Sunscreen in Hindi चिलचिलाती गर्मी में अपनी त्वचा को टैनिंग से बचाने के लिए सनस्क्रीन लगाना बहुत अच्छा है। सनस्क्रीन त्वचा पर सुरक्षा की एक परत है, जो आपको सूर्य की अल्ट्रावायलट किरणों से बचाती है। सनस्क्रीन में मौजूद ऑक्सीबेन्जॉन, होमोसैलेट, ऑक्टीनोक्सेट, जिंक ऑक्साइड और टाइटेनियम ऑक्साइड जैसी सामग्री सनबर्न, सन टैनिंग, रिंकल्स, फाइन लाइन्स के साथ स्किन कैंसर जैसी समस्याओं से भी आपका बचाव करती है। वैसे तो घर से बाहर निकलते समय अपनी त्वचा को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए लोग सनस्क्रीन लगाते हैं, लेकिन सनस्क्रीन का सही इस्तेमाल करना तो दूर लोगों को इससे होने वाले फायदों की भी जानकारी भी नहीं होती। आप कितने भी अच्छे ब्रैंड का सनस्क्रीन क्यों न लगाते हों, लेकिन जब तक आपको इसे लगाने का सही तरीका नहीं पता, तो यह आपकी त्वचा पर बेअसर साबित होगा।
ऐसे में अगर आप सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलट किरणों से खुद को बचाना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें। इस आर्टिकल में हम आपको सनस्क्रीन के फायदे, सनस्क्रीन लगाने का तरीका, सनस्क्रीन बनाने के घरेलू उपायों के साथ इससे जुड़ी और भी कई जानकारी देंगे।
विषय सूची
1. सनस्क्रीन क्या है – What is sunscreen in Hindi
2. सनस्क्रीन कैसे काम करती है – How sunscreen works in Hindi
3. घर पर कैसे बनाएं नेचुरल सनस्क्रीन – how to make sunscreen at home in hindi
- पेपरमिंट का घरेलू सनस्क्रीन – Homemade sunscreen lotion of peppermint in Hindi
- एलोवेरा से बनायें घरेलू सनस्क्रीन – homemade sunscreen with aloe vera in hindi
- एवोकैडो, जोजोबा और नारियल तेल का नेचुरल सनस्क्रीन – Natural Sunscreen of Avocado, Jojoba and Coconut Oil in Hindi
4. सनस्क्रीन लगाने का सही तरीका – How to use sunscreen in Hindi
5. सनस्क्रीन के फायदे – Benefits of sunscreen in Hindi
6. सनस्क्रीन लगाने के साइड इफेक्ट्स – Sunscreen side effects in Hindi
7. सनस्क्रीन के कारण होने वाले दुष्प्रभावों से बचने के उपाय – Tips To Avoid The Side Effects Caused By Sunscreen in Hindi
8. कैसे पहचानें कि सनस्क्रीन एक्सपायर हो गया है – How Do You Tell If The Sunscreen Is Out Of Date in Hindi
9. सनस्क्रीन को स्टोर करने का तरीका – How To Store Sunscreen in Hindi
10. सनस्क्रीन खरीदते समय ध्यान रखें ये बातें – How To Choose Best Sunscreen in Hindi
11. सनस्क्रीन के लिए जरूरी सुझाव – Tips to use sunscreen in Hindi
12. सनस्क्रीन से जुड़ी समस्याओं को लेकर लोगों के सवाल और जवाब – Question and answer about sunscreen in Hindi
- एक्सपायर्ड सनस्क्रीन के इस्तेमाल से क्या नुकसान होते हैं – What Can Happen If You Use An Expired Sunscreen in Hindi
- क्या एक्सपायर्ड सनस्क्रीन सनस्क्रीन न होने से बेहतर है – Expired sunscreen can be still better than no sunscreen at all in hindi
सनस्क्रीन क्या है – What is sunscreen in Hindi
