Swarna Bhasma ke fayde aur nuksan आयुर्वेद के अनुसार स्वर्ण भस्म के फायदे कई प्रकार की जटिल स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए जाने जाते हैं। स्वर्ण भस्म का उपयोग समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि भस्म आखिर होता क्या है। भस्म एक प्रकार का पाउडर होता है जो आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण के लिए तैयार किया जाता है। यह शुद्ध धातुओं या खनिजों से बनाए जाते हैं।
स्वर्ण भस्म का उपयोग विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसी तरह से स्वर्ण भस्म को शुद्ध सोने से तैयार किया जाता है जो हृदय स्वास्थ्य के लिए, बांझपन को दूर करने के लिए, रक्त को शुद्ध करने के लिए, मानसिक स्वास्थ्य के लिए, कैंसर उपचार, यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देनेऔर त्वचा समस्याओं आदि को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस लेख में हम स्वर्ण भस्म के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानेगें।
विषय सूची
1. स्वर्ण भस्म क्या है – Swarna Bhasma Kya Hai in Hindi
2. स्वर्ण भस्म बनाने की विधि – Swarna Bhasma Banane Ki Vidhi in Hindi
3. स्वर्ण भस्म के पोषक तत्व – Swarna Bhasma Nutritious Value in Hindi
4. स्वर्ण भस्म के फायदे इन हिंदी- Swarna Bhasma Ke Fayde in Hindi
5. स्वर्ण भस्म के नुकसान – Swarna Bhasma Ke Nuksan in Hindi
मोनाटोमिक गोल्ड (Monatomic Gold) जिसे हम और आप स्वर्ण भस्म के नाम से जानते हैं। इसे अन्य नाम जैसे गोल्ड भस्म और स्वर्णा भस्म आदि नामों से भी जाना जाता है। यह एक आयुर्वेदिक दवा है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और बहुत सी बीमारियों के उपचार के लिए उपयोग की जाती है। विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटीयों के लिए स्वर्ण भस्म सहायक औषधी का भी काम करती है। आयुर्वेद में इसे तंत्रिका टॉनिक के रूप में उपयोग किया जाता है जो समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है।
आयुर्वेद में परिभाषित किया गया है कि भस्म निश्चूर्णन (calcination) द्वारा प्राप्त पदार्थ है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी धातु या खनिज पदार्थ को राख (ash) में परिवर्तित किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि स्वर्ण भस्म में लगभग 28-35 नैनोमीटर के क्रिसटलीय कण होते हैं जो कि 90 % w/w शुद्ध सोने के कण होते हैं।
यह शुद्ध सोने से तैयार किया जाता है। स्वर्ण भस्म बनाने की बहुत सी विधियां हैं। लेकिन आमतौर पर इसे घर पर बनाना बहुत ही मुश्किल है। फिर भी हम आपको स्वर्ण भस्म बनाने की विधि की जानकारी दे रहे हैं।
एक शुद्ध स्वर्ण पत्र लें और इसे नींबू के रस में डुबोकर रखें। नींबू के रस में डालने से पहले स्वर्ण पत्र में रससिंधुरा (Mercurial compound) का पेस्ट लगाएं। इस मिश्रण को एक हवा बंद कंटेनर में रखा जाता है। इसके बाद इस कंटेनर को 400 से 500 डिग्री सेंटी ग्रेट के तापमान वाले हवा बंद स्थान में 4 से 5 घंटों के लिए रखा जाता है। ऐसा करने से आपको शुद्ध और चिकित्सकीय उपयोग के लिए स्वर्ण भस्म प्राप्त हो सकती है।
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24 कैरेट सोने से स्वर्ण भस्म तैयार की जाती है। हालांकि इस स्वर्ण भस्म में भी कई प्रकार के खनिज पदार्थ मौजूद रहते हैं। इन खनिज पदार्थों की उपस्थिति के कारण ही इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक औषधी और कई प्रकार की दवाओं में उपयोग किया जाता है। इसमें मौजूद खनिज पदार्थ इस प्रकार हैं :
विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्ती के लिए स्वर्ण भस्म को औषधी के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका प्रभाव शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ्य रखने और उनकी कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। इसका उपयोग पुरानी से पुरानी बीमारी के उपचार के लिए किया जाता है। आइए विस्तार से जाने स्वर्ण भस्म के फायदे और नुकसान क्या हैं।
