स्वाइन फ्लू सूअरों से होने वाला एक रोग है, जो मनुष्यों के लिए अत्यधिक दुर्लभ है और श्वसन समस्याओं के उत्पन्न होने का कारण बनता है। स्वाइन फ्लू के लक्षणों में मौसमी फ्लू के समान खांसी, ठंड लगना और सिरदर्द आदि लक्षण शामिल हैं। स्वाइन फ्लू अनेक प्रकार के इन्फ्लुएंजा ए (Influenza A) वायरस में से किसी एक के कारण हो सकता है। स्वाइन फ्लू की गंभीरता व्यक्तियों के जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती है, और मौत का कारण भी बन सकती है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को स्वाइन फ्लू से सम्बंधित लक्षणों के प्रगट होने पर, तुरंत उपचार प्राप्त करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आज के इस लेख के माध्यम से आप जानेगें कि स्वाइन फ्लू क्या है, इसके लक्षण और घरेलू उपचार के बारे में।
1. स्वाइन फ्लू क्या है – What is Swine flu in hindi
2. स्वाइन फ्लू के लक्षण – Swine flu Symptoms in hindi
3. स्वाइन फ्लू के अन्य लक्षण – Swine flu other Symptoms in Hindi
4. स्वाइन फ्लू के गंभीर लक्षण – Swine flu Serious Symptoms in Hindi
5. स्वाइन फ्लू गर्भावस्था की जटिलताएं – Swine flu Pregnancy complication in hindi
6. स्वाइन फ्लू का घरेलू इलाज – Swine flu treatment at home in Hindi
7. स्वाइन फ्लू से बचाव – Swine flu Prevention in Hindi
स्वाइन फ्लू को सूअर इन्फ्लूएंजा (pig influenza) के नाम से भी जाना जाता है। स्वाइन फ्लू एक वायरल संक्रमण तथा श्वसन रोग है, जो सूअरों से उत्पन्न होता है,और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। H1N1 प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस अधिकतर स्वाइन फ्लू का कारण बनता है। स्वाइन फ्लू को सर्वप्रथम अप्रैल 2009 में इसके प्रकोप (महामारी) के समय मैक्सिको में निदान किया गया था, जो कि नियमित फ्लू (regular flu) के समान लक्षणों का कारण बनता है। फ्लू के अन्य उपभेदों की तरह, H1N1 अत्यधिक संक्रामक है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जल्दी से फैलाता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की एक साधारण छींक के माध्यम से हवा में हजारों कीटाणु फैल सकते हैं। यह संक्रमण लगभग तीन से सात दिनों तक रहता है और अधिक गंभीर स्थिति में लगभग 9 से 10 दिनों तक बना रह सकता है।
स्वाइन फ्लू सबसे अधिक H1N1 इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। हालाँकि, स्वाइन फ़्लू वायरस के कभी-कभी अन्य उपप्रकार भी हो सकते हैं, जैसे H1N2, H3N1 और H3N2 आदि। अतः स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए दुनिया भर के अनेक हिस्सों में सूअरों को स्वाइन फ्लू का टीका लगाया जाता है। 2009 में स्वाइन फ़्लू का प्रकोप होने पर संक्रमित मानव में इन्फ्लूएंजा के H1N1 उपप्रकार का निदान किया गया था।
मनुष्यों में स्वाइन फ्लू के लक्षण अधिकांशतः इन्फ्लूएंजा संक्रमणों या नियमित फ्लू (regular flu) के समान होते हैं। WHO के अनुसार, स्वाइन फ्लू और नियमित फ्लू के बीच प्रमुख अंतर यह है, कि स्वाइन फ्लू अधिक संक्रामक होता है और यह लोगों को अधिक तेजी से प्रभावित कर सकता है। स्वाइन फ्लू के कुछ सामान्य लक्षण निम्न हैं:
स्वाइन फ्लू की स्थिति में बुखार 100 डिग्री फ़ारेनहाइट (37.7 0C) तक पहुँच सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इस प्रकार डिज़ाइन नहीं की गई है, कि यह स्वाइन फ्लू के वायरस से लड़ सके। अतः तीव्र बुखार आना स्वाइन फ्लू का एक प्रमुख लक्षण है। यदि किसी व्यक्ति को बुखार 72 घंटे से अधिक समय तक रहता है, तो उसे स्वाइन फ्लू की जांच कराने की सलाह दी जाती है।
(और पढ़ें – बुखार कम करने के घरेलू उपाय)
स्वाइन फ्लू से संक्रमित व्यक्ति गंभीर सिरदर्द का अनुभव कर सकता है। अतः अत्यधिक सिरदर्द, स्वाइन फ्लू का एक प्रमुख लक्षण है, जो दवा लेने के बाद भी ठीक नहीं होता है।
(और पढ़ें – सिरदर्द दूर करने के घरेलू उपाय)
डायरिया (Diarrhoea) से पीड़ित व्यक्ति को स्वाइन फ्लू से संक्रमित होने की सिकायत की जाती है। अतः स्वाइन फ्लू से सम्बंधित व्यक्ति डायरिया के लक्षणों को प्रगट करता है। यह लक्षण स्वाइन फ्लू को नियमित फ्लू से अलग करता है। यदि किसी व्यक्ति को दस्त के साथ-साथ तेज बुखार जैसे लक्षण है, तो उसे स्वाइन फ्लू की जाँच के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
(और पढ़ें – दस्त (डायरिया) के दौरान क्या खाएं और क्या ना खाएं)
खांसी और छींक,स्वाइन फ्लू होने का सबसे आम लक्षण या संकेत है। यदि कोई व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो संक्रमित होने के तुरंत बाद खांसी और छींक जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं, क्योंकि यह बहुत ही संक्रामक बीमारी है।
(और पढ़ें – छींक से हैं परेशान तो, अपनाये कुछ घरेलू समाधान)
शरीर की प्रतिरक्षा पर वायरस के प्रभाव के कारण थकान और शरीर में दर्द जैसे लक्षणों को महसूस किया जा सकता है। अतः स्वाइन फ्लू की स्थिति में व्यक्ति अपने आपको कमजोर और डिहाइड्रेट (dehydrate) महसूस कर सकता है। थकान और शरीर में दर्द स्वाइन फ्लू का एक महत्वपूर्ण लक्षण है, जिसे लोग अक्सर अनदेखा कर देते हैं और स्वाइन फ्लू की गंभीरता से प्रभावित हो जाते हैं।
(और पढ़ें – थकान दूर करने के उपाय)
अन्य सभी लक्षणों के अलावा, स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति श्वसन संबंधी लक्षणों को भी महसूस कर सकता है। श्वसन संबंधी लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ और सांस फूलना इत्यादि को शामिल किया जाता है। स्वाइन फ्लू की कुछ स्थितियों में पीड़ित व्यक्ति को सांस के लिए वेंटिलेटर (ventilator) की आवश्यकता पड़ सकती है।
(और पढ़ें – सांस फूलने के कारण, लक्षण, जांच, उपचार, और रोकथाम)
स्वाइन फ्लू से सम्बंधित अन्य लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
स्वाइन फ्लू की गंभीर स्थिति में बच्चों और व्यस्कों में काफी दुर्लभ लक्षण देखने को मिल सकते हैं। गंभीर स्थिति में बच्चों और व्यस्कों में स्वाइन फ्लू के लक्षण इस प्रकार हैं:
छोटे बच्चों में स्वाइन फ्लू के लक्षण (Swine flu Symptoms in children) – स्वाइन फ्लू की गंभीरता बच्चों में, निम्न गंभीर लक्षणों का कारण बनती है, जैसे:
वयस्कों में स्वाइन फ्लू के लक्षण (Swine flu Symptoms in Adults) – वयस्कों में, गंभीर लक्षणों के रूप में निम्न को शामिल किया जा सकता है :
गर्भावस्था के दौरान स्वाइन फ्लू का संक्रमण अत्यधिक जोखिमदायक होता है, जिसके कारण महिलाओं में गर्भावस्था प्रभावित हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान स्वाइन फ्लू का संक्रमण निम्न जटिलताओं का कारण बनता है, जैसे:
गर्भपात (miscarriage),
प्रसव पीड़ा (stillbirth)
