समय के साथ सभी लोगों को भूलने या कमजोर याददास्त की समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन स्मरण शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय अपनाना उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो इस प्रकार की समस्या का सामना कर रहें हैं। आज की व्यस्त जीवनशैली और खराब खान पान स्मरण शक्ति को कमजोर करने का प्रमुख कारण है। जिसके कारण बहुत से लोग स्मरण शक्ति बढ़ाने के तरीके खोजते हैं। हालांकि स्मरण शक्ति का कमजोर होना कोई बीमारी नहीं है और एक सामान्य स्थिति है। लेकिन समय पर इसका उपचार कराना आवश्यक है जिनमें स्मरण शक्ति याददाश्त बढ़ाने के उपाय शामिल हैं। आनुवंशिकी स्मृति हानि में अहम भूमिका निभाती है विशेष रूप से अल्जाइमर और न्यूरोलॉजिकल स्थितियों में।
अध्ययनों से पता चलता है कि अपने नियमित आहार और दैनिक जीवनशैली में परिवर्तन कर आप अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ा सकते हैं। आप बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय में भी इन्हें शामिल कर सकते हैं। आज इस आर्टिकल में आप स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
विषय सूची
1. स्मरण शक्ति क्या है – Smaran Shakti kya hai in Hindi
2. स्मरण शक्ति कमजोर होने के कारण – Smaran shakti kamjor hone ke karan in Hindi
3. स्मरण शक्ति कैसे बढ़ाये – Smaran Shakti kaise Badhaye in Hindi
4. स्मरण शक्ति बढ़ाने के योग – Smarna Shakti Badhane ke yoga in Hindi
5. स्मरण शक्ति बढ़ाने के अन्य उपाय – Smarna Shakti Badhane ke naya upay in Hindi
याददास्त को ही स्मरण शक्ति कहते हैं। इसका मतलब यह है कि हमारे मस्तिष्क की याद रखने की क्षमता होती है। जिसके कारण हम बीते समय की बातों को याद रख पाते हैं। लेकिन शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक कारणों से किसी भी व्यक्ति में याद रखने की क्षमता में कमी हो सकती है। हालांकि यह समय के साथ सामान्य है। लेकिन कुछ विशेष कारणों से यह किशोरावस्था या युवा अवस्था में भी परेशानी का कारण बन सकती है। आइए जाने स्मरण शक्ति कमजोर होने के कारण क्या हैं।
(और पढ़ें – दिमाग तेज करने के लिए क्या खाये और घरेलू उपाय)
समय के साथ स्मरण शक्ति या याद रखने की क्षमता का कमजोर होना सामान्य है। लेकिन समय से पहले यानि युवा अवस्था में ऐसी स्थिति होना गंभीर होता है। कुछ विशेष कारणों की बजह से लोगों को भूलने या कमजोर याददाश्त जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिनमें शामिल हैं :
आयु : उम्र बढ़ने या बुढ़ापे की स्थिति में संज्ञानात्मक प्रसंस्करण धीमा होने लगता है।
रजोनिवृत्ति : एस्ट्रोजन मस्तिष्क की स्मृति सहित कई कार्यों को प्रभावित करता है। रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आती है जिससे महिलाओं को स्मृति हानि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
गर्भावस्था : गर्भावस्था के दौरान हार्मोन के उतार-चढ़ाव होने से याददाश्त कमजोर हो सकती है।
अवसाद : अवसाद वाले लोग चिड़चिड़े और आक्रमक विचारों का अनुभव करते हैं जो याद रखने की क्षमता में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
थायराइड रोग : हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म दोनों ही संज्ञानात्मक समस्याओं का कारण बन सकते हैं जैसे खराब एकाग्रता, स्मृति हानि आदि।
दवाएं : कुछ विशेष प्रकार की दवाओं के दुष्प्रभाव के रूप में भी स्मरण शक्ति कमजोर हो सकती है।
तनाव : नींद की कमी और पर्याप्त पोषण न मिलने सहित अन्य कारणों से स्मरण शक्ति को नुकसान हो सकता है।
स्वस्थ शरीर के साथ मस्तिष्क का स्वस्थ रहना भी आवश्यक है। इसलिए आपको अपनी स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बहुत से लोगों का प्रश्न होता है बच्चों की स्मरण शक्ति कैसे बढ़ाये। ऐसी स्थिति में उन्हें बच्चों की जीवनशैली, खानपान और स्मरण शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय उपाय अपनाने चाहिए। आइए जाने स्मरणशक्ति बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं।
