Thyroid Function Test in Hindi: थायराइड फ़ंक्शन और थायराइड हार्मोन के स्तर की जांच करने के लिए कुछ विशेष रक्त परीक्षणों का उपयोग किया जाता है, जिन्हें थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट कहा जाता है। थायराइड समस्या व्यक्तियों में अनेक प्रकार की समस्याओं का कारण बनती है। अतः डॉक्टर थायराइड रोगों का निदान करने के लिए इन थाइरोइड फंक्शन टेस्ट की मदद लेते हैं। आज के इस लेख में आप थाइरोइड फंक्शन टेस्ट क्या है, थाइरोइड टेस्ट के प्रकार, प्रक्रिया, तैयारी, परिणाम (रिजल्ट) और कीमत के बारे में जानेगें।
विषय सूची
थायराइड हार्मोन क्या हैं – What is Thyroid Hormone in Hindi
गर्दन के सामने एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि होती है, जिसे थायराइड कहते हैं। थायरॉयड ग्रंथि ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) और थायरोक्सिन (T4) हार्मोन का निर्माण और स्राव करती है। थायराइड हार्मोन शरीर द्वारा उपयोग की जाने वाली ऊर्जा को नियंत्रित करते हैं, इसलिए यह हार्मोन शरीर के लगभग सभी अंगों को प्रभावित कर सकते हैं। थायराइड हार्मोन शरीर के तापमान, वृद्धि, विकास, हृदय गति और वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। थाइरोइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (TSH), पिट्यूटरी ग्रंथि (pituitary gland) में बनने वाला एक हार्मोन है, जो थायरॉयड हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।
थायराइड रोग – Thyroid diseases in Hindi
व्यक्तियों में थायराइड से सम्बंधित अनेक रोग हो सकते हैं, जिनका निदान थायराइड फंक्शन टेस्ट के द्वारा किया जा सकता है। थायराइड रोग में शामिल हैं:
- हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism or overactive thyroid) – यह थायराइड रोग तब होता है जब थायराइड हार्मोन का स्तर बहुत अधिक होता है।
- ग्रेव्स रोग (Graves’ disease) – यह हाइपरथायरायडिज्म का सबसे आम कारण है।
- हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism or underactive thyroid) – यह थायराइड रोग तब होता है जब थायराइड हार्मोन का स्तर बहुत कम है।
- हाशिमोटो रोग (Hashimoto’s disease) – यह हाइपोथायरायडिज्म का सबसे आम कारण है।
- थायराइड नोड्यूल (thyroid nodules) और थायराइड कैंसर, इत्यादि।
थायराइड टेस्ट क्या है – What is Thyroid Tests in Hindi
डॉक्टर द्वारा थायराइड के अच्छी तरह से काम करने की स्थिति की जाँच करने के लिए और हाइपरथायरायडिज्म या हाइपोथायरायडिज्म जैसी समस्याओं के कारणों का निदान करने के लिए थायराइड टेस्ट का उपयोग किया जाता है। इसे थाइरोइड फंक्शन टेस्ट भी कहा जाता है, जिसके तहत अनेक प्रकार के परीक्षणों को शामिल किया जा सकता है। थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट के दौरान प्रयोग किये जाने वाले रक्त परीक्षणों और इमेजिंग परीक्षणों में निम्न शामिल हैं, जैसे:
- थायराइड स्टिम्युलेटिंग हार्मोन टेस्ट (TSH test)
- थायरोक्सिन टेस्ट (T4 test)
- ट्राईआयोडोथायरोनिन टेस्ट (T3 test)
- थायरॉयड एंटीबॉडी परीक्षण (Thyroid antibody tests)
- थायराइड इमेजिंग परीक्षण (जैसे- अल्ट्रासाउंड, थायराइड स्कैन, रेडियोएक्टिव आयोडीन अपटेक टेस्ट)
- रेडियोएक्टिव आयोडीन अपटेक टेस्ट (Radioactive iodine uptake test) इत्यादि।
(और पढ़े: थाइरोइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन टेस्ट, प्रक्रिया, रिजल्ट और कीमत)
थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट के सामान्य स्तर – Thyroid function test normal range in Hindi
थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट के अंतर्गत रक्त नमूने की जाँच करने पर हार्मोन के सामान्य स्तर इस प्रकार हैं:
- TSH टेस्ट के दौरान TSH की नॉर्मल रेंज 0.4 से 4.0 मिली यूनिट प्रति डेसीलीटर (μg/dL) होती है।
- सीरम ट्राईआयोडोथायरोनिन T3 टेस्ट की नॉर्मल रेंज 95 से 190 नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर (ng/dl) होती है।
