Stress in working women in Hindi आज के समय में तनाव और डिप्रेशन होना एक आम बात है। वैसे तो तनाव हर व्यक्ति को होता है लेकिन कामकाजी महिलाएं तनाव से अधिक ग्रसित होती हैं। माना जाता है कि पुरुषों की अपेक्षा कामकाजी महिलाओं के ऊपर दोहरी जिम्मेदारी होती है। उन्हें ऑफिस के काम के अलावा घर के काम भी करने होते हैं और मां बनने के बाद उनकी जिम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है जिसके कारण घर और ऑफिस के बीच तालमेल बिठाने में काफी परेशानी होती है। इस स्थिति में तनाव होना लाजमी है। इस लेख में कामकाजी महिलाओं में तनाव के कारण, लक्षण और इससे बचने के उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
1. कामकाजी महिलाओं में तनाव के कारण – Causes of stress in working women in Hindi
2. कामकाजी महिलाओं में तनाव के लक्षण – Symptoms of stress in working women in Hindi
3. कामकाजी महिलाओं में तनाव दूर करने के उपाय – Tips to reduce stress in working women in Hindi
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आमतौर पर कामकाजी महिलाओं में तनाव होने पर कई गंभीर लक्षण दिखायी देते हैं जिससे यह बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है कि महिला को काम के कारण तनाव है।
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माना जाता है कि किसी भी तरह के तनाव को दूर करने के लिए एक संतुलित जीवनशैली की जरूरत होती है। आइये जानते हैं कामकाजी महिलाओं में तनाव दूर करने के उपाय क्या हैं।
अगर आप एक कामकाजी महिला हैं तो तनाव से बचने के लिए अपना दिन सही तरीके से शुरू करें। आपके ऑफिस और बच्चे के स्कूल का समय एक ही हो तो उसे स्कूल छोड़ते हुए ऑफिस जाएं। सुबह उठने के बाद चाहे आप जितनी भी जल्दी में हों लेकिन एक हेल्दी ब्रेकफास्ट लेने के बाद ही बाकी काम करें। सकारात्मक नजरिया रखें और घबराने की बजाय यह सोचें कि यह रोज का काम है। इससे आपको ऊर्जा मिलेगी और आप एक्टिव होकर अपना काम बेहतर तरीके से करेंगी और तनाव से बच जाएंगी।
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ऑफिस का काम सही तरीके से न हो पाने के कारण भी कामकाजी महिलाओं को तनाव होता है। इससे बचने के लिए आप जिस जगह काम करती हैं वहां कि आवश्यकताओं को समझें और उसी के हिसाब से काम करें। अपने बॉस या सुपरवाइजर से अपने काम के बारे में बात करती रहें और उनकी सलाह लेती रहें। एक बात याद रखें कि आप जो भी काम कर रही हों, उससे आपको संतुष्टि मिलनी चाहिए। यदि आप अपने काम से संतुष्ट हैं तो आपको आत्मविश्वास आएगा और तनाव नहीं होगा।
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चूंकि हम सभी जानते हैं कि ऑफिस में राजनीति ज्यादा होती है। इसलिए इससे बचने की कोशिश करें। अपने सहकर्मी की शिकायत किसी से न करें और अगर दो चार लोग खड़े होकर किसी की बुराई कर रहे हों तो आप उसमें शामिल न होएं। किसी के बारे में या किसी धर्म या राजनीति के बारे में अपने निजी विचार बहुत ज्यादा न साझा करें। वास्तव में इन सभी चीजों से ऑफिस का माहौल खराब होता है। इसे नजरअंदाज करके कामकाजी नारी तनाव से बच सकती हैं।
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अगर आप घर और ऑफिस दोनों संभालती हैं लेकिन दोनों के बीच तालमेल नहीं बिठा पा रही हैं तो अपने पति का सहयोग लें। पति को बताएं कि आप उनके सहयोग के बिना आगे नहीं बढ़ सकती हैं। संभव हो तो घर और किचन के कामों, शिशु की देखभाल, बच्चे को स्कूल छोड़ने जैसे कामों में अपने पति की सहायता लें। इससे आपको घर और ऑफिस के काम थोड़े इत्मिनान से करने का मौका मिलेगा और बेवजह का तनाव नहीं होगा।
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सही तरीके से नींद न लेने का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। यदि आप कामकाजी महिला हैं तो आप रात में अच्छी नींद लें अन्यथा सुबह ऑफिस जाने के बाद आपका मूड स्विंग हो सकता है और आपको बेवजह का तनाव भी हो सकता है। रात को जब बेडरूम में सोने जाएं तो ऑफिस का सारा तनाव कमरे के बाहर छोड़कर जाएं। रात में सोने से पहले पति से ऑफिस की बातें न करें। संभव हो तो ऑफिस का काम घर पर न करें, देर रात तक जगकर मेल चेक न करें। इन छोटी छोटी बातों का ध्यान रखकर आप काम के तनाव से बच सकती हैं।
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अक्सर यह देखा जाता है कि घर और ऑफिस दोनों जगह काम के बोझ से दबी महिलाएं अपनी फिटनेस पर ध्यान नहीं देती हैं और वे खुद को फिट रखने के लिए न तो एक्सरसाइज के लिए समय ही निकाल पाती हैं और न इसके बारे में सोचती हैं। इसके अलावा उन्हें ऑफिस में भी कई घंटे लगातार बैठकर काम करना पड़ता है जिसके कारण उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों प्रभावित होता है। इसलिए कामकाजी महिलाओं के लिए बेहतर यह है कि वे तनाव से बचने के लिए अपनी व्यस्त दिनचर्या से अपने लिए समय निकालें और मेडिटेशन, योग और एक्सरसाइज जरूर करें ताकि उन्हें मानसिक तनाव न हो।
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