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मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख रूप से स्वर्ण भस्म का उपयोग किया जाता है। स्वर्ण भस्म युक्त दवा स्मृति, एकाग्रता, समन्वय और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करती है। स्वर्ण भस्म को अवसाद, मस्तिष्क की सूजन और मधुमेह के कारण न्यूरोपैथी जैसी स्थितियों के विरुद्ध भी उपयोग किया जाता है। स्वर्ण भस्म प्रभावी रूप से आंशिक और पूर्ण इलाज करने में मदद करती है। यदि आप किसी मानसिक समस्या से परेशान हैं तो किसी स्वास्थ्य सलाहकार की सलाह के बाद स्वर्ण भस्म का सेवन कर सकते हैं।
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दिल की समस्याओं को दूर करने वाली अधिकतर दवाओं में स्वर्ण भस्म का उपयोग किया जाता है। स्वर्ण भस्म में मौजूद कुछ ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। स्वर्ण भस्म दिल के लिए उचित रक्त प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है जो दिल को मायोकार्डियल आइस्क्रीमिया से रोकता है। यह दिल में रक्त परिसंचरण को भी बढ़ाता है। इस प्रकार से स्वर्ण भस्म दिल और हृदय की मांसपेशियों को भी शक्ति प्रदान करता है। इसके गुण रक्त को शुद्ध करने में भी मदद करते हैं और कोरोनरी धमनियों को साफ करते हैं। इन्ही वजहों से स्वर्ण भस्म हृदय को स्वस्थ्य रखने में मदद करती है। आप भी अपने हृदय को स्वस्थ्य रखने के लिए स्वर्ण भस्म युक्त दवाओं का सेवन अपने चिकित्सक की सलाह पर कर सकते हैं।
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आयुर्वेद में स्वर्ण भस्म का विशेष स्थान है, क्योंकि बहुत सी दवाओं में इसका उपयोग किया जाता है। स्वर्ण भस्म के फायदे में तनाव को कम करना भी शामिल है। मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ ही यह मस्तिष्क की कार्य क्षमता को बढ़ा सकता है। मस्तिष्क की कार्य क्षमता को प्रभावित करने वाले कारको में ध्यान की कमी, चिंतन, अत्याधिक उदासी, चिड़चिड़ापनऔर अनिद्रा
आदि शामिल होते हैं। स्वर्ण भस्म का सेवन कर इन सभी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इस प्रकार की स्थिति में स्वर्ण भस्म को अब्रक भस्म और मुक्ता पिस्ति (AbhrakBhasma and MuktaPishti) के साथ लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन किसी भी समस्या का उपचार करने के लिए दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। बिना डॉक्टर की अनुमति के किसी भी प्रकार की दवाओं का सेवन करना हानिकारक हो सकता है।(और पढ़ें –ब्रेन स्ट्रोक के कारण लक्षण और बचाव)
जिन लोगों को आंख से संबंधित समस्याएं होती हैं उनके लिए स्वर्ण भस्म बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। स्वर्ण भस्म का उपयोग कर विभिन्न प्रकार की दवाएं बनाई जाती हैं जो कि आंखों की समस्याओं को प्रभावी रूप से दूर कर सकती हैं। इस प्रकार की दवाओं का उपयोग आंख आना, और इससे जुड़े अन्य लक्षणों के लिए किया जाता है। इन लक्षणों में शामिल हैं आंख का लाल होना, आंखों में खुजली और जलन होना आदि इस प्रकार की आंखों से संबंधित सभी समस्याओं के लिए स्वर्ण भस्म एक प्रभावी उपचार के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
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गोल्ड भस्म एक ऐसी औषधी है जो कि सामान्य रूप से सभी के हाथों में उपलब्ध नहीं हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इससे बनी औषधीयां बहुत महंगी होती हैं। लेकिन इसका औषधीय रूप में उपयोग कर आप कैंसर जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी का उपचार कर सकते हैं। स्वर्ण भस्म ट्यूमर और कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है। स्वर्ण भस्म में मौजूद घटक शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं और हानिकारक तत्वों और जीवाणुओं से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। आप भी स्वर्ण भस्म से बनी दवाओं और खाद्य पदार्थों का सेवन कर इस तरह की तमाम समस्याओं की संभावनाओं को कम कर सकते हैं।
