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सिंगल यूज प्लास्टिक को कहें न जानें इससे होने वाले नुकसान – Single Use Plastic And Its Harmful Effects In Hindi

Single Use Plastic In Hindi: देशभर में 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लग गया है। अब सिंगल यूज प्लास्टिक से बने छह उत्पादों जैसे प्लास्टिक बैग, कप, प्लेट, स्ट्रॉ, बोतल और शीट्स प्रतिबंधित हो गयी है। भारत को वर्ष 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री करने का लक्ष्य रखा गया है। भारत के शहरों में बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते स्तर के कारण प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। वास्तव में बहुत ही कम प्रकार की प्लास्टिक ऐसी है जिसे रिसाइकिल किया जा सकता है बाकी ना तो सड़ती गलती नहीं हैं और पर्यावरण के साथ जीवों को भी नुकसान पहुंचाती हैं। आइये जानते हैं सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है, सिंगल यूज प्लास्टिक में क्या क्या आता है और इससे क्या नुकसान होता है।

विषय सूची

1. सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है? – Single use plastic kya hai in Hindi
2. सिंगल यूज प्लास्टिक पर क्यों लग रहा है बैन – Single use plastic ban in Hindi
3. सिंगल यूज प्लास्टिक में क्या क्या आता है – Single use plastic products in Hindi
4. सिंगल यूज प्लास्टिक के नुकसान – Single use plastic harmful effects in Hindi
5. प्लास्टिक में मौजूद बीपीए बना रहा लोगों को मोटा और बांझ – BPA present in plastic makes people fat and infertile in Hindi
6. भारत में यहां बैन है सिंगल यूज प्लास्टिक – India mein yaha ban hai single use plastic in Hindi
7. प्लास्टिक की जगह इनका करें इस्तेमाल – Plastic ki jagah inka kare use in Hindi

सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है? – Single use plastic kya hai in Hindi

ऐसा प्लास्टिक जिसे सिर्फ एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है उसे सिंगल यूज प्लास्टिक कहा जाता है। हम रोजाना प्लास्टिक के बने ऐसे बहुत सी चीजों का इस्तेमाल करते हैं और उनका उपयोग करने के बाद उन्हें डस्टबिन में डाल देते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक को डिस्पोजेबल प्लास्टिक भी कहा जाता है। वैसे तो इन्हें रिसाइकिल किया जा सकता है लेकिन इसके बावजूद इनसे पर्यावरण को काफी हानि हो रही है।

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सिंगल यूज प्लास्टिक पर क्यों लग रहा है बैन – Single use plastic ban in Hindi

दिनों दिन बढ़ रहे प्रदूषण के कारण ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का भी खतरा तेजी से बढ़ रहा है। अन्य प्रदूषकों सहित प्लास्टिक भी ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है। भारत में प्रत्येक वर्ष लाखों टन प्लास्टिक प्रोड्यूस होता है और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट की सुविधा न होने के कारण इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है। वास्तव में प्लास्टिक वर्षों तक उसी अवस्था में बना रहता है और यह न तो गलता सड़ता है और ना ही मिट्टी में घुलता मिलता है। बायोडिग्रेडेबल प्रकृति का होने के कारण विश्व के कई देश सिंगल यूज प्लास्टिक को समाप्त करने के लिए कदम आगे बढ़ा रहे हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारी मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक की रिसाइक्लिंग नहीं हो पाती है। ये प्लास्टिक किसी न किसी माध्यम से समुद्र में पहुंच जाते हैं और समुद्री जीवों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा कुछ प्लास्टिक खतरनाक केमिकल छोड़ते हैं जो सेहत के लिए घातक होते हैं। यही कारण है कि भारत सहित दुनिया के कई देशों में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन हो रही है।

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सिंगल यूज प्लास्टिक में क्या क्या आता है – Single use plastic products in Hindi

सिंगल यूज प्लास्टिक में कौन से प्रोडक्ट्स शामिल हैं? रोजमर्जा के जीवन में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे स्ट्रॉ, कप, प्लेट्स, प्लास्टिक का बैग, प्लास्टिक की बोलतें, गिफ्ट के रैपर्स, फूड पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक, चाय और कॉफी के डिस्पोजेबल कप आदि प्रोडक्ट्स सिंगल यूज प्लास्टिक के अंतर्गत आते हैं। इन्हें एक बार इस्तेमाल करके फेंक दिया जाता है जो पर्यावरण को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाती हैं।