समय से पहले प्रसव (premature labor)
प्रसव के दौरान या जन्म के समय कम वजन, इत्यादि।
स्वाइन फ्लू के संक्रमण से बचने और इसका घर पर इलाज प्राप्त करने के लिए के कुछ औषधि पौधे और अन्य सामग्री का उपयोग किया जा सकता है। स्वाइन फ्लू के घरेलू उपचार में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
अनेक प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए, लहसुन सबसे अधिक उपयोग में लाई जाने वाली प्रभावशाली जड़ी बूटियों में से एक है। लहसुन में मौजूद एलिसिन (Allicin), जो कि शरीर में एंटीऑक्सीडेंट गुणों को बढ़ावा देता है, स्वाइन फ्लू के इलाज में काफी प्रभावी होता है। लहसुन में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट गुण स्वाइन फ्लू से संबन्धित वायरस के प्रभाव को कम करने तथा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने में मदद करते हैं। अतः पीड़ित व्यक्ति को सुबह खाली पेट 2 लहसुन की फली (pods) को गर्म पानी के साथ निगलने की सलाह दी जाती है।
(और पढ़ें – लहसुन की एक कली खाने से महिलाओं को मिलेगा कई बीमारियों से निजात)
तुलसी को प्राचीन काल से ही एक आवश्यक औषधीय पौधा माना जाता है। यह औषधीय गुणों से परिपूर्ण पौधा अनेक प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने में सहायक होता है। यह गले और फेफड़ों के संक्रमण तथा सांस की बीमारियों को दूर करने और स्वाइन फ्लू के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का कार्य करता है। स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को प्रतिदिन तुलसी का सेवन करना चाहिए।
(और पढ़ें – तुलसी के फायदे और नुकसान)
हाल ही के अध्ययनों में पाया गया है, कि H1N1 इन्फ्लूएंजा प्रकार के संक्रमण का इलाज करने में जिनसेंग (Ginseng) और इसका रस बहुत प्रभावी होता है। यह जड़ी बूटी स्वाइन फ्लू की बीमारी के सभी उपभेदों पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। अतः विशेषज्ञ द्वारा स्वाइन फ्लू के रोगियों को प्रतिदिन एक कप जिनसेंग की चाय पीने की सलाह दी जाती है।
(और पढ़ें – जिनसेंग के फायदे और नुकसान)
हल्दी एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों में भरपूर होने के कारण घरेलू उपचार के लिए एक आवश्यक औषधि है। प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में हल्दी का उपयोग सर्दी (cold), फ्लू, संक्रमण और शारीरिक चोटों सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी डालकर पीना चाहिए। यह घरेलू उपचार स्वाइन फ्लू के संक्रमण से लड़ने में मदद करेगा।
(और पढ़ें – हल्दी और दूध के फायदे और नुकसान)
भारतीय करौदा (Indian gooseberry) या आंवला विटामिन सी से परिपूर्ण एक फल है। आंवला में इम्यून-बूस्टिंग (immune-boosting) गुण पाया जाता है, अर्थात यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है। यह फल शरीर में गंभीर संक्रमण को होने से रोकता है। अतः कोई भी व्यक्ति अपने शरीर को स्वाइन फ्लू और अन्य संक्रमणों से सुरक्षित रखने के लिए करौदे(आंवला) का सेवन कर सकते हैं, या आंवले के रस को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
(और पढ़ें – क्रैनबेरी (करौंदा) जूस के फायदे और नुकसान)
