Spirulina in Hindi: यह आपके लिए कुछ अजीब सा हो सकता है, लेकिन यकीन मानिये आपके लिए स्पिरुलिना बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। स्पिरुलिना नीले-हरे शैवाल हैं जो गर्म क्षारीय पानी या गर्म जलवायु में उगता है। सुपरफ़ूड के नाम से मशहूर स्पिरुलिना झीलों और प्राकृतिक झरनों आदि में पाया जाता है।
अत्यधिक पोषक तत्वों और स्वास्थ्य लाभों के कारण स्पिरुलिना को दुनिया भर में खाद्य आहार के रूप में उपयोग किया जाता है। इसे सूखे पाउडर या गोलियों के रूप में उपयोग किया जाता है।
स्पिरुलिना के फायदे एचआईवी, कैंसर, रक्तचाप, स्ट्रोक आदि गंभीर समस्याओं के लिए लाभदायक होते हैं। आइये स्पिरुलिना के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानते है।
खाने योग्य शैवाल स्पिरुलिना एक साइनोबैक्टीरीया (Cyanobacteria) बायोमास का प्रतिनिधित्व करता है। जिसे मनुष्यों और अन्य जानवरों द्वारा खाया जा सकता है। इस शैवाल की दो प्रजातियां आर्थ्रोस्पिरा प्लैटेंसिस और आर्थ्रोस्पाइरा मैक्सिमा हैं। यह एक मात्र ऐसी शैवाल है जो कि पानी की सतह में होती है।
स्पिरुलिना में गहरा नीला-हरा रंग होता है। यह एक सर्पिल के आकार का शैवाल है। इसका विशेष रंग इसमें मौजूद वर्णक फाइकोसाइनिन (Phycocyanin) के कारण होता है। फाइकोसाइनिन स्पिरुलिना के विभिन्न स्वास्थ्य लाभों का प्रमुख कारण होता है। इसमें बहुत से एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। आइए जाने स्पिरुलिना के पोषक तत्वों के बारे में।
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स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने वाले स्पिरुलिना में पोषक तत्व बहुत अधिक मात्रा में होते हैं, जिसके कारण इसे विशेष खाद्य पदार्थों की श्रेणी में रखा जाता है। 100 ग्राम स्पिरुलिना का सेवन करने 290 कैलोरी और अन्य आवश्यक पोषक तत्व जैसे विटामिन ए, बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन जेएक्सैंथिन, थियामिन, रिबोफाल्विन, नियासिन, पैंटोथेनिक एसिड, विटामिन बी6, विटामिन डी आदि की अच्छी मात्रा होती है।
इनके अलावा स्पिरुलिना में विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थ जैसे आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, फॉस्फोरस, सोडियम, पोटेशियम आदि भी अच्छी मात्रा में होते हैं। आइए जाने हमारे स्वास्थ्य के लिए स्पिरुलिना के फायदे क्या हैं।
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हर किसी व्यक्ति द्वारा सभी प्रकार के पौष्टिक आहारों को प्राप्त करना मुश्किल होता है। आपको अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्वों को प्राप्त करने के लिए कई प्रकार के आहारों का उपयोग करना पड़ता है। लेकिन प्रकृति ने हमें कुछ ऐसे भी विकल्प दिये हैं, जिनका उपभोग करने से अधिकतर पोषक तत्वों की प्राप्ति की जा सकती है।
स्पिरुलिना भी इसी प्रकार का एक विशेष खाद्य है। जिसका नियमित सेवन कर महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में मदद मिलती है। इस लेख में स्पिरुलिना के स्वास्थ्य लाभों की जानकारी दी जा रही है, जिन्हें उपयोग कर आप भी अपने स्वास्थ्य (Health) को बढ़ावा दे सकते हैं।
प्रोटीन युक्त और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन करने से शरीर में मौजूद वसा को कम किया जा सकता है। अतिरिक्त वसा आपके शरीर में वजन बढ़ने का प्रमुख कारण होता है। इसके लिए आप स्पिरुलिना का सेवन कर सकते हैं।
स्पिरुलिना में फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं जो आपकी पाचन प्रक्रिया को मजबूत करते हैं। फाइबर (Fiber) की अच्छी मात्रा आपकी भूख को भी नियंत्रित करती है जो भूख रोकने में सहायक होते हैं। आप अपने वजन को कम करने के लिए 1 चम्मच स्पिरुलिना पाउडर का प्रतिदिन सेवन करें। यह आपके चयापचय (Metabolism) को गति देने के साथ-साथ आपके वजन को भी कम करने में मदद करता है।