सिंगल यूज प्लास्टिक के नुकसान – Single use plastic harmful effects in Hindi

  • प्लास्टिक के कारण मिट्टी का कटाव तेजी से बढ़ रहा है और भूमि बंजर हो रही है।
  • प्लास्टिक को जलाने से खतरनाक रसायन निकलते हैं जो वातारवण में मिलकर वायु को प्रदूषित कर देते हैं। इस हवा में सांस लेने से व्यक्ति को श्वसन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं।
  • सिंगल यूज प्लास्टिक को बनाने में कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है जो बारिश के पानी के साथ जलाशयों एवं तालाबों में मिल जाता है और मछली, कछुआ सहित अन्य जलीय जीवों को काफी नुकसान पहुंचाता है।
  • समुद्र में प्लास्टिक का कचरा तेजी से बढ़ रहा है जिसे समुद्री जीव निगलते हैं और खतरनाक केमिकल के कारण ये मर जाते हैं।

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प्लास्टिक में मौजूद बीपीए बना रहा लोगों को मोटा और बांझ – BPA present in plastic makes people fat and infertile in Hindi

बीपीए (Bisphenol A) का इस्तेमाल प्लास्टिक के निर्माण में किया जाता है आपको बता दें की बीपीए (बिसफेनोल ए) एक ऐसा केमिकल है, जिसका प्रयोग प्लास्टिक के उत्पादन में कई सालों से लगातार किया जा रहा है यह एक रंगहीन ठोस है जो कार्बनिक सॉल्वैंट्स में घुलनशील है, लेकिन पानी में खराब घुलनशील है। इसलिए यह यूज़ करने के बाद कई सालों तक नष्ट नहीं होता है। यह पैकेजिंग, किचन के सामान जैसे किसी कैन या जार के ढक्कन की अंदरूनी कोटिंग के रूप में होने के कारण हमारे खाने से सीधे संपर्क में आ जाता है।

कई अध्ययनों में पाया गया है कि बीपीए (Bisphenol A) एस्ट्रोजन रिसेप्टर्स के साथ प्रतिक्रिया करता है और महिलाओं व पुरुषों में बांझपन, जल्दी यौवन (Early puberty), स्तन कैंसरप्रोस्टेट कैंसर और पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम (PCOS) सहित कई अंतःस्त्रावी विकारों (Endocrine disorders) में अहम भूमिका निभाता है। इस बात का पुख्ता सबूत है कि बीपीए (Bisphenol A) उम्र बढ़ने और मोटापा के बढ़ने में एक अहम भूमिका निभाता है। यही कारण है कि आप इन दिनों बाजार में बीपीए मुक्त प्लास्टिक उत्पाद जैसे बीपीए फ्री बोतल आदि देख पाते हैं।

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भारत में यहां बैन है सिंगल यूज प्लास्टिक – India mein yaha ban hai single use plastic in Hindi

भारत के कई राज्यों से सालों से सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित है। लेकिन अब पूरे देश में इस पर बैन लगाया जा रहा है। दिल्ली में 2017 से डिस्पोजेबल प्लास्टिक, महाराष्ट्र में 2018 से प्लास्टिक बैग, सिक्किम में 2016 से प्लास्टिक और डिस्पोजेबल फोम बेस्ड प्लास्टिक और केरल तथा हरियाणा में 2016 से प्लास्टिक के कैरी बैग पर बैन लगाया गया है।

प्लास्टिक की जगह इनका करें इस्तेमाल – Plastic ki jagah inka kare use in Hindi

  • आइसक्रीम या अन्य चीजें खाने के लिए प्लास्टिक की बजाय लकड़ी या स्टील के चम्मच का इस्तेमाल करें।
  • सामान लेने के लिए घर से जूट या कागज की थैली लेकर बाजार जाएं।
  • प्लास्टिक की बोतलों की जगह पानी के लिए कॉपर, शीशा या धातु की बोतलों का इस्तेमाल करें।

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