(और पढ़ें – बच्चों को तेज दिमाग के लिए क्या खिलाएं और घरेलू उपाय)
आप अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ाने के सरल उपाय में बादाम का सेवन कर सकते हैं। बादाम विशेष रूप से बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ाने तरीका हो सकता है। बादाम का नियमित सेवन करने से याददाश्त और दिमागी ताकत को बढ़ाने में मदद मिलती है। बादाम में एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है जो स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होने के कारण बादाम आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता हे।
स्मरण शक्ति को बढ़ाने के घरेलू उपाय के लिए आप 5-10 बादाम को रात में पानी में भिगो दें। अगली सुबह बादाम के छिलके निकालें और फिर बादाम का पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को 1 गिलास दूध के साथ मिलाकर उबाल लें। स्वाद बढ़ाने के लिए आप दूध में शहद या चीनी भी मिला सकते हैं। आप इस पेय को नियमित रूप से सेवन कर अपनी और अपने बच्चों की याद रखने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
(और पढ़ें – बादाम को भिगोकर खाने के फायदे और नुकसान)
कमजोर याददाश्त वाले लोगों के लिए रोजमैरी एक प्रभावी और लोकप्रिय जड़ी बूटी है। मौखिक रूप से उपभोग करने के साथ ही रोजमैरी की खुशबु भी मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक होती है। आप भी अपनी स्मरणर शक्ति बढ़ाने के घरेलू नुस्खे में रोजमैरी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप 2 कप पानी को उबालें और उबलते पानी में रोजमैरी की 1 चम्मच सूखी पत्तियों को डालें। यदि आपके पास ताजा रोजमैरी की पत्तियां है तो यह और भी अच्छा है। इस तरह से आप रोजमैरी की चाय तैयार करें। इस चाय को स्वादिष्ट और गुणकारी बनाने के लिए आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं। कुछ सप्ताह तक नियमित रूप से इस चाय का सेवन करने पर आप अपनी भूलने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। विकल्प के रूप में आप रोजमैरी तेल की खुशबू भी ले सकते हैं।
(और पढ़ें – रोजमेरी के फायदे और नुकसान)
ब्लैक सीड़ को अधिकांश लोग कलौंजी (Nigella Sativa) के नाम से भी जानते हैं। आप अपनी कमजोर स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए कलौंजी के बीजों का उपयोग कर सकते हैं। कलौंजी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लामेटरी और न्यूरॉन-सुरक्षा गुण होते हैं। जिसके कारण यह दिमाग तेज करने और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है। एक अध्ययन के अनुसार जो लो नियमित रूप से प्रतिदन कलौंजी बीज के पाउडर आधारित 500 मिली ग्राम के 2 कैप्सूल का सेवन करते हैं। उनमें प्लेसबो लेने वालों की तुलना में स्मृति और ध्यान आदि में सुधार होता है।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के सरल उपचार के रूप में आप 1 चम्मच कलौंजी पाउडर लें और इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं। इस मिश्रण को नियमित रूप से दिन में 2 बाद कुछ सप्ताह तक सेवन करने से स्मृति हानि जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
(और पढ़ें – कलौंजी तेल के फायदे और नुकसान)
याददाश्त विकारों को दूर करने के लिए जिन्कगो बिलोबा का उपयोग औषधीय जड़ी बूटी के रूप में किया जाता है। क्योंकि जिन्कगो बिलोबा का उपयोग मस्तिष्क मे बेहतर रक्त प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है। जिससे मस्तिष्क उचित ढंग से काम करने में सक्रिय रहता है। मनोभ्रंश और अल्जाइमर रोग से प्रभावित लोगों की स्मरण शक्ति को बढ़ाने में जिन्कगो बिलोबा फायदेमंद होता है। हालांकि इस जड़ी बूटी की कोई अनुशंसित खुराक नहीं है फिर भी डिमेंशिया से पीडित लोगों के लिए दिन में तीन बार 40 मिली ग्राम की खुराक लेना चाहिए। लेकिन मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने और अपनी स्मरण शक्ति को तेज करने के लिए जिन्कगो बिलोबा का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