सनस्क्रीन हमारी त्वचा पर एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करती है। इसका उपयोग त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए किया जाता है। सनस्क्रीन में मौजूद टाइटेनियम ऑक्साइड और जिंक ऑक्साइड सनबर्न, स्किन एजिंग, सन टैनिंग और स्किन कैंसर जैसी समस्याओं से त्वचा का बचाव करते हैं। सनस्क्रीन जितने ज्यादा एसपीएफ वाली होगी, उतनी ज्यादा आपकी त्वचा सूर्य कि किरणों से बची रहेगी। आमतौर पर जो लोग सुबह से शाम घर से बाहर रहते हैं उन्हें सनस्क्रीन जरूर लगाने की सलाह दी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार सनस्क्रीन को रोजाना घर से बाहर निकलने से पहले अपनी त्वचा पर लगाना चाहिए, 30 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन आपकी त्वचा को सुरक्षा प्रदान करने में ज्यादा असरदार साबित होता है। बाकी आप अपनी स्किन के अनुसार सनस्क्रीन का उपयोग कर सकते हैं।
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सनस्क्रीन कैसे काम करती है – How sunscreen works in Hindi
अब बात करते हैं कि सनस्क्रीन हमारी त्वचा को सूरज की किरणों से कैसे बचाता है। इसमें जरूरी भूमिका निभाता है एसपीएफ (SPF)। जिसका मतलब होता है सन प्रोटेक्टिंग फैक्टर। ये एसपीएफ 20 से 100 के बीच हो सकते हैं। ये नम्बर इंस बात का संकेत देता है कि सनस्क्रीन आपको कितनी देर तक सूर्य कि किरणों से सुरक्षा प्रदान करेगा। एसपीएफ 30 आपको 96.7 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करता है, वहीं एसपीएफ 40 97.5 प्रतिशत सुरक्षा देता है। वहीं 100 एसपीएफ भी आपको 99 प्रतिशत सुरक्षा देता है।
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घर पर कैसे बनाएं नेचुरल सनस्क्रीन – how to make sunscreen at home in Hindi
वैसे तो आप अपनी त्वचा को सूर्य की किरणों से बचाने के लिए बाजार से सनस्क्रीन खरीदते हैं। बाजार वाले केमिकल युक्त सनस्क्रीन फायदा तो पहुंचाते हैं, लेकिन इसके नुकसान भी हैं। इसलिए आप चाहें तो घर पर ही सनस्क्रीन लोशन आसानी से तैयार कर सकते हैं। नीचे हम आपको घर पर सनस्क्रीन बनाने की अलग-अलग विधियां बता रहे हैं।
पेपरमिंट का घरेलू सनस्क्रीन – Homemade sunscreen lotion of peppermint in Hindi
पेपरमिंट सनस्क्रीन की सामग्री-
- डिस्टिल्ड वॉटर का 4 औंस
- शुद्ध लैवेंडर तेल की 12 बूँदें
- स्पीयरमिंट ऑयल की 4-6 बूंदें
- शुद्ध पेपरमिंट तेल की 4-6 बूंदें
घरेलू पेपरमिंट सनस्क्रीन बनाने की विधि-
पुदीना से सनस्क्रीन बनाने के लिए सभी सामग्री को मिक्स कर लें और एयर टाइट डिब्बे में फ्रिज में स्टोर करके रख दें। आपका ये घरेलू सनस्क्रीन दो से चार महीने आराम से चलेगा और इसके इस्तेमाल से आपको कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा।
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एलोवेरा से बनायें घरेलू सनस्क्रीन – Homemade sunscreen with aloe vera in Hindi
एलोवेरा सनस्क्रीन की सामग्री-
- अपनी पसंद के किसी भी सुगंधित बॉडी लोशन के 10 औंस
