Testosterone in Hindi टेस्टोस्टेरोन मानव शरीर द्वारा निर्मित एक हार्मोन है। यह शुक्राणु उत्पादन के साथ-साथ एक आदमी की सेक्स ड्राइव को भी उत्तेजित करता है। यह मांसपेशियों और हड्डियों के निर्माण में भी मदद करता है। टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन आम तौर पर उम्र बढ़ने के साथ कम होता जाता है। लेकिन कुछ अन्य स्थितियों में भी टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य से बहुत कम हो सकता है। जिससे अनेक प्रकार की समस्याओं और जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। अतः कम टेस्टोस्टेरोन का इलाज समय पर किया जाना चाहिए।
आज के इस लेख में आप जानेगें कि टेस्टोस्टेरोन हार्मोन क्या है, टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षण, कारण, इलाज, बचाव और घरेलू उपचार के बारे में।
1. टेस्टोस्टेरोन हार्मोन क्या है – What is Testosterone in Hindi
2. टेस्टोस्टेरोन की कमी क्या है – What is Testosterone deficiency in Hindi
3. कम टेस्टोस्टेरोन के लक्षण – low testosterone symptoms in Hindi
4. टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण – low testosterone causes in Hindi
5. कम टेस्टोस्टेरोन के जोखिम कारक – low testosterone risk factor in Hindi
6. कम टेस्टोस्टेरोन की जांच – low testosterone diagnosis in Hindi
7. टेस्टोस्टेरोन का स्तर – Testosterone levels in Hindi
8. टेस्टोस्टेरोन की कमी का इलाज – low testosterone treatment in Hindi
9. टेस्टोस्टेरोन उपचार के जोखिम – Testosterone treatment risks in Hindi
10. टेस्टोस्टेरोन की कमी से बचाव – Testosterone deficiency prevention in Hindi
11 टेस्टोस्टेरोन की कमी का घरेलू उपचार – testosterone deficiency home remedies in Hindi
12. टेस्टोस्टेरोन भोजन – Testosterone food in Hindi
टेस्टोस्टेरोन एक स्टेरॉयड हार्मोन है। टेस्टोस्टेरोन का निर्माण पुरुषों और महिलाओं दोनों के शरीर द्वारा किया जाता है, जो कि पुरुषों के वृषण और महिलाओं के अंडाशय में उत्पादित होता है। टेस्टोस्टेरोन पुरुष लिंग विशेषताओं के निर्माण और रखरखाव के लिए अत्यधिक आवश्यक होता है। यह युवावस्था और प्रजनन क्षमताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मनुष्यों में मस्तिष्क से जारी होने वाले हार्मोन द्वारा, टेस्टोस्टेरोन के स्तर को विनियमित किया जाता है। टेस्टोस्टेरोन का स्तर यौन इच्छा को भी प्रभावित करता है।
पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा टेस्टोस्टेरोन स्तर अधिक पाया जाता है। यह माना जाता है कि टेस्टोस्टेरोन पुरुष लिंग विशेषताओं के विकास को प्रभावित करता है। यह हड्डी के द्रव्यमान, शारीरिक शक्ति और शरीर के बालों की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है।
शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर, शरीर की जरूरतों के अनुसार लगातार बदलता रहता है। लेकिन आमतौर पर टेस्टोस्टेरोन में कमी, 30 साल और उससे अधिक उम्र के पुरुषों में अत्यधिक देखने को मिलती है। टेस्टोस्टेरोन में कमी की स्थिति में कुछ पुरुषों में हानिकारक प्रभाव पैदा हो सकते हैं।
(और पढ़ें – पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के आसान घरेलू उपाय)
कम टेस्टोस्टेरोन की स्थिति को हाइपोगोनाडिज्म (hypogonadism) के नाम से भी जाना जाता है। जब मानव शरीर के रक्त में टेस्टोस्टेरोन का स्तर 300 नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर (ng/dL) से कम होता है, तब कम टेस्टोस्टेरोन (low T) की स्थिति उत्पन्न होती है। यदि टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी आती है, तो पुरुषों को अनेक प्रकार के लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
वयस्क पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरोन से सम्बंधित समस्याओं को अधिक स्पष्ट रूप में देखा जा सकता है। लेकिन टेस्टोस्टेरोन में कमी वयस्क पुरुषों तक ही सीमित नहीं है। हालाँकि यह महिलाओं में भी देखने को मिलती है तथा इस स्थिति में महिलाओं द्वारा, वयस्क पुरुषों की तुलना में बहुत कम लक्षणों को स्पष्ट रूप से महसूस किया जा सकता है।