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एचआईवी को एक लाइलाज बीमारी माना जाता है। लेकिन कुछ वैज्ञानिक यह जांच करने में लगे हुए हैं कि जापान और कोरिया जैसे देशों में इस बीमारी का प्रतिशत बहुत कम क्यों है। 2012 में हुए एक अध्ययन ने खुलासा किया है कि संभवत: इन देश के लोगों द्वारा द्वारा स्पिरुलिना का नियमित सेवन किया जाता है जिसके कारण एचआईवी की संभावनाओं में कमी आती है।
शोधकर्ताओं ने कुछ एचआई ग्रसित लोगों में अध्ययन किया। जिसमें रोगीयों को उन्हें नियमित रूप से प्रतिदिन 5 ग्राम स्पिरुलिना शैवाल का सेवन कराया गया। 3 माह तक सेवन करने पर पाया गया कि यह सफेद रक्त कोशिकाओं (White blood cells) को बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन इसने एचआईवी के प्रभाव को कम नहीं किया। लेकिन विशेष बात यह है कि इसका उपयोग करे के दौरान एचआईवी के प्रभाव को स्थिर रखा। यह परिणाम आशाजनक हैं। इसलिए स्पिरुलिना एक प्राकृतिक एचआईवी उपचार के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
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शरीर में आर्सेनिक विषाक्तता दुनिया भर की समस्या है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत, बांग्लादेश और ताइवान समेत बहुत से देश इस समस्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां के लोग पीने के पानी के साथ आर्सेनिक के उच्च स्तर का उपभोग करते हैं।
आर्सेनिक लोगों के स्वास्थ्य में प्रतिकूल प्रभाव डालता है। जिससे प्रारंभ में पेट दर्द, उल्टी, मतली, गंभीर दस्त (Diarrhea) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन इस प्रकार की समस्या से बचने के लिए स्पिरुलिना के साथ जस्ता का सेवन किया जा सकता है।
इनका सेवन करने से रोगीयों के शरीर मे आर्सेनिक (Arsenic) की 47 प्रतिशत मात्रा में कमी होती है। स्पिरुलिना में क्लोरोफिल भी अच्छी मात्रा में होता है जो कि प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है और रक्त से विषाक्तता को हटाने में सहायक होता है।
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फिकोसाइनिन की मौजूदगी के कारण वैज्ञानिकों ने पाया कि स्पिरुलिना में एंटीहाइपेर्टेन्सिव प्रभाव होते हैं। एंटीहाइपेर्टेनिसव प्रभाव शरीर में रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि स्पिरुलिना का नियमित सेवन करने से मेटाबोलिक सिंड्रोम में एंडोथेलियल डिसफंक्शन (endothelial dysfunction) को उलट दिया जाता है।
इस तरह से यह उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। जिससे हृदय रोग (heart disease), मधुमेह और स्ट्रोक आदि की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
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व्यायाम करने के कारण हुई ऑक्सीडेटिव क्षति मांसपेशी थकान का एक प्रमुख कारण होती है। कुछ पौधे के खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो एथलीटों और शारीरिक रूप से सक्रिय व्यक्तियों को इस नुकसान को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन संकेतों से बचने में स्पाइरुलिना फायदेमंद साबित होता है, स्पिरुलिना को लेकर हुए कुछ अध्ययनों में मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति में सुधार देखा गया है।
एथलीटों में एक और अध्ययन में पाया गया कि स्पिरुलिना पूरक ने मांसपेशियों की ताकत बढ़ा दी है, लेकिन धीरज (endurance)पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा था।
इस प्रकार कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि स्पिरुलिना पूरक सहनशक्ति को बढ़ा सकता है, और एक अध्ययन से पता चलता है कि यह मांसपेशियों की शक्ति को भी बढ़ा सकता है।