- की 4-5 बूंदें (आप इसे किसी भी केमिस्ट शॉप से प्राप्त कर सकते हैं)
- पेपरमिंट ऑयल की 7-8 बूंदें
- 10-15 चम्मच बोतलबंद एलोवेरा जेल
होममेड एलोवेरा सनस्क्रीन लोशन बनाने की विधि-
एलोवेरा का घरेलू सनस्क्रीन बनाने के लिए सभी सामग्री को पैन में डालकर लगभग 5 मिनट के लिए मध्यम आंच पर गर्म करें। जब तक इसमें झाग न आ जाएं, मिलाते रहें। एलोवेरा का सनस्क्रीन बनकर तैयार है। अब आप इसे एक एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें। फ्रिज में रखें और जब भी आप घर से बाहर निकलें इसका इस्तेमाल करें। बता दें कि फ्रिज में रखे जाने के बाद इस होममेड नेचुरल सनस्क्रीन की लाइफ 1 से 2 महीने की होती है।
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एवोकैडो, जोजोबा और नारियल तेल का नेचुरल सनस्क्रीन – Natural Sunscreen of Avocado, Jojoba and Coconut Oil in Hindi
घरेलू सनस्क्रीन बनाने की सामग्री-
- 3 बड़े चम्मच एवोकैडो तेल
- 1 बड़ा चम्मच बादाम का तेल
- 1 बड़ा चम्मच जोजोबा तेल
- 2 बड़े चम्मच नारियल का तेल
- विटामिन ई तेल की 5 बूँदें
- 1 बड़ा चम्मच शिया बटर
- 2 टन कोकोआ मक्खन
- 1 बड़ा चम्मच मोम
- 1 चम्मच सोया-लेसिथिन
- 2 चम्मच बोतलबंद एलोवेरा जेल
- ½ चम्मच बोरेक्स पाउडर
होममेड सनस्क्रीन लोशन बनाने की विधि-
एलोवेरा, जोजोबा और नारियल तेल से नेचुरल सनस्क्रीन बनाना बेहद आसान है। इसके लिए सबसे पहले मोम को किस लें और इसे शिया बटर और कोको पाउडर के साथ पिघलाएं। जब ये पिघल जाए तो धीरे-धीरे फेटें। तब तक फेटें जब तक की ये पूरी तरह से गल न जाए और ठीक तरह से मिक्स न हो जाए। अब इसमें तेल और लेसिथिन मिलाएं। अच्छी तरह से मिलाने के बाद गैस बंद कर लें। अब इसमें गुलाब जल, एलोवेरा जेल और बोरोक्स पाउडर मिलाएं। एक ब्लेंडर में इन सभी को ब्लेंड करें और एक एयर टाइट क्लीन ड्राई बोतल में स्टोर करें। आवश्यकतानुसार फ्रीज करें और जब भी घर से बाहर निकलें इस्तेमाल करें। ये घरेलू सनस्क्रीन कम से कम 1 महीने तक आप बेफ्रिकी के साथ उपयोग कर सकते हैं।
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सनस्क्रीन लगाने का तरीका – How to use sunscreen in Hindi
- सनस्क्रीन लगाने के लिए सबसे पहले ये देखें कि सनस्क्रीन कितने एसपीएफ वाला है। एसपीएफ आपकी त्वचा को यूवी रेज से बचाता है।
- सनस्क्रीन लगाने से पहले चेहरा अच्छे से धो लें।
- सनस्क्रीन लगाते वक्त ध्यान रखें कि आपको अपने चेहरे और गर्दन पर कितना सनस्क्रीन लगाना है। उतना ही सनस्क्रीन निकालें, जितना आपके चेहरे या गर्दन के लिए जरूरी हो।
- चेहरे के लिए केवल एक चम्मच सनस्क्रीन काफी है।
- अब अपनी दो उंगलियों से चेहरे पर सनस्क्रीन के डॉट्स लगाएं।
- अब सनस्क्रीन को पूरे चेहरे पर फैलाएं। इसे ऐसे फैलाएं कि सनस्क्रीन पूरे चेहरे पर कवर हो जाए।
- इसे लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें। ध्यान रखें कि इसे ज्यादा ब्लेंड नहीं करना है। 15 मिनट बाद ये खुद अब्जॉर्व हो जाएगा। ये अच्छी सनस्क्रीन की निशानी है। ये त्वचा और यूवी रेज के बीच में एक प्रोटेक्शन लेयर बना रही है।
