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सुप्त वज्रासन करने के तरीका और लाभ – Supta Vajrasana Steps Benefits And Precautions In Hindi

Supta Vajrasana in Hindi सुप्त वज्रासन या सुपाइन थंडरबोल्ट पोज (Supine Thunderbolt Pose) एक वज्रासन का ही प्रकार हैं। सुप्त वज्रासन करने के लिए आपको पहले वज्रासन करना पड़ता हैं। लेकिन अंतिम स्थिति वज्रासन से बहुत ही अलग दिखती हैं। यह एक साधारण आसन है जिसे लंच या रात के खाने के बाद अभ्यास किया जा सकता है। इसका उपयोग ध्यान और श्वास अभ्यास का अभ्यास करने के लिए किया जाता है। इस आसन का नियमित अभ्यास आपको मजबूत और स्वस्थ बनाता है। सुप्त वज्रासन पाचन तंत्र और सहनशक्ति में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण और बहुत उपयोगी आसन है। सुप्त वज्रासन को ‘पवन मुक्तासन’ के साथ अभ्यास करने से यह अतिरिक्त गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम को विकसित करने में मदद करता हैं। आइये सुप्त वज्रासन को करने की विधि और इससे होने वाले लाभों को विस्तार से जानते हैं।

विषय सूची

1. सुप्त वज्रासन क्या हैं – What is Supta Vajrasana in Hindi
2. सुप्त वज्रासन करने से पहले करें यह आसन – Supat Vjrasan karne se pahle yah asana bhi kren in Hindi
3. सुप्त वज्रासन करने की विधि – Supta Vajrasana steps in Hindi
4. सुप्त वज्रासन के फायदे – Supta Vajrasana benefits in Hindi

5. सुप्त वज्रासन करने से पहले ये सावधानी रखें – Supta Vagrajan karne se pahle ye saavshani rakhen  in Hindi

सुप्त वज्रासन क्या हैं – What is Supta Vajrasana in Hindi

सुप्त वज्रसन, वज्रासन का ही एक उन्नत और रेखांकित संस्करण है जिसमे ऊपर का शरीर पीछे की तरफ झुका हुआ जमीन पर रहता है। सुप्त वज्रासन एक संस्कृत का शब्द हैं जो कि दो शब्दों से मिलके बना हैं जिसमे पहला शब्द “सुप्त” का अर्थ “झुकाना” हैं और दूसरा शब्द “वज्र” का अर्थ “थंडरबॉल्ट (thunderbolt)” हैं। इसे अंग्रेजी में ‘रेक्लिनेड हीरो पॉज़’ (Reclined Hero Pose) के नाम से जाना जाता हैं। यह आसन आपके शरीर को टोन करने के लिए पर्याप्त है। सुप्त वज्रसन नर और मादा प्रजनन अंग दोनों के विकारों को कम करने में मदद करता है। आइये इस आसन को करने की विधि को विस्तार से जानते हैं।

(और पढ़ें – गोमुखासन करने का तरीका और फायदे)

सुप्त वज्रासन करने से पहले करें यह आसन – Supat Vjrasan karne se pahle yah asana bhi kren in Hindi

सुप्त वज्रासन करने से पहले आप नीचे दिए गए कुछ आसन को करें जो आपको इस आसन को करने में मदद करेंगे-

सुप्त वज्रासन करने की विधि – Supta Vajrasana steps in Hindi

आइये सुप्त वज्रासन करने की विधि को विस्तार से क्रमानुसार जानते हैं जिससे आप इसे आसानी से कर सकें-

  • सुप्त वज्रासन करने के लिए आप सबसे पहले किसी साफ स्थान पर योगा मेट को बिछा कर घुटने टेक कर बैठ जाएं।
  • इस आसन को करने के लिए आप वज्रासन में भी बैठ सकते हैं क्योंकि इस आसन की प्रारंभिक स्थिति बिलकुल वज्रासन के जिसे होती हैं।
  • अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और अपने शरीर को आगे की क्रिया करने के लिए तैयार करें, अपनी साँस को सामान्य रखें।
  • अब दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और कोहनी को जमीन पर रख लें
  • हाथों की कोहनी पर शरीर का थोड़ा से भार डालते हुए अपने ऊपर के शरीर को पीछे की ओर झुकाएं।
  • अपनी पीठ को पूरी तरह से फर्श पर रखें।
  • इसे बाद अपने सिर को पीछे की ओर मोड़ें यानि अपनी पीठ तरफ झुकाएं।
  • इस स्थिति में आपकी पीठ एक कमानी की तरह हो जाएगी जिसमे आपके कंधे और सिर फर्श पर रहेगा और आपके पीठ फर्श से ऊपर हो जाएगी।
  • अब अपने दोनों हाथों को सीधा करके अपनी दोनों जांघों पर रख लें।
  • सुप्त वज्रासन करने की अवधि को आप धीरे-धीरे बढ़ाएं।
  • आप इसके 3 से 5 चक्र कर सकते हैं।

