Sugar Me Kya Nahi Khana Chahiye शुगर में क्या नहीं खाना चाहिए: डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है इसलिए शुगर में क्या नहीं खाना चाहिए यह जानना महत्वपूर्ण है। अधिकांश स्वास्थ्य समस्याएं हमारे द्वारा उपभोग किये जाने वाले आहार पर ही निर्भर करती हैं। मधुमेह की समस्या आज कल एक महामारी के रूप में फैल रही है जिसमें वयस्क और बुजुर्ग दोनों ही शामिल हैं। शुगर की समस्या कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देती है। जिनमें हृदय रोग, गुर्दे संबंधी रोग, अंधापन और अन्य समस्याएं शामिल हैं। ये समस्याएं गलत खाद्य पदार्थ खाने से आपके रक्त में शर्करा और इंसुलिन के स्तर को बढ़ा सकती हैं। लेकिन यदि आप अपने आहार में कुछ विशेष खाद्य पदार्थों से परहेज करें तो शुगर के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
आज इस आर्टिकल में आप जानेगें कि शुगर में क्या नहीं खाना चाहिए। इस लेख में उन मुख्य खाद्य पदार्थों को सूचीबद्ध किया गया है जिनसे मधुमेह या प्रीबायबिटी (diabetes or prediabetes) वाले लोगों को बचना चाहिए।
विषय सूची
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा ऐसे मैक्रोन्यूट्रिएंट हैं जो आपके शरीर को ऊर्जा दिलाते हैं। इन सभी घटकों में कार्बोहाइड्रेट सबसे अधिक आपके ब्लड शुगर को प्रभावित करता है। इसका कारण यह है कि यह आसानी से चीनी या ग्लूकोज में टूट जाता है और आपके रक्त द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है।
कार्ब्स में स्टार्च, चीनी और फाइबर होते हैं हालांकि फाइबर आपके शरीर द्वारा पचाया और अवशोषित नहीं किया जाता है जैसा की अन्य घटकों को पचाया जाता है इसलिए फाइबर आपके शरीर में रक्त शर्करा को नहीं बढ़ाता है। उदाहरण के लिए यदि आपके आहार में 10 ग्राम कार्ब्स और 4 ग्राम फाइबर है तो कार्ब्स की गिनती 6 ग्राम होती है। जब मधुमेह रोगी द्वारा अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जाता है तो यह रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है।
उच्च रक्त शर्करा होने के कारण आपको सामान्य रूप से हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सलाह दी जाती है शुगर में अधिक कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
इसलिए, मधुमेह रोगी को नीचे सूचीबद्ध खाद्य पदार्थों से बचना महत्वपूर्ण है।
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प्राकृतिक वसा स्वस्थ शरीर के लिए लाभदायक होता है। लेकिन औद्योगिक ट्रांस वसा शरीर के लिए हानिकारक होता है। उन्हें असंतृप्त वसीय अम्लों में हाइड्रोजन के साथ मिलाकर बनाया जाता है ताकि उन्हें अधिक स्थिर बनाया जा सके। ट्रांस वसा मार्जरीन, पीनट बटर, स्प्रेड, क्रीमर्स और फ्रोजन डिनर में पाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त खाद्य निर्माता अक्सर पैक्ड और पहले से तैयार संसाधित खाद्य पदार्थों में इनका उपयोग अधिक मात्रा में करते हैं। हालांकि ट्रांस वसा सीधे ही रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित नहीं करते हैं। लेकिन ये इंसुलिन प्रतिरोध, सूजन और पेट की वसा के साथ ही अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकते हैं। ये सारे लक्षण मधुमेह रोगी में सामान्य होते हैं जो कि उनके दिल के लिए हानिकारक हैं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो ट्रांस वसा का सेवन बहुत ही कम मात्रा में करें।
