Teenage Pregnancy in Hindi आज के समय में हर उम्र के लोगों के लिए सेक्स बहुत आम चीज हो गई है जिसके कारण किशोर गर्भावस्था (टीनेज प्रेगनेंसी) के मामले भी बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। सेक्स एजुकेशन की कमी के कारण लड़के लड़कियां मास मीडिया (Mass media) और इंटरनेट की मदद से अपने शरीर में होने वाले बदलावों और सेक्स के बारे में अधूरी जानकारी हासिल करके असुरक्षित यौन क्रियाओं में लिप्त हो जाते हैं। हालांकि विकसित देशों की अपेक्षा विकासशील देशों में कि किशोर गर्भावस्था के आंकड़े कुछ कम हैं। वास्तव में किशोर गर्भावस्था के पीछ कई कारकों को जिम्मेदार माना जाता है। इस लेख में हम आपको किशोर गर्भावस्था के कारण, लक्षण, खतरे और बचाव के बारे में बताएंगे।
विषय सूची
1. किशोर गर्भावस्था क्या है – What is Teenage Pregnancy in hindi
2. किशोर गर्भावस्था (टीनेज प्रेगनेंसी) के कारण – Causes of Teenage Pregnancy in hindi
3. किशोर गर्भावस्था के लक्षण – Symptoms of Teenage Pregnancy in hindi
4. किशोर गर्भावस्था के कारण स्वास्थ्य को होने वाले खतरे – Health Risks of Teenage Pregnancy in hindi
5. किशोर गर्भावस्था (टीनेज प्रेगनेंसी) से बचने के उपाय – Prevention of Teenage Pregnancy in Hindi
Kishore Garbhavastha kya hai in hindi मासिक धर्म शुरू हो जाने के बाद जब 12 से 19 वर्ष की लड़कियां किसी व्यक्ति के साथ सेक्स करने के बाद गर्भवती हो जाती हैं तो इसे किशोर गर्भावस्था (टीनेज प्रेगनेंसी) कहा जाता है। आमतौर पर 20 वर्ष से कम उम्र में गर्भधारण करना किशोर गर्भावस्था को परिभाषित करता है। माना जाता है कि किशोर उम्र की लड़की किसी भी उम्र के पुरुष के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद प्रेगनेंट हो सकती है।
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बढ़ती तकनीक और मॉडर्न होती दुनिया में सेक्स अब कोई छिपाने वाली चीज नहीं रग गई है। किशोर लड़के लड़कियां खुद ही सेक्स का ज्ञान हासिल कर रहे हैं और यौन क्रियाओं में खुद को शामिल कर रहे हैं। आइये जानते हैं किशोर गर्भावसथा (टीनेज प्रेगनेंसी) के कारण क्या हैं।
किशोरावस्था में पहुंचने के बाद लड़के लड़कियां एक दूसरे से दोस्ती करते हैं और फिर करीब आने के बाद चोरी छिपे असुरक्षित यौन संबंध भी बनाते हैं जिसके कारण किशोरावस्था में ही लड़कियां प्रेगनेंट हो जाती हैं। एक स्टडी में पाया गया है कि किशोरावस्था में 28 प्रतिशत लड़कियों पर सेक्स करने के लिए दबाव डाला जाता है जबकि 33 प्रतिशत किशोर लड़कियां इस डर के कारण सेक्स करने के लिए तैयार हो जाती हैं कि कहीं उनका ब्वॉयफ्रेंड उन्हें छोड़ न दे। जिसके कारण वे प्रेगनेंट हो जाती हैं।
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ज्यादातर मां बाप अपने बच्चों को यौन शिक्षा नहीं देते हैं और कामकाजी माता पिता बच्चों से अधिक समय तक दूर रहते हैं। मां बाप की गैरमौजूदगी में ज्यादातर बच्चे गलत काम करते हैं और इंटरनेट या किसी अन्य माध्यम से सेक्स के बारे में सीखते है और फिर सेक्स करने के लिए उतावला हो जाते है। किशोर गर्भावस्था का यह एक बड़ा कारण है।
किशोरावस्था में लड़कियों और लड़कों के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। लेकिन ना ही उन्हें घर में और ना ही स्कूल में सेक्स एजुकेशन दी जाती है जिसके कारण वे गलत तरीके से यौन क्रियाओं में लिप्त हो जाते हैं। जिसके कारण किशोर गर्भावस्था के मामलों में वृद्धि हुई है।
