Surya Namaskar in Hindi: सूर्य नमस्कार का अर्थ सूरज को अर्पण या नमस्कार करना होता है। सूर्य नमस्कार योग एक ऐसा योग है जो कई योग आसनों से मिलकर बना हुआ है जो हमारे शरीर और मन को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका होता है। इस लेख में आप जानेंगे सूर्य नमस्कार क्या है, सूर्य नमस्कार १२ योग आसन कौन से हैं, सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका और सूर्य नमस्कार के फायदे क्या है (Sun Salutation Steps And Benefits In Hindi) इसके आलावा हम आपको सूर्य नमस्कार के बाद कौन सा आसन करना चाहिए? सूर्य नमस्कार कब और कैसे करें? के बारे में भी बताएगें।
विषय सूची
सूर्य नमस्कार योग क्या है? – What is Surya Namaskar in Hindi
सूर्य नमस्कार संस्कृत के दो शब्दों “सूर्य” और “नमस्कार” से मिलकर बना है, जहां सूर्य का अर्थ सूरज (Sun) और नमस्कार का अर्थ नमस्कार करना या हाथ जोड़ कर प्रार्थना (salutation) है। सूर्योदय के समय उठकर सूर्य नमस्कार योग करना दिन की शुरूआत करने का एक सर्वोत्तम तरीका है। सूर्य नमस्कार कुल 12 आसनों में पूरा होता है और इसका प्रत्येक स्टेप अपने आपमें बहुत लाभकारी है। सूर्य नमस्कार योग भगवान सूर्य की प्रार्थना करने और उन्हें धन्यवाद देने की एक बहुत ही पुरानी तकनीक है। सूर्य नमस्कार की पूरी प्रक्रिया में भगवान सूर्य के अलग-अलग नामों का जाप किया जाता है। सूर्य नमस्कार में कितने आसान होते हैं? आइये इसे विस्तार से जानते हैं।
सूर्य नमस्कार क्यों करना चाहिए? – Why should we do Surya Namaskar in Hindi?
भारत के प्राचीन ऋषियों द्वारा यह कहा जाता है कि शरीर के विभिन्न भाग विभिन्न देवताओं (दिव्य संवेदनाओं या दिव्य प्रकाश) द्वारा नियंत्रित होते हैं। मणिपुर चक्र (नाभि के पीछे स्थित है जो मानव शरीर का केंद्र भी है) सूर्य से संबंधित होता है। सूर्य नमस्कार के निरंतर अभ्यास से मणिपुर चक्र विकसित होता है। जिसके कारण व्यक्ति की रचनात्मकता और अंतर्ज्ञान में वृद्धि होती है। यही कारण था कि प्राचीन ऋषियों ने सूर्य नमस्कार के अभ्यास पर इतना जोर दिया। अब तो आप समझ गए होगें कि हमें सूर्य नमस्कार क्यों करना चाहिए?
सूर्य नमस्कार कब करें – When to do Surya Namaskarin Hindi
इसे सुबह के समय करना बेहतर होता है। सूर्य नमस्कार में 12 आसान होते हैं। सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, स्वास्थ्य ठीक रहता है और शरीर रोग मुक्त बना रहता है। सूर्य नमस्कार से दिल, जिगर, आंत, पेट, छाती, स्वरयंत्र, और शरीर के सभी हिस्सों के लिए कई लाभ हैं। सूर्य नमस्कार शरीर के सभी हिस्सों को सिर से लेकर पांव तक बहुत फायदा पहुंचाता है। इसीलिए सभी योग विशेषज्ञ इसके अभ्यास पर विशेष जोर देते हैं।
आपको बता दें सूर्य नमस्कार की मुद्रा हल्के व्यायाम और योगासनों के बीच एक कड़ी की तरह है और इसे कभी भी खाली पेट किया जा सकता है। हालाँकि, सूर्य नमस्कार करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि यह मन और शरीर को स्फूर्ति देता है, शरीर को तरोताजा करता है और दिन के काम के लिए इसे तैयार करता है। यदि यह दोपहर में किया जाता है, तो यह शरीर को तत्काल ऊर्जा से भर देता है, जबकि शाम को इसे करने से तनाव को कम करने में मदद मिलती है। यदि सूर्य नमस्कार तेज गति के साथ किया जाता है, तो यह एक बहुत अच्छा योग व्यायाम साबित हो सकता है और वजन कम करने में भी मदद कर सकता है।
सूर्य नमस्कार के १२ आसन – 12 Steps of Surya Namaskar in Hindi
सूर्य नमस्कार में कितने आसान होते हैं? और सूर्य नमस्कार में कौन कौन से आसनों का अभ्यास होता है? सूर्य नमस्कार 12 योग आसनों की एक श्रंखला है जो कि क्रमानुसार की जाती है। इन 12 योग आसनों के नाम निम्न हैं-
