Teeth Scaling in Hindi दांतों की सफाई (टीथ स्केलिंग) को ओरल प्रोफिलैक्सिस (oral prophylaxis) कहा जाता है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे टीथ स्केलिंग क्या है, दांतों की सफाई कैसे की जाती है, दांत स्केलिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं के बारे में।
दांतों की सफाई दो चरणों में की जाती है – स्केलिंग (Scaling) और पॉलिशिंग (Polishing), यह उपचार मसूड़ों को संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए किया जाता है। शायद आपको ये जानकर हैरानी होगी कि स्केलिंग (Scaling) और पॉलिशिंग (Polishing) दांतों और मुहँ को स्वास्थ्य रखने के साथ-साथ, दांतों के नुकसान का कारण भी बन सकती है। आइये जानते हैं दांतों की स्केलिंग के बारे में।
विषय सूची
1. टीथ स्केलिंग क्या है – What Is teeth Scaling in Hindi
2. टीथ स्केलिंग कैसे की जाती है – Scaling and Root Planing Procedures in hindi
3. दांत स्केलिंग (टीथ स्केलिंग) के फायदे – Teeth Scaling Benefits in Hindi
4. दांतों की स्केलिंग कराने के नुकसान – Teeth Scaling side effects in Hindi
5. दांत स्केलिंग के बाद सावधानियां – Precautions after teeth scaling in Hindi
6. टीथ स्केलिंग (दांत स्केलिंग) की कीमत – Teeth Scaling Cost In Hindi
यदि कोई व्यक्ति मसूड़ों की बीमारी से पीड़ित है, तो उसका रूट प्लानिंग (root planning) और स्केलिंग (scaling) के माध्यम से उपचार किया जाता है। मसूड़ों की जड़ों और दांतों को गहराई से साफ करने के लिए रूट प्लानिंग और स्केलिंग का उपयोग किया जाता है। सामान्य दंत चिकित्सा उपचार जैसे रूट प्लानिंग और स्केलिंग, मुहँ को स्वस्थ बनाने में मदद कर सकते हैं।
दांत स्केलिंग (teeth Scaling), दांतों की समस्याओं जैसे – प्लाक (plaque), दांत की मैल (tartar) और दाग-धब्बे (stains) को हटाने के लिए एक उपचार प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत अल्ट्रासाउंड उपकरण (ultrasound tool) का उपयोग भी किया जा सकता है। यह उपचार दांतों की उन समस्याओं के लिए उपयोग किया जाता है, जो दांतों को नियमित रूप से ब्रश करने के दौरान दूर नहीं होती है।
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डेंटल स्केलिंग में दांत की सतह से प्लेक बैक्टीरिया को गमलाइन (Gumline) के ठीक नीचे तक सावधानीपूर्वक हटाना शामिल होता है। दांतों को स्केल (scaling teeth) करने के लिए दो बुनियादी विधियां हैं। यदि आपका दंत चिकित्सक हाथ से चलने वाले यंत्रों का उपयोग करता है, तो वह एक दांत स्केलर और इलाज के रूप में उपयोग किये जाने वाले धातु उपकरण का उपयोग करके दाँत को घिसकर (scrape) प्लेक को साफ करेगा। दांत चिकित्सक आपके दन्त के उन हिस्सों को भी साफ करता है जंहा आपका टूथब्रश नहीं पहुँच सकता है।
वैकल्पिक रूप से, आपका दंत चिकित्सक (Dentist) आपके दांतों की स्केलिंग के लिए एक अल्ट्रासोनिक उपकरण का उपयोग कर सकता है। इसमें एक वाइब्रेटिंग धातु की टिप होती है जो एक थंडे पानी के स्प्रे के साथ संयुक्त होती है।
डेंटल स्केलिंग आमतौर पर रूट प्लानिंग के रूप में जाने जानी वाली प्रक्रिया के बाद होती है। रूट प्लानिंग दांत की जड़ की सतह की गहराई तक पहुंच जाती है। यह स्केलिंग के समान तरीके से किया जाता है। रूट प्लानिंग दांत की सतह को मुलायम बनाती है ताकि मसूड़ों को ठीक से दोबारा जोड़ा जा सके।
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टीथ स्केलिंग (teeth Scaling) के परिणामस्वरूप अनेक स्वस्थ लाभ प्राप्त किये जा सकते है, जिनमें से कुछ प्रमुख है:
यदि कोई व्यक्ति लम्बे समय से सांस की बदबू (जिसे हैलिटोसिस (halitosis) कहा जाता है) या दुर्गंध (malodour) से पीड़ित हैं, तो इससे छुटकारा पाने के लिए स्केलिंग एक प्रभावी उपचार है।
लोग का यह मानना गलत है कि बुरी सांस या मुहँ की दुर्गन्ध हमेशा खाने वाले खाद्य पदार्थों के कारण आती है। दांत की मैल का निर्माण (tartar build-up) मुहँ की बदबू का मुख्य कारण होता है, इसलिए दांतों और मसूड़ों पर गंदगी को हटाकर ही बुरी सांस की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। अतः दांत स्केलिंग (teeth Scaling) मुहँ की बदबू को दूर करने का प्रभावी उपचार है।
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स्केलिंग (teeth Scaling) मसूड़ों की बीमारी के इलाज में अत्यधिक प्रभावी है। यह प्रक्रिया आपके मसूड़े स्वास्थ्य रखने में मदद कर सकती है।