- सनस्क्रीन को सेट करने के लिए आप ऊपर से पाउडर लगा सकते हैं। पाउडर को रब नहीं करना है बल्कि ब्रश की मदद से लगाना है। इससे आपका सनस्क्रीन सेट हो जाएगा। अगर पाउडर रब करते हैं तो सनस्क्रीन निकल जाएगा। आपका सनस्क्रीन सेट हो चुका है अब आप चाहें तो ऐसे ही बाहर जा सकते हैं, पर अगर आपको मेकअप करना है तो सनस्क्रीन को सेट होने का टाइम दें। उसके बाद ही मेकअप शुरू करें।
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सनस्क्रीन के फायदे – Benefits of sunscreen in Hindi
सनस्क्रीन आपकी त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने में बहुत फायदेमंद होती है। इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सनस्क्रीन को केवल गर्मियों में ही नहीं बल्कि हर मौसम में अपनी त्वचा को यूवी रेज से बचाने के लिए लगाना चाहिए। लेकिन आज भी कई लोग सनस्क्रीन का उपयोग नहीं करते, ऐसा इसलिए क्योंकि वे इसके अनगिनत फायदों के बारे में नहीं जानते। उनकी जानकारी के लिए हम इस आर्टिकल में नीचे सनस्क्रीन के कुछ प्रमुख फायदों के बारे में बता रहे हैं।
सनस्क्रीन लगाने के फायदे हानिकारक यूवी किरणों से बचाए
लगातार घटती ओजोन लेयर हमें हानिकारक सूरज की किरणों से प्रभावित कर रही है। जबकि विटामिन डी के लिए आपको हर दिन सूरज की जरूरत होती है, लेकिन ज्यादा देर तक सूर्य के संपर्क में रहने से त्वचा पर असर पड़ता है। सनस्क्रीन लगाने से वास्तव में यूवी रेज त्वचा तक नहीं पहुंच पाती और हमारी त्वचा धूप में भी सुरक्षित रहती है।
सनस्क्रीन क्रीम के फायदे समय से पहले उम्र बढ़ने से रोके
सनस्क्रीन आपकी त्वचा के बढ़ती उम्र के लक्षणों जैसे रिंकल्स और फाइन लाइन्स को दूर करने में मदद करती है। एक रिसर्च में पता चला है कि सनस्क्रीन का उपयोग करने वाले 55 वर्ष से कम उम्र के लोगों में सनस्क्रीन का इस्तेमाल न करने वाले लोगों की तुलना में उम्र बढ़ने के संकेत 24 प्रतिशत कम थे।
सनस्क्रीन लोशन के फायदे स्किन कैंसर की रिस्क घटाए
सनस्क्रीन अपनी त्वचा के विभिन्न प्रकार के स्किन कैंसर खासतौर से मेलेनोमा के जोखिम से बचाती है। बता दें कि यह सबसे खतरनाक तरह का कैंसर है, जो महिलाओं को होता है।
सनस्क्रीन क्रीम के फायदे चेहरे का कालापन कम करे
अगर आप रोजाना सनस्क्रीन लगाएंगे तो यह आपके चेहरे पर छा रहे कालेपन को दूर करेगी। इसे लगाने से मुंहासे की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।
सनस्क्रीन लगाने के फायदे सनबर्न से बचाए सनस्क्रीन
सनबर्न आपकी त्वचा को कमजोर कर देते हैं। इसलिए आपकी त्वचा सूजन, लालिमा, खुजली से पीड़ित हो सकती है। अगस्त 2008 में हुई एक रिचर्स एनल्स ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार सनबर्न के कारण आप वास्तव में मेलेनोमा के शिकार हो सकते हैं। इसलिए सनस्क्रीन लगाएं और सुरक्षित रहें।
सनस्क्रीन लोशन के फायदे टैनिंग को रोके सनस्क्रीन
