Tinda Benefits in Hindi एप्पल गौर्ड (Apple gourd) को भारतीय शिशु कद्दू या टिंडा भी कहा जाता है। यह भारत में पैदा हुआ है लेकिन दक्षिण एशिया, और अन्य गर्म देशों में भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। टिंडा के फायदे यह हैं कि यह हमारे लिए शाकाहारी सब्जी का अच्छा विकल्प है जो हमें बहुत से पोषक तत्वों की प्राप्ति करने में मदद करता है। यह अपने बहुत से स्वास्थ्य लाभों के कारण सुपर फूड माना जाता है। इसमें 94 प्रतिशत पानी होता है और इस सब्जी में कैलोरी बहुत ही कम मात्रा में होती है।
टिंडा पाचन तंत्र (digestive system) के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। लेकिन यह उसका एक मात्र लाभ नहीं है। इसमें कैरोटीनोइड, एंटी-इंफ्लामैट्री गुण और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। जो हमारे शरीर में रक्तचाप, हृदय रोग और स्ट्रोक (Stroke) के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। टिंडा कैंसर विकास को भी रोक सकता है। यह पानी से भरपूर सब्जी आपके शरीर को शीतलता प्रदान करने के साथ मूत्र प्रवाह (urinary flow) को बढ़ाती है, जो गुर्दे से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करते हैं। इसमें बहुत सारे फाइबर भी होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं और पेट की अम्लता और कब्ज (acidity and constipation) से राहत दिलाते हैं। कुछ अध्ययन बताते हैं कि यह स्वस्थ्य त्वचा और बालों के लिए भी यह बहुत अच्छा होता है।
विषय सूची
1. टिंडा में पाए जाने वाले पोषक तत्व – Tinda (Apple Gourd) Nutrition Value in Hindi
2. टिंडा के फायदे – Tinda ke fayde in Hindi
3. टिंडा खाने के नुकसान – Tinda ke Nuksan in Hindi
पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होने के कारण टिंडा के फायदे हमारे लिए बहुत अधिक होते हैं। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, थियामिन, रिबोफाल्विन, नियासिन, लौह और पोटेशियम जैसे खनिज पदार्थ बहुत अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि इनमें उपस्थित फाइटोकैमिकल्स में ज्यादातर एल्कोलाइड और टैनिन (alkaloids and tannins) होते हैं। कद्दू के बीजों की तरह टिंडा के बीजों में बहुत से फैटी एसिड और प्रोटीन होते हैं। इनमें ओमेगा-6 फैटी एसिड (लिनोलेइक एसिड) का लगभग 50 प्रतिशत, और ओमेगा-9 फैटी एसिड (ओलेइक एसिड) का लगभग 25 प्रतिशत होता है।
स्वास्थ्य लाभों को ध्यान में रखते हुए टिंडा (Apple gourd) के फायदे बहुत अधिक है जो स्वस्थ्य जीवन और यहां तक कि कुछ बीमारियों को ठीक करने में भी मदद करते हैं। टिंडा का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जा सकता है जैसे कि सब्जी, या जूस ( vegetable or juice) के रूप में। टिंडा का सेवन कर रक्तचाप, कैंसर, मोटापा, पाचन और हृदय रोग (heart diseases) जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इन पोषक तत्वों की उपलब्धता के आधार पर आइए जाने टिंडा के फायदे के बारे में ।
जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए टिंडा के फायदे वजन कम करने का आसान साधन साबित हो सकते हैं क्योंकि इसमे फाइबर (dietary fiber) की मात्रा बहुत अधिक होती है। टिंडा में पानी और फाइबर की अच्छी मात्रा होने के कारण यह लंबे समय तक भूख को नियंत्रित रखता है जिससे हमें कुछ समय तक भूख महसूस नहीं होती है। ज्यादा मात्रा में भोजन न करने से यह शरीर की चयापचय प्रणाली को सुधारने और पोषक पदार्थ को बेहतर रूप से अवशोषित करने मे मदद करता है। यह हमारे शरीर में डिटॉक्सिफिकेशन (detoxification) प्रक्रिया में भी मदद करता है जो वजन घटाने में हमारी मदद करता है।
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किडनी को स्वस्थ्य (healthy kidney) बनाने के लिए टिंडा के फायदे के बारे में शायद ही आप जानते होगें। टिंडा का सेवन करने से आप अपने शरीर के विषाक्त पदार्थों को दूर कर सकते हैं। क्योंकि टिंडा में उपस्थित पानी की संरचना मूत्र को बढ़ावा (promote urine) देने में मदद करती है। यह गुर्दे के पथरी को रोकने में भी मदद करता है।
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टिंडा के पोषक तत्वों में ग्लोबुलिन (globulin) नामक कुछ प्रोटीन होते हैं जो हमारे खून में भी होते हैं। यह प्रोटीन हमारे शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने और पोषक तत्वों के परिवहन का कार्य करते हैं। इस कारण बहुत से स्वास्थ्य सलाहकार प्रतिरक्षा शक्ति (Immune power) को बढ़ाने के लिए टिंडा और इसके बीजों का सेवन करने की सलाह देते हैं। इसी प्रकार के लाभ एक और अन्य खाद्य पदार्थ खुबानी बीज (Apricots Seeds) में भी होते हैं।
