Thyroid Diet Plan In Hindi आज हम आपको बताने वाले हैं की थाइरोइड में क्या खाएं और क्या ना खाएं। थायरॉइड (thyroid) एक छोटा ग्रंथि है, जो कंठ (Adam’s apple) के ठीक नीचे स्थित होती है। यह हार्मोन का उत्पादन करती है जो चयापचय (metabolism) की क्रिया को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। थायरॉइड हार्मोन मानव शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है और इन हार्मोन का संतुलन बिगड़ने से विभिन्न प्रकार के रोग हो सकते है। मानव शरीर में थायरॉइड हार्मोन की कमी हाइपोथायरायडिज्म एवं थायरॉइड हार्मोन की अधिकता हाइपरथायरायडिज्म की समस्या को जन्म देती है। अर्थात थायरॉइड संतुलन के लिए थायराइड डाइट चार्ट अपनाया जाता है यह डाइट चार्ट दो प्रकार का होता है।
आइये थाइरोइड डाइट चार्ट को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. हाइपोथायरायडिज्म डाइट चार्ट – hypothyroidism diet plan in Hindi
2. हाइपरथायरायडिज्म डाइट चार्ट – Hyperthyroidism diet chart in Hindi
हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मानव शरीर पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करता है, जिससे चयापचय प्रक्रिया धीमी हो जाती है। हाइपोथायरायडिज्म तब होता है जब शरीर में दो थायरॉइड हार्मोन, ट्राईआयोडोथायरोनिन (टी 3) triiodothyronine (T3) और थायरोक्सिन (टी 4) thyroxine (T4) के स्तर बहुत कम होते हैं। कमा हुआ थायराइड (हाइपोथायरायडिज्म) के लिए कोई विशिष्ट रूप से शाकाहारी आहार उपलब्ध नहीं है। लेकिन, शाकाहारी आहार एक स्वस्थ आहार के रूप में वजन को नियंत्रित करने में सहायता कर सकता है और पोषक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में मदद करता है। कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करके और अच्छे पोषक आहार को प्रति दिन के खाने में शामिल करके इन हार्मोनों का अवशोषण करने के लिए शरीर को बहुत अधिक सक्षम बनाया जा सकता हैं।
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शाकाहारी भोजन एक स्वस्थ आहार के रूप में जाना जाता है यह सभी पोषक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। एक स्वस्थ एवं संतुलित भोजन शरीर को स्वास्थ्य रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसके अलावा शाकाहारी आहार का पालन करने वाले लोग पतले होते हैं, तथा उनमें दिल की बीमारी, कैंसर और मधुमेह की बीमारी के कम जोखिम पाए जाते हैं। आपके लिए यह जानना अति आवश्यकता है कि अखरोट (walnuts) और सोयाबीन आटा (soybean flour) से बने खाद्य पदार्थ आपकी दवा के अवशोषण को कम कर सकते हैं। लेकिन आची बात यह है कि आप इन खाद्य पदार्थों को दवा लेने से कई घंटे पहले या दवा लेने के कई घंटे बाद खा सकते हैं।
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शाकाहारी भोजन कार्बोहाइड्रेट, फाइबर fiber, बी विटामिन B vitamins, लौह और मैग्नीशियम का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। दैनिक भोजन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऊर्जा की आवश्यकताओं होती है और इसी उर्जा की कैलोरी के आधार पर ये आहार भिन्न-भिन्न होते हैं। दैनिक आहार के रूप में अधिकांश पोषक तत्वों के परिपूर्ण अनाज होना चाहिए। स्वस्थ आहार के विकल्पों में गेहूं की रोटी, साबुत धान्य अनाज, क्विनोआ (quinoa), जौ (barley), बाजरा (millet)और ब्राउन चावल शामिल हैं।
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ब्लूबेरी (Blueberries), टमाटर, बेल मिर्च (bell peppers), और एंटीऑक्सीडेंट (antioxidants) में समृद्ध अन्य खाद्य पदार्थ सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करने की योग्यता रखते हैं और थायराइड ग्रंथि (thyroid gland) के लिए भी लाभदायक होते हैं। विटामिन बी के उच्च स्तर वाले साबुत अनाज (अन्य आहार) भी थायराइड ग्रंथि को स्वास्थ्य रखने में मदद कर सकते हैं।
फल और सब्जियां, फाइबर (fiber) से समृद्ध होती हैं, और शरीर को विटामिन सी, विटामिन ए, पोटेशियम और फोलेट (folate) प्रदान करती हैं। थायराइड ग्रंथि को स्वास्थ्य रखने के लिए फल और सब्जियां में ब्लूबेरी, खरबूजे melon, पालक, सेब, संतरे, पत्तेदार सब्जी, ब्रोकोली broccoli, गाजर, हरी सेम (beans) और गोभी (kale) आदि शामिल की जा सकती है।