जब आप धूप में होते हैं तो सूर्य की यूवी रेज आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाती है। इन किरणों से त्वचा पर होने वाले टैनिंग से बचने के लिए सनस्क्रीन बहुत फायदेमंद है। टैनिंग को रोकने के लिए 30 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन चुनें। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो इसे हर दो घंटे में लगाएं।
सनस्क्रीन क्रीम के फायदे दे हेल्दी स्किन
स्किन हेल्थ के लिए कोलेजन, केराटिन और इलास्टिन जैसे स्किन प्रोटीन की जरूरत होती है, जो सनस्क्रीन में मौजूद होते हैं। अपनी त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए सनस्क्रीन लगाना बेहद फायदेमंद है।
सनस्क्रीन लगाने के फायदे फुल स्लीव ड्रेस से ज्यादा सुरक्षा देता है
आप धूप से बचने के लिए भले ही फुल स्लीव ड्रेस पहनती हों, लेकिन सनस्क्रीन आपकी त्वचा को इससे भी ज्यादा सुरक्षा प्रदान करता है। बस इसे अपनी त्वचा पर अच्छी मात्रा में लगाने की जरूरत है।
सनस्क्रीन लोशन के फायदे कॉस्मेटिक ऑप्शन है सनस्क्रीन
सनस्क्रीन एक अच्छा कॉस्मेटिक ऑप्शन है। अगर आप वर्किंग हैं, तब भी आप कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के रूप में सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। हां, अगर आपकी त्वचा सूखी और संवेदनशील है तो बेहतर सुरक्षा के लिए इसे बार-बर लगाने की कोशिश करें।
(और पढ़े – बढ़ती उम्र (एजिंग) के लक्षण कम करने के उपाय…)
सनस्क्रीन लगाने के साइड इफेक्ट्स – Sunscreen side effects in Hindi
सनस्क्रीन लगाने से कभी कभी नुकसान भी हो सकता हैं। लेकिन आपको बता दें हर्बल सनस्क्रीन लगाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। आइये हम जानते हैं सनस्क्रीन लगाने से क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
सनस्क्रीन के नुकसान से हो सकती है एलर्जी
सनस्क्रीन में कुछ रसायन शामिल होते हैं जो त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं जैसे कि लालिमा, सूजन, जलन और खुजली। कुछ लोगों को चकत्ते और खुजली के साथ गंभीर एलर्जी हो जाती है, यह एलर्जी सनस्क्रीन में पाए जाने वाले रसायनों का परिणाम हो सकती है। PABA आदर्श रूप से कई वाणिज्यिक सनस्क्रीन में उपयोग किया जाता है जो एलर्जी की उच्च दर का कारण बन सकता है। इसलिए अब इसे कई पॉपुलर ब्रांड्स के सनस्क्रीन से हटाया जा रहा है। आप हाइपोएलर्जेनिक’ लेबल के साथ सनस्क्रीन भी खरीद सकते हैं। जिन सनस्क्रीन में PABA नहीं होता है, उन्हें अक्सर लेबल किया जाता है, लेकिन कुछ अन्य रसायनों से एलर्जी की समस्या हो सकती है। आप सनस्क्रीन का उपयोग कर सकते हैं जिसमें जिंक ऑक्साइड होता है, क्योंकि वे कम एलर्जीक होते हैं।
सनस्क्रीन लगाने के नुकसान से हो सकते हैं मुंहासे
अगर आपकी त्वचा पर मुंहासे हैं, तो सनस्क्रीन उत्पाद में मौजूद कुछ रसायन आपकी समस्या को और भी बदतर कर सकते हैं। सनस्क्रीन के इस दुष्प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए, आप गैर-कॉमेडोजेनिक और नॉन –ऑयली सनस्क्रीन चुन सकते हैं। यह आपकी त्वचा के प्रकार के लिए सबसे उपयुक्त सनस्क्रीन है। चेहरे पर बॉडी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि ये बहुत हैवी होते हैं।
सनस्क्रीन लगाने के साइड इफेक्ट्स जलन होना
आंखों में सनस्क्रीन लगाने से दर्द और जलन हो सकती है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि रसायनिक सनस्क्रीन भी अंधापन का कारण बन सकता है। यदि सनस्क्रीन आंखों में जाता है, तो उन्हें ठंडे पानी से अच्छी तरह से धो लें।
सनस्क्रीन के नुकसान स्तन कैंसर का खतरा बढ़ाए
सनस्क्रीन में ऐसे तत्व शामिल हैं जो स्तन कैंसर कोशिकाओं पर एस्ट्रोजेनिक प्रभाव डाल सकते हैं। कुछ सनस्क्रीन रक्त एस्ट्रोजेन के स्तर पर प्रभाव डाल सकते हैं। अपने बच्चों पर रासायनिक सनस्क्रीन का उपयोग करने से बचें, क्योंकि उनकी त्वचा तुरंत केमिकल को तुरंत अब्जॉर्व कर लेती है।
सनस्क्रीन लगाने के साइड इफेक्ट्स से त्वचा पर खुजली होना
सनस्क्रीन से त्वचा पर खुजली वाले धब्बे हो सकते हैं। कभी-कभी, ये बालों के रोम के आसपास मवाद से भरे फफोले में भी बदल जाते हैं।
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सनस्क्रीन के कारण होने वाले दुष्प्रभावों से बचने के उपाय – Tips To Avoid The Side Effects Caused By Sunscreen in Hindi
- अगर यह लालिमा या जलन का कारण बनता है, तो सनस्क्रीन का उपयोग बंद कर दें।
- अपने डॉक्टर से बात करें या नए सनस्क्रीन का उपयोग करने के बारे में फार्मासिस्ट की सलाह लें।
- यदि आप लंबे समय से बाहर हैं तो हर 2 घंटे में सनस्क्रीन लगाएं।
- अपने बच्चों के लिए सनस्क्रीन का चुनाव बहुत समझदारी से करें।
- 6 महीने से छोटे बच्चों पर सनस्क्रीन का उपयोग करने से बचें।
- तैलीय त्वचा होने पर ऑइल-फ्री और नॉन कॉमेडोजेनिक सनस्क्रीन चुनें।
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कैसे पहचानें कि सनस्क्रीन एक्सपायर हो गया है – How Do You Tell If The Sunscreen Is Out Of Date in Hindi
तीन साल तक यूज कर सकते हैं सनस्क्रीन – अगर आपको सनस्क्रीन की एक्सपायरी डेट नहीं पता है या ब्रांड ने बोतल पर इसकी एक्सपायरी डेट नहीं लिखी है तो एफडीए के नियमों के अनुसार कोई भी सनस्क्रीन कम से कम तीन साल तक प्रभावी रहती है। इसके बाद अगर आप सनस्क्रीन का इस्तेमाल करेंगे भी तो यह एसपीएफ सुरक्षा प्रदान नहीं करेंगे।
सनस्क्रीन की स्थिरता पता करें– सनस्क्रीन की स्थिरता और बनावट से इसकी स्थिति का पता चलता है। हालांकि कई चीजें ऐसी हैं जो आप टेस्ट के लिए कर सकते हैं कि आपका सनस्क्रीन एक्सपायर्ड हो गया है या नहीं।
ब्रांड की वेबसाइट देखें – एक्सपायरी डेट रिम, कैप या पैकेजिंग पर कहीं भी हो सकती है। यदि आपको इन सब जगहों में से कहीं भी नहीं मिल रही है तो प्रोडक्ट की सामान्य तिथि के बारे में सामान्य जानकारी के लिए ब्रांड की वेबसाइट देखें। आप ब्रांड के कस्टमर केयर से भी कॉन्टेक्ट कर सकते हैं और प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट के बारे में भी जान सकते हैं। यदि फिर भी कुछ उपलब्ध नहीं हो रहा हो, तो उस महीने और वर्ष को चिन्हित करें जिसमें आपने सनस्क्रीन खरीदा था। यह कम से कम तीन साल के लिए प्रभावी होना चाहिए।
स्मेल पर ध्यान दें- यदि कुछ समय बाद आपको लगता है कि इसकी स्मेल सामान्य नहीं है, तो संभावना है कि आपका सनस्क्रीन आउट ऑफ डेट हो चुका है और इसे बदलने की जरूरत है। किसी भी मामले में अगर आपके प्रोडक्ट में से अच्छी स्मेल नहीं आती तो उन्हें इस्तेमाल करना बंद कर दें।
टेक्सचर पर ध्यान दें- आपके एक्सपायरी डेट चैक कर ली है, लेकिन प्रोडक्ट में से बदबू आ रही है , तो संभावना है कि इसका टैक्सचर बदल चुका है। इसके लिए आप अपने हाथ में थोड़ा सा सनस्क्रीन लें और इसे रगड़कर इसकी स्थिरता को टेस्ट करें। अगर ये बहता हुआ दिखता है या इसमें क्रीम और पानी अलग-अलग हो रहे हैं तो यह आपकी त्वचा के लिए उपयुक्त नहीं है। सनस्क्रीन की स्थिरता में किसी भी परिवर्तन को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
(और पढ़े – मॉइस्चराइजर क्या होता है, लगाने का तरीका, विधि और फायदे…)
सनस्क्रीन को स्टोर करने का तरीका – How To Store Sunscreen in Hindi
आपका सनस्क्रीन आपको कड़ी धूप से बचाता है। आपकी त्वचा की रक्षा करता है, लेकिन इसे अच्छे से स्टोर करने का तरीका भी पता होना चाहिए। आपको सनस्क्रीन को स्टोर करने के दौरान कुछ बातों से सावधान रहना चाहिए।
- सनस्क्रीन की बोतल को सीधे धूप के संपर्क में न छोड़ें। ऐसी स्थिति में आपका सनस्क्रीन फॉमूर्ला खराब हो जाएगा।
- हो सके तो सनस्क्रीन को किसी ठंडी जगह पर स्टोर करके रखें। ठंडी जगह से मतलब रेफ्रीजरेटर बिल्कुल नहीं है। आप इसे किसी ठंडे कमरे या किसी ठंडी जगह जहां पर धूप न आती हो, वहां स्टोर कर सकते हैं।
- सनस्क्रीन को हमेशा किसी सूखी जगह पर स्टोर करें। बाथरूम या रसोई में सिंक के पास तो बिल्कुल भी ना रखा छोड़ें। यहां मौजूद नमी आपके सनस्क्रीन को अस्थिर बना सकती है और इसमें बैक्टीरिया और मोल्ड बढ़ सकते हैं जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
(और पढ़े – फ्रिज में भूलकर भी नहीं रखनी चाहिए ये चीजें…)
सनस्क्रीन खरीदते समय ध्यान रखें ये बातें – How To Choose Best Sunscreen in Hindi
सनस्क्रीन खरीदने से पहले इसकी मैन्यूफेक्चर डेट जरूर चैक कर लें। सनस्क्रीन जितना अच्छा होगा, उत्पाद की प्रभावकारिता उतनी ही बेहतर होगी। सनस्क्रीन में मौजूद तत्व शेल्फ पर रहते हुए भी बहुत आसानी से टूट जाते हैं। इसलिए, सनस्क्रीन का ताज़ा स्टॉक खरीदना महत्वपूर्ण है। कोशिश करें कि एक सा ज्यादा सनस्क्रीन एकसाथ न खरीदें। एक अच्छा ब्रांड हमेशा महत्वपूर्ण होता है। यदि संभव हो तो अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों की तरफ जाएं। यूएस और यूरोप में ब्रांड्स को एफडीए या यूरोपीय संघ द्वारा प्रमाणित किया जाता है और उनके पास सनस्क्रीन को प्रमाणित करने के लिए बहुत सख्त नियम हैं। पैकेज पर सामग्री सूची की जाँच करें।
यह आपको यह जानने में मदद करेगा कि क्या सनस्क्रीन में ऑक्सीबेनज़ोन होता है, यह एक हार्मोन अवरोधक जो एलर्जी का कारण बनता है। स्प्रे और पाउडर सनस्क्रीन मिनरल बेस्ड होते हैं और इसमें नैनोकण होते हैं जो रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं । ऐसे उत्पादों से बचें और क्रीम आधारित सनस्क्रीन चुनें। हमेशा 30 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन ही चुनें। हमेशा सनस्क्रीन पैकेज पर एसपीएफ़ रेंज की जाँच करें। 15 एसपीएफ से ऊपर वाला सनस्क्रीन अच्छा माना जाता है। यदि आप पूर्ण सुरक्षा चाहते हैं तो 30 एसपीएफ या उससे ज्यादा वाला सनस्क्रीन ही खरीदें।
सनस्क्रीन के लिए जरूरी सुझाव – Tips to use sunscreen in Hindi
धूप में जाने से पहले सनस्क्रीन का प्रयोग करें।हमेशा 30 एसपीएफ या इससे ज्यादा वाला सनस्क्रीन ही खरीदें।हमेशा ऐसा सनस्क्रीन का उपयोग करें जो अल्ट्रावायलट – ए के साथ अल्ट्रावायलट- बी किरणों से भी आपकी त्वचा को सुरक्षा प्रदान करे।सनस्क्रीन को सोखने में आपकी त्वचा को आधे घंटे तक का समय लग सकता है। इसलिए, बाहर जाने से 30 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएं।अगर आपको तत्काल धूप से बचाव की जरूरत हो तो जिंक ऑक्साइड सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। सनस्क्रीन का असर कुछ घंटों में खत्म हो जाता है, इसलिए हर दो घंटे में इसका इस्तेमाल करें।अकेले सनस्क्रीन पर भरोसा न करें। दुर्भाग्य से, सनस्क्रीन सनबर्न, फफोले और त्वचा कैंसर को पूरी तरह से रोक नहीं सकता है। इसलिए आप अपनी त्वचा को अन्य चीजों जैसे छतरी, टोपी, चश्मा से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
(और पढ़े – कॉम्बिनेशन स्किन की देखभाल कैसे करें…)
सनस्क्रीन से जुड़ी समस्याओं को लेकर लोगों के सवाल और जवाब – Question and answer about sunscreen in Hindi
एक्सपायर्ड सनस्क्रीन के इस्तेमाल से क्या नुकसान होते हैं – What Can Happen If You Use An Expired Sunscreen in Hindi
एक्सपायरी डेट के बाद भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, सनस्क्रीन में एवोबेनजोन, होमोसैलेट और ऑक्सीबेन्जोन जैसे तत्व होते हैं, तो समाप्ति की तारीख के बाद ऑक्सीकरण करना शुरू करते हैं। ऐसे सनस्क्रीन आपकी त्वचा के लिए ठीक नहीं होते हैं, जिससे आपको सनबर्न, फोटोएजिंग, स्किन एलर्जी हो सकती है। हालांकि मिनरल युक्त सनस्क्रीन ऑक्सीकरण नहीं करते हैं। कभी-कभी सनस्क्रीन तारीख से पहले ही खराब होना शुरू हो जाते हैं
क्या एक्सपायर्ड सनस्क्रीन सनस्क्रीन न होने से बेहतर है – Expired sunscreen can be still better than no sunscreen at all in hindi
कई लोगों का मानना होता है कि सनस्क्रीन एक्सपायर हो गया तो क्या, सनस्क्रीन है तो सही फिलहाल काम चलाने के लिए। पर ये धारणा गलत है। क्योंकि एक्सपायर्ड सनस्क्रीन आपको कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। हां, लेकिन अगर आपके पास मिनरल सनस्क्रीन है और वो एक्सपायर हो गया है तो इसका उपयोग आप दो तीन महीने तक भी कर सकते हैं, लेकिन इससे ज्यादा नहीं। क्योंकि मिनरल सनस्क्रीन में मौजूद इंग्रीडिएंट्स टाइटेनियम डाय ऑक्साइड या जिंक ऑक्साइड युक्त कैमिकल नार्मल सनस्क्रीन के मुकाबले जल्दी खराब नहीं होते हैं।
(और पढ़े – पतंजलि स्किन केयर प्रोडक्ट्स (सौंदर्य उत्पाद) की जानकारी…)
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