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मास मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण भी किशोरावस्था में लड़के लड़कियां यौन रूप से सक्रिय हो जाते हैं। वे घर में अकेले रहना ज्यादा पसंद करते हैं और चोरी छिपे पोर्न साइट्स और एडल्ट मूवी देखते हैं। ये सब देखकर वे अपने अनुभव के आधार पर यौन क्रिया करते हैं जो किशोर गर्भावस्था का बड़ा कारण है।
यौन हिंसा और बलात्कार भी किशोर गर्भावस्था का एक कारण है। एक स्टडी में पाया गया है कि ज्यादातर किशोर उम्र की लड़कियां अपने घर के सदस्यों या रिश्तेदारों के द्वारा ही यौन हिंसा और बलात्कार का शिकार होती हैं जिसके कारण वे गर्भवती हो जाती हैं।
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वास्तव में किशोर गर्भावस्था (टीनेज प्रेगनेंसी) के लक्षण महिलाओं की प्रेगनेंसी की तरह ही होती है। लेकिन फर्क बस इतना होता है कि किशोर उम्र की लड़कियां ये समझने में सक्षम नहीं होती हैं कि वे गर्भवती हो गई हैं। आइये जानते हैं कि आपको कैसे पता चलेगा कि आपकी बेटी किशोर उम्र में ही गर्भवती हो गई है।
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चूंकि किशोरावस्था एक ऐसा समय होता है जबकि लड़कियों के शरीर का विकास होना शुरू होता है। इसी उम्र में गर्भधारण करने के बाद उसके स्वास्थ्य को कई खतरे होते हैं। आइये जानते हैं इन खतरों के बारे में।
चूंकि किशोर उम्र की लड़कियों के शरीर में कई तरह के हार्मोन बनने शुरू होते हैं जिसके कारण उन्हें अधिक उत्तेजना होती है। ऐसी स्थिति में एक बार सेक्स करने के बाद वे प्रेगनेंट हो जाती हैं। कई बार वे अलग-अलग पार्टनर के साथ सेक्स करती हैं जिसके कारण वे यौन संचारित रोगों का शिकार हो जाती है। किशोर गर्भावस्था में यौन संचारित रोग होना वास्तव में किसी भी किशोर उम्र की लड़की की सेहत के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक होता है।
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किशोर उम्र में गर्भधारण करने पर मां का कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम अधिक विकसित नहीं होता है जिसके कारण खून का प्रवाह बेहतर तरीके से नहीं हो पाता है। इसलिए किशोर गर्भावस्था के कारण उच्च रक्तचाप की भी समस्या हो सकती है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार किशोरावस्था में लड़कियों के शरीर में हीमोग्लोबिन की सांद्रता कम होती है। ऐसे में यदि वे गर्भधारण करती हैं तो उनके शरीर में खून की कमी यानि एनीमिया की समस्या हो सकती है। किशोर गर्भावस्था में शरीर में आयरन और फोलिक एसिड की कमी के कारण भी एनीमिया हो सकती है जिससे मां की मौत भी हो सकती है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार किशोर उम्र में गर्भधारण होने पर गर्भावस्था की अवधि पूरी होने से पहले यानि तीसरी तिमाही पूरी होने से पहले ही मां बच्चे को जन्म दे देती है। जिसके कारण कुछ मामलों में नवजात शिशु की मौत हो जाती है और कई बार मां के जीवन को भी खतरा रहता है।
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कहा जाता है कि मां बाप की बच्चों के पहले गुरु होते हैं इसलिए उन्हें अपने किशोर उम्र के बच्चों को घर पर ही यौन शिक्षा देनी चाहिए ताकि वे अपने शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में ठीक से जान और समझ सकें। यह शायद किशोर गर्भावस्था से बचने का एक प्राथमिक उपाय हो सकता है। आइये जानते हैं किशोर गर्भावस्था से बचने के लिए क्या करें।
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