जानिए स्लिप डिस्क क्या है इसके लक्षण, कारण, जांच, उपचार, और बचाव: रीढ़ की हड्डी, एक दूसरे के ऊपर हड्डियों (कशेरुका) के ढेर की एक श्रृंखला से बनी होती है, ये हड्डिया डिस्क द्वारा संकुचित होने का कार्य करती हैं। इसी कारण रीढ़ की हड्डी को इंटरवर्टेब्रल डिस्क (intervertebral discs) के रूप में भी जाना जाता है। डिस्क, रीढ़ की हड्डी (कशेरुका) के बीच झटका अवशोषित करने वाले सुरक्षात्मक पैड (pads) है। अर्थात डिस्क मानवीय दैनिक क्रियाओं जैसे – चलने, उठाने और घुमाने में उत्पन्न झटके को अवशोषित करके हड्डियों को सुरक्षित रखती हैं।
1. स्लिप डिस्क क्या है – What is a Slipped Disc in Hindi
2. स्लिप डिस्क के लक्षण – Slip Disc Symptoms in Hindi
3. स्लिप डिस्क के कारण – Slip Disc Causes in Hindi
4. स्लिप डिस्क के प्रकार – Types of Slipped Disc in Hindi
5. स्लिप डिस्क का निदान (जांच) – Slip Disc Diagnosis in Hindi
6. स्लिप डिस्क की जटिलताएं – Slip Disc Complications in Hindi
7. स्लिप डिस्क का इलाज – Slip Disc Treatment in Hindi
8. स्लिप डिस्क के उपचार के लिए एक्सरसाइज – Exercises For Slipped Disc Treatment in hindi
9. स्लिप डिस्क से बचाव – Slip Disc Prevention in Hindi
एक स्लिप डिस्क (slipped discs) अचानक गंभीर पीठ के दर्द का कारण बनता है। एक डिस्क में उभार या वृद्धि, डिस्क विभाजन या डिस्क टूट भी सकती है, जिसके कारण डिस्क कार्टिलेज (लचीला संयोजी ऊतक) (disc cartilage) और आस-पास के ऊतक असफल हो सकते हैं, जिसे हर्नियेट डिस्क (herniate Disc) के नाम से जाना जाता है। जिससे डिस्क का आंतरिक जेली (jelly) जैसा पदार्थ, डिस्क को छोड़कर आस-पास के ऊतकों की तरफ गमन करने लगते है। इस स्थिति को स्लिप डिस्क (Slip Disc), हर्निएटेड डिस्क, ruptured डिस्क (ruptured disc), या prolapsed डिस्क (prolapsed disc) के रूप में भी जाना जाता है।
स्लिप डिस्क (slipped discs) की स्थिति में डिस्क (Disc) अक्सर तंत्रिका आधार (nerve root) पर दबाव डालती है जिससे क्षतिग्रस्त डिस्क या तंत्रिका के उस क्षेत्र में दर्द, सूजन या कमजोरी के लक्षण के साथ-साथ अन्य लक्षण भी पैदा हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में, लक्षण कई हफ्तों में धीरे-धीरे कम हो जाते हैं।
बहुत से लोगों में हर्नियेटेड डिस्क (herniated disc) के कोई भी लक्षण प्रगट नहीं होते है, तथा हर्निएटेड डिस्क से पीड़ित अधिकांश लोगों को इसके उपचार के लिए सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है।
(और पढ़े – पीठ दर्द से छुटकारा पाना है तो अपनाएं ये घरेलू उपाय…)
पीठ में रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में या रीढ़ की हड्डी के किसी हिस्से में स्लिप डिस्क हो सकती है। पीठ का नीचे का हिस्सा स्लिप डिस्क (slipped discs) के प्रभावित क्षेत्रों में से एक सामान्य क्षेत्र है। अर्थात स्लिप डिस्क ज्यादातर रीढ़ की हड्डी में पीठ के निचले हिस्से में अधिक होती है। रीढ़ की हड्डी, नसों और रक्त वाहिकाओं का एक जटिल जल होता है। अतः स्लिप डिस्क रीढ़ की हड्डी के चारों ओर नसों और मांसपेशियों पर बहुत अधिक दबाव डाल सकती है।
स्लिप डिस्क (slipped discs) के लक्षणों में शामिल हैं:
(और पढ़े – जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार…)
स्लिप डिस्क (slipped discs) के कारणों में निम्न कारक शामिल किए जा सकते है:
(और पढ़े – धूम्रपान छोड़ने के सबसे असरदार घरेलू उपाय और तरीके…)
स्लिप डिस्क (slipped discs) के अंतर्गत सामान्य प्रकारों के अंतर्गत निम्न तीन प्रकारों को शामिल किया जा सकता है:
एक सर्वाइकल स्लिप डिस्क (Cervical slipped discs) गर्दन में होता है, जो कि गर्दन के दर्द के सबसे आम कारणों में से एक है। यदि डिस्क तंत्रिका कोशिका पर दबाव डालती है, तो इसके अन्य लक्षणों में कंधे या हाथ में अकड़न या झुनझुनी जो उंगलियों पर भी आ सकती है तथा हाथ में दर्द और कमजोरी शामिल हो सकते हैं।
पसलियों के पिंजरे से जुड़े, थोरैसिक रीढ़ की हड्डी (thoracic spine) बहुत अधिक स्थिर और रीढ़ की हड्डी के अन्य हिस्सों से बहुत कम झुकती है। और यही स्थिरता थोरैसिक डिस्क को नुकसान पहुंचाने के जोखिम कार्यों को कम कर देती है। स्लिप डिस्क (slipped discs) के अन्य सामान्य प्रकारों की तुलना में, थोरैसिक रीढ़ की हड्डी की स्थिति या संरचना में परिवर्तन बहुत दुर्लभ होता है। यही कारण है कि थोरैसिक स्लिप डिस्क (Thoracic slipped discs) बहुत कम देखने को मिलती है।
लम्बर डिस्क हर्निनेशन (Lumbar disc herniations) रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में होता है,जो कि कमर दर्द का सामान्य कारण बनता है। चूंकि कमर से सम्बन्धित रीढ़ (lumbar spine) काफी वजन सहन करती है, और कई अलग-अलग दिशाओं में झुकती है। लम्बर स्लिप डिस्क बहुत सामान्य कारणों में विकसित हो सकती है। एक हर्निएटेड (herniated) या लम्बर स्लिप डिस्क (Lumbar slipped disc) निचले हिस्से में पीठ दर्द का कारण बन सकती है।
(और पढ़े – कमर के दर्द को दूर करने के उपाय…)
स्लिप डिस्क (slipped discs) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले मरीज का शारीरिक परीक्षण करेगा। डॉक्टर दर्द वाले सही स्थान की तलाश तथा कारण का पता करेंगे। इसके अंतर्गत तंत्रिका कोशिका के कार्य और मांसपेशियों की ताकत की जांच शामिल की जा सकती है। डॉक्टर पीड़ित से उसके चिकित्सा इतिहास और लक्षणों के बारे में भी जानकारी ले सकता है।
इमेजिंग परीक्षण (Imaging tests)
डॉक्टर, पीड़ित की रीढ़ की हड्डियों और मांसपेशियों को देखने के लिए इमेजिंग परीक्षण की मदद ले सकते हैं और इसकी मदद से क्षतिग्रस्त क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं। इमेजिंग स्कैन (imaging scans) के तहत निम्न परीक्षण शामिल किए जा सकते हैं:
डिस्कोग्राफी (Discography) – यह परीक्षण रीढ़ की इंटरवर्टेब्रल डिस्क (intervertebral discs) की जांच करने के लिए एक्स-रे का उपयोग करता है। इस परीक्षण के तहत स्लिप डिस्क या डिस्क की श्रृंखला में एक विशेष डाई (रंजक) इंजेक्शन दिया जाता है। डिस्कोग्राम (discograms) का उपयोग सही तरीके से क्षतिग्रस्त डिस्क का पता लगाने के लिए किया जाता हैं।
इन सभी परीक्षणों की मदद से असामान्य हड्डी जैसे – स्लिप डिस्क (slipped discs), हड्डी विस्थापन, ट्यूमर या टूटी हुई हड्डी (फ्रैक्चर) की पहचान कर सकते हैं। पर्याप्त उपचार के लिए प्रायः कोई निदान परीक्षण की आवश्यकता नहीं होती है।