स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार टेस्टोस्टेरोन की सामान्य सीमा आमतौर पर 300 से 1,000 ng/dL होती है। एक रक्त परीक्षण जिसे सीरम टेस्टोस्टेरोन टेस्ट (serum testosterone test) के नाम से जाना जाता है, जिसका उपयोग टेस्टोस्टेरोन के स्तर को निर्धारित करने के लिए किया जाता है। अतः यदि टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन सामान्य से कम मात्रा में होता है, तो परिणामस्वरूप लक्षणों की एक श्रृंखला उत्पन्न होती है।
(और पढ़ें – टेस्टोस्टेरोन हार्मोन यानी मर्दानगी बढ़ाना है तो जरूर खाएं ये आहार)
कम टेस्टोस्टेरोन की स्थिति में अनेक प्रकार के लक्षणों को महसूस किया जा सकता है, जो कि इस प्रकार हैं:
टेस्टोस्टेरोन पुरुषों में सेक्स करने की क्षमता (सेक्स ड्राइव) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुछ पुरुष उम्र बढ़ने के साथ सेक्स ड्राइव में कमी का अनुभव कर सकते हैं। लेकिन कम टेस्टोस्टेरोन से सम्बंधित व्यक्ति सेक्स करने की इच्छा में अत्यधिक कमी का अनुभव करते हैं।
(और पढ़ें – सेक्स लाइफ (कामेच्छा) को बेहतर बनाने वाले एक्यूप्रेशर पॉइंट)
टेस्टोस्टेरोन किसी भी व्यक्ति की सेक्स ड्राइव को उत्तेजित कर, लिंग में इरेक्शन को प्राप्त करने और बनाए रखने में सहायता प्रदान करता है। टेस्टोस्टेरोन, नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन करने के लिए मस्तिष्क में रिसेप्टर्स को उत्तेजित करता है। नाइट्रिक ऑक्साइड, इरेक्शन के लिए आवश्यक रासायनिक प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करने में मदद करता है। जब टेस्टोस्टेरोन का स्तर बहुत कम हो जाता है, तो सम्बंधित व्यक्ति सेक्स से पहले इरेक्शन प्राप्त करने में कठिनाई महसूस कर सकता है। अतः टेस्टोस्टेरोन की कमी स्तंभन दोष (erectile dysfunction) से सम्बंधित लक्षणों को प्रगट कर सकती है।
टेस्टोस्टेरोन का स्तर और स्मृति के बीच एक विशेष सम्बन्ध होता है। डॉक्टरों का मानना है, कि कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर सम्बंधित व्यक्ति की स्मृति में कमी का कारण बन सकता है। अध्ययनों में पाया गया है, कि पुरुषों में बेहतर स्मृति को बनाये रखने के लिए टेस्टोस्टेरोन का उचित स्तर का पाया जाना आवश्यक होता है। अतः कम टेस्टोस्टेरोन से पीड़ित व्यक्ति द्वारा स्मृति हानि से सम्बंधित लक्षणों को महसूस किया जा सकता है।
शरीर में कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर छोटे अंडकोष का कारण बन सकता है। क्योंकि लिंग और अंडकोष के विकास के लिए शरीर को टेस्टोस्टेरोन की आवश्यकता होती है। हालांकि, कम टेस्टोस्टेरोन के अलावा सामान्य से कम साइज़ के अंडकोष के अन्य कारण भी हो सकते हैं।
टेस्टोस्टेरोन वीर्य के उत्पादन की मात्रा को ट्रिगर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वीर्य सफ़ेद तरल होता है, जो शुक्राणु की गतिशीलता में सहायता करता है। अतः कम टेस्टोस्टेरोन से सम्बंधित पुरुष अक्सर स्खलन के दौरान वीर्य की मात्रा में कमी को नोटिस कर सकता है।
(और पढ़ें – वीर्य कैसे बढ़ाएं जानें वीर्य बढ़ाने के घरेलू उपाय और देसी नुस्खे)
टेस्टोस्टेरोन शरीर में अनेक प्रकार के कार्यों में अपनी भूमिका निभाता है, जिसमें शरीर के बालों का उत्पादन भी शामिल है। अतः टेस्टोस्टेरोन की कमी शरीर के बालों के झड़ने का कारण बन सकती है।
(और पढ़ें – बाल झड़ना कैसे रोकें, कारण और घरेलू उपाय)
कम टेस्टोस्टेरोन वाले पुरुष, अत्यधिक थकान और ऊर्जा के स्तर में कमी से सम्बंधित लक्षणों को महसूस कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त भरपूर नींद लेने के बाबजूद दिन भर थकान महसूस होना या व्यायाम के लिए अपने आपको प्रेरित करने में बहुत कठिन महसूस करना आदि लक्षण शरीर में कम टेस्टोस्टेरोन स्तर की ओर संकेत करते हैं।
