Sunflower benefits in Hindi सूरजमुखी के बीज और तेल के अनेक फायदे होते हैं। सूरजमुखी के बीज से ही उसका तेल प्राप्त किया जाता है। सूरजमुखी के बीज में पर्याप्त मात्रा में आवश्यक पोषक तत्व (Nutrients) जैसे- प्रोटीन (Protein), फाइबर, वसा (Fat), विटामिन B1, विटामिन B3, विटामिन B6, फास्फोरस (Phosphorus), मैग्नीशियम (Magnesium) पाये जाते हैं, जो हमारे स्वस्थ शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। सूरजमुखी के तेल (Sunflower oil) में अच्छे ANTIOXIDENT के गुण होते हैं जो त्वचा, बालों, पाचन तंत्र और ह्रदय के लिए लाभकारी होता है। आइये जानते है सूरजमुखी के फायदे और सूरजमुखी के नुकसान के बारे में।
1. सूरजमुखी के बारे में जानकारी – Sunflower information in Hindi
2. सूरजमुखी के बीज के फायदे – Surajmukhi Ke Fayde in Hindi
3. सूरजमुखी के तेल के फायदे – Surajmukhi ke Tel ke Fayde in Hindi
4. सूरजमुखी के नुकसान – Sunflower side effects in Hindi
चूंकि सूरजमुखी बीज और तेल के अनेक फायदे होते हैं पर, अधिक मात्रा में या गलत तरीके से सेवन करने से कभी-कभी नुकसानदायक भी हो सकते हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हम सूरजमुखी बीज और तेल के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे। तो आइये जानते हैं सनफ्लावर बीज और तेल के फायदे और नुकसान क्या है –
सनफ्लावर का पौधा (Sunflower plant) 6-10 फ़ीट लम्बा होता है और इसका तना (Stem) मोटा होता है परन्तु बहुत कमजोर होता है। इसका फूल पीले रंग के होते हैं जिसका आकार 30 सेंटीमीटर व्यास का होता है। सूरजमुखी का फूल अपना मुख सूर्य की दिशा में घुमाता जाता है यही कारण है कि इसको सूरजमुखी अर्थात् सूर्य की तरफ मुख करने वाला पड़ा। एक फूल में लगभग 100-120 gm बीज होते हैं। सूरजमुखी के बीज हल्के काले रंग के होते हैं, जिनमें पर्याप्त मात्रा में तेल होता है।
सूरजमुखी के बीज (Sunflower seed) में Vitamin C होता है जो बुरे कोलेस्ट्रॉल LDL को कम करता है जिसकी अधिकता से धमनियों (Arteries) में रक्त का थक्का जमने लगता है और ह्रदय आघात का कारण बनता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल HDL को बढ़ाता है अतः सूरजमुखी के बीजों का नियमित सेवन करने से ह्रदय स्वस्थ रहता है।
सनफ्लावर के बीज पाचन (Digestion) में सहायक होते हैं क्योंकि इसमें फाइबर (fibre) की पर्याप्त मात्रा होती है। जो अपशिष्ट पदार्थों को मल त्याग के माध्यम से बाहर निकाल देता है। हमारे शरीर को प्रतिदिन लगभग 25 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है जिसकी हम मुश्किल से आधी मात्रा की ही पूर्ति कर पाते हैं। किन्तु अगर हम प्रतिदिन कुछ मात्रा में सूरजमुखी के बीज (Sunflower seed) लेते है, तो हम फाइबर की जरूरी मात्रा को पूरा कर सकते हैं और कब्ज (Constipation) जैसी समस्या से बच सकते हैं।
आपको बता दें की सूरजमुखी के बीज में Protein, Fat व Carbohydrate प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शारीरिक वृद्धि के लिए आवश्यक हैं। सूरजमुखी के बीज ऊर्जा के लिए बहुत अच्छा स्रोत है। बहुत से खिलाड़ी और बॉडी बिल्डर निश्चित मात्रा में सूरजमुखी के बीजों का नियमित सेवन करते हैं।
कैंसर की रोकथाम में सूरजमुखी का उपयोग किया जा सकता है, सूरजमुखी के बीज में vitamin E, सेलेनियम (Selenium) और कॉपर पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं जिनमें एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) का गुण पाया जाता है। शोध में पाया गया है कि ये एंटीऑक्सिडेंट कैंसर कोशिकायों (Cancer cells) को बढ़ने से रोकता है।
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सूरजमुखी के तेल में Omega 3 oil पाया जाता है जिसे खाने से जोड़ों के दर्द (joint pain/ arthritis) को कम किया जा सकता है।
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सूरजमुखी के तेल में विटामिन C पाया जाता है जो त्वचा और बालों को सुन्दर व चमकदार बनाता है।
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सूरजमुखी के तेल में विटामिन E पाया जाता है जो प्रतिरोधक क्षमता (Immune system) को बढ़ाता है और रोगों से लड़ने में सहायता करता है।
अधिक मात्रा में सूरजमुखी का सेवन करने से इसके नुकसान भी हो सकते है आइये जानते है सूरजमुखी के नुकसान क्या है –
सूरजमुखी तेल में बहुत ज्यादा मात्रा में मोनो और बहु असंतृप्त तेल (Poly unsaturated oil) पाया जाता है, जिसे हम उच्च ताप पर गर्म (Deep fry) नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ऐसा करने से तेल में लेपोप्रोटीन या LDL Cholesterol (ख़राब कोलेस्ट्रॉल) बढ़ जाता है। जिसके सेवन से Heart attack की सम्भावना बढ़ जाती है।
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सनफ्लावर के बीजों में फॉस्फोरस पाया जाता है जिसका अधिक मात्रा में सेवन करने से किडनी पर प्रभाव पड़ता है और लगातार सेवन करते रहने से किडनी ख़राब हो सकती हैं।
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सूरजमुखी के बीजों में सेलेनियम (Selenium) पाया जाता है जिसकी अधिक मात्रा सेलेनियम विषाक्तता का कारण बनता है जिसके लक्षण हो सकते हैं- नाजुक बाल और नाजुक नाखून, त्वचा के चकत्ते, चिड़चिड़ापन, थकान और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
सनफ्लावर के तेल में वसीय अम्ल (Fatty acids) और कैलोरी (Calorie) बहुत अधिक मात्रा में होती है, जिसके कारण बहुत अधिक मात्रा में लगातार सेवन करने से शरीर में वसा जमा होने लगती है और शरीर का वजन बढ़ने लगता है।
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शरीर में वसा बढ़ने से रक्तचाप (Blood pressure) और मधुमेह (Sugar) जैसी अनेक बीमारियाँ अपना घर बना लेती हैं।
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