घरेलू उपाय

ऐसे दूर रहें वायरल फीवर से – stay away from viral fever in hindi

viral fever in hindi वायरल फीवर हर मोसम में होता है परन्तु जब एक मोसम से दुसरे मोसम में ऋतू परिवर्तन होता है तब लोगों को सबसे ज्यादा वायरल बुखार के कारण परेशान रहते है, ये कई तरह के संक्रमण की वजह से होता है। वायरल का फीवर हमारे इम्यून सिस्टम पर अटैक करता है और उसे कमजोर कर देता है, जिसकी वजह से शरीर में इंफेक्शन बहुत तेजी से बढ़ता है. ये एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंच जाता है। खासकर बच्चो को इसका खतरा जादा रहता है इसलिए आप वायरल फीवर से बचने के लिए बताये जा रहे उपायों को आजमा सकते है डॉक्टर के अनुसार इस बुखार से निपटने के लिये कुछ एंटीबायोटिक दवाओं या कुछ ओवर-द-काउंटर (Over-the-counter) दवा का सहारा लिया जाता है

वायरल फीवर के लक्षणSymptoms of viral fever in Hindi

Viral fever के दौरान आमतौर पर निम्न लक्षण होते हैं –

जैसे समस्याएं होने लगती है। वायरल होने से कुछ खास लक्षण दिखते हैं। हां इस बात का भी ध्यान रखें, कि बड़े के साथ-साथ ये वायरल फीवर बच्चों में भी तेजी से फैलता है। इसलिये जब किसी को वायरल हो तो उनके पास बच्चों को ना जानें दे।

आयुर्वेद विशेषज्ञ बताते हैं कि वायरल के दौरान सही खान-पान से आप ना सिर्फ इम्यून सिस्टम ठीक रखते हैं, बल्कि वायरल से भी खुद को दूर रख सकते हैं, अगर बुखार 102 या फिर उससे कम हो, तो कुछ घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैं। हां इस बात का ध्यान रखे कि ये नेचुरोपैथी के उपचार हैं, इन्हें डॉक्टरी सलाह के स्थान पर प्रयोग नहीं करना चाहिए |

वायरल फीवर का घरेलू नुस्खे – Home remedies for viral fever in Hindi

वायरल फीवर का प्राकृतिक इलाज है तुलसी का काढ़ा – cure of viral fever is basil in Hindi

Viral fever वायरल बुखार के लक्षण होने पर प्राकृतिक उपचार के लिए सबसे प्रभावी और व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली औषधि है तुलसी के पत्ते। एक चम्मच लौंग पाउडर को करीब 20 ताजा और साफ तुलसी के पत्तों के साथ एक लीटर पानी में डालकर उबाल लें। इस काढ़े का हर दो घंटे में सेवन करें। बैक्टीरियल विरोधी, कीटाणुनाशक, जैविक विरोधी और कवकनाशी गुण तुलसी को वायरल बुखार के लिए सबसे उत्तम बनाते हैं।

(और पढ़े – तुलसी के फायदे और नुकसान)

अदरक, हल्दी और शहद बचाएं वायरल फीवर से – ginger, turmeric and honey for viral fever in Hindi

वायरल बुखार से पीड़ित लोगों को परेशानी दूर करने के लिए शहद के साथ सूखे अदरक और हल्दी का उपयोग करना चाहिए। अदरक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। इसमें एंटी फ्लेमेबल, एंटीऑक्सिडेंट और वायरल बुखार के लक्षणों को कम करने के गुण होते हैं। पानी में दो मध्यम आकार के सूखे टुकड़े अदरक या सौंठ पाउडर को डालकर उबालें। दूसरे उबाल में अदरक के साथ थोड़ी हल्दी, काली मिर्च, चीनी आदि को उबालें। इसे दिन में चार बार थोड़ा-थोड़ा पिएं। इससे वायरल बुखार में आराम मिलता है।

(और पढ़े – अदरक के फायदे, औषधीय गुण, उपयोग)

धनिये की चाय के लाभ वायरल फीवर में – Benefits of Coriander Tea in Viral Fever in Hindi

धनिये के बीज शरीर को विटामिन देते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ाते हैं। धनिये में मौजूद एंटीबायोटिक यौगिक वायरल संक्रमण से लड़ने की शक्ति देते हैं। इसके लिए पानी में एक बड़ा चम्मच धनिये के बीज डालकर उबाल लें। इसके बाद इसमें थोड़ा दूध और चीनी मिलाएं। इसे पीने से वायरल बुखार में बहुत आराम मिलता है।

(और पढ़े – धनिये का जूस लीवर और किडनी करेगा साफ रहेंगीं बीमारियाँ दूर)

वायरल फीवर दूर करेगा चावल का माढ़ – Viral fever will remove the rice water in Hindi

वायरल बुखार के इलाज के लिए प्राचीन काल से लोकप्रिय घरेलू उपाय है चावल स्टार्च या माढ़। यह पारंपरिक उपाय प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा देता है। यह विशेष रूप से वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों और बड़े लोगों के लिए एक प्राकृतिक पौष्टिक पेय के रूप में कार्य करता है। इसमें स्वादानुसार नमक मिलाकर गर्म-गर्म ही पिएं।

मेथी का पानी है वायरल बुखार की औषधि – Water of fenugreek is the medicine of viral fever in Hindi

रसोई में उपलब्ध मेथी के बीज में डायेसजेनिन, सपोनिन्स और एल्कलॉइड जैसे औषधीय गुण शामिल है। वायरल बुखार के इलाज के लिए नियमित अंतराल पर इस पेय को पिएं। मेथी के बीज, नींबू और शहद का मिश्रण तैयार कर उसका प्रयोग भी किया जा सकता है। मेथी के बीजों का प्रयोग अन्य बहुत सी बीमारियों के इलाज में किया जाता है और यह वायरल बुखार के लिए बेहतर औषधि है।

(और पढ़े – मेथी के फायदे और नुकसान)

नींबू और शहद वायरल फीवर कम करने के लिए – Lemon and honey to reduce viral fever in Hindi

नीबू का रस और शहद वायरल फीवर को कम करते हैं। शहद और नीबू के रस का सेवन भी कर सकते हैं।

(और पढ़े – शहद के फायदे उपयोग स्वास्थ्य लाभ और नुकसान)

सावधानियां

  • मरीज के शरीर पर नॉर्मल पानी की पट्टियां रखें, ये पट्टियां तब तक रखते रहे, जब तक उनके शरीर का तापमान कम ना हो जाए।
  • मरीज को हर 6 घंटे में पैरासिटामोल की एक गोली दे सकते हैं, इसके अलावा दूसरी कोई गोली बिना डॉक्टर से सलाह लिये ना दें।
  • अगर बुखार ना उतर रहा हो, और दो दिन से ज्यादा समय बीत चुका हो, तो तुरंत मरीज को डॉक्टर के पास ले जाएं।
  • मरीज को पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट का सेवन करवाएं।
Diksha

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