Sodium – Source, Benefits And Side Effects In Hindi जानिए सोडियम क्या है, सोडियम के स्रोत, सोडियम के कार्य, सोडियम के फायदे और नुकसान। सोडियम मानव शरीर में पाए जाने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व है सोडियम रक्त के विनियमन (regulation) के लिए सबसे महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) में से एक है। इस महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट की अनुपस्थिति के कारण शारीरिक कार्यों को करने में परेशानी हो सकती है। यह शरीर के तरल पदार्थ को नियंत्रित करता है और मानव शरीर के अन्दर विद्युत आवेगों (electric impulses) को भी संचारित करता है। सोडियम नसों में पाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से सबसे आवश्यक तत्व है, जबकि यह मांसपेशियों के संकुचन की गति को नियंत्रित या संतुलित करने में भी मदद करता है।
संक्षेप में कह सकते है कि सोडियम मानव आहार के रूप में, कोशिकीय सक्रियता को नियंत्रित करने और बनाये रखने के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र को उचित कार्य करने के लिए आवश्यक तत्वों में से एक है। नमक और ‘सोडियम’ एक ही चीज नहीं हैं। क्योंकि नमक प्रकृति में प्रचुर मात्रा में पाये जाने वाला एक क्रिस्टलीय यौगिक है। जबकि सोडियम एक खनिज है। जो नमक में पाया जाने वाला एक रासायनिक तत्व है।
विषय सूची
1. सोडियम क्या है – What is sodium in Hindi
2. सोडियम क्यों आवश्यक है – Why Sodium Is Necessary In Hindi
3. प्रतिदिन कितना सोडियम खाएं – How Much Sodium Per Day In Hindi
4. सोडियम के स्रोत – Sources of Sodium In Hindi
5. सोडियम के फायदे – Health Benefits of Sodium in Hindi
6. सोडियम के नुकसान – sodium Side Effects in Hindi
Na : सोडियम एक धातु है जो बहुत प्रतिक्रियाशील है। सोडियम अति क्रियाशील होने के कारण प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। सोडियम हमेशा लवण (salt) के रूप में पाया जाता है। सोडियम का सबसे सामान्य आहार के रूप सोडियम क्लोराइड उपस्थित है। सोडियम क्लोराइड को सामान्यतः टेबल साल्ट (table salt) नमक के रूप में जाना जाता है।
मनुष्य शरीर में सोडियम की पूर्ति के लिए सोडियम क्लोराइड का अधिकतर उपयोग करते हैं। खाद्य पदार्थों में, सोडियम क्लोराइड का उपयोग स्वाद उत्पन्न करने के लिए और भोजन को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।
सोडियम एक आवश्यक पोषक तत्व है। सोडियम शरीर के विभिन्न कार्यों में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यह तंत्रिका (nerve) और मांसपेशी के कार्यों को नियंत्रित करने में मदद करता है तथा रक्तचाप (blood pressure) को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। सोडियम रक्त में घुलकर, पानी को आकर्षित करता है जिससे रक्त को तरल रूप में बनाए रखने में मदद करता है। शरीर में संरक्षण और तरल पदार्थ के परासरण दाब के नियंत्रण में यह महत्वपूर्ण है।
मानव शरीर में नसों और मांसपेशियों को ठीक तरह से काम करने के लिए एक विद्युत प्रवाह की आवश्यकता होती है। तथा विद्युत् चार्ज आयनों या अणुओं जिनमें सोडियम शामिल है, के नियंत्रित प्रवाह द्वारा तंत्रिका कोशिकाएँ और मांसपेशियाँ विद्युत् चार्ज उत्पन्न करती हैं। नसों को तंत्रिका तंत्र तक सूचनाओं को प्रेषित करने के लिए विद्युत गतिविधि की आवश्यकता होती है। इस कार्य में सोडियम पंप महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अतः मानव शरीर में विभिन्न क्रियाओं के संचालन के लिए सोडियम की उचित मात्रा का होना बहुत जरूरी है। मानव शरीर में सोडियम स्तर बहुत कम या बहुत अधिक होने पर किडनी (kidneys) सोडियम की सांद्रता को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। किडनी सोडियम स्तर कम होने पर इससे स्टोर करके रखता है एवं स्तर अधिक होने पर सोडियम को मूत्र में उत्सर्जित कर देती है।
(और पढ़े – शरीर में बढ़े सोडियम को कुछ इस तरह करें कम…)
खाद्य एवं औषधि संस्थान प्रति दिन 2300 मिलीग्राम (2.3 Grams) से कम सोडियम का सेवन करने की सिफारिश करते है। कुछ संस्थाओं द्वारा 1500 मिलीग्राम (1.5 Gram) सोडियम सेवन की अनुशंसा की जाती है।