इलाज न किए गए, गंभीर स्लिप डिस्क (slipped discs) स्थायी तंत्रिका तंत्र की क्षति का कारण बन सकती है। बहुत दुर्लभ मामलों में, एक स्लिप डिस्क आपके निचले हिस्से और पैरों में कौडा इक्विना (cauda equina) नसों में, तंत्रिका आवेगों (nerve impulses) को काट सकती है। यदि ऐसा होता है, तो पीड़ित आंत्र (bowel) या मूत्राशय (bladder) पर नियंत्रण खो सकता है।
(और पढ़े – मूत्राशय में संक्रमण के कारण, लक्षण और बचाव…)
स्लिप डिस्क (slipped discs) का उपचार आम तौर पर इस बात पर निर्भर करता है कि पीड़ित के लक्षण कितने गंभीर हैं और डिस्क कितनी दूर है या क्षतिग्रस्त हो गई है।
अधिकांश पीड़ित लोग एक एक्सरसाइज या व्यायाम योजना अपनाकर स्लिप डिस्क के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। शारीरिक चिकित्सक स्लिप डिस्क (slipped discs) से पीड़ित व्यक्ति के लिए व्यायाम की सिफारिश कर सकते हैं, जो दर्द को कम करते हुए पीठ को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।
इसके अतिरिक्त डॉक्टर स्लिप डिस्क (slipped discs) के उपचार के लिए एंटी इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) दवाओं की सिफारिश कर सकता है। इबुप्रोफेन (मोटरीन) (ibuprofen), एसिटामिनोफेन (टायलोनोल) (acetaminophen) दवाएं स्लिप डिस्क के उपचार में आमतौर पर उपयोग में लाई जा सकती है।
माइक्रोडिस्केटोमी (microdiscectomy) – यदि पीड़ित के लक्षण छह सप्ताह में कम नहीं होते हैं या उपचार के बाद भी स्लिप डिस्क (slipped discs) मांसपेशियों के कार्य को प्रभावित कर दर्द का कारण बनती है तो डॉक्टर शल्य चिकित्सा (surgery) की सिफारिश कर सकता है। सर्जरी के दौरान पूरी डिस्क को हटाए बिना, डिस्क के क्षतिग्रस्त या आगे निकले हुए भाग के कुछ अंश को हटा सकता है। इसे माइक्रोडिस्केटोमी (microdiscectomy) कहा जाता है।
लैमिनेक्टोमी (laminectomy) – अधिक गंभीर मामलों में, डॉक्टर क्षतिग्रस्त डिस्क को कृत्रिम (artificial) रूप से प्रतिस्थापित (replace) कर सकता है, या डिस्क को हटा सकता है और कशेरुका के अन्य हिस्सों को एक साथ जोड़ा जा सकता है। इस प्रक्रिया को लैमिनेक्टोमी (laminectomy) कहा जाता है।
(और पढ़े – गठिया (आर्थराइटिस) कारण लक्षण और वचाब…)
डिस्क का खिसकना या स्लिप डिस्क के उपचार में अक्सर व्यायाम को शामिल किया जाता है क्योंकि इससे शरीर को सक्रिय रखने से और लचीलापन बढ़ाने में मदद मिलती है जो रीढ़ की हड्डी पर हो रहे तनाव को कम करने में मदद करता है। यह एक स्लिप डिस्क या हर्निएटेड डिस्क के लिए जिम्मेदार दर्द और अन्य लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। पैदल चलने, बाइकिंग या तैराकी जैसे कम प्रभाव वाले अभ्यास विशेष रूप से फायदेमंद हो सकते हैं जिससे शरीर को चलने जैसी तीव्र गतिविधियों से जुड़े झटकेदार प्रभावों के बिना किया जा सकता है।
इसके अलावा, स्ट्रेंथ बिल्डिंग अभ्यास (strength-building exercises) को शामिल करना स्लिप डिस्क के उपचार में महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे रीढ़ की हड्डी को लचीला रखने में मदद मिल सकती है जबकि आसपास के सहायक मांसपेशियों को भी मजबूत किया जा सकता है। स्लिप डिस्क रोगियों के लिए अधिक सामान्य रूप से अनुशंसित स्ट्रेच अभ्यास घर पर ही आसानी से किया जा सकता है। आइये जानते है स्लिप डिस्क के उपचार के लिए वो तीं व्यायाम कौन से है जिन्हें आप घर पर ही कर सकते है और स्लिप डिस्क से होने वाले दर्द से राहत प् सकतें हैं।