(और पढ़ें – थकान दूर करने के उपाय
)चूँकि टेस्टोस्टेरोन मांसपेशियों के निर्माण में एक भूमिका निभाता है। अतः टेस्टोस्टेरोन के कम स्तर सम्बंधित व्यक्ति की मांसपेशियों में कमी या दुबलेपन का कारण बन सकता है।
(और पढ़ें – मांसपेशियों में खिंचाव (दर्द) के कारण और उपचार)
कम टेस्टोस्टेरोन वाले पुरुष शरीर में वसा की वृद्धि का अनुभव कर सकते हैं। कभी-कभी सम्बंधित व्यक्ति में ग्यनेकोमैस्टिया (gynecomastia) रोग या स्तन ऊतक में वृद्धि को देखा जा सकता है।
(और पढ़ें – बॉडी फिटनेस टिप्स इन हिंदी)
ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) या हड्डी के द्रव्यमान में कमी, अक्सर महिलाओं से सम्बंधित एक समस्या है। हालांकि कम टेस्टोस्टेरोन वाले पुरुष भी हड्डियों के नुकसान (ऑस्टियोपोरोसिस) की समस्या का अनुभव कर सकते हैं। चूँकि टेस्टोस्टेरोन हड्डी के निर्माण और हड्डीयों को मजबूत करने में मदद करता है।
(और पढ़ें – ऑस्टियोपोरोसिस होने के कारण, लक्षण और बचाव)
कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर से सम्बंधित पुरुष मूड (मानसिकता) में बदलाव का अनुभव कर सकते हैं। क्योंकि टेस्टोस्टेरोन शरीर की अनेक शारीरिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने के साथ-साथ मूड और मानसिक क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। अतः कम टेस्टोस्टेरोन से सम्बंधित पुरुष अवसाद (Depression), चिड़चिड़ापन या ध्यान में कमी आदि लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं।
(और पढ़ें – अवसाद (डिप्रेशन) क्या है, कारण, लक्षण, निदान, और उपचार)
टेस्टोस्टेरोन पुरुषों और महिलाओं दोनों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन के सामान्य स्तर स्वाभाविक रूप से कम होते हैं। पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरोन का कारण बनने वाली स्थितियों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
आनुवंशिक रोग भी टेस्टोस्टेरोन की कमी का कारण बन सकते हैं, जिसमें शामिल हैं:
अनेक प्रकार की स्थितियां भी सामान्य से कम टेस्टोस्टेरोन स्तर का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
कुछ कारक कम टेस्टोस्टेरोन के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जो कि निम्न हैं:
कम टेस्टोस्टेरोन की समस्या का प्रारंभिक निदान करने के लिए डॉक्टर, पीड़ित व्यक्ति से लक्षणों और चिकित्सकीय इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करता है और शारीरिक परीक्षण करता है। इसके अतिरिक्त आंतरिक समस्यों का निदान करने के लिए अन्य परीक्षण जैसे- रक्त परीक्षण, इमेजिंग परीक्षण आदि की सिफारिश की जा सकती है।
टेस्टोस्टेरोनटेस्ट टेस्ट (Testosterone test) – एक टेस्टोस्टेरोन टेस्ट के माध्यम से रक्त में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा को मापा जाता है। चूँकि पूरे दिन टेस्टोस्टेरोन का स्तर स्थिर नहीं रहता है, अतः टेस्टोस्टेरोन टेस्ट के लिए डॉक्टर एक निश्चित समय का चुनाव कर सकते हैं। हालाँकि, सुबह के समय हार्मोन का स्तर उच्चतम होता है। इसलिए, टेस्टोस्टेरोन परीक्षण अक्सर सुबह 7:00 बजे से 10:00 बजे के बीच किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त डॉक्टर रक्त टेस्टोस्टेरोन स्तरों का एक से अधिक बार परीक्षण कर सकता है। परीक्षण से पहले कुछ दवाओं के सेवन पर रोक लगाने की सलाह दी जा सकती है। क्योंकि कुछ दवाएं टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं।