14 वर्ष की आयु के बच्चों और वयस्कों को प्रति दिन 2300 मिलीग्राम (2.3 Grams) से कम सोडियम का उपभोग करना चाहिए। तथा 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को सोडियम की कम मात्रा उपभोग की जानी चाहिए। 2300 मिलीग्राम (2.3 Grams) सुरक्षित ऊपरी सीमा है, इससे अधिक मात्रा नुकसानदायक हो सकती है। पसीने के माध्यम से सोडियम को कम बहार करने वाले व्यक्तियों को प्रति दिन कम से कम 1500 (1.5 Gram) मिलीग्राम की आवश्यकता होती है।
(और पढ़े – काला नमक खाना सेहत के लिए होता है लाभकारी…)
शरीर को सोडियम की पूर्ति आहार के रूप में की जाती है नमक सोडियम का सबसे अच्छा और प्राकृतिक स्रोत है।
इसके अलावा फलों में सोडियम के सबसे अच्छे स्रोतों के रूप में – अंगूर (Grapes), केला, बेर, खरबूजा (melons) तथा तरबूज (watermelons) प्रमुख है।
दूध डेयरी उत्पाद जैसे – दूध , दही (curd), पनीर और मावा से भी सोडियम की कुछ मात्रा प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा चुकन्दर, गाजर, पालक, अण्डे तथा अनाजों में भी सोडियम की अल्प मात्रा में पाया जाता है।
(और पढ़े – चुकंदर खाने के फायदे और स्वास्थ्य लाभ…)
सोडियम तरल पदार्थ संरक्षण, मांसपेशी संकुचन, तंत्रिका कार्यों में समर्थन, osmoregulation और एंजाइम प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एड्रेनल (adrenal) अपर्याप्तता, सनस्ट्रोक (sunstroke), और अत्यधिक पसीने के दौरान पर्याप्त सोडियम महत्वपूर्ण है।
मस्तिष्क, शरीर के सोडियम (sodium) स्तर में बदलाव के प्रति बहुत संवेदनशील होता है; शरीर में सोडियम की कमी अकसर भ्रम और आलस्य के रूप में प्रकट होती है। सोडियम की उचित मात्रा दिमाग को तेज रखने में सहायता करती है। यह मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि यह मस्तिष्क कार्य को बेहतर बनाने के लिए काम करता है।
(और पढ़े – मानसिक रोग के लक्षण, कारण, उपचार, इलाज, और बचाव…)
सोडियम पेशाब सम्बन्धी कैल्शियम (Ca) में सुधार करता है जिससे हड्डी को कम नुकसान और उनके पुनर्निर्माण में में सहायता मिलती है।
(और पढ़े – कैल्शियम की कमी के लक्षण और इलाज…)
बहुत सी उम्र बढ़ने वाले क्रीम (anti-aging creams) में सोडियम एक महत्वपूर्ण हाइड्रेटिंग (hydrating) उत्पाद है। यह उम्र को तेजी से बढ़ाने वाले मुक्त कणों (free radicals) से रक्षा करता है। इसके अलावा यह स्वस्थ और युवा त्वचा को पुनःस्थापित करने में मदद करता है।
(और पढ़े – शरीर को खूबसूरत बनाने के लिए सी-साल्ट से बने स्क्रब का करें इस्तेमाल…)
सनस्ट्रोक (Sunstroke) मानव शरीर में गर्मी की नियंत्रण प्रणाली में विफलता के कारण होता है। यह बहुत उच्च तापमान के लगातार संपर्क में रहने के कारण होता है। शरीर में नमक (सोडियम) और पानी की कमी के कारण यह स्थिति अधिक प्रभावित करती है। पानी के अलावा, नमक और चीनी युक्त तरल पदार्थ पीने से सनस्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। नमक को भी अधिक राहत प्रदान करने के लिए कच्चे मैंगो के रस के साथ मिश्रित किया जा सकता है। सनस्ट्रोक (Sunstroke) के मामले में सोडियम का उचित स्तर और द्रव संतुलन बहुत महत्वपूर्ण हैं।
(और पढ़े – सूरज की धूप लेने के फायदे और नुकसान…)
सोडियम मानव शरीर में तरल स्तर को नियंत्रित करने में मदद करने वाले सभी खनिजों में से एक महत्वपूर्ण खनिज है। सोडियम और पानी का संतुलन आपस में बहुत निकटता से संबंध रखता हैं। सोडियम पंप इस कार्य के लिए जिम्मेदार होता है। सोडियम शरीर की कोशिकाओं में तरल पदार्थ के नियंत्रण के कारण, मानव शरीर में परासरण दबाव (osmotic pressure) को संतुलित करके रखता है।
(और पढ़े – क्या आप जानतें है आपको रोज कितना पानी पीना चाहिए…)
दांत को सड़ने से बचाने और दांतों को साफ रखने तथा मुँह की गंध को दूर करने के लिए सोडियम का उपयोग किया जा सकता है। सोडियम दांत और मुंह को साफ करने के लिए एक बहुत अच्छा मध्यम है। सोडियम नमक सामग्री मुंह और दांतों की सफाई में मदद करती है। सागर नमक (Sea salt) या साधारण नमक (common salt) को दांतों की सफाई के लिए सामान्य टूथपेस्ट के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
(और पढ़े – दांतों की स्केलिंग (टीथ स्केलिंग) के फायदे और नुकसान…)
