Betel Nut Benefits in Hindi सुपारी (Areca) एक पौधा है जिसके फलों का उपयोग दवा बनाने के लिए किया जाता है। सुपारी को ऐसे ही या किसी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों के साथ चबाने के लिए उपयोग किया जाता है। सुपारी (betel nut) सीधे तौर पर पान की तरफ इशारा करते हैं। सुपारी एक अखरोट होता है जो मुंह में कैविटिज का इलाज करता है। मुंह में बैक्टीरिया (Bacteria) के कारण दांतों की बाहरी परत को नुकसान हो सकता है जो दांत दर्द को बढ़ाता है। मसूढ़ों में सूजन, मवाद और दर्द आदि का इलाज करने में मदद करती है।
इसके अलावा मासिक धर्म (Menstrual) के समय होने वाली ऐंठन को कम करने के लिए भी सुपारी लाभकारी होती है। सुपारी खाने के फायदे उन लोगों के लिए भी हैं जो समय से पहले स्खलन से पीड़ित हैं वे नियमित रूप से सुपारी का सेवन कर अपनी स्थिति में सुधार कर सकते हैं। सुपारी का सेवन कर अपच संबंधी परेशानियों को दूर कर सकते हैं। सुपारी का उपयोग कर आप कब्ज और दस्त (Constipation and diarrhea) को भी ठीक कर सकते हैं।
विषय सूची
1. सुपारी क्या है – What is Betel Nut in Hindi
2. सुपारी का इतिहास – History of a habit in Hindi
3. सुपारी में पाए जाने वाले पोषक तत्व – Betel nut Nutritional Value in Hindi
4. सुपारी खाने के फायदे – Supari khane ke fayde in Hindi
5. सुपारी खाने के नुकसान – Supari khane ke nuksan in Hindi
बीटल नट एशिया के बहुत से देशों में उगाया जाने वाला फल है जिसे दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा चबाया (chewed) जाता है। इसका उपयोग पान के पत्तों के साथ किया जाता है। इसके साथ ही यह कई तम्बाकू युक्त पदार्थों के साथ भी उपयोग किया जाता है। यदि कम मात्रा में सुपाड़ी का सेवन किया जाये तो इसके फायदे होते हैं साथ ही यह कुछ नुकसानों को भी दिखाता है। सुपारी का स्वाद गर्म और अम्लीय (warm and acidic) होता है।
लगभग 2000 वर्ष पहले से सुपारी का उपयोग किया जा रहा है। यह पीढ़ीयों से चबाने के लिए उपयोग किया जाने वाला फल है। दुनिया में निकोटीन, अल्कोहल और कैफीन (Caffeine) के बाद चौथा स्थान सुपारी का है। यह दुनिया के सबसे लोकप्रिय मनोचिकित्सक पदार्थों में से एक है। आइए जाने सुपारी से प्राप्त होने वाले लाभ क्या हैं।
बीटल नट बहुत से पोषक तत्वों में समृद्ध होते हैं विशेष रूप से एल्कोलोइड (alkaloids) जैसे कि इकोलीन, अरेकाइन, कोलाइन, गुवासाइन, गुवाकोलाइन, गैलिक फैटी एसिड और टैनिन आदि ।
बीटल नट के पोषक तत्वों के कारण इसके खाने से बहुत से फायदे होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। आइए जाने सुपारी खाने से होने वाले लाभों के बारे में ।
इंटेलिहेल्थ के अनुसार सुपारी का उपयोग स्ट्रोक रिकवरी के लिए फायदेमंद हो सकता है। सुपारी का सेवन मरीजों में मूत्राशय नियंत्रण और मांसपेशियों की ताकत में सुधार करता है।
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एनआईएच के प्रारंभिक शोध के अनुसार सुपारी का सेवन करने से स्किजोफ्रेनिया (schizophrenia) रोगियों के लक्षणों में सुधार होता है। स्किजोफ्रेनिया के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं के कुछ दुष्प्रभाव होते है, इस लिए इसके नए उपचारों को ढूढ़नें की आवश्यक्ता है। एनएचआई के अनुसार सुपारी का सेवन करने से स्किजोफ्रेनिया रोगी को कपकपी और कठोरता (tremors and stiffness) जैसे दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है।