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सेलेनियम (Selenium) की छोटी मात्रा एंजाइमों के लिए बहुत आवश्यक होती है। सेलेनियम (Selenium), थायरॉइड हार्मोन को ठीक से काम करने के लिए प्रेरित करता है। सेलेनियम युक्त समृद्ध खाद्य पदार्थ, जैसे कि सूरजमुखी के बीज, मूंगफली, काजू, बादाम या ब्राजील नट्स (Brazil nuts) खाना थायरॉइड के लिए लाभकारी हो सकता है।
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टायरोसिन (tyrosine) एक प्रकार का एमिनो एसिड, थायराइड ग्रंथि द्वारा ट्राईआयोडोथायरोनिन टी 3 और थायरोक्सिन टी 4 हार्मोन का उत्पादन करने के लिए प्रयोग किया जाता है। टायरोसिन के अच्छे स्रोत के रूप में मांस, डेयरी (dairy) उत्पाद और फलियां (legumes) उपस्थित हैं।
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खाना पकाने के लिए या भोजन के लिए तेल का प्रयोग किया जा सकता है। तेल में वसा के रूप कैलोरी समृद्ध मात्रा में होती है, इसलिए वजन को नियंत्रित करने के लिए दिन में एक से दो बार ही सेवन करना चाहिए। स्वस्थ वनस्पति तेलों में जैतून का तेल (olive oil), कैनोला तेल (canola oil), सोया तेल और कुसुम तेल (safflower oil) शामिल है।
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लगभग सभी शाकाहारियों के आहार में दूध या अंडे शामिल नहीं होते हैं। जबकि दोनों खाद्य पदार्थ प्रोटीन और विटामिन बी-12 के अच्छे स्रोत हैं। दूध कैल्शियम (calcium) का भी एक अच्छा स्रोत होता है। यदि किसी व्यक्ति को उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल (high blood cholesterol) है, तो उनको सप्ताह में कुछ बार अंडे
खाना उचित होगा। थायराइड आहार योजना के लिए दिन में दो बार दूध का सेवन किया जाना चाहिए।(और पढ़े – जानें कि क्या होता है अच्छा (HDL) एवं बुरा (LDL) कोलेस्ट्रॉल…)
कई सामान्य खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट में कुछ यौगिक होते हैं जो थायरॉइड कार्यों (thyroid function) में रुकावट डाल सकते हैं। सामान्यतः निम्नलिखित से बचना स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा है –
एक स्वस्थ आहार के लिए में पूर्व में ही पैक किए गए किसी भी प्रकार के भोजन या जंक फूड को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। लेकिन वास्तविकता तो यह है कि सभी संसाधित (अक्सर पूर्व-पैक किए गए) खाद्य पदार्थों या जंक फूड को अपनी जीवन शैली से हटाना बहुत मुश्किल है। अतः जहां तक हो सके जंक फूड के सेवन से परहेज कारण चाहिए।
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अध्ययनों से पता चलता है कि सोयाबीन और सोया समृद्ध खाद्य पदार्थों में उपस्थित फाइटोएस्ट्रोजन (phytoestrogens), उन एंजाइम की क्रियाशीलता में रूकावट डाल सकता है जो थायराइड हार्मोन का निर्माण करते है। एक अध्ययन में पाया गया कि सोया की अधिक खुराक का सेवन करने वाली महिलाएं हाइपोथायरायडिज्म का अधिक शिकार होती हैं।
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हाइपोथायरायडिज्म की समस्या पर्याप्त आयोडीन की कमी के कारण भी उत्पन्न होती है। इस मामले में आयोडीनयुक्त नमक या आयोडीन समृद्ध खाद्य पदार्थों का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। लेकिन आयोडीन की अधिक मात्रा का सेवन स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है और थायराइड ग्रंथि की क्रियाशीलता को भी कम कर सकती है। अतः आयोडीन लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
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लौह या कैल्शियम की अत्यधिक खुराक का सेवन, कई थायराइड दवाओं की प्रभावशीलता को भी प्रभावित कर सकता है। अतः लौह या कैल्शियम की खुराक का सेवन स्वास्थ्य की अनुकूलता के आधार पर ही करें।
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विशेष अध्ययनों से पता चलता है कि अत्यधिक कॉफी, चाय या कैफीन की प्रति दिन 300 मिलीग्राम से अधिक मात्रा (या 2-3 नियमित कॉफी) थायरॉइड की समस्या को बढ़ा सकती है।
