं जो हमें विभिन्‍न प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने में मदद करते हैं जैसे कि स्क्वाइटरपेन लैक्टोन (Squire pen lactone), टैराक्‍सस्‍टरोल (Taraxasterol), टैरेक्‍सरोल (Taraxerol), क्‍लोरोजेनिक एसिड (Chlorogenic Acid), और चिकोरिक एसिड (Chicoric Acid) आदि।

(और पढ़े – विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के फायदे, स्रोत और नुकसान…)

सिंहपर्णी के फायदे – Singhparni ke fayde in Hindi

इस बगीचे की खरपतवार (Garden weed) का उपयोग करना हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। लेकिन इसके लिए आवश्‍यक है कि हमे पता हो कि इससे हमें किस प्रकार के लाभ मिल सकते हैं, और हम इनका उपयोग किस प्रकार से कर सकते हैं। आइए जाने सिंहपर्णी के फायदे क्‍या हैं और आप इसे किस प्रकार हांसिल कर सकते हैं।

कैंसर से बचाने में सिंहपर्णी के लाभ – Dandelion benefits for Cancer in Hindi

कुछ अध्‍ययनों से पता चलता है कि सिंहपर्णी (Dandelion) में कैंसर से लड़ने की क्षमता होती है, जो विभिन्‍न प्रकार के कैंसर कोशिकाओं को को अपना निशाना बनाते हैं। अध्‍ययन में बताया गया कि सिंहपर्णी के पौधे से निकाले गए रस (Extract) कैंसर कोशिकाओं को प्रभावी रूप से नष्‍ट कर सकते हैं और हमारी स्‍वस्‍थ्‍य कोशिकाओं को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। कैंसर विरोधी (Anti-cancer) गुणों के कारण आप इसे अपने आहार में शामिल कर सकते है जो कि कैंसर को रोकने का अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है। अध्‍ययनों ने स्‍पष्‍ट कर दिया है कि सिंहपर्णी के लाभ कैंसर (Cancer) को दूर करने में उपयोगी होते हैं।

(और पढ़े – कोलोरेक्टल कैंसर (कोलन कैंसर) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव…)

सिंहपर्णी का उपयोग वजन को कम करे – Singhparni Ka Upyog Vajan Ko Kam Karen in Hindi

यदि आप अपना वजन घटाने की कोशिक कर रहें हैं तो सिंहपर्णी खरपतवार (Weed) को ढूंढने में जुट जाएं, सिंहपर्णी का उपयोग वजन को कम करने का सबसे सस्‍ता और प्रभावी इलाज है। सिंहपर्णी के फायदे आपके वजन को कम करने के साथ-साथ आपके शरीर में वसा के अवशोषण (Fat absorption)को रोक सकता है। सिंहपर्णी का सेवन करने से पैनक्रियाज एंजाइम को बढ़ाया जा सकता है जिन्‍हें अग्‍नाशयी लाइपेज (Pancreatic lipase) कहते हैं, ये वसा को तोड़ने और अवशोषित करने में मदद करता है।

एक अध्‍ययन मे पाया गया कि सिंहपर्णी से निकाले गए रस (dandelion extract) का सेवन करने पर लाइपेज प्रक्रिया 86.3 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। जो कि मानक एंटी-मोटापा दवाओं के बराबर काम करती है। सिंहपर्णी जड़ों में कम से कम 5 फेनोलिक यौगिक मौजूद रहते हैं। यदि आप अब तक अपने वजन को कम करने में सफल नहीं हो पाए हैं तो सिंहपर्णी का सेवन करें, यह आपके वजन को कम (Reduce weight) करने में मदद करेगी।

(और पढ़े – वजन घटाना चाहतीं हैं तो अपनाएं यह डाइट चार्ट…)

सिंहपर्णी के फायदे हड्डीयों को मजबूत करे – Singhparni Ke Fayde Haddiyon Ko Majboot Kare in Hindi

 

आप अपने आहार के रूप में सिंहपर्णी का उपयोग कर सकते हैं जो कि आपके शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य (Physical health) के लिए फायदेमंद होता है। सिंहपर्णी के फायदे हड्डीयों को मजबूत करने में मदद करते हैं। यह आपकी हड्डियों को स्‍वस्‍थ्‍य रखने और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) से बचने का प्रभावी और प्राकृतिक तरीका हो सकता है। सिंहपर्णी में कैल्शियम की अच्‍छी मात्रा मौजूद रहती है। यदि इसे हरी सब्‍जी के रूप में उपयोग किया जाता है तो केवल 1 कप पत्‍तों में कैल्शियम की दैनिक जरूरत का 10 प्रतिशत भाग प्राप्‍त किया जा सकता है। आप जानते है कि कैल्शियम आपकी हड्डीयों के लिए कितना महत्‍वपूर्ण है। सिंहपर्णी में विटामिन K भी होते हैं जो आपकी हड्डीयों के नुकसान (Bone Loss) को कम करने और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करते हैं।