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जो लोग अपनी त्वचा के रंग से संतुष्ट नहीं हैं उनके लिए स्वर्ण भस्म कायाकल्प करने वाली औषधी है। सोने जैसा दमकता रंग प्राप्त करने के लिए स्वर्ण भस्म का उपयोग किया जा सकता है। स्वर्ण भस्म का उपयोग कर एटोपिक डार्माटाइटिस और सोरायसिस (dermatitis and psoriasis) जैसी समस्याओं का भी इलाज किया जा सकता है। त्वचा के साथ-साथ यह पूरे शरीर का कायाकल्प कर सकती है। इसके अलावा यह आपके बालों को समय से पहले भूरा होने से भी रोक सकती है। त्वचा स्वास्थ्य स्वर्ण भस्म युक्त औषधीयों का उपयोग करने पर यह त्वचा की झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकता है। आप भी अपनी त्वचा के समग्र स्वास्थ्य के लिए स्वर्ण भस्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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पुरुषों की यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए स्वर्ण भस्म का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। स्वर्ण भस्म पुरुषों में स्तंभन दोष (Erectile dysfunction) और समय पूर्व स्खलन जैसी समस्याओं को दूर करता है। पुरुषों के लिए स्वर्ण भस्म एक कामोद्दीपक की तरह कार्य करता है। इसका उपभोग करने पर पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही यह सहनशक्ति को बढ़ाने, वीर्य की गुणवत्ता को सुधारने और सेक्स टाईम में वृद्धि करने में सहायक होता है। स्वर्ण भस्म का उपयोग करने पर महिला और पुरुष दोनों में बांझपन और सिफलिस का इलाज करने में भी मदद मिलती है। इस तरह से स्वर्ण भस्म का इस्तेमाल कर यौन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
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महिलाओं में गर्भावस्था के समय कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं जन्म लेती हैं। यह एक ऐसा समय होता है जिसमें महिलाओं को कई प्रकार के पौष्टिक और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को उल्टी, मतली, संवेदना जैसी सामान्य समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन यदि समय पर इनका उपचार न किया जाए तो यह गंभीर हो सकती हैं। इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह पर स्वर्ण भस्म का उपयोग किया जा सकता है। यह मांसपेशीय प्रणाली में सुधार करती है और गर्भावस्था के साथ स्तनपान के लिए एक अच्छे टॉनिक के रूप में कार्य करती है।
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इस औषधीय धातु का सेवन उम्र और समस्या के आधार पर किया जाता है। चूंकि यह औषधी होने के साथ ही एक धातु है जिसकी संतुलित मात्रा ही हमारे शरीर के लिए उपयुक्त होती है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के या उचित संयोजन के उपभोग करने पर स्वास्थ्य में इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
आमतौर पर मधुमेह के कारण होने वाली समस्याओं और यौन कमजोरी, शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने, बांझपन का उपचार करने आदि मामलों में स्वर्ण भस्म का नियमित रूप से दो माह तक सेवन किया जाना चाहिए।
गंभीर समस्याओं के निराकरण के लिए यह अवधी लंबी हो सकती है जो कि अधिकतम 9 माह तक हो सकती है। स्वर्ण भस्म को दिन में दो बार (सुबह और शाम के भोजन के बाद) सेवन किया जा सकता है।
स्वर्ण भस्म का सेवन करने के लिए आप इससे निर्मित दवाओं के साथ ही स्वर्ण भस्म को दूध, घी या शहद के साथ सेवन कर सकते हैं। लेकिन स्वर्ण भस्म को बेल फल (Golden apple) के साथ सेवन करने से बचना चाहिए।
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चूंकि सोना एक धातु है इसलिए बहुत ही सावधानी के साथ इसका सेवन किया जाना चाहिए। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने पर कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। आइए जाने स्वर्ण भस्म से हमें किसा प्रकार के नुकसान हो सकते हैं।
स्वर्ण भस्म कई विकारों के इलाज में उपयोग की जाने वाली एक शक्तिशाली और अत्यधिक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधी है। यह शरीर के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। हालांकि, इसे हमेशा चिकित्सा अनुमोदन और पर्यवेक्षण (medical approval and supervision) के तहत लिया जाना चाहिए।
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