नि:संतान लोगों के लिए एक बेहतरीन चिकित्सा विकल्प है सरोगेसी, जिसके माध्यम से कोई भी संतान की खुशी हासिल कर सकता है। इसकी जरूरत तब पड़ती है जब किसी स्त्री को या तो गर्भाशय का संक्रमण हो या फिर वह किसी अन्य कारण (जिसमें बांझपन भी शामिल है) से गर्भ धारण करने में सक्षम नहीं होती है।
संतान का सुख हर दंपति चाहता है, हर किसी की कामना होती है की उनका खुद का बच्चा हो। जिससे वह बच्चे के जन्म होने के पहले से लेकर उसके जन्म होने तक की हर गतिविधियों का सुख प्राप्त कर सके।
पर कभी कभी कुछ ऐसी परिस्तिथिया हो जाती है जिसमे दंपति संतान सुख प्राप्त नहीं कर पाते है। लेकिन आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है इसके लिए इस आधुनिक युग में कई तकनीकी आ चुकी है जो आपको संतान सुख प्राप्त करने में मदद करती है।
आखिर सरोगेसी क्या है और इससे कैसे एक दंपत्ति को संतान की प्राप्ति हो सकती है?
जिन लोगो को संतान नहीं हो पाती है उनके लिए सरोगेसी एक अच्छा विकल्प है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिये आप संतान का सुख प्राप्त कर सकते है।
आजकल सेरोगेसी के जरिये कई लोगो ने संतान सुख प्राप्त किया है। जिसमे कुछ नामी हस्तियां भी शामिल है जो सरोगेसी करवा चुकी है। करण जोहर, तुषार कपूर से लेकर आमिर खान ने भी सेरोगेसी का लाभ लिया है। आइये सरोगेसी / Surrogacy के बारे में विस्तार से जानते है । (और पढ़े: जल्दी और आसानी से गर्भवती होने के तरीके)
सरोगेसी क्या है? – Surrogacy in Hindi
- यह परिस्थिति तब उत्पन्न होती है जब कोई महिला किसी कारण से गर्भ धारण करने में सक्षम नहीं होती। जैसे की महिला के गर्भाशय में संक्रमण हो, बच्चे को जन्म देने में कठिनाई आती हो, बार-बार गर्भपात हो रहा हो या फिर बार-बार आईवीएफ तकनीक फेल हो रही हो।
- सरोगेसी मेंएक अन्य महिला और दंपति के मध्य एक एग्रीमेंट होता है, जो दंपति अपना खुद का बच्चा चाहता है। अर्थात इसमें बच्चे के जन्म होने तक एक अन्य महिला के कोख को रेंट पर लिया जाता है।
- बता दें कि कैबिनेट से पास सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2016 में यह साफ है कि अविवाहित पुरुष या महिला, सिंगल, लिव-इन रिलेश्नशिप में रहने वाले जोड़े और समलैंगिक जोड़े भी अब सरोगेसी के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। वहीं, अब सिर्फ रिश्तेदार में मौजूद महिला ही सरोगेसी के जरिए मां बन सकती है। जो भी महिला किसी और दंपति के बच्चे को अपनी कोख से जन्म देने को तैयार हो जाती है उसे ही ‘सरोगेट मदर’ कहा जाता है।
सरोगेसी के प्रकार – Types of surrogacy in hindi
सरोगेसी दो प्रकार की होती है- ट्रेडिशनल सरोगेसी और जेस्टेंशनल सरोगेसी
ट्रेडिशनल सरोगेसी – Traditional surrogacy in hindi
- इस सरोगेसी में सबसे पहले पिता के शुक्राणुओं को एक अन्य महिला के अंडाणुओं के साथ निषेचित किया जाता है, जिसमें जैनेटिक संबंध केवल पिता से होता है।
जेस्टेंशनल सरोगेसी – Gestational surrogacy in hindi
- इस प्रक्रिया में माता-पिता के अंडाणु व शुक्राणुओं का मेल परखनली विधि से करवा कर भ्रूण को सरोगेट मदर की बच्चेदानी में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
- इस प्रक्रिया में बच्चे का जैनेटिक संबंध माता-पिता दोनों से होता है। (और पढ़े: शिशु के जन्म के कितने दिनों बाद हो आप हो सकती हैं गर्भवती)
सरोगेसी के लिए भारत क्यों है पॉपुलर– Why is India popular for surrogacy in hindi
- भारत में surrogacy करवाना अन्य देशों अपेक्षा कम खर्च वाला होता है। भारत में ऐसी महिलाएं आसानी से उपलब्ध हो जाती है जो किसी कारणवश सरोगेट मदर बनने को तैयार हो जाती है।
- इस तकनीक के लिए सरोगेट मदर का भीशुरू से लेकर अंत तक पूरा ख्याल रखा जाता है।
- भारत में सेरोगेसी में कम खर्च होने और आसानी से उपलब्ध होने के कारण कई विदेशी भी भारत आकर surrogacy करवाते है।
- कभी कभी सेरोगेसी के केस में कुछ विवाद भी उत्पन्न हो जाते है जिसके लिए सरकार से कुछ कानून भी बनाये है।
- नि:संतान लोगों के लिए वरदान कहलाने वाली सरोगेसी क्या है। 2016 सितंबर महीने में सरकार ने उस बिल को मंजूरी दे दी जिसमें किराये की कोख (surrogacy ) वाली मां के अधिकारों की रक्षा के उपाय किए गए हैं। साथ ही surrogacy से जन्मे बच्चों के अभिभावकों को कानूनी मान्यता भी देने का प्रावधान है।
- बता दें कि कैबिनेट से पास surrogacy रेगुलेशन बिल 2016 में यह साफ है कि अविवाहित पुरुष या महिला, सिंगल, लिव-इन रिलेश्नशिप में रहने वाले जोड़े और समलैंगिक जोड़े भी अब सेरोगेसी के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। वहीं, अब सिर्फ रिश्तेदार में मौजूद महिला ही सेरोगेसी के जरिए मां बन सकती है।
- एक जानकारी के मुताबिक सेरोगेसी के मामले में दुनिया में सर्वाधिक भारत में ही होते हैं। यदि पूरी दुनिया में साल में 500 surrogacy के मामले होते हैं तो उनमें से 300 सिर्फ भारत में होते हैं। भारत में गुजरात के अलावा मुंबई एवं कुछ अन्य प्रांतों में यह सुविधाएं मिल जाती हैं। चूंकि भारत में यह सुविधा सस्ती मिल जाती है अत: विदेशी भी किराए कोख के लिए भारत की ओर रुख कर रहे हैं।
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