(और पढ़ें – गिंको (जिन्कगो) बाइलोबा के फायदे और नुकसान)
एशियन जिनसेंग का पारंपरिक उपयोग स्मरण शक्ति बढ़ाने के आयुवेर्दिक उपचार में किया जाता है। वैज्ञानिक भी जिनसेंग के औषधीय गुणों के कारण इस जड़ी बूटी स्मृति बूस्टिंग क्षमता का अध्ययन कर रहे हैं। आप भी अपनी याद रखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए जिनसेंग का उपयोग जिन्कगो बिलोबा के साथ कर सकते हैं।
हालांकि जिनसेंग का उपयोग लगातार लंबे समय तक नहीं किया जाना चाहिए। आप नियमित रूप से 2-3 सप्ताह तक जिनसेंग का सेवन करने के बाद 2-3 सप्ताह का ब्रेक ले और इसके बाद फिर से शुरु कर सकते हैं।
(और पढ़ें – जिनसेंग के फायदे और नुकसान)
दालचीनी और शहद तंत्रिका तनाव से राहत दिलाने और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है। जिन लोगों की याददाश्त कमजोर होती है उन्हें रात में सोने से पहले दालचीनी पाउडर और शहद के मिश्रण का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से चयापचय में वृद्धि होती है साथ ही यह तनाव को कम करने में भी सहायक होता है। नियमित रूप से दालचीनी और शहद का सेवन करने से नींद को भी बढ़ावा मिलता है जो स्मृरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक है। अपनी याददाश्त को तेज करने के लिए आप 1 चम्मच कच्चे शहद में 1 चुटकी दालचीनी पाउडर को मिलाएं और रात में सोने से पहले कुछ महिनों तक नियमित सेवन करें।
(और पढ़ें – दालचीनी के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान)
नारियल का तेल मस्तिष्क की कोशिकाओं के लिए ईंधन के रूप में मदद करता है। जिससे स्मृति और संज्ञानात्मक कार्य में सुधार हो सकता है। यह डिमेंशिया कों रोकने और अल्जाइमर रोग से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा नारियल के तेल का सेवन करने से ऊर्जा में वृद्धि भी होती है साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी सहायक होता है। अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ाने के उपाय के रूप में आप अपने व्यंजनों को नारियल तेल से पका सकते हैं। या फिर नियमित रूप से दिन में 2 बार 1-1 चम्मच शुद्ध नारियल के तेल का सेवन कर सकते हैं।
(और पढ़ें – नारियल तेल के फायदे, उपयोग और नुकसान)
नियमित रूप से मछली का तेल या मछली के तेल से बने कैप्सूल का सेवन स्मरण शक्ति को बढ़ाने का अच्छा तरीका हो सकता है। मछली के तेल की खुराक स्मृति में सुधार और संज्ञानात्मक गिरावट को कम करने में सहायक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मछली के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है। मछली के तेल में पाया जाने वाला डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (Docosahexaenoic acid) अल्जाइमर रोग से जुड़ी मस्तिष्क की पट्टियों (brain plaques) के निर्माण को रोकने में सहायक होता है।
मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने और अच्छी स्मरण शक्ति के लिए प्रतिदिन कम से कम 600 मिनी ग्राम डीएचए युक्त मछली के तेल की खुराक लें। यह आपके मस्तिष्क संबंधी समस्याओं को दूर करने और याद रखने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।
(और पढ़ें – मछली के तेल के फायदे और नुकसान)
ब्राम्ही एक औषधीय जड़ी बूटी है जो मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में बहुत ही प्रभावी होती है। यह मस्तिष्क के लिए टॉनिक के रूप में काम करता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और न्यूरोप्रोटेक्टिव (neuroprotective) प्रभाव होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार ब्राम्ही का नियमित उपयोग याददाश्त में सुधार और अवसाद जैसी समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है। आप भी अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए ब्राम्ही के पत्तों से निकाले गए रस 2 चम्मच मात्रा को दिन में 2-3 बार सेवन करें। विकल्प के रूप में आप ब्राम्ही के पत्तों से निकाले गए रस को 1 गिलास गर्म दूध में मिलाएं और इसमें 1 चुटकी लाइची मिलाएं। आप इस मिश्रण को दिन में 2 बार सेवन करें।
