Diabetes home remedies in Hindi शुगर कम करने में घरेलू उपाय बहुत ही लाभदायक होते है। मधुमेह भारत में एक व्यापक और लगातार होने वाली समस्या है, जिसके कारण भारत को मधुमेह की विश्व राजधानी (world capital of diabetes) कहा जाता है। सामान्य तौर पर, डायबिटीज के दो मुख्य प्रकार हैं – टाइप 1 डायबिटीज (type 1 diabetes) जिसमें शरीर इंसुलिन का उत्पादन बिल्कुल नहीं करता है और टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) जिसमें शरीर पर्याप्त इंसुलिन पैदा नहीं करता है या जो इंसुलिन पैदा होता है वह हमारे खून से चीनी को अवशोषित करने के लिए ठीक से काम नहीं करता है।
डायबिटीज से आज लगभग 62 मिलियन से भी अधिक भारतीय प्रभावित है। यह हार्मोनल विकार हृदय संबंधी बीमारियों (heart diseases), स्ट्रोक (strokes), गुर्दे की विफलता (kidney failure), यकृत की क्षति (liver damage) और मोतियाबिंद (cataract) के अलावा अन्य कम गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। शुगर की बीमारी तेजी से आम हो रही है और जीवन के लिए खतरा बनती जा रही है, कुछ साधारण जीवनशैली में बदलाव कर आप मधुमेह को अपने जीवन में आने से रोक सकते हैं। और मधुमेह को ठीक करने के लिए घरेलू उपचार सबसे अच्छा उपाय है। इन उपायों में करेला, दालचीनी, मेथी, आंवला, जामुन, जैसी जड़ी-बूटियाँ और मसाले आदि शामिल हैं।
जब किसी व्यक्ति को मधुमेह होता है तो उसका शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या यह इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर सकता है इसलिए रक्त में ग्लूकोज जमा हो जाता है। रक्त शर्करा का उच्च स्तर थकावट से लेकर हृदय रोग तक कई लक्षणों का कारण बन सकता है। ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्यप्रद आहार खाना एक अच्छा तरीका है। आम तौर पर वह खाद्य पदार्थ और पेय जो शरीर से धीरे-धीरे शुगर को अवशोषित करता है, सबसे अच्छा होता है क्योंकि वे रक्त शर्करा में अचानक बढ़ोत्री (spikes) और गिरावट (dips) का कारण नहीं बनते हैं। आइये शुगर कम करने के घरेलू उपाय को विस्तार से जानते है।
विषय सूची
शुगर को कम करने के लिए यहाँ पर कुछ प्राकृतिक और आयुर्वेदिक घरेलू उपचार दिए जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपने शर्करा के स्तर को स्वाभाविक रूप से नियंत्रित रख सकते हैं।
करेला शुगर को कम करने का अच्छा घरेलू उपाय है। करेला में प्लांट इंसुलिन-पॉलीपेप्टाइड-पी (plant insulin-polypeptide-P) से भरपूर होता है यह हाइपरग्लाइसेमिया (hyperglycemia) शर्करा के स्तर में वृद्धि को कम करने की क्षमता रखता है। करेले में दो अति आवश्यक यौगिक होते हैं जिन्हें कैरेटिन (charatin) और मोमोर्डिसिन (momordicin) कहा जाता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण यौगिक हैं। शुगर कम करने के लिए करेले का उपयोग करने के लिए सप्ताह में एक बार करेला का सेवन सब्ज़ी या करी के रूप में करें। इसके अलावा आप करेले के टुकड़े काटें और बीज निकालने के बाद एक ब्लेंडर में कटा हुआ करेला रखें और रस बनने तक चलाएं। इस रस का एक छोटा गिलास रोज सुबह खाली पेट पिएं। इससे आप अपना शुगर कंट्रोल में रख पाएंगे।
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आम के पत्ते शरीर में शुगर की मात्रा को कम करने में आपकी मदद करते हैं। रक्त में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करके मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए नाजुक और कोमल आम के पत्तों का उपयोग किया जा सकता है। ताजा आम के पत्ते मधुमेह के प्रबंधन और उपचार के लिए एक प्रभावी घरेलू उपाय है। पत्तियों में विटामिन सी, ए और टैनिन होते हैं, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट हैं जो मधुमेह के शुरुआती उपचार में मदद करते हैं। शुगर कम करने के लिए आम के पत्तों का प्रयोग करने के लिए इसे धोकर सुखा लें और पाउडर को पीस लें। इस चूर्ण को रोजाना सुबह और रात को पानी के साथ सेवन करें। आम के कुछ ताजा पत्तों को एक गिलास पानी में उबालें और इसे रात भर ठंडा होने के लिए छोड़ दें। सुबह खाली पेट इसका पानी पिएं।