(और पढ़ें – बकासन योग करने की विधि और फायदे)

सुप्त वज्रासन के फायदे – Supta Vajrasana benefits in Hindi

हम सभी जानते हैं की वज्रासन के अनेक लाभ हैं, यह सुप्त वज्रासन भी वज्रासन का एक उन्नत संस्करण हैं अर्थात यह हमारे लिए और भी अधिक लाभदायक हैं। आइये इसके कुछ प्रमुख लाभ को विस्तार से जानते हैं-

रीढ़ की हड्डी के लिए लाभदायक सुप्त वज्रासन – Supta Vajrasana benefits for spinal cord in Hindi

यह आसन रीढ़ की हड्डी की तंत्रिकाओं को मजबूत करता हैं। यह गर्दन की भीतर की नसों, थायरायड और पैराथायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करता हैं। इसके अलावा यह पसलियों को फैलाता हैं जिससे फेफड़ों में अधिक से अधिक ऑक्सीजन शरीर में पहुंचती हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक हैं।

(और पढ़ें – थायराइड के लिए योग और करने की विधि )

सुप्त वज्रासन के फायदे पीठ दर्द के इलाज में – Supta Vagrajan Pose for treating back pain in Hindi

सुप्त वज्रासन पीठ की मांसपेशियों को फैलाता हैं और यह डिस्क पर दबाव बनता हैं साथ ही यह एक दूसरे को अलग रखता हैं। पीठ दर्द में सुप्त वज्रासन से छुटकारा पाने में मदद मिलती है और डिस्क को उनकी सही स्थिति पर लाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

(और पढ़ें – शलभासन करने की विधि और फायदे)

सुप्त वज्रासन करे पाचन तंत्र के रोग ठीक – Supta Vajrasana benefits for digestive system in Hindi

यह आसन करने से आपके पेट की नस पर भी खिंचाव पड़ता हैं जिससे पेट की एक प्रकार से मालिश होती हैं जो कि पाचन से संबंधित सभी रोगों को ठीक करती हैं। इस सुप्त वज्रासन को करने से पेट में कब्ज की समस्या खत्म हो जाती हैं। इसके अलावा यह आसन श्वसन के विकार और विभिन्न श्वसन अंगों की बीमारियों को ठीक करने में भी मदद करता हैं।

(और पढ़ें – मानव पाचन तंत्र कैसा होता है)

नकारात्मक ऊर्जा रोकने के लिए सुप्त वज्रासन के लाभ –  Supta Vagrajan Pose for To stop negative energy in Hindi

सुप्त वज्रासन व्यक्ति के अन्दर साहस और आत्मविश्वास को बढाता हैं। यह रचनात्मकता और बुद्धि को बढ़ाता है क्योंकि यह मस्तिष्क में रक्त के परिसंचरण को बढ़ा देता है। यह मुद्रा आपके अन्दर नकारात्मक को कम करने में मदद करती हैं।

(और पढ़ें – अपनी सोच को सकारात्मक बनाने के 5 तरीके)

प्रजनन क्षमता बढ़ाने में लाभदायक है सुप्त वज्रासन – Supta Vajrasana benefits for Increasing fertility in Hindi

 

सुप्त वज्रासन करने से आपके जननांग की नसों पर भी खिंचाव पड़ता हैं। यह आसन नर तथा मादा दोनों के प्रजनन अंगों के विकार को कम करने में मदद करता हैं। यह आसन मस्तिष्क में आने वाले यौन विचारों को दूर करता हैं जिससे आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने में मदद मिलती है।

(और पढ़ें – हनुमानासन के फायदे, करने का तरीका और सावधानियां)

सुप्त वज्रासन करने से पहले ये सावधानी रखें – Supta Vagrajan karne se pahle ye saavshani rakhen  in Hindi

सुप्त वज्रासन हमारे स्वास्थ्य के लिए अनेक प्रकार से लाभदायक है। फिर भी सुप्त वज्रासन को करने से पहले आप नीचे दी गई कुछ सावधानियों को ध्यान में रखें।

  • उच्च रक्तचाप के रोगी इस आसन को ना करें।
  • अगर आपकी डिस्क फिसल (slipped disc) गई हैं तो आप इस आसन को ना करें।
  • घुटनों के दर्द से परेशान व्यक्ति इस आसन को करने से बचें।
  • यदि आपकी गर्दन में दर्द हैं तो आप इस अभ्यास को ना करें।
  • यदि आपको पीठ के दर्द की समस्या हैं तो आप इस आसन को करने का प्रयास ना करें।
  • ऑस्टियोपोरोसिस और वर्टिगो के मामले में इस आसन का अभ्यास ना करें।

(और पढ़ें – बद्ध पद्मासन करने का तरीका और फायदे )

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Shivam

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