दाँत की जड़ों के आसपास संक्रमण और कैविटी (Cavity) दांतों के गिरने का कारण बन सकती है। रूट प्लानिंग और स्केलिंग की सहायता से दांतों का नुकसान होने से रोका जा सकता है। और इसके साथ ही दांतों और मसूड़ों के बीच अंतराल को भी कम किया जा सकता है।
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व्यक्ति के मुहँ और सम्पूर्ण स्वास्थ्य के बीच एक गहरा संबंध होता है। इस पर अनगिनत अध्ययन किए गए हैं। मसूड़े की सूजन (Gingivitis) और मसूड़ों की बीमारी (gum disease), व्यक्तियों के हृदय तथा रक्त वाहिकाओं संबंधी (cardiovascular) स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव डालती हैं। दांत स्केलिंग (teeth Scaling) की मदद से दांतों के मैल (tartar) को हटाकर दिल की बीमारियों, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक (stroke), मधुमेह (diabetes) और कई अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारियों के जोखिमों को बहुत कम किया जा सकता है।
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यदि व्यक्ति घर पर अपने दांतों और मुंह की अच्छी देखभाल करें और नियमित रूप से दंत चिकित्सक या स्वास्थ्य विज्ञानी (hygienist) से परामर्श करें तो वह अपने पूरे जीवन काल में कई हजार रुपये बचा सकते हैं। दांतों की नियमित सफाई और मुहँ की स्वच्छता आपको संक्रमण तथा कैंसर सम्बन्धी अनेक गंभीर और काफी खर्चीले उपचारों से बचा सकती है। अतः दन्त चिकित्सक से परामर्श कर अपनी ओर अपने जीवन की भलाई की ओर उचित कदम उठायें और भविष्य निधि को संरक्षित करें।
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टीथ स्केलिंग (Teeth Scaling) के लाभों के अलावा इसकी कुछ जटिलताएं भी है, जो सम्बंधित व्यक्ति को खतिरे में डाल सकती है। अब आप यहाँ जानेंगे, दांत स्केलिंग से जुड़ी कुछ जटिलताओं के बारे में।
बिना किसी कारण के की जाने वाली दांत स्केलिंग (teeth Scaling) संबंधित व्यक्ति के दांतों को ढीला कर सकता है। इसके अलावा दांतों के गिरने की भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं। क्योंकि दांत स्केलिंग के तहत अत्यधिक दबाव डाला जा सकता है, जिससे दाँतों के गिरने और ढ़ीले होने की समस्याएँ पैदा होती हैं।
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टीथ स्केलिंग (teeth Scaling), मधुमेह से सम्बंधित व्यक्तियों के लिए चिंता का विषय बन सकती है तथा इसके साथ ही दिल की समस्याओं का भी खतरा पैदा कर सकती है।
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दांत स्केलिंग (teeth Scaling) मसूड़ों में सूजन और उनको मुलायम बनाने का कारण बन सकती है। नियमित स्केलिंग, भविष्य में मसूड़ों की लाइन के नीचे बैक्टीरिया प्लेक के निर्माण होने से बचाती है। लेकिन इसके परिणाम स्वरूप साइड इफेक्ट में ठंड और गर्म भोजन करने के लिए दांत की संवेदनशीलता अधिक बढ़ सकती है। तथा नियमित स्केलिंग से मसूड़े सिमट जाते है तथा उनकी जड़ें दिखाई देने लगती हैं, जिसके परिणामस्वरूप मसूड़ों से खून बहने लगता है है।
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पेरिओडाँटल (periodontal) बीमारी एक गंभीर मसूड़ों का संक्रमण है, जो मसूड़ों और दांतों के आसपास की हड्डी या जबड़े पर हमला कर उन्हें नष्ट कर देती है। दर्द रहित अनुचित दांत स्केलिंग (Teeth Scaling) मसूड़ा रोग या पेरिओडाँटल रोग (periodontal diseases) का कारण बनती है। पेरिओडाँटल रोग का सबसे बड़ा कारण मसूड़ों के नीचे बैक्टीरियल प्लेक (bacterial plaque) का जमा हो जाना है।
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दांत स्केलिंग प्रक्रिया से गुजरने या दांत स्केलिंग (teeth Scaling) कराने के बाद कुछ दिनों के लिए धूम्रपान या तम्बाकू का सेवन बंद कर देना चाहिए। मसूड़ों में जमा होने वाली सामग्री जैसे – पॉपकॉर्न, सुपाड़ी (nuts) और चिप्स आदि खाद्य पदार्थ का सेवन करते समय भी सावधान रहना चाहिए।
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अलग-अलग स्थान और दन्त चिकित्सक सुविधाओं के आधार पर दांत स्केलिंग (teeth Scaling)की कीमत अलग-अलग होती है। भारत में इसकी कम से कम कीमत लगभग 1000/- रुपये और अधिक से अधिक लगभग 10,000/- रुपये हो सकती है। यह कीमत अलग-अलग स्थान और तरीके के आधार पर परिवर्तित भी हो सकती है।
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