(और पढ़े – ऑस्टियोपोरोसिस होने के कारण, लक्षण और बचाव…)

कोलेस्‍ट्रॉल को कम करे सिंहपर्णी की जड़ें – Dandelion Root Benefits for Lower Cholesterol Level In Hindi

 

कोलेस्‍ट्रॉल आपके शरीर के लिए हमेशा बुरा नहीं होता है। कोलेस्‍ट्रॉल वसा या मोम (Waxy or Fat) जैसा पदार्थ है जो पाचन में मदद करने के लिए आपके शरीर के हार्मोन, विटामिन डी और यौगिकों का उपयोग करता है। हालांकि आपके रक्‍त में कम घनत्‍व वाले लिपोप्रोटीन (Lipoprotein) के उच्‍च स्‍तर एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) का कारण बन सकता है जो कि कोलेस्‍ट्रॉल

जमा होने के कारण धमनियों को संक्रीण और कठोर बनाता है। एक पशु अध्‍ययन से पता चलता है कि सिंहपर्णी की जड़ों और पत्‍तों में खराब कोलेस्‍ट्रॉल (LDL) को कम करने और अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल (Good cholesterol) को बढ़ाने की क्षमता होती है। जो एथेरोस्क्लेरोसिस के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं।

(और पढ़े – जानें कि क्या होता है अच्छा (HDL) एवं बुरा (LDL) कोलेस्ट्रॉल…)

सिंहपर्णी के गुण एनीमिया को रोके – Singhparni Ke Gun Anemia Ko Roke in Hindi

विभिन्‍न प्रकार की बीमारियो को रोकने में सिंहपर्णी का उपयोग किया जाता है जिनमें एनिमिया भी शामिल है। चूहों पर किये गए प्रयोगों से पता चलता है कि सिंहपर्णी का सेवन करने से लाल रक्‍त कोशिकाओं में वृद्धि होती है। ऐसा इसलिए संभव है क्‍योंकि इस पौधे में लोहा (Iron) अच्‍छी मात्रा में उपस्थित रहता है। यदि पालक से इसकी तुलना की जाए तो इसमें दो गुना आयरन होता है साथ ही इसमें फिनोल, फ्लेवोनॉयड्स (Flavonoids) और क्‍यूमरिक एसिड जैसे एंटीऑक्‍सीडेंट भी होते हैं जो मुक्‍त कणों से लाल रक्‍त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की रक्षा करते हैं।

(और पढ़े – क्या है एनीमिया? कारण, लक्षण और आहार…)

सिंहपर्णी के औषधीय गुण तनाव को करे दूर – Singhparni Ke Aushadhi Gun Tanav Ko Kare door in Hindi

चयापचय प्रक्रियाओं और आपके आसपास के वातावरण से प्राप्‍त हानिकारक पदार्थ आपके शरीर में फ्री रेडिकल्‍स को जन्‍म देते हैं। ये मुक्‍त कण आपके शरीर की कोशिका झिल्‍ली (Cell Membranes) को नुकसान पहुंचाते हैं जो कि शरीर की सूजन का कारण बनता है। यह तब होता है जब आपके शरीर में मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट (Antioxidant) इन फ्री रेडिकल्‍स का मुकाबला नहीं कर पाते हैं तो इस स्थिति में ऑक्‍सीडेटिव तनाव (oxidative stress) बढ़ जाता है। कई अध्‍ययनों से यह प्रमाणित हो चुका है कि सिंहपर्णी में एंटीऑक्‍सीडेंट गुण मौजूद हैं। अध्‍ययन बताते हैं कि सिंहपर्णी का सेवन करने से ऑक्‍सीडेटिव तनाव से संबंधित एथेरोस्‍क्‍लेरोसिस (Atherosclerosis) के प्रभाव को कम किया जा सकता है। आप अपने तनाव को कम करने के लिए सिंहपर्णी का सेवन कर सकते हैं।

(और पढ़े – मानसिक तनाव के कारण, लक्षण एवं बचने के उपाय…)

त्‍वचा के लिए लाभकारी सिंहपर्णी की चाय – Singhparni Ki Chay Twacha Ke Liye Labhkari

प्राचीन समय से त्‍वचा को स्‍वस्‍थ्‍य रखने के लिए सिंहपर्णी की चाय का उपयोग किया जा रहा है। यह और बात है कि सभी लोग सिंहपर्णी के फायदे नहीं जानते हैं। सिंहपर्णी की चाय के फायदे एक्जिमा (Eczema), स्‍कर्वी, फोड़े, जीवाणु संक्रमण, जलन, मुँहासे आदि के लिए जाने जाते हैं। इन सभी समस्‍याओं से बचने के लिए सिंहपर्णी में एंटीमाइक्रोबायल और एंटी-इन्‍फ्लामेट्री गुण मौजूद रहते हैं। यह भी माना जाता है कि सिंहपर्णी का उपयोग शरीर में हार्मोन विनियमन में योगदान देता है। यह मुँहासों को दूर करने के साथ-साथ उम्र बढ़ने के लक्षणों जैसे धब्‍बे और झुर्रियों (Spots and Wrinkles) आदि को भी कम करता है।