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नीम की कड़वी पत्ती मधुमेह के लिए एक प्रभावी इलाज है जो भारत में बहुतायत से पाया जाता है। नीम बीटा कोशिकाओं में इंसुलिन रिसेप्टर संवेदनशीलता को बढ़ाती है, जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करती है और हाइपोग्लाइकेमिक दवाओं पर निर्भरता कम करती है। पाया गया है कि नीम शरीर द्वारा इंसुलिन की आवश्यकता को 60% तक कम कर देता है।
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आंवला में पाए जाने वाले औषधीय गुण शुगर को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं। आंवला विटामिन सी के सबसे मुख्य स्रोतों में से एक है और यह आपके अग्न्याशय को अच्छा इन्सुलिन उत्पादन करने में मदद करता है ताकि आपके रक्त शर्करा का स्तर संतुलित हो सके। शुगर कम करने के लिए 2-3 आंवले को ले और उनके बीज को निकाल कर बारीक पीसकर उसका रस निचोड़ लें। इस रस के लगभग 2 चम्मच को एक पानी के कप में मिलाएं और इसे रोज सुबह खाली पेट पिएं। इसके अलावा आप ब्लड शुगर कम करने के लिए एक कप करेले का रस और 1 बड़ा चम्मच आंवले का रस मिक्स करें और इसे रोज पियें। आप प्रतिदिन कच्चे आंवले का सेवन भी कर सकते हैं।
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मेथी शुगर कम करने का सबसे सरल और आसन घरेलू उपाय हैं। मेथी का उपयोग मधुमेह को नियंत्रित करने, ग्लूकोज सहनशीलता में सुधार और रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए भी किया जा सकता है क्योंकि यह फाइबर में उच्च होता है। इसे खाने से हमारा पाचन धीमा हो जाता है, जिससे ब्लड शुगर ठीक से अवशोषित हो पाता है। यह टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह दोनों को नियंत्रित करने में प्रभावी है, मेथी भारतीय रसोई में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी बूटी है जिसके कई फायदे हैं। यह मधुमेह को नियंत्रित करने, ग्लूकोज सहनशीलता में सुधार करने, रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और ग्लूकोज के पाचन के लिए इंसुलिन के स्राव को प्रोत्साहित करने में मदद करता है।
शुगर कम करने के घरेलू उपाय में मेंथी के 2 चम्मच बीज को रात भर के लिए पानी में भिगोएँ और उस पानी को रोजाना सुबह खाली पेट मेथी के बीजों के साथ पियें। इसके अलावा आप रोजाना गर्म या ठंडे पानी या दूध के साथ मेथी दाना पाउडर का सेवन करें।
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ब्लैक प्लम या जामुन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में बहुत मदद कर सकता है क्योंकि इसमें एंथोसायनिन (anthocyanins), एलेजिक एसिड (ellagic acid) और हाइड्रोसिलेबल टैनिन (hydrolysable tannins) होते हैं जो एक प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जामुन के पौधे का लगभग हर हिस्सा जैसे जामुन के पत्ते
और बीज मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए एक सुपरफूड है। अनुसंधान से पता चला है कि इस पौधे के बीजों में हाइपोग्लाइसेमिक (hypoglycemic) प्रभाव होता है, जिसका अर्थ है कि वे रक्त शर्करा और मूत्र शर्करा को तेजी से कम करते हैं, हालांकि सामान्य स्तर से नीचे नहीं। आप जामुन के फल के सूखे बीज का पाउडर बना सकते हैं और इस पाउडर को दिन में दो बार पानी के साथ खा सकते हैं।(और पढ़े – जामुन के फायदे गुण लाभ और नुकसान…)