(और पढ़ें – ब्राह्मी के फायदे और नुकसान)
यदि आप अपनी याद रखने की क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं हर मौसम में मिलने वाले फलों का नियमित सेवन करें। इन्हीं फलों में आम भी शामिल है। आम में ऐसे पोषक तत्व और खनिज पदार्थ भरपूर मात्रा में होते हैं जो आपकी स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक होते हैं। आप आम का मिल्कशेक भी तैयार कर सकते हैं। अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए आप इसमें कुछ शहद मिलाएं और नियमित रूप से इसका सेवन करें। यह आपकी याददाश्त को बढ़ाने में सहायक होता है।
(और पढ़ें – आम रस के फायदे और बनाने की विधि)
मेथी के पत्तों का इस्तेमाल स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। कच्ची मेथी के पत्तों को मूली के टुकड़ों के साथ मिलाएं। इस मिश्रण आप जीरा पाउडर भी मिला सकते हैं। इस मिश्रण का नियमित सेवन करना आपकी स्मरण शक्ति को तेज करने में सहायक होता है।
(और पढ़ें – मेथी के फायदे और नुकसान)
उचित खान-पान के साथ योग भी आपके मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं। आप अपने दैनिक जीवन में नियमित योग को अपनाकर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं। स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए योग के रूप में आप कई प्रकार के योगासनों का उपयोग कर सकते हैं जिनमें वकासन योग भी शामिल है। नियमित रूप से वकासन योग करने से मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है। यह योग आपके शरीर को लचीला बनाने और धैर्य रखने की क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा इस योग को करने से आपके कंधे और कलाई आदि को मजबूत करने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा वकासन योग संतुलन की भावना को पैदा करता है जिससे एकाग्रता और समन्वय में सुधार होता है।
(और पढ़ें – दिमाग तेज करने के लिए योग)
सामान्य रूप से देखा जाए तो आप अपनी जीवन शैली में परिवर्तन कर अपने दिमाग को तेज बना सकते हैं। अच्छी जीवनशैली के अंतर्गत समय पर सोना और समय पर जागना, पौष्टिक आहार का सेवन करना। नशीले पदार्थों का उपभोग न करना आदि शामिल हैं। स्मरण शक्ति बढ़ाने के अन्य उपाय में शामिल हैं।
आंवला : स्मरण शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय में आप आंवले का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप ताजे आंवला, आंवले का जूस, आंवले का पाउडर या मुरब्बा आदि का नियमित सेवन कर मानसिक स्वास्थ्य और याद रखने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
धनिया पाउडर : धनिया के पाउडर में ऐसे पोषक तत्व और खनिज पदार्थ होते हैं जो आपकी स्मरण शक्ति को बढ़ाने और दिमाग तेज करने में सहायक होते हैं। आप भी अपनी स्मृति को तेज करने के लिए धनिया के पाउडर को अपने दैनिक आहार में शामिल कर लाभ ले सकते हैं।
अखरोट : मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में अखरोट अहम भूमिका निभाता है। क्योंकि अखरोट में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है। जो आपके संज्ञानात्मक कार्य क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता हैं। आप भी अपनी याददाश्त को बढ़ाने में अखरोट की मदद ले सकते हैं।
अदरक : अदरक भी एक औषधीय जड़ी बूटी है जो आपकी कमजोर याददाश्त को बढ़ाने में सहायक होती है। अदरक में मौजदू एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाते हैं जिससे मस्तिष्क को नुकसान से बचाया जा सकता है। साथ ही नियमित उपभोग करने से अदरक याददाश्त क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…