- T4 टेस्ट की नॉर्मल रेंज 5 से 11 माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर (µg/dl) होती है।
(और पढ़े: थायराइड के लिए योग)
थायराइड ब्लड टेस्ट के प्रकार – Thyroid blood test types in Hindi
डॉक्टर द्वारा थायराइड फ़ंक्शन की जांच करने और थायराइड बीमारियों का निदान करने के लिए एक या एक से अधिक थायराइड ब्लड टेस्ट का आदेश दिया जा सकता है। थायराइड ब्लड टेस्ट (Thyroid blood test) में थायरॉयड उत्तेजक हार्मोन (टीएसएच), T4 टेस्ट, T3 टेस्ट और थायरॉयड एंटीबॉडी परीक्षण, इत्यादि को शामिल किया जाता है।
TSH टेस्ट – TSH test in Hindi
थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट के दौरान डॉक्टर आमतौर पर पहले रक्त में थायरॉयड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (TSH) की मात्रा की जांच करते हैं। टीएसएच पिट्यूटरी ग्रंथि (pituitary gland) में बनने वाला एक हार्मोन है, जो थायरॉयड द्वारा निर्मित टी4 और टी3 हार्मोन को विनियमित करता है। TSH टेस्ट के दौरान रक्त में TSH का उच्च स्तर, हाइपोथायरायडिज्म या एक अंडरएक्टिव थायराइड की समस्या की ओर संकेत करता है। अर्थात इसका मतलब है कि थायराइड पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का उत्पादन नहीं कर रहा है, जिसके कारण पिट्यूटरी ग्रंथि रक्त में TSH का उच्च स्तर बनाये रखती है।
TSH टेस्ट से प्राप्त टीएसएच का कम स्तर आमतौर पर सम्बंधित व्यक्ति में हाइपरथायरायडिज्म, या एक अतिसक्रिय थायरॉयड की स्थिति का संकेत देता है। अर्थात हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति में थायराइड बहुत अधिक मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करती है, जिसको नियंत्रित करने के लिए पिट्यूटरी ग्रंथि टीएसएच (TSH) को रक्त में जारी करना बंद कर देता है। अतः यदि TSH टेस्ट के रिज़ल्ट असामान्य हैं, तो इस समस्या के सटीक कारणों का निदान करने के लिए कम से कम एक अन्य थायराइड टेस्ट की आवश्यकता पड़ती है।
थायरोक्सिन टेस्ट या T4 परीक्षण – Thyroxine Test (T4) in Hindi
थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट के दौरान एक अन्य परीक्षण T4 टेस्ट को शामिल किया जा सकता है। T4 टेस्ट को थायरोक्सिन टेस्ट भी कहा जाता है, जो रक्त में थायरोक्सिन हार्मोन के स्तर को मापता है। रक्त में थायरोक्सिन हार्मोन का उच्च स्तर, हाइपरथायरायडिज्म की समस्या का संकेत हो सकता है। इसके अतिरिक्त यदि T4 (थायरोक्सिन हार्मोन) के निम्न स्तर प्राप्त होते हैं, तो इस स्थिति में सम्बंधित व्यक्ति हाइपोथायरायडिज्म की समस्या से ग्रस्त हो सकता है।
कुछ मामलों में, T4 के उच्च या निम्न स्तरों का प्राप्त होना, हमेशा थायराइड की समस्या का संकेत नहीं होता है। बल्कि गर्भवती होने या गर्भनिरोधक गोली (oral contraceptives) लेने से भी थायराइड हार्मोन का स्तर अधिक हो सकता है। आमतौर पर थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट के दौरान T4 और T3 के ‘ free’ या सक्रिय भाग (FT4 और FT3) को भी मापा जाता है।
T3 परीक्षण – Triiodothyronine (T3) test in Hindi
T3 परीक्षण आमतौर पर केवल हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) या इसकी गंभीरता का निदान करने के लिए उपयोग किया जाता है। यदि T4 के स्तर सामान्य होने के बावजूद भी डॉक्टर को लगता है, कि सम्बंधित व्यक्ति को हाइपरथायरायडिज्म की समस्या है, तो निदान की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर T3 थायराइड ब्लड टेस्ट की भी मदद ले सकता है। कुछ स्थितियों में T4 के स्तर सामान्य होने पर भी T3 अधिक हो सकता है, इसलिए T4 और T3 दोनों स्तरों को मापना हाइपरथायरायडिज्म के निदान में काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
थायराइड एंटीबॉडी परीक्षण – Thyroid antibody tests in Hindi