मोरिंगा लीव्स या ड्रमस्टिक शुगर कम करने का एक असरदायक घरेलू उपचार है। मोरिंगा लीव्स को रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने और ऊर्जा को बढ़ावा देने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। मोरिंगा की पत्तियों में पोषक तत्व होते हैं जो शरीर में इंसुलिन के स्राव को बढ़ाता है। यह पत्ते भी एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध हैं और इसमें एंटी इन्फ्लामेट्री गुण होते हैं। शुगर को कम करने के लिए अपने भोजन में 50 ग्राम ताजे मोरिंगा या सहजन के पत्तों को शामिल करें। यह पत्ते आपके भोजन के स्वाद को बढ़ा देंगे साथ में रक्त शर्करा में 21% की कमी कर देगा। इसके अलावा आप इसे सलाद की तरह प्रयोग कर सकते हैं।
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सूरज की रोशनी भी शुगर को कम करने में आपकी मदद कर सकती है। हालही के वर्षों में शोधकर्ताओं ने कम विटामिन डी के स्तर को इंसुलिन प्रतिरोध और मधुमेह का कारण माना है। अध्ययन में पाया गया कि विटामिन डी शरीर में इंसुलिन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन डी का स्तर जितना कम होगा आपको टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा उतना ही अधिक होगा। शुगर को कम करने के लिए और विटामिन डी की कमी से बचने के लिए रोजाना 30 मिनट धूप में निकलें। इसके अलावा आप अपने दैनिक आहार में विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे संतरे का रस, सोया दूध, पनीर, दही और अनाज शामिल करें।
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पानी पीना शुगर को कम कर सकता है। मधुमेह वाले लोगों के लिए निर्जलीकरण का खतरा अधिक होता है। ग्लूकोज से छुटकारा पाने के लिए गुर्दे इसे मूत्र में बाहर करने की कोशिश करेंगे, लेकिन इसको पानी की आवश्यकता होती है। तो आपका रक्त शर्करा जितना अधिक होगा आपको उतने अधिक तरल पदार्थ पीने चाहिए। इसी के कारण प्यास मधुमेह के मुख्य लक्षणों में से एक है। अपने शरीर से शुगर कम करने के लिए आपको एक दिन में 2.5 लीटर पानी का सेवन करना चाहिए।
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दालचीनी मधुमेह को नियंत्रित करती है और इंसुलिन की गतिविधि को उत्तेजित करके शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करती है दालचीनी शुगर कम करने का एक अच्छा और सरल घरेलू उपाय है। दालचीनी सभी गुणों से समृद्ध और चमत्कारिक मसाला है जो कि बायोएक्टिव यौगिकों जैसे कि सिनैमिक एसिड (cinnamic acid) और सिनामाल्डिहाइड (cinnamaldehyde) से भरा हुआ हैं यह मधुमेह रोगियों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। यह मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए प्रसिद्ध है और इंसुलिन गतिविधि को ट्रिगर करके आपके शरीर में उच्च रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है।
आप एक कप गर्म पानी में आधा से एक चम्मच दालचीनी मिला सकते हैं और इसे रोजाना पी सकते हैं। आप दालचीनी को चाय, स्मूदी और बेक्ड डेसर्ट में भी जोड़ सकते हैं।
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करी पत्ते शुगर कम करने के लिए अच्छा घरेलू उपचार हो सकता है। करी पत्ते मधुमेह को रोकने और नियंत्रित करने में उपयोगी होते हैं क्योंकि वे मधुमेह वाले लोगों में स्टार्च-से-ग्लूकोज के टूटने की दर को धीमा कर देते हैं।