- प्रणाम आसन | Prayer pose
- हस्तउत्तानासन |Hastauttanasana (Raised Arms pose)
- हस्तपाद आसन |Hasta Padasana (Hand to Foot pose)
- अश्व संचालन आसन | Ashwa Sanchalanasana (Equestrian pose)
- दंडासन |Dandasana (Stick pose)
- अष्टांग नमस्कार | Ashtanga Namaskara (Salute With Eight Parts Or Points)
- भुजंग आसन |Bhujangasana (Cobra pose)
- पर्वत आसन | Parvatasana (Mountain pose)
- अश्वसंचालन आसन | Ashwa Sanchalanasana (Equestrian pose)
- हस्तपाद आसन | Hasta Padasana (Hand to Foot pose)
- हस्तउत्थान आसन | Hastauttanasana (Raised Arms pose)
- ताड़ासन | Tadasana
सूर्य नमस्कार करने का तरीका – Steps of Surya Namaskar in hindi
Surya Namaskar karne ke tarike in Hindi सूर्य नमस्कार करने का तरीका बहुत ही सरल और आसन है। सूर्य नमस्कार योग में कुल 12 स्टेप्स या कहें आसन होते हैं। इस योग के पूरे स्टेप्स बहुत सावधानीपूर्वक करना चाहिए और अपनी तरफ से कोई बदलाव नहीं करना चाहिए। सूर्य नमस्कार को सही तरीके से करने पर ही इसके फायदे मिलते हैं। आइये जानतें है सूर्य नमस्कार कैसे करते हैं?
(और पढ़े – योग क्या है योग के प्रकार और फायदे हिंदी में…)
Surya Namaskar Step1: प्रणाम आसन (Prayer Pose)
सूर्य नमस्कार करने की शुरुआत प्रणाम मुद्रा से होती है। इसे करने के लिएफर्श पर चटाई बिछाएं और उसके ऊपर एकदम सीधे (सावधान की मुद्रा में) खड़े हो जाएं। दोनों पैरों के बीच अधिक दूरी न हो और दोनों पैरों पर आपके वजन का संतुलन समान रूप से हो। इसके बाद अपनी दोनों बांहों (arm) को फैलाएं और कंधे को ढीला रखें। अब श्वास (breath) लेते हुए अपनी दोनों बांहों को ऊपर उठाएं और श्वास छोड़ते हुए प्रार्थना (नमस्कार ) की मुद्रा में दोनों हथेलियों को आपस में मिलाएं और ओम मित्रायः नमः का जाप करें।
(और पढ़े – ताड़ासन करने के फायदे, सावधानियां और करने का तरीका…)
Surya Namaskar Step 2: हस्त उत्थानासन (Raised Arms Pose)
सूर्य नमस्कार के दूसरे स्टेप में अपनी दोनों बांहों को ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे अपनी हथेलियों (palms) को सिर के पीछे की तरफ झुकाएं। कंधा भुजाओं से और पेशियां कानों को छूते हुए होना चाहिए। जितना संभव हो सके अपने पेट को सीधा खींचे और शरीर को पीछे की तरह झुकाएं और इसके बाद ओम खग्या नमः का जाप करें। इसी मुद्रा में कुछ देर तक बने रहें और श्वास लें। सूर्य नमस्कार के इस आसन के दौरान गहरी और लंबी सांस लेने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है। आपका पूरा शरीर, फेफड़े, और मस्तिष्क अधिक मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त करते हैं।
Surya Namaskar Step 3: पदाहस्तासन (Hand to Foot Pose)
सूर्य नमस्कार के तीसरे स्टेप में आपको आगे की तरफ झुकना है और अपनी हथेलियों को दोनों पैरों के सामने जमीन पर रखना है। झुकी हुई अवस्था में माथा घुटने को छूना चाहिए और हथेलियों से पैरों को छूने की कोशिश करनी चाहिए। इसके बाद श्वास छोड़ते हुए ओम सूर्य नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। चूंकि हाथों से पैरों को पकड़कर यह योग आसन किया जाता है इसलिए सूर्य नमस्कार के इस स्इटेप को पदहस्तासन कहा जाता है।
(और पढ़ें – पादहस्तासन योग करने का तरीका और लाभ)
Surya Namaskar Step 4: अश्व संचालनासन आसन (Equestrian Pose)
सूर्य नमस्कार के चौथे स्टेप में एक पैर को एक कदम पीछे की ओर फैलाएं और दूसरे पैर को दोनों हथेलियों के सामने जमीन पर एकदम सीधे रखें, पैर जमीन पर दोनों हथेलियों के बीच में होना चाहिए और हथेलियां जमीन से छूनी चाहिए। इस मुद्रा को करते समय पैर का पंजा खड़ा हुआ रहना चाहिए। उसके बाद सीने को आगे खीचते हुए गर्दन को ऊपर उठाएं। सिर को एकदम सीधे रखें और श्वास छोड़ते हुए ओम भानुवे नमः का जाप करें।