हालाँकि किसी भी व्यक्ति के टेस्टोस्टेरोन का स्तर निश्चित नहीं होता है। यह शारीरिक स्थिति और उम्र के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकता है। कुछ अध्ययनों से प्राप्त परिणामों के आधार पर पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के सामान्य स्तर निर्धारित किया गया है। वे पुरुष जो मोटे नहीं हैं तथा जिनकी उम्र 19 वर्ष से 39 वर्ष के बीच है, उनमें टेस्टोस्टेरोन की सामान्य सीमा 264 से 916 नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर (ng/dL)होती है।200 ng/dL से कम रक्त टेस्टोस्टेरोन स्तर को, टेस्टोस्टेरोन की कमी के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन के स्तर में धीरे-धीरे कमी आना सामान्य बात है। लेकिन यदि कोई व्यस्क कम टेस्टोस्टेरोन से संबंधित लक्षणों का अनुभव कर रहा है, तो उसे उपचार सहायता प्राप्त करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। यद्धपि सभी व्यक्तियों को टेस्टोस्टेरोन उपचार प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि कोई कपल गर्भवती होने की कोशिश कर रहा है, तो युवा व्यक्ति में कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर का इलाज किया जाना आवश्यक होता है। इस स्थिति में गोनैडोट्रोपिन इंजेक्शन (gonadotropin injections) एक अच्छा विकल्प हो सकता है। गोनैडोट्रोपिन एक हार्मोन है, जो शरीर को अधिक टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करता है।
इम्प्लांटेबल टेस्टोस्टेरोन छर्रों (implantable testosterone pellets) का भी उपयोग कम टेस्टोस्टेरोन के उपचार में किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में कई टेस्टोस्टेरोन छर्रों (pellets) को नितंब (buttocks) की त्वचा के नीचे रखा जाता है, जिससे यह लगभग तीन से चार महीनों तक टेस्टोस्टेरोन की रिहाई करते हैं। कुछ पुरुषों के लिए टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि करने के लिए इंजेक्शन और नाक जैल जैसे अन्य विकल्प को अपनाने की सलाह दी जा सकती है।
टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Testosterone replacement therapy) – इस उपचार प्रक्रिया में टेस्टोस्टेरोन दवा को निर्धारित किया जाता है। यह दवा गोलियों, पैच (patches) और टेस्टोस्टेरोन जेल को त्वचा पर त्वचा पर लगाने की सलाह दी जा सकती है, इसके अतिरिक्त तरल पदार्थ के रूप में टेस्टोस्टेरोन इंजेक्शन को शरीर में इंजेक्ट किया जा सकता है। यह उपचार प्रक्रिया शरीर के सम्पूर्ण टेस्टोस्टेरोन स्तर को बढ़ाने और कम टेस्टोस्टेरोन से सम्बंधित लक्षणों को कम करने के लिए काफी प्रभावी है।
टेस्टोस्टेरोन उपचार कुछ व्यक्ति में लाल रक्त कोशिका की संख्या में वृद्धि का कारण बन सकता है और साथ ही साथ स्तनों में भी वृद्धि हो सकती है। यह प्रोस्टेट (prostate) वृद्धि को भी प्रोत्साहित कर सकता है। स्तन कैंसर वाले पुरुषों को टेस्टोस्टेरोन उपचार प्राप्त नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह अनेक प्रकार की जटिलताओं का कारण बनता है। प्रोस्टेट कैंसर से सम्बंधित पुरुषों को आमतौर पर टेस्टोस्टेरोन उपचार की सिफारिश नहीं की जाती है।
टेस्टोस्टेरोन की कमी से बचने के लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं, जैसे:
टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए जीवनशैली में बदलाव किया जाना आवश्यक होता है। इसके लिए प्रतिरोध व्यायाम (resistance exercise) को अपनाने और वजन कम करने के तरीकों का पालन करने की सलाह दी जाती है।
रेजिस्टेंस एक्सरसाइज (resistance exercise) जैसे- वजन उठाना आदि, टेस्टोस्टेरोन के स्तर में अस्थायी वृद्धि करने के लिए आवश्यक है। अधिकतर व्यायाम, विशेष रूप से कार्डियोवैस्कुलर व्यायाम (cardiovascular exercise), अत्यधिक वजन को कम करने में अपना योगदान दे सकती है।
कुछ खाद्य पदार्थ ऐसी भी है, जो शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को मध्यम (moderate) करने में मदद कर सकते हैं। टेस्टोस्टेरोन के स्तर को सामान्य बनाये रखने के लिए जिंक और विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ को पर्याप्त मात्रा में लेना सुनिश्चित करना चाहिए। इसके अतिरिक्त अन्य विटामिन और खनिज की पर्याप्त मात्रा का सेवन भी टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है। अतः कम टेस्टोस्टेरोन की स्थिति में निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन फायदेमंद होता है, जैसे:
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…