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सफेद ब्रेड, चावल और पास्ता आदि खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होती है। अधिक मात्रा में इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करने से मधुमेह प्रकार 1 और मधुमेह प्रकार 2 के रोगीयों को नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये खाद्य पदार्थ उनके शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को बहुत अधिक बढ़ाते हैं। जो लोग गेंहू आधारित पास्ता का सेवन करते हैं उन्हें भी इस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। एक अध्ययन के अनुसार इस प्रकार के खाद्य पदार्थ न केवल रक्त शर्करा बल्कि मधुमेह रोगी के मानसिक स्वास्थ्य में भी बुरा प्रभाव छोड़ते हैं। इस तरह से यदि आप अपने मधुमेह के लक्षणों को कम करना चाहते हैं तो इस प्रकार के खाद्य पदार्थों से दूरी बनाए रखें।
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मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए सादा दही एक अच्छा विकल्प होता है। लेकिन यदि दही के साथ फलों के मिश्रण का सेवन किया जाये तो यह शुगर रोगी को नुकसान पहुंचा सकता है। फ्रूट फ्लेवर्ड योगर्ट आमतौर पर नॉन-फैट या लो-फैट दूध से बनाए जाते हैं जिनमें कार्बोहाइड्रेट और शुगर की उच्च मात्रा होती है। 1 कप फ्रूट फ्लेवर्ड योगर्ट (लगभग 245 ग्राम) में 47 ग्राम चीनी होती है। इसका अर्थ यह है कि लगभग 81 प्रतिशत कैलोरी चीनी से प्राप्त होती है। बहुत से लोग जमे हुए दही को आइसक्रीम का एक स्वस्थ विकल्प मानते हैं। हालांकि इसमें भी आइसक्रिम की अपेक्षा अधिक चीनी हो सकती है।
इसलिए यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो हाई-शुगर योगर्ट्स चुनने के बजाय आप सादे दही का उपयोग कर सकते हैं। क्योंक फलों के साथ दही का मिश्रण शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाने के साथ ही इंसुलिन को भी बढ़ा सकता है।
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किसी भी स्वस्थ्य मनुष्य और के लिए सुबह के समय अनाज युक्त नाश्ता फायदेमंद होता है। लेकिन यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो यह आपके लिए सही नाश्ता नहीं है। इसके लिए आप विशेष रूप से पैक्ड खाद्य पदार्थों का उपभोग करने से बचें। क्योंकि इनमें वेशक यह लिखा होता है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं हैं। लेकिन फिर भी ये अत्याधिक संसाधित होते हैं जिनमें उम्मीद से अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन की मात्रा भी कम होती हैं जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसलिए इस तरह के आहारों से मधुमेह रोगी को बचना चाहिए।
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कॉफी पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है जो कि मधुमेह रोगी के लिए अच्छा होता है। हालांकि मधुमेह रोगी को फलेवर्ड कॉफी के बजाय अन्य तरल पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए। अध्ययनों से पता चलता है कि आपका मस्तिष्क तरल और ठोस खाद्य पदार्थों को समान रूप से संसाधित नहीं करता है। जब आप कैलोरी पीते हैं तो इसके बाद आपके भोजन में किसी प्रकार की कमी नहीं आती है। जिससे आपका वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा फ्लेवर्ड कॉफी में कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा भी होती है जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है। इस तरह से मधुमेह रोगी को फ्लेवर्ड कॉफी का सेवन करने से बचना चाहिए।
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डायबिटीज से पीड़ित लोग अक्सर व्हाइट टेबल शुगर का सेवन कम से कम करने की कोशिश करते हैं। साथ ही वे कैंडीज और कुकीज जैसे खाद्य पदार्थों से भी बचने का प्रयास करते हैं। हालांकि चीनी का अन्य रूपों में भी उपभोग करने से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है। इनमें ब्राउन शुगर और प्राकृतिक शर्करा जैसे शहद, एगेव नेक्टर (Agave Nectar) और मेपल सिरप (Maple Syrup) आदि भी शामिल हैं। हालांकि इन उत्पादों को अधिक संसाधित नहीं किया जाता है लेकिन फिर भी इनमें चीनी के समान ही कार्बोहाइड्रेट होते हैं।