Surya Namaskar Step 5: पर्वतासन (Mountains Pose)
सूर्य नमस्कार के पांचवे स्टेप में दोनों पैरों को चिपकाएं और कमर को फर्श की ओर नीचे झुकाएं और दोनों हथेलियों को जमीन पर टिकाते हुए शरीर को नीचे की ओर झुकाने का प्रयास करें और सांस छोड़ते हुए ओम रवि नमः का जाप करें। ध्यान रखें कि आपके दोनों पैरों की एड़ियां आपस में मिली हों।
Surya Namaskar Step 6: अष्टांग नमस्कार (Salute with Eight parts or points)
सूर्य नमस्कार के छ्टे स्टेप में अपने घुटने, सीने और माथे को अपने हथेलियों के साथ धीरे-धीरे नीचे फर्श पर ले जाएं और छाती एवं कोहनी को हल्का सा ऊपर की ओर उठाएं। श्वास लें और ओम पुष्णाय नमः का जाप करें।
Surya Namaskar Step 7: भुजंगासन (Cobra Pose)
सूर्य नमस्कार करने के सातवे स्टेप में अपनी कमर (waist) को जमीन पर नीचे रखें और शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाने की कोशिश करें। ऊपर की ओर देखें और अपनी भुजाओं को एकदम सीधे रखें। इसके बाद धीरे-धीरे श्वास लें और इसके बाद ओम हिरण्यगर्भया नमः का जाप करें।
(और पढ़े – भुजंगासन के फायदे और करने का तरीका…)
Surya Namaskar Step 8: पर्वतासन (Mountains Pose)
सूर्य नमस्कार के आंठ्वे स्टेप में अपने कूल्हों (hips) को ऊपर उठाएं और अपने सिर, आंखों, नाभि (navel) और ऐंडी को जमीन पर नीचे की ओर झुकाएं। यह शरीर की उल्टा ‘V’ आकृति की मुद्रा बनाती है। इस मुद्रा को ग्रहण करने के बाद ओम मरिचिये नमः का जाप करें।
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Surya Namaskar Step 9: अश्व संचालन (Equestrian Pose)
सूर्य नमस्कार के नौंवे स्टेप में आपको स्टेप 4 की मुद्रा को ही दोहराना है, अर्थात् सांस लेते हुए दायां पैर आगे दोनों हथेलियों के बीच में रखें और बाएं घुटने को जमीन पर नीचे झुकाएं, कूल्हों पर नीचे की तरफ दबाव बनाएं। सांस छोड़ते हुए ओम आदित्य नमः का जाप करें।
Surya Namaskar Step 10: पदहस्तासन (Hand to Foot Pose)
सूर्य नमस्कार के दसवे स्टेप में श्वास छोड़े और बाएं पैर को आगे लाएं। हथेलियों को जमीन पर रखें और घुटनों (knees) को मोड़े। घुटनों को झुकाएं नहीं और नाक से घुटनों को छूने की कोशिश करें। सांस छोड़ते हुए ओम सावित्रे नमः का जाप करें। यह मुद्रा बिल्कुल स्टेप 3 की ही तरह है।
(यह भी पढ़ें – पादहस्तासन योग करने का तरीका और लाभ)
Surya Namaskar Step 11: हस्त उत्थानासन (Raised Arms Pose)
सूर्य नमस्कार के ग्यारहवे स्टेप में श्वास लें और रीढ़ को ऊपर उठाते हुए रोल करें, हाथों को ऊपर उठाएं और हल्का सा सिर के पीछे की ओर झुकाएं और कूल्हों को धीरे से आगे की ओर धक्का लें। पेशियां (biceps) कानों को छूनी चाहिए और शरीर में तनाव होना चाहिए। श्वास लेते हुए ओम अर्काया नमः का जाप करें। यह मुद्रा बिल्कुल स्टेप 2 की तरह ही है।
Surya Namaskar Step 12: प्रणामासन (Prayer Pose)
सूर्य नमस्कार (Sun Salutation) का अंतिम स्टेप पहले स्टेप के जैसा ही है। सर्वप्रथम श्वास छोड़ते हुए शरीर को बिल्कुल सीधे रखें और दोनों हथेलियों को नमस्कार या प्रार्थना की मुद्रा में आपस में चिपकाते हुए सामान्य रूप से श्वास लेते हुए ओम भाष्कराय नमः का जाप करें। सूर्य नमस्कार शुरुआत में 4 से 5 बार करना चाहिए और फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 12 से 15 बार तक ले जाएं।
सूर्य नमस्कार के फायदे – Benefits of Surya Namaskar (Sun Salutation) in Hindi