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अपनी एंटीऑक्सीडेंट प्रकृति के कारण टिंडा मुक्त (free radicals) कणों से हमारी सुरक्षा करने में मदद करता है। ये मुक्त कण हमारे शरीर में कैंसर के विकास को बढ़ावा देते हैं। टिंडा के फायदे यह भी हैं कि ये पौरुषग्रंथि की सूजन को कम करने में मदद करता है जो पुरुषों के पौरुषग्रंथि के कैंसर (prostate cancer) को कम करने में भी सहायक होती है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि टिंडें में कैलोरी की मात्रा कम (low calorie) होती है और आहार फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं। इस कारण टिंडा मधुमेंह वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि यह शर्करा के अवशोषण (Absorption) को नियंत्रित करता है और उसके स्तर को कम करने में मदद करता है। टिंडे के छिल्कों में फोटोकेमिकल होते हैं जो रक्त शर्करा को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए ताजा और छिल्के सहित टिंडों का सेवन करना मधुमेह (Diabetics) के लिए फायदेमंद होता है।
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एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होने के कारण टिंडा फल के फायदे कोरोनरी हार्ट डिजीज (coronary heart disease) जैसी किसी भी बीमारी से हृदय की रक्षा करने में हमारी मदद करते हैं। टिंडे में वसा की मात्रा कम होती है और फाइबर अधिक मात्रा में होते हैं जो रक्तचाप (blood pressure) को नियंत्रित करने और दिल को स्वस्थ्य बनाए रखने में मदद करते हैं। यह आंत में कोलेस्ट्रॉल अवशोषण (cholesterol absorption) को भी कम करता है। कोलेस्ट्रॉल कई हृदय रोगों का मुख्य कारण होता है।
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बुखार को कम करने वाले गुण (antidote) पानी में मौजूद रहते हैं, इसलिए बुखार से पीड़ित व्यक्ति को टिंडे फल का सेवन करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इस फल में 94 प्रतिशत पानी होता है। बुखार होने पर आप इसका पेस्ट बना कर शरीर के तापमान (body’s temperature) को कम करने के लिए अपने माथे पर लगा सकते हैं। बुखार को कम (reduce fever) करने का यह सबसे सरल उपाय और विकल्प होता है।
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पानी की अच्छी मात्रा के कारण टिंडा पाचन अंगों (digestion organs) को लाभ दिलाने के साथ-साथ त्वचा को भी स्वस्थ्य बनाने में मदद करता है। यह त्वचा को चिकनी और चमकदार (skin smooth and glowing) बनाता है। त्वचा को स्वस्थ्य रखने के लिए आप टिंडें का उपयोग फेस पेक के रूप में भी कर सकते हैं। यह आपकी त्वचा को स्वस्थ्य पोषक तत्व प्रदान करता है। आप अपनी रूखी और सुस्त त्वचा (dried and dull skin) को स्वस्थ्य बनाने के लिए टिंडा का उपयोग कर सकते हैं।
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पाचन तंत्र (digestion system) के लिए टिंडा के फायदे बहुत अधिक होते हैं क्योंकि इसमें पानी की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। साथ ही इसमें उपस्थित फाइबर कब्ज की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा पानी फाइबर शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाने और मल त्याग (bowel movement) को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यदि आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो टिंडा का सेवन करें यह आपको कब्ज (constipation) की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा।
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एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) गुण और पानी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण टिंडा बालों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। पानी की उपस्थिति बालों को हाइड्रेट रखती है जिससे कि रूखे और सुस्त बालों को स्वस्थ्य बनाते हैं। इसके अलावा एंटीआक्सीडेंट बालों के रंग को खराब (decolorized) होने से रोकता है। आप अपने बालों को स्वस्थ्य बनाने के लिए टिंडा के साथ अन्य उत्पादों को मिलाकर भी उपयोग कर सकते हैं।
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मस्तिष्क को स्वस्थ्य बनाने के लिए टिंडा फायदेमंद होता है। क्योंकि इसमें ओमेगा-6 फैटी एसिड अच्छी मात्रा में होता है जो मस्तिष्क के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। ओमेगा-6 फैटी एसिड मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास में मदद करता है