(और पढ़े – मुँहासों को दूर करने के घरेलू उपाय…)

सिंहपर्णी का सेवन स्‍तन की सूजन कम करने के लिए – Singhparni ka sevan Stan ki sujan kam karne Ke Liye

 

स्‍तन की सूजन (Mastitis) नई माताओं के लिए स्‍तनपान कराने की सबसे भयानक जटिलताओं में से एक है। इसके लक्षणों में फ्लू के लक्षण, स्‍तन ऊतकों में गर्मी और दर्दनाक गांठ शामिल हैं। सिंहपर्णी के रस का सेवन करने से टीएनएफ-अल्‍फा (TNF-alpha) के स्राव को कम किया जा सकता है, जो कि स्‍तन की सूजन का कारण होता है। यह उन महिलाओं के लिए एक औषधी है जो स्‍तन की सूजन के कारण अपने शिशु को दूध पिलाने में कठिनाई का सामना करती हैं।

(और पढ़े – क्या स्तनों को दबाने से उनका आकार बढ़ जाता है…)

सिंहपर्णी की जड़ है मधुमेह की दवा – Dandelion Root For Diabetes In Hindi

पशुओं पर किये गए कुछ अध्‍ययनों से पता चलता है कि सिंहपर्णी के पौधे से निकाले गए रस का सेवन करने से रक्‍त ग्‍लूकोज के स्‍तर को कम किया जा सकता है। लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि मधुमेह (diabetes) के लिए यदि आप सिंहपर्णी के पत्‍तों या जड़ का सेवन करना चाहते हैं तो पहले अपने डॉक्‍टर से सलाह लें।

(और पढ़े – जेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भकालीन मधुमेह) के कारण, लक्षण, निदान और इलाज…)

सूजन से बचाए सिंहपर्णी का सेवन – Singhparni Ka Seven Sujan Se Bachaye in Hindi

डंडेलियन में आवश्‍यक फैटी एसिड, एंटीऑक्‍सीडेंट और फाइटो न्यूट्रिएंट्स (phytonutrients) होते हैं जो कि शरीर की सभी प्रकार की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यदि इसका नियमित और कम मात्रा में सेवन किया जाता है तो यह शरीर के दर्द को भी प्रभावी रूप से कम कर सकता है।

(और पढ़े – सूजन के कारण, लक्षण और कम करने के घरेलू उपाय…)

सिंहपर्णी का इस्‍तेमाल प्रतिरक्षा को बढ़ाए – Dandelion Use For Immunity In Hindi

अध्‍ययनों से यह भी पता चलता है कि सिंहपर्णी का उपयोग करने से यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को मजबूत कर सकता है और संक्रमण से लड़ सकता है। सिंहपर्णी पौधे के पत्‍ते, जड़ और फूल सभी खाने योग्‍य होते हैं, जिनमें हल्‍का कड़वा स्‍वाद होता है। सिंहपर्णी को आम तौर पर खाने और औषधीय उपयोग के लिए सुरक्षित माना जाता है। सिंहपर्णी का उपयोग कर आप अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ा सकते हैं।

(और पढ़े – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय…)

सिंहपर्णी के नुकसान – Singhparni ke Nuksan in Hindi

स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्‍त करने के लिए सिंहपर्णी का उपयोग लाभकारी होता है, लेकिन ध्‍यान रखें जो औषधीयां लाभकारी होती हैं, उनके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए सिंहपर्णी का सेवन करते समय यह ध्‍यान रखें कि पूरी जानकारी होने पर ही इसका सेवन करें। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं, इसलिए निश्चित और कम मात्रा में ही इसका सेवन करें।

  • सिंहपर्णी का सेवन करने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है।
  • यकृत या पित्‍तशय (liver or gallbladder) की थैली की समस्‍या वाले लोगों को सिंहपर्णी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए।
  • यह पाचन तंत्र को उत्‍तेजित करता है, जिसके परिणामस्‍वरूप कुछ लोगों के पेट में एसिड का अधिक उत्‍पादन हो सकता है। जो लोग पेट के अल्‍सर या गैस्ट्रिटिस आदि से ग्रसित हैं उन्‍हें सिंहपर्णी का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्‍टर से सलाह लेना आवश्‍यक होता है।
  • यह एक अच्‍छा मूत्रवर्धक होता है, लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से यह आपके द्वारा ली गई अन्‍य दवाओं के विसर्जन में वृद्धि कर सकता है।
  • यदि आप किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन करते हैं, तो इसका उपयोग करने से पहले अपने डॉक्‍टर से संपर्क करें, हो सकता है कि यह आपकी दवाओं के प्रभाव को कम कर दे।

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