Surya Namaskar ke fayde in Hindi माना जाता है कि नाभि (navel) के पीछे स्नायु गुच्छ (solar plexus) होता है जो मानव शरीर का केंद्रीय बिंदु होता है जिसे दूसरे मस्तिष्क (second brain) के नाम से भी जाना जाता है और यह सूर्य से संबंधित होता है। यही कारण है कि लोग विभिन्न फायदों के लिए सूर्य नमस्कार आसन करते हैं। आइये जानते हैं कि सूर्य नमस्कार करने के क्या फायदे होते हैं।
सूर्य नमस्कार के फायदे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाने में
Surya Namaskar की मुद्रा के दौरान श्वास लेने और छोड़ने की क्रिया से फेफड़े में पर्याप्त हवा पहुंचती है और यह ब्लड को अधिक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करता है। सूर्य नमस्कार के फायदे की इस प्रक्रिया से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल आते हैं और हानिकारक गैसों एवं अत्यधिक कार्बन डाईऑक्साइड से शरीर को छुटकारा मिलता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
सूर्य नमस्कार के फायदे वजन घटाने में
Surya Namaskar की पूरी प्रक्रिया हृदय (cardiovascular) की एक्सरसाइज है। यह पेट की मांसपेशियों में खिंचाव एवं तनाव एक साथ पैदा करता है जिससे पेट के आसपास का अत्यधिक फैट कम हो जाता है। अगर आप वजन कम करने का सोच रहें हैं तो सूर्य नमस्कार के फायदे ले सकते हैं।
सूर्य नमस्कार करने के फायदे पीरियड नियमित करने में
यदि आपके पीरियड अनियमित (irregular menstrual cycle) है तो यह आसन प्रतिदिन करने से मासिक धर्म में अनियमितता खत्म हो जाती है। सूर्य नमस्कार करने के फायदे से औरतों की प्रजजन की क्षमता में भी सुधार होता है।
(और पढ़े – पीरियड्स की जानकारी और अनियमित पीरियड्स के लिए योग और घरेलू उपचार)
रोज सूर्य नमस्कार करने के फायदे त्वचा और बालों के लिए
यदि आप प्रतिदिन सूर्य नमस्कार के 12 आसन करते हैं तो आप हमेशा जवान दिखेंगे। यह योग ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर रखता है जिससे चेहरे पर निखार आता है और झुर्रियां दूर होती हैं। इसके अलावा रोज सूर्य नमस्कार करने के फायदे में यह आसन बाल टूटने की समस्या को भी दूर करने में फायदेमंद है।
सूर्य नमस्कार के लाभ यादाश्त सुधारने में
Surya Namaskar नर्वस सिस्टम को ठीक रखता है और यादाश्त मजबूत करता है। सूर्य नमस्कार के लाभ अंतःस्रावी (endocrine) और थायरॉयड ग्लैंड को अधिक क्रियाशील बनाता है और चिंता एवं तनाव को दूर कर मन को शांत रखता है। इसके अलावा यह आसन अधिक आत्मकेंद्रित होने में भी मदद करता है।
सूर्य नमस्कार के फायदे पाचन सुधारने में
इस आसन में भुजाओं और कंधों के मांसपेशियों की बेहतर तरीके से एक्सरसाइज हो जाती है। यह आसन पाचन (digestion) को भी सुधारता है और कूल्हों को लचीला बनाने में मदद करता है। सूर्य नमस्कार के दौरान पेट के अंगों की स्ट्रेचिंग होती है जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। जिन लोगों को पेट में कब्ज, अपच या जलन होती है, उन लोगों के लिए रोज सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार करना फायदेमंद होगा।
सूर्य नमस्कार के लाभ कैलोरी घटाने में
यदि आप प्रतिदिन घर पर सूर्य नमस्कार करें तो यह आसन कैलोरी घटाने में बहुत मदद करता है। 30 मिनट सूर्य नमस्कार करने से करीब 417 कैलोरी घटती है और यह सच भी है। इसलिए मोटापे से परेशान व्यक्तियों के लिए यह आसन सर्वोत्तम है। सूर्य नमस्कार के 12 आसनों से पेट की मांसपेशी मजबूत होती है। अगर इन्हें रेगुलर सही तरीके से किया जाए, तो सूर्य नमस्कार के लाभ से पेट की चर्बी कम होती है।
बच्चो के लिए सूर्य नमस्कार के फायदे – Children Do Surya Namaskar in Hindi
सूर्य नमस्कार करने से मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है आज के समय में बच्चे हर कार्य में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं इसलिए प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से उनमे सहनशक्ति बढ़ती है और परीक्षा में होने वाली चिंता और असहजता कम होती है।
