Sesame in Hindi: छोटा सा दिखने वाले तिल का बीज आपके स्वास्थ्य के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। तिल के गुणों के कारण ही मध्य काल में इसकी तुलना सोना (गोल्ड) से होती थी। तिल के बीज में बीमारी दूर करने और बीमारी को रोकने की अदभूत क्षमता है (Til ke Fayde aur Nuksan in hindi)।
इसमें तांबा, मैगनीज, कैल्शियम और मैग्नीशियम विशेष रूप से पाया जाता है। इसके अलावा कई विटामिन्स, खनिज और अन्य पोषक तत्व इसमें पाए जाते हैं। बीपी को कम करने के साथ ही मधुमेह रोगियों के लिए भी तिल काफी फायदेमंद है। तिल का उपयोग आप कई तरीकों से कर सकते है।
आईए जानते है कि तिल के फायदे, बीज और तिल के तेल के फायदे (Sesame oil Benefits in hindi) और नुकसान के बारे में।
यहां कुछ उल्लेखनीय विटामिन, खनिज, और अन्य पोषक तत्व बताएं जा रहे हैं जो आपको तिल के 28 ग्राम बीज में मिल सकते हैं।
आकार में छोटे दिखने वाले तिल के बीज औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। आइए जाने तिल के बीज के फायदे हमारे लिए क्या हैं।
प्रोटीन मानव शरीर के विकास के लिए महत्वपूर्ण तत्व है। प्रोटीन की कमी होने पर कई घातक रोग हम पर वार कर सकता है। ऐसे में तिल के बीज उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन से भरपूर होते है। इसके इस्तेमाल से शरीर में प्रोटीन की कमी (Lack of Protein) को पूरा किया जा सकता है।
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सीसम (Sesame) या तिल के बीज में मैग्नीशियम और अन्य पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। तिल का तेल मधुमेह को रोकने में कारगार साबित हो सकता है। इसके साथ ही तिल का तेल हाइपरसेंसिटिव मधुमेह( hypersensitive diabetics) रोगों में प्लाजमा ग्लूकोज को सुधार करने में मदद करता है।
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ब्लड प्रेशर का बढ़ना हो या फिर ब्लड प्रेशर का घटना दोनों ही मरीज के लिए घातक है। शोधकर्ता द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि तिल का तेल मधुमेह में रक्तचाप को कम करता है। तिल के बीज में पाए जाने वाले मैग्नीशियम (Magnesium) बीपी को कम करने में मदद करता है।
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पोषक तत्वों से भरपूर तिल कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है। तिल में पाए जाने वाले तत्व फाइटोस्टोरोल्स (Phytoestorols) कोलेस्ट्रॉल के प्रोडक्शन को रोकता है। आपको बता दें कि काले तिल के बीज विशेष रूप से फाइटोस्टोरोल में उच्च हैं।
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फाइबर की मौजूदगी के कारण तिल पेट के लिए फायदेमंद होता है। ये फाइबर खाने को पचाने में सहायक साबित होता है आप अच्छे पाचन के लिए तिल का सेवन कर सकते है।
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शोध से पता चलता है कि तिल के बीज में जिंक (Zink) होता है जो शरीर के डैमेज टिशू को रिपेयर करने में मदद करता है। तिल के तेल का नियमित उपयोग त्वचा के कैंसर को कम कर सकता है। तिल के बीज में कैंसर विरोधी गुण होते हैं जिनमें फाइटिक एसिड (Phytic acid), मैग्नीशियम और फाइटोस्टोरोल (phytosterols) होते हैं। तिल के बीज में सभी उच्चतम फाइटोस्टेरॉल सामग्री होती है।
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हमे तनाव मुक्त रहने में तिल के बीज मदद करते है। इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स मैग्नीशियम और कैल्शियम तनाव को दूर करता है। इसके अलावा तिल में थायामिन और ट्रिप्टोफैन (thiamin and tryptophan) होता है जो सेरोटोनिन को उत्पन्न करता है। ये सेरोटोनिन दर्द को कम करने में काम आता है और मूड को बदलने में मदद करता है जिससे आप गहरी नींद ले सकें।
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शरीर में खून की कमी के कारण कमजोरी , सिर में दर्द, चक्कर आने जैसे समस्या बनी रहती है। लेकिन काले तिल के उपयोग से हम शरीर में एनीमिया को दूर कर सकते है। काले तिल के बीच में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अत्यधिक कमजोर व एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति इसके उपयोग से जल्दी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते है।
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औषधीय गुण से भरपूर तिल के बीज में कॉपर की मौजूदगी हमें अर्थराइटिस की बीमारी से बचाता है। तिल का तेल गठिया रोग से राहत देता है, और हड्डियों, जोड़ों और रक्त वाहिकाओं को मजबूत करता है।
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अधिक शराब के सेवन से मनुष्य का लीवर डैमज होने का खतरा रहता है। ऐसे में उन लोगों के लिए तिल रामबाण का काम करेगा जो शराब का अधिक सेवन करते है। यह लीवर पर शराब के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। साथ ही लीवर को सामान्य रूप से काम करने में सहायक साबित होता है।
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त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए सीसम ऑयल बहुत ही प्रभावी होता है। तिल का तेल हानिकारक पराबैंगनी किरणों से आपकी त्वचा की रक्षा करता है। इसके साथ ही त्वचा पर झुरियों को रोकता है। इतना ही नहीं त्वचा से पिंगमेंटेशन लॉस को भी रोकता है।
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आयुर्वेद में हजारों वर्षों से मौखिक स्वास्थ्य (Oral Health) के लिए तिल के तेल का उपयोग किया जाता आ रहा है। आयल पुल्लिंग का उपयोग कई सालों से दांतों को सफेद करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए किया जाता आ रहा है।
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आपने जाना की तिल के फायदे क्या है तिल के बीज और तेल का उपयोग के अनेक स्वास्थ्य लाभ है लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन से बचना चाहिए आइये जानते है तिल के नुकसान क्या है कुछ लोगों को तिल के तेल से एलर्जी (Allergy) हो सकती है।
अगर आप खून को पतला (anti coagulant) करने वाली दवा को ले रहे है तो इसका सेवन नहीं करने या अपने डॉक्टर से इसके बारें में बात करने के बाद ही तिल का सेवन करें, तिल के सेवन से पाचन सम्बन्धी समस्या हो सकती है।
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