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हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) एक ऐसी स्थिति है जिसमें हमारे शरीर की थायराइड ग्रंथि अति सक्रिय हो जाती है और थायराइड हार्मोन की अत्यधिक मात्रा पैदा करती है। यह थायराइड हार्मोन शरीर में विभिन्न चयापचय कार्यों को करने, सामान्य दिल की धड़कन बनाये रखने, शरीर के तापमान और रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए आवश्यक होते है। बढ़ा हुआ थायराइड (Hyperthyroidism) में, शरीर की सामान्य चयापचय दर बहुत बढ़ जाती है, जिससे वजन घटता है और थकान महसूस होती है जो की इसके मुख्य लक्षण होते है।
हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) में थायराइड हार्मोन के अत्यधिक उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए कुछ दवाओं की आवश्यकता के साथ-साथ संतुलित आहार की भी बहुत आवश्यकता होती है।
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पत्तेदार सब्जियां जैसे – ब्रोकोली (broccoli) और गोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स (Brussel sprouts), फूलगोभी, काले (kale) और शलजम (turnips) आदि थायराइड हार्मोन के उत्पादन को प्रतिबंधित कर सकती हैं, विशेष रूप से जिन लोगों में आयोडीन की कमी से घेंघा रोग (goiter) है उनको पत्तेदार सब्जियां अधिक खाने की सलाह दी जाती है। इन सब्जियों को पकाने पर इसमें उपस्थित गोइट्रोजेनिक (goitrogenic) यौगिकों नष्ट हो जाते हैं। इसलिए पत्तेदार सब्जियां (Cruciferous vegetables) को कच्चा खाये और कम से कम पकाएं। अतः हाइपरथायरायडिज्म पर इनका सेवन लाभकारी है।
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पालक, आड़ू (peaches), नाशपाती, मूंगफली, मीठे आलू (sweet potatoes) और सरसों के साग जैसे अन्य गोइट्रोजेनिक खाद्य पदार्थ को प्रतिदिन के आहार के रूप में बढ़े थाइरोइड (hyperthyroidism) में शामिल किया जाना चाहिए।
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कम वसा वाले डेयरी उत्पादों को अपने आहार में अधिक शामिल करें, क्योंकि बढ़ा हुआ थायराइड (हाइपरथायरायडिज्म) हड्डियों को कमजोर कर देता है और ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) की समस्या भी पैदा कर सकता है। अतः कम वसा वाले दूध, दही और पनीर इसके इलाज में सबसे अच्छे आहार हैं।
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एंटीऑक्सीडेंट समृद्ध फल और सब्जियां जैसे – स्ट्रॉबेरी, संतरे, मीठे नींबू, कैप्सिकम, पपीता, गाजर, टमाटर इत्यादि हार्मोनल असंतुलन को ठीक कर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को निर्मित करती हैं। इसके साथ ही पाचन प्रक्रिया को स्थिर करने में भी मदद मिलती है। विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाता है और थायराइड ग्रंथि (thyroid gland) या हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) को नियंत्रित करने में मदद करता है।
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हाइपरथायराइड रोगियों के लिए आयोडीन मुक्त नमक अर्थात गैर-आयोडीनयुक्त नमक का सेवन करना बेहद जरूरी होता है।
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बादाम, मूंगफली, फलों के बीज, कद्दू के बीज (pumpkin seeds), अखरोट (walnuts) और देवदार नट्स (pine nuts) ये सभी जस्ता और ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत हैं। हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) रोग के कारण शरीर में जिंक (Zn) की कमी आ जाती है जिंक, कोशिकाओं की वृद्धि और कार्बोहाइड्रेट को अपघटित करने के लिए आवश्यक होता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड (omega 3 fatty acid) के कम मात्रा में सेवन से हार्मोन असंतुलन हो सकता है।
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हाइपरथायरायडिज्म से पीड़ित व्यक्तियों को नीचे दिए गए कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए:
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