थायराइड एंटीबॉडी परीक्षण की मदद से ग्रेव्स रोग (जो हाइपरथायरायडिज्म का सबसे सामान्य कारण है) और हाशिमोतो की बीमारी (जो हाइपोथायरायडिज्म का सबसे आम कारण है) का निदान आसानी से किया जा सकता है। थायराइड एंटीबॉडी का निर्माण शरीर में तब होता है, जब व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से थायरॉयड ग्रंथि को प्रभावित करती है। अतः थायराइड एंटीबॉडी टेस्ट की मदद से डॉक्टर थायरॉयड रोग का निदान करने में सफल हो सकते हैं। थायराइड पेरोक्सीडेज एंटीबॉडी (TPOAb), थायरोग्लोबुलिन एंटीबॉडीज (TgAb) और थायराइड उत्तेजक हार्मोन रिसेप्टर एंटीबॉडी (TSHR Ab), मुख्य थायराइड एंटीबॉडीज हैं।
रेडियोएक्टिव आयोडीन अपटेक टेस्ट – Radioactive iodine uptake test in Hindi
रेडियोएक्टिव आयोडीन अपटेक टेस्ट को थायराइड अपटेक टेस्ट (thyroid uptake test) भी कहा जाता है, यह परीक्षण थायराइड फ़ंक्शन की जांच करने और हाइपरथायरायडिज्म के कारणों का निदान करने में सहायक होता है। इस परीक्षण के दौरान रेडियोएक्टिव आयोडीन की एक छोटी मात्रा को तरल या कैप्सूल के रूप में निगलने की सलाह दी जाती है। फिर एक गामा प्रोब (gamma probe) नामक एक उपकरण को थायरॉयड ग्रंथि के पास रखा जाता है। यह उपकरण थायरॉयड द्वारा रक्त से रेडियोएक्टिव आयोडीन को ग्रहण करने की मात्रा को मापता है। यह जाँच अक्सर रेडियोएक्टिव आयोडीन को निगलने के 4 से 6 घंटे बाद और फिर से 24 घंटे बाद की जाती है। यदि थायरॉयड अधिक मात्रा में रेडियोएक्टिव आयोडीन को ग्रहण करता है, तो ग्रेव्स रोग (Graves disease) या एक से अधिक नोड्यूल (nodules) की ओर संकेत करता हैं।
थायराइड फंक्शन टेस्ट की आवश्यकता क्यों है – Why do I need a thyroid function test Test in Hindi
यदि किसी व्यक्ति में हाइपरथायरायडिज्म या हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण प्रगट होते हैं, तो उसे इस थायराइड टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है। हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति में वजन में कमी, पसीना आना, तेज धड़कन, नींद न आना और अन्य लक्षण देखे जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त हाइपोथायरायडिज्म के कारण पीड़ित व्यक्ति में वजन बढ़ना, थकान, ठंड के प्रति संवेदनशीलता, बालों का पतला होना, अवसाद (depression) और अन्य लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इसके अतिरिक्त थायराइड परीक्षण का उपयोग थायरॉयड दवा की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए भी किया जा सकता है।
थाइरोइड फंक्शन टेस्ट की तैयारी – Preparation for thyroid function test in Hindi
थाइरोइड रक्त परीक्षण या थाइरोइड फंक्शन टेस्ट की सिफारिश किसी भी समय की जा सकता है। कुछ दवाएं थायराइड टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं, अतः परीक्षण से पहले स्वयं के द्वारा ली जाने वाली दवाओं के बारे में डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए। डॉक्टर द्वारा परीक्षण से पहले कुछ दवाओं के सेवन पर रोक लगाने की सिफारिश की जा सकती है।
थायराइड फंक्शन टेस्ट के दौरान – During thyroid function tests in Hindi
थायराइड रोग से सम्बंधित लक्षणों के उत्पन्न होने की स्थिति में डॉक्टर द्वारा थायराइड टेस्ट की सिफारिश की जा सकती है। गर्भवती होने की स्थिति में महिला को गर्भवती होने की सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए। क्योंकि कुछ दवाओं का सेवन और गर्भावस्था की स्थिति थाइरोइड फंक्शन टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकती है।
टेस्ट के दौरान रक्त ड्रा करने की प्रक्रिया शामिल है। एक तकनीशियन या नर्स द्वारा रक्त नमूने को ऊपरी बांह की एक शिरा से सिरिंज की मदद से एकत्रित किया जाता है। रक्त नमूने को परीक्षण ट्यूब में एकत्र कर विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया जाता है।
(और पढ़े: थाइरोइड डाइट चार्ट)
थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट के साइड इफेक्ट्स – Thyroid function tests Side effects in Hindi