आइए जाने एक चम्मच (one-tablespoon) मीठे खाद्य पदार्थों से कितना कार्बोहाइड्रेट प्राप्त होता है।
एक अध्ययन के अनुसार प्रीडायबिटीज वाले लोगों को रक्त शर्करा, इंसुलिन और इंफ्लामेटरी मार्कर में समान वृद्धि का अनुभव होता है चाहे वे सफेद चीनी या शहद किसी का भी सेवन करें। इसलिए मधुमेह के रोगी को चीनी के सभी रूपों के बजाय प्राकृतिक कम कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
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ड्राई फ्रूट विटामिन सी, पोटेशियम और अन्य कई घटकों से भरपूर होते हैं। ये घटक हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक भी होते हैं। इन फलों के सूखने पर पानी की कमी हो जाती है जिससे इनके पोषक तत्वों की मात्रा अधिक हो जाती है। लेकिन इस दौरान इन ड्राइ फ्रूट में चीनी सामग्री भी स्वत: ही बढ़ जाती है। 1 कप अंगूर में 27 ग्राम कार्ब्स होते हैं साथ ही इसमें 1 ग्राम फाइबर भी होते हैं। जबकि 1 कप किशमिश में 115 ग्राम कार्ब्स होते हैं और लगभग 5 ग्राम फाइबर। इसलिए अंगूर की बजाये किशमिश हमें 3 गुना अधिक कार्बोहाइड्रेट दिलाता है। इसी तरह से ताजे फलों की अपेक्षा सभी प्रकार के ड्राइ फ्रूट्स में अधिक कार्ब्स होते हैं। यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो आपको ड्राई फ्रूट्स का सेवन नहीं करना चाहिए।
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पहले से पैक्ड, अधिक तेल में फ्राई और संसाधित खाद्य पदार्थ सभी के लिए नुकसानदायक होते हैं। लेकिन मधुमेह रोगीयों को इस प्रकार के खाद्य पदार्थों से पूरी तरह बचना चाहिए। वे आम तौर पर परिष्कृत आटे के साथ बनाए जाते हैं। इनके साथ ही इसमें कार्ब्स भी उच्च मात्रा में होते हैं रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं। इसलिए यदि आप कुछ चटपटा खाने का मन कर रहे हैं तो कम से कम पहले संसाधित या पैक्ड उत्पादों का सेवन करने से बचें।
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ताजे फलों का रस स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। लेकिन रक्त शर्करा पर इनका प्रभाव सोडा वाटर और अन्य शर्करा पेय पदार्थों के समान ही होता है। इस प्रकार के पेय पदार्थों में प्राकृतिक शर्करा और कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में होती है। इसलिए मधुमेह रोगी को फलों के रस का सेवन करने से बचना चाहिए। नहीं तो ये मधुमेह के लक्षणों और गंभीरता को बढ़ा सकते हैं। क्योंकि फलों के रस में अन्य मीठे पेय की तरह ही फ्रुक्टोज से भरे होते हैं जो कि इंसुलिन प्रतिरोध, मोटापा और हृदय रोग की संभावना को बढ़ाते हैं। इसलिए मधुमेह रोगी को मीठे पेय और फलों के रस का सेवन करने के बजाय नींबू पानी का आनंद उठाना चाहिए।
डायबिटीज होने पर किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए इसका पता लगाना कभी-कभी कठिन लग सकता है। हालांकि, कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना इसे आसान बना सकता है।
आपके मुख्य लक्ष्यों में जिनसे आपको बचना है अस्वास्थ्यकर वसा, तरल शर्करा, प्रसंस्कृत अनाज और अन्य खाद्य पदार्थ शामिल हैं, जिनमें परिष्कृत कार्ब्स शामिल हैं।
उन खाद्य पदार्थों से बचना जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं और इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाते हैं, आपको स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं और भविष्य में मधुमेह की जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकते हैं।
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