(और पढ़े – जानिए ट्रेडमील एक्सरसाइज करने के तरीके और फायदे के बारे में…)
प्रेस-अप स्लिप डिस्क उपचार में एक स्मार्ट समावेशन है क्योंकि इसमें रीढ़ की हड्डी का सौम्य विस्तार होता है। आपके शरीर को फर्श पर सीने के साथ फ्लैट रखे, अपने कूल्हों को जमीन पर स्थिर रखते हुए धीरे-धीरे अपने ऊपरी शरीर को उठाने के लिए अपने हाथों का उपयोग करें। आपकी अग्र-भुजा आपके सामने जमीन पर होनी चाहिए ताकि आपकी पिछली घुमाव धीरे-धीरे छत की तरफ हो। कुछ पलों के लिए इस मुद्रा में रहने के बाद, धीरे-धीरे अपनी शुरुआती स्थिति पर वापस आएं।
(और पढ़े – एरोबिक एक्सरसाइज क्या है, कैसे की जाती है, फायदे और नुकसान…)
मार्जारी आसान का उपयोग रीढ़ की हड्डी को बढ़ाने और लचीला करने में मदद के लिए किया जाता है। इस अभ्यास को करने के लिए, हथेलियाँ फर्श पर रखे और कंधे-चौड़ाई के साथ हाथों और घुटनों को एकदम सीधा रखें। अपने पेट की मांसपेशियों को कस लें और अपनी रीढ़ की हड्डी को छत की ओर धकेलने की कोशिश करें, अपनी पीठ को गोल करें और अपने सिर को जमीन की ओर कर लें। फिर, कुछ सेकंड के लिए स्थिति में रहने के बाद, अपनी रीढ़ की हड्डी को स्थानांतरित करें, जिससे आपके पेट को फर्श की ओर आने दें और धीरे-धीरे छत को देखने के लिए अपने सिर को उठाएं।
इसके परिणामस्वरूप जमीन की ओर गोलाकार रीढ़ की हड्डी के साथ पहली रीढ़ की हड्डी की स्थिति के विपरीत होगा। इस स्थिति को कुछ सेकंड तक बनाये रखें और एक फ्लैट बैक के साथ अपनी शुरुआती स्थिति पर वापस आएं।
(और पढ़े – स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, आखिर क्यों जरूरी है स्ट्रेचिंग…)
ब्रिज एक्सरसाइज पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ ही रीढ़ की हड्डी को फैला सकता है, जिससे इसे एक स्लिप डिस्क उपचार योजना के लिए आदर्श व्यायाम बना दिया है। अपने कन्धों पर अपनी बाहों के साथ, अपनी पीठ के बल लेटकर, घुटने झुकाएं रखें। अपनी पेल्विक मसल्स (pelvis) और पेट को छत की तरफ उठाने के लिए अपनी पेट की मांसपेशियों का उपयोग करें, जिससे आपके घुटने से आपकी छाती तक एक सीधी विकर्ण रेखा बन जाए। धीरे-धीरे शुरुआत में लौटने से पहले कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें। अपनी गर्दन को घुमाने से रोकने के लिए अपनी बाहों को जमीन पर फ्लैट रखना महत्वपूर्ण है।
(और पढ़े – सेतुबंधासन (ब्रिज पोज) करने का तरीका, फायदे और सावधानियां)
वैसे तो स्लिप डिस्क (slipped discs) को रोकना संभव नहीं हो सकता है, परन्तु आप स्लिप डिस्क विकसित होने के जोखिमों को कम करने के लिए उचित कदम उठा सकते हैं। स्लिप डिस्क (slipped discs) की रोकथाम के लिए निम्न उपाय शामिल किये जा सकते हैं:
(और पढ़े – ऑस्टियोपोरोसिस होने के कारण, लक्षण और बचाव…)
स्वास्थ्य और सेहत से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए टॉपिक पर क्लिक करें
हेल्थ टिप्स | घरेलू उपाय | रिलेशनशिप टिप्स | जड़ीबूटी | बीमारी | महिला स्वास्थ्य | सवस्थ आहार |
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…