सूर्य नमस्कार के रोज अभ्यास से शरीर में शक्ति और ओज में वृद्धि होती है यह मांसपेशियों के लिए सबसे अच्छा व्यायाम है, 5 वर्ष से बड़ी उम्र के सभी बच्चे सूर्य नमस्कार का अभ्यास कर सकते हैं।
(और पढ़ें – बच्चों के लिए योग और ध्यान)
महिलाओं के लिए सूर्य नमस्कार के फायदे – Women Do Surya Namaskar in Hindi
स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने वाली महिलाओं के लिए सूर्य नमस्कार के फायदे किसी वरदान से कम नहीं है। इससे आप न केवल अतिरिक्त कैलोरी कम करती हैं बल्कि पेट की मांसपेशियो को भी मजबूत कर सकती हैं। सूर्य नमस्कार करने से हमारी कुछ ग्रंथियो उत्तेजित हो जाती हैं, जैसे की थाईरॉड ग्रंथि आदि यह आसन हॉर्मोन के स्राव को बढ़ाकर पेट की अतिरिक्त वसा को कम करने में हमारी मदद करता हैं| सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास महिलाओं के मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करने में लाभदायक सबित होता है और प्रसव को भी आसान करता है| साथ ही यह चेहरे पर निखार लाने में मदद करता है, चेहरे पर झुर्रियों को आने से रोकता है।
सूर्य नमस्कार करते समय सावधानियां – Surya Namaskar (Sun Salutation) precautions in Hindi
- यदि आप उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको सूर्य नमस्कार योग नहीं करना चाहिए।
- कोरोनरी धमनी रोग, स्ट्रोक, हर्निया और आंतों में तपेदिक से पीड़ित व्यक्तियों को भी सूर्य नमस्कार आसन करने से परहेज करना चाहिए।
- महिलाओं को पीरियड के दौरान सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए।
सूर्य नमस्कार कब और कैसे करें? – When and how to do Surya Namaskar in Hindi?
सूर्य नमस्कार करने का सर्वोत्तम समय सुबह का माना जाता है जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यह सूर्य को नमस्कार करने वाली क्रियाएं हैं, इसलिए सूर्योदय का समय इसके लिए सबसे अच्छा माना जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, सूर्य की किरणें विटामिन डी का एक बड़ा स्रोत होती हैं, लेकिन यह केवल उगते सूरज की किरणों से लिया जा सकता है जब वे तिरछी होती हैं और जब वे सीधी होती हैं तो उनसे निकलने वाली पराबैंगनी किरणें त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। संभवतः सूर्य को नमस्कार करने की ये क्रमिक प्रक्रियाएँ ‘विटामिन डी ’प्रदान करके और योग विधियों के माध्यम से पूरे दिन व्यक्ति को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए शरीर को मजबूत कर रही होंगी।
सूर्य नमस्कार के बाद कौन सा आसन करना चाहिए? – Surya Namaskar karne ke baad ke aasan
सूर्य नमस्कार करने के बाद आप अपनी जरूरत और सुविधा के अनुसार जो चाहें वह आसन कर सकते हैं। सूर्य नमस्कार के बाद कौन सा आसन करना चाहिए? के लिए यहां हम कुछ सुझाव दे रहे हैं:
- पादंगुष्ठासन (Padungasthasana or Big Toe Pose)
- पादहस्तासन (Padahastasana or Hand to Foot Pose)
- शवासन योग (Shavasana or Corpse Pose)
- परिवृत्त त्रिकोणासन (Parivrtta Trikonasana or Revolved Triangle Pose)
- उत्थित त्रिकोणासन (Utthita Trikonasana or Extended Triangle Pose)
- उत्थित पार्श्वकोणासन (Utthita Parsvakonasana or Extended Triangle Pose)
सूर्य नमस्कार के ढेरों लाभ हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ और मन को शांत रखते है, इसीलिए सभी योग विशेषज्ञ सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास करने पर विशेष बल देते हैं।
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