जैतून के पत्ते आमतौर पर औषधीय गुणों को प्रदान करने वाले होते हैं। जैतून के पत्ते पॉलीफेनॉल्स (polyphenols) और फ्लेवोनोइड्स (flavonoids) जैसे रसायन पाये जाते हैं, जो कि शरीर को स्वास्थ्य रखने और संक्रमण से लड़ने में शरीर की सहायता करते हैं। यह जड़ी बूटी, स्वाइन फ्लू के लक्षणों जैसे- जी मिचलाना, ठंड लगना, बुखार और सिरदर्द आदि को कम करने के लिए घरेलू उपचार के रूप में प्रयोग में लाई जाती है। अतः स्वाइन फ्लू की स्थिति में घरेलू उपचार के रूप में जैतून के पत्ते का रस नियमित रूप से दवा के रूप में या मसाले के रूप में लेना सुनिश्चित करें।
(और पढ़ें – जैतून के तेल के फायदे, उपयोग और नुकसान)
गिलोय का औषधीय नाम टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया (Tinospora cordifolia) है, यह आसानी से उपलब्ध औषधीय पौधा है। गिलोय का रस प्रतिरक्षा क्षमता में वृद्धि करने में मदद करता है। गिलोय को स्वाइन फ्लू के घरेलू उपचार के रूप में उपयोग करने के लिए निम्न विधि का उपयोग किया जा सकता है:
गिलोय की एक फुट लंबी शाखा और तुलसी के पांच से छह पत्ते को पानी में डालकर 15 से 20 मिनट तक उबलने दें, जिससे कि गिलोय का रस निकल जाये। फिर इस रस में स्वाद के अनुसार काली मिर्च और सेंधा या काला नमक और मिश्री डालकर काढ़ा बना लें तथा थोड़ा ठंडा होने के बाद पी लें। गिलोय पौधे की अनुपस्थिति में संसाधित गिलोय पाउडर को बाजार से प्राप्त किया जा सकता है।
(और पढ़ें – गिलोय के फायदे, स्वास्थ्य लाभ और औषधीय गुण)
स्वाइन फ्लू के घरेलू उपचार के रूप में कपूर का उपयोग किया जा सकता है। स्वाइन फ्लू तथा अनेक प्रकार के संक्रमण से शरीर की रक्षा करने के लिए कपूर के एक छोटे टुकड़े को महीने में एक बार निगलने की सलाह दी जाती है। कपूर का सेवन वयस्कों द्वारा पानी के साथ निगलकर तथा बच्चों द्वारा इसे मसले हुए आलू या केले के साथ निगलकर किया जा सकता है। ध्यान रहे कि कपूर का सेवन प्रतिदिन नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे किसी विशेष मौसम या महीने में एक बार लेना चाहिये।
(और पढ़ें – कपूर के फायदे और नुकसान)
एलोवेरा (ग्वारपाठा) भी आमतौर पर स्वाइन फ्लू के घरेलू इलाज में शामिल एक विशेष औषधि है। स्वाइन फ्लू की स्थिति में एलोवेरा जेल का सेवन जोड़ों के दर्द, सिरदर्द तथा अन्य लक्षणों को कम करने में सहायता करता है, तथा सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। प्रतिदिन पानी के साथ एक चम्मच एलोवेरा जेल का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है।
(और पढ़ें – एलोवेरा है 10 स्वास्थ्य फायदों से भरपूर)
स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए व्यक्ति कुछ महत्वपूर्ण उपाय अपनाकर संक्रमित होने से बच सकता है:
स्वाइन फ्लू एक घातक बीमारी है यदि आपको ऊपर बताये गए किसी भी प्रकार के लक्षण दिखे तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाये स्वाइन फ्लू के शुरुआती लक्षण आम फ्लू के सामान ही होते है इसलिए जरुरी नहीं की आपको हमेशा ये लक्षण स्वाइन फ्लू के कारण ही हों।
स्वाइन फ्लू के अधिकांश मामलों में उपचार के लिए दवा की आवश्यकता नहीं होती है। जब तक आप फ्लू से चिकित्सा जटिलताओं को विकसित करने का जोखिम नहीं उठाते, तब तक आपको डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता नहीं है। आपको अपने लक्षणों को दूर करने के घरेलू उपाय और अन्य लोगों को H1N1 के प्रसार को रोकने पर ध्यान देना चाहिए।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…