दिल के सामान्य संकुचन या दिल की सामान्य क्रिया को बनाए रखने में सोडियम मदद कर सकता है। यह मानव शरीर के रक्तचाप को भी नियंत्रित रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन आहार के रूप में अतिरिक्त सोडियम मात्रा का सेवन करने से उच्च रक्तचाप होता है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो सकती है। जो अत्यधिक दबाव दिल की विफलता या हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
(और पढ़े – जानिए उच्च रक्तचाप के बारे में सब कुछ…)
शरीर में एसिड-बेस क्षारीय फॉस्फेट (alkali phosphates) के अनुपात को बदलकर, सोडियम किडनी की क्रिया और पेशाब की सामग्री को नियंत्रित करता है।
(और पढ़े – किडनी फंक्शन टेस्ट क्या है, कीमत और कैसे होता है…)
शरीर में जमा होने वाली कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की अतिरिक्त मात्रा को हटाने में सोडियम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सोडियम, कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज का अवशोषण करने में मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर के कोशिका झिल्ली में पोषक तत्वों का आसान परिवहन होता है।
सोडियम की कम मात्रा इंसुलिन प्रतिरोध में वृद्धि के लिए सहायक होती है। इंसुलिन प्रतिरोध तब होता है जब शरीर की कोशिकाएं, हार्मोन इंसुलिन (hormone insulin) के प्रति अच्छी तरह से प्रतिक्रिया नहीं करती हैं, इससे इंसुलिन और रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।
इंसुलिन प्रतिरोध को मधुमेह और हृदय रोग सहित कई गंभीर बीमारियों का एक प्रमुख कारण माना जाता है। कम सोडियम के आहार का सेवन लगातार 7 दिनों तक करने से इंसुलिन प्रतिरोध में वृद्धि हो जाती है।
(और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय…)
सोडियम की मात्रा में कमी से रक्तचाप में भी कमी हो सकता है। रक्तचाप अनेक बीमारी के जोखिमों को बढ़ा सकता है।
कई अध्ययनों से पता चला है कि सोडियम की कम मात्रा दिल के दौरे, स्ट्रोक (strokes) और मृत्यु के जोखिम का कारण बन सकती है।
इसके अतिरिक्त सोडियम की उच्च मात्रा (प्रति दिन 3,000 मिलीग्राम या 3.0 ग्राम या इससे अधिक) दिल की बीमारी से होने वाली मृत्यु का कारण बनती है, जिसमें दिल के दौरे (heart attacks) और स्ट्रोक (strokes) शामिल हैं।
(और पढ़े – कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर…)
अध्ययनों से ज्ञात है कि कम सोडियम आहार का सेवन,एलडीएल (Low-density lipoprotein) कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स (Triglyceride) के स्तरों में वृद्धि करने के साथ-साथ हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
(और पढ़े – कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए भारतीय घरेलू उपाय और तरीके…)
मधुमेह रोग में दिल के दौरे (heart attacks) और स्ट्रोक (strokes) आने के खतरे बढ़ जाते है। इसलिए, मधुमेह के रोगियों के लिए नमक सेवन सीमित मात्रा में करने की सलाह दी जाती है।
हालांकि, कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि सोडियम का कम स्तर, मधुमेह के व्यक्तियों में मृत्यु के जोखिम बढ़ा देता है।
(और पढ़े – मधुमेह को कम करने वाले आहार…)
हाइपोनैट्रीमिया (Hyponatremia) रक्त में सोडियम के निम्न स्तर से सम्बंधित है। निर्जलीकरण इसके लक्षणों का प्रमुख कारण है। इसके गंभीर मामलों में मस्तिष्क में सूजन, सिरदर्द, दौरे, कोमा और यहां तक कि मृत्यु तक हो सकती है।
यह बीमारी ज्यादातर पुराने वयस्कों को अधिक प्रभावित करती है क्योंकि ज्यादातर मामलों में इनके रक्त में सोडियम के स्तर कम पाए जाते है।
(और पढ़े – डिहाइड्रेशन से बचने के घरेलू उपाय, जानलेंगें तो कभी नहीं होगी पानी की कमी…)
एक अध्ययन में पाया गया कि महिलाओं और पुरुषों दोनों में पेट कैंसर से होने वाली मौत और सोडियम की खपत में वृद्धि के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है। सोडियम के उच्च स्तर कैंसर के खतरे को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, पेट के अल्सर भी उच्च सोडियम सेवन से सम्बंधित होते हैं।
(और पढ़े – कोलोरेक्टल कैंसर (कोलन कैंसर) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव…)
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…