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एलोवेरा का सेवन करना शुगर कम करने के लिए एक लाभदायक उपचार है। एलोवेरा फाइटोस्टेरोल्स (phytosterols) से समृद्ध हैं यह टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों पर एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक (anti-hyperglycemic) प्रभाव डाल सकता है। पोषण विशेषज्ञों का सुझाव है कि आपके रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने के लिए यह एक सुरक्षित और प्राकृतिक स्रोत है। इसके अलावा आप हल्दी और एलोवेरा का मिश्रण तैयार कर सकते हैं। इस हर्बल दवा को रक्त में ग्लूकोज को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
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नियमित व्यायाम आपको वजन कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद कर सकता है। व्यायाम आपकी मांसपेशियों को ऊर्जा और मांसपेशियों के सिकुड़न के लिए रक्त शर्करा का उपयोग करने में भी मदद करता है। यदि आपको ब्लड शुगर नियंत्रण की समस्या है तो आपको नियमित रूप से अपने शुगर स्तर की जाँच करनी चाहिए। व्यायाम के अच्छे रूपों में वजन उठाना, तेज चलना, दौड़ना, बाइक चलाना, नृत्य, लंबी पैदल यात्रा और तैराकी आदि शामिल हैं।
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इसकी उच्च विटामिन सी और फाइबर सामग्री के कारण, अमरूद खाने से रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में सहायक हो सकता है। यह चयापचय को धीमा कर देता है, जिससे भोजन से कम रक्त शर्करा तक चीनी का बेहतर अवशोषण होता है। मधुमेह रोगियों के लिए यह सबसे अच्छा है कि वे चीनी की मात्रा को कम करने के लिए अमरूद फल के छिलके का सेवन न करें। हालांकि, एक दिन में बहुत अधिक अमरूद की खपत की सिफारिश नहीं की जाती है क्योंकि इसमें पोटेशियम होता है जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
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इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए पवित्र तुलसी की पत्तियों में एंटीऑक्सिडेंट और आवश्यक तेलों का मिश्रण पाया जाता है। सामूहिक रूप से ये यौगिक, जैसे यूजेनॉल (eugenol), मिथाइल यूजेनॉल (methyl eugenol) और कैरोफाइलीन (caryophyllene) अग्नाशयी बीटा कोशिकाओं की मदद करते हैं, जो ठीक से कार्य करने के लिए इंसुलिन के निर्माण करने के लिए जिम्मेदार हैं। तुलसी के पत्ते का एक अतिरिक्त लाभ यह है कि पत्तियों में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव के दुष्प्रभाव को कम करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह पाया गया है कि तुलसी इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाती है और ग्लूकोज के स्तर में तेजी से 7% और भोजन के बाद रक्त शर्करा के स्तर को 17% तक कम करती है। आप रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए दो से तीन तुलसी के पत्ते पूरे या लगभग एक चम्मच तुलसी के पत्ती के रस को खाली पेट ले सकते हैं।
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अलसी के बीज (Flaxseeds) एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध हैं और इसके सेवन से संभवतः शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव में कमी के कारण इंसुलिन में गिरावट हो सकती है। अलसी के बीज फाइबर में भी उच्च हैं और इसलिए वसा और शर्करा के उचित अवशोषण में सहायता करते हैं। अलसी का सेवन करने से मधुमेह के बाद के शर्करा के स्तर को लगभग 28 प्रतिशत कम करने में मदद मिलती है और इंसुलिन संवेदनशीलता में काफी वृद्धि होती है। रोज सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी के साथ एक चम्मच पिसे हुए अलसी के बीज के चूर्ण का सेवन करें। हालांकि, प्रति दिन 2 से अधिक बड़े चम्मच अलसी के बीज का सेवन ना करें।
नोट – किसी भी उपचार को अपनाने से पहले अपने शुगर लेवल की जांच अवश्य करें और डॉक्टर की सलाह के बाद ही किसी भी मधुमेह कम करने के घरेलू उपाय को अपनाएं।
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