थायराइड फंक्शन टेस्ट के दौरान रक्त ड्रा करने की प्रक्रिया एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है। रक्त नमूना निकालने के बाद सुई लगाने (पंचर) वाले स्थान पर हल्की चोट या सूजन देखने को मिल सकती है। यदि पंचर वाले स्थान पर बहुत दर्द का अनुभव होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। थायराइड फंक्शन टेस्ट के साइड इफेक्ट्स में एक त्वचा संक्रमण की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है जो कि बहुत दुर्लभ है।
आइस पैक द्वारा पंचर वाली जगह की सिकाई या ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाई का उपयोग थायराइड फंक्शन टेस्ट के जोखिम कारकों का उपचार करने में किया जा सकता है।
थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट को प्रभावित करने वाले कारक – Factors affecting thyroid function test in Hindi
थायराइड फंक्शन टेस्ट के परिणाम कुछ दवाओं और बीमारियों से प्रभावित हो सकते हैं। अतः टेस्ट से पहले व्यक्ति को अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में डॉक्टर को सूचना देनी चाहिए। थायराइड टेस्ट के परिणामों को प्रभावित करने वाले कारकों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
- गंभीर बीमारी जैसे- हार्ट अटैक, संक्रमण, ट्रामा (trauma), लिवर की बीमारी या किडनी फेल होना।
- थायराइड विकारों के इलाज के लिए दवा का उपयोग।
- अन्य दवा जैसे: गर्भनिरोधक गोली, स्टेरॉयड हार्मोन, एंटीकॉन्वेलेंट्स (anticonvulsants), एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, लिथियम और ऐमियोडैरोन (दिल की धड़कन की नियंत्रित करने के लिए)।
थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट के परिणाम – Thyroid function test results in Hindi
डॉक्टर द्वारा थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट के परिणाम का विश्लेषण किया जाता है। थायराइड फ़ंक्शन टेस्ट के परिणाम निम्न प्रकार की सुचना प्रदान करते हैं, जैसे:
- यदि रक्त में TSH का स्तर उच्च और FT4 (free thyroxine) का स्तर निम्न है, तो यह एक अंडरएक्टिव थायरॉयड (हाइपोथायरायडिज्म) की स्थिति का संकेत है। और यदि TSH का स्तर निम्न और FT4 का स्तर सामान्य से अधिक है, तो यह स्थिति अति सक्रिय थायरॉयड (हाइपरथायरायडिज्म) का संकेत देती है।
- यदि TSH के स्तर सामान्य है, तब T4 टेस्ट के दौरान रक्त में थायरोक्सिन हार्मोन का उच्च स्तर, हाइपरथायरायडिज्म की समस्या का संकेत हो सकता है। इसके अतिरिक्त T4 (थायरोक्सिन हार्मोन) के निम्न स्तर स्तर सम्बंधित व्यक्ति में हाइपोथायरायडिज्म की समस्या का संकेत दे सकते हैं।
- रक्त नमूने में टी3 टेस्ट के लिए सामान्य सीमा 100-200 नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर होती है। रक्त परीक्षण के दौरान T3 के असामान्य रूप से उच्च स्तर आमतौर पर हाइपरथायरॉइड का कारण बनने वाली बीमारी ग्रेव (Grave’s disease) का संकेत देते हैं।
- थायरॉइड एंटीबॉडी परीक्षण के परिणामों के आधार पर निम्न निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं हाइपोथायरायडिज्म के रोगी में यदि एंटी-थायरॉयड पेरोक्सीडेज (anti-thyroid peroxidase) एंटीबॉडी या एंटी-थायरोग्लोबुलिन (anti-thyroglobulin) एंटीबॉडी के पॉजिटिव परिणाम प्राप्त होते है, तो यह हाशिमोटो थायरोडिटिस (Hashimoto’s thyroiditis) की स्थिति को प्रगट करते हैं। और यदि हाइपरथायरॉइड से सम्बंधित रोगी में थायराइड एंटीबॉडी परीक्षण के दौरान पॉजिटिव परिणाम प्राप्त होते हैं, तो यह ऑटोइम्यून थायराइड रोग (autoimmune thyroid disease) का संकेत होता है।
थायराइड फंक्शन टेस्ट की कीमत – Thyroid function test cost in Hindi
थायराइड फंक्शन टेस्ट की कीमत, टेस्ट के प्रकार और भिन्न-भिन्न शहरों के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है। भारत में थायराइड फंक्शन टेस्ट की अनुमानित कीमत Rs. 250 से Rs. 700 तक कुछ भी हो सकती है।
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Reference
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