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जिगर की पुरानी बीमारी वाले रोगीयों के लिए स्पिरुलिना (Spirulina) बहुत ही फायदेमंद होती है। क्योंकि अध्ययनों से पता चलता है कि यह यकृत सिरोसिस, यकृत क्षति और लिवर की विफलता के विरुध सुरक्षा दिलाने में मदद करती है। वैज्ञानिकों के अनुसार स्पिरुलिना लिवर को स्वस्थ्य रखने के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। यह फ्री रेडिकल्स को खत्म करके यकृत क्षति (Liver damage) को रोकने में मदद करता है।
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कुछ पशु अध्ययनों से पता चलता है कि स्पिरुलिना का नियमित सेवन करने से रक्त शर्करा के स्तर को कम किया जा सकता है। स्पिरुलिना का सेवन करने से यह मेटफॉर्मिन जैसी कुछ सामान्य मधुमेह दवाओं से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। टाइप 2 मधुमेह वाले रोगियों को नियमित रूप से 2 ग्राम स्पिरुलिना का सेवन लगभग 2 माह तक करना चाहिए।
ऐसा करने से उनके शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। नियमित सेवन करने से स्पिरुलिना सीरम ट्राइग्लिसराइड्स और कुल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करने में सहायक होता है।
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खून की कमी जिसे एनीमिया के नाम से जाना जाता है के कई अलग-अलग रूप होते हैं। जिसमे सबसे आम रक्त में हीमोग्लोबिन या लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से होता है। बुजुर्गों में एनीमिया काफी आम है, जिससे कमजोरी और थकान की भावनाएं होती हैं।
एनीमिया वाले 40 वृद्ध लोगों के एक अध्ययन में, स्पिरुलिना पूरक लेने से लाल रक्त कोशिकाओं की हीमोग्लोबिन में वृद्धि की है। और प्रतिरक्षा में भी सुधार हुआ था। हालांकि, यह केवल एक अध्ययन है, और इसपर अभी अधिक शोध की आवश्यकता है।
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कई पशू अध्ययनों से पता चला है कि स्पिरुलिना शरीर में एंटीबॉडी (Antibody), संक्रमण से लड़ने वाले प्रोटीन और अन्य कोशिकाओं के उत्पादन में वृद्धि करता है। इस तरह से यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ा सकता है। जिसके कारण विभिन्न प्रकार के संक्रमण और कैंसर जैसी समस्याओं से बचने में मदद मिलती है।
कुछ अध्ययन यह भी बताते हैं स्पिरुलिन में टिटाप्रिरोलिक यौगिक भी उपस्थित रहता है। यह बिलीरुबिन अणु से संबंधित है जो कि एक एंटीऑक्सीडेंट और एंटीप्रोलिफेरेटिव घटक की तरह कार्य करते हैं। अध्ययनों से इस बात की पुष्टि होती है कि नियमित आहार में स्पिरुलिना को शामिल करने से विभिन्न प्रकार के कैंसर के विकास को रोका जा सकता है।
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आप अपनी शारीरिक ऊर्जा (Physical energy) को बढ़ाने के लिए स्पिरुलिना का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमे पाए जाने वाले पोषक तत्व आपकी ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करते हैं। 12 औंस (लगभग 336 ग्राम) नींबू के रस में एक चम्मच स्पिरुलिना पाउडर को मिलाएं। इस मिश्रण को बर्फ ट्रे में रखकर फ्रिज में ठंड़ा करें। इन आइस क्यूब का नियिमत उपभोग करना चाहिए। क्योंकि यह आपके शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा को बढ़ा सकता है।
जानकारों के अनुसार स्पिरुलिना और नींबू (Spirulina and lemon) ऊर्जा प्रदर्शन को बढ़ाते हैं क्योंकि वे हमारी कोशिकाओं से चीनी को अनलॉक करते हैं और हमारे चयापचय को बढ़ाते हैं।
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औषधीय गुणों से भरपूर स्पिरुलिना का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है। लेकिन इसका उपयोग करते समय इसके प्रदूषण मुक्त होने की पुष्टि जरूर करें। प्रदूषित स्पिरुलिना निम्न समस्याओं का कारण बन सकती है।
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Reference
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