सुपारी में जीवाणु रोधी (Antibacterial) प्रभाव होते हैं इस कारण इसका उपयोग कैविटी दूर करने के लिए टूथपेस्टों में इसका उपयोग किया जाता है। लेकिन इसके हानिकारक प्रभावों के कारण दांतों के लिए उपयोग किये जाने वाले अन्य उत्पादों की अपेक्षा सुपारी (betel nuts) को बहुत ही कम मात्रा में उपयोग किया जाता है।
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अध्ययन अनुसार जो लोग ज्यादा सुपारी का सेवन करते हैं उनके मुंह में लार (saliva) का ज्यादा उत्पादन होता है। जो कि उनके पाचन में बहुत ही सहायक होता है। यह मधुमेह और स्जोग्रेन सिंड्रोम (diabetes and Sjogren’s syndrome) जैसे स्वास्थ्य परिस्थितियों के कारण शुष्क मुंह बाले लोगों की मदद कर सकता है।
होठों को स्वस्थ्य रखने के लिए सुपारी के पौधे की जड़ का काढ़ा बनाकर उपयोग किया जाता है। यह फटे हुए होंठ और गले का उपचार करने में आपकी मदद करता है। सुपारी का उपयोग शीतलन और बांधने (astringent) वाले प्रभाव तुरंत उपचार में मदद करते हैं।
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पीठ दर्द से राहत पाने के लिए सुपारी पौधे की नरम पत्तियों का रस निकाल कर उसमें आवश्यक तेल (Essential oil) के मिश्रण बनाकर कपड़े की सहायता से पीठ पर इस तेल का उपयोग करें और 20 मिनिट के लिए छोड़ दें यह आपकी पीठ दर्द (back pain) को ठीक करने में मदद करेगा।
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जो लोग पेट के कीड़ों से पीड़ित हैं उनका उपचार करने के लिए सुपारी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए सुपारी को बारीक पीस कर दही के साथ सेवन करना चाहिए। इस मिश्रण का सेवन करने से पेट में उपस्थित कीड़ों को नष्ट किया जा सकता है विशेष रूप से टैपवार्म (tapeworm) प्रकार के परजीवी को ।
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)बाजार में उपलब्ध सुपारी पाउडर को पाचन के लिए उपयोगी बनाने के लिए माउथ फ्रैशनर्स (mouth fresheners), खाद्य कपूर, इलायची और खसखस के बीज जैसे पाचक सामग्री के साथ मिलाया जाता है। आमतौर पर भोजन के बाद इस मिश्रण का सेवन किया जाता है। यह मुंह और पेट (Mouth and stomach) को साफ करने में मदद करते हैं साथ ही यह संतुष्टि की भावना को बढ़ाता है। यह मिश्रण हमारे द्वारा किये गए भारी भोजन को पचाने (Digest) में मदद करता है।
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दांतों की सड़न को रोकने के लिए आप उबले हुए सुपरी का उपयोग कर सकते हैं। सुपारी को उबाल कर चबाने से आपकी लार की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। इसका नियमित सेवन करने से आप अपने दांतों की कैविटी (Cavity) और दांतों की सड़न को रोक सकते हैं।
सुपारी के पाउडर का उपयोग दांतों को साफ करने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए दांत पाउडर के रूप बहुत ही प्रचलित हैं।
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कब्ज (constipation) से छुटकारा पाने के लिए सुपारी पौधे के नरम पत्तों का रस बहुत ही लाभकारी होता है। यह रस प्रकृति में लैक्सेटिव (Laxative) होता है और हल्के कब्ज को दूर करने में मदद करता है। इस रस का सेवन रात में सोने के समय (bedtime) लिया जाना चाहिए.
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बेटल नट के पत्तों का रस निकाल कर इसे दूध और शक्कर के मिश्रण के साथ मिलाएं। नियमित रूप से इस पेय का सेवन करने से यह आपके मूत्र प्रवाह को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यदि आपको पेशाब (urine) के समय किसी प्रकार की समस्या हो रही हो तो आप इस उपचार को अजमा सकते हैं यह आपके लिए फायदेमंद होगा।
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इसे उंगली पर सूजन (Whitlow) को ठीक करने के लिए अनबुझा चूना और सुपारी का पेस्ट बनाएं और इसे उंगली में लगा कर इसे कपड़े से बांध लें। इस तरह इस मिश्रण को प्रतिदिन बदलें और उंगली में नमी बनाए रखें। इस उपचार को लगभग 4-5 दिन तक करने की आवश्यकता होती है।
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आप मसूड़ों के संक्रमण को दूर करने के लिए आप सुपारी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए सुपारी की राख की आवश्यकता होती है। सुपारी को जला कर इससे प्राप्त होने वाली राख में 2 चम्मच लौंग पाउडर और ¼ कप कत्था मिलाएं। इस मिश्रण को पानी में मिलाएं और मुंह धोने के लिए उपयोग करें।
पानी में सुपारी को उबालें और इस पानी का उपयोग गरारा (gargling) करने के लिए उपयोग करें।
दांतों का पीला पन दूर करने के लिए आप सुपारी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप सुपारी को बारीक पीस (pulverise) लें और इस पाउडर से दांतों की सफाई करें। यह पाउडर आपके दांतों से पीलापन (teeth yellowing) हटाकर दांतों को सफेद और मजबूत करने में मदद करता है।
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जो लोग दिल का दौरा जैसी परेशानियों से ग्रसित होते हैं उनकी मांसपेशियां (muscles) कमजोर होती हैं और उनके आवाज की तीव्रता कम होती जाती है। नियमित रूप से सुपारी का सेवन करने से मांसपेशियों की शक्ति को पुन: प्राप्त किया जा सकता है और आपकी वाणी में भी सुधार हो सकता है।
महिलाएं पीले और सफेद रंग के स्राव से पीड़ित हो सकती हैं जिसे ल्यूकोरेरिया (Leucorrhea) कहा जाता है। आमतौर पर शरीर में एस्ट्रोजन असंतुलन होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है। सुपारी के पोषक तत्व हार्मोन संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा मासिक धर्म चक्र (Menstrual) शुरू होने से पहले सुपारी का सेवन कर योनि की ऐंठन और पेट के दर्द को कम किया जा सकता है।
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शोधों से जानकारी मिलती है कि कम मात्रा में सुपारी का सेवन करने से यह आपकी एकाग्रता (concentration) को बढ़ाने में मदद करता है और उत्तेजना को कम करता है। रात के समय यात्रा करने वाले ड्राईवर सुपारी का सेवन कर सतर्क रह सकते हैं और दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं।
यदि आपके मसूड़ों सूजन है तो आप सुपारी के औषधीय गुणों का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए आपको सुपारी के पाउडर को 2 चम्मच घी में फ्राई करने की आवश्यकता होती है। इसे भूनने के बाद आप इसमें बराबर मात्रा में अजवाइन, कत्था और सेंधा नमक मिलाएं। इन सभी को अच्छी तरह से मिलाने के बाद इस मिश्रण को सूजन वाले भाग (inflammed areas) में लगाएं। यह आपके मसूड़ों की सूजन को कम करने में मदद करेगा।
दस्त एक ऐसी स्थिति है जब पेट और आंत (stomach and intestines) तरल पदार्थों और भोजन को पचाने में असफल होते हैं जिससे शरीर से बड़ी मात्रा में तरल पदार्थ बाहर निकाल दिये जाते हैं। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह स्थिति व्यक्ति के लिए घातक हो सकती है। सुपारी का कम मात्रा में सेवन कर दस्त और पाचन से संबंधित परेशानियों को कम किया जा सकता है।
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समय से पहले स्खलन के इलाज के लिए सुपारी बहुत ही उपयोगी होती है। यह एक ऐसी स्थिति है जो पुरुषों में बांझपन का कारण बनती है। जिन लोगों को इस प्रकार की समस्या होती हैं उनके लिए सुपारी का सेवन करना फायदेमंद होता है।
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शरीर में लोहे की कमी के कारण एनीमिया हो सकता है। इसके अलावा रक्त प्रवाह में भोजन के खराब संश्लेषण से रक्त में शर्करा का स्तर कम हो सकता है। सुपारी का नियमित सेवन करने से दोनो प्रकार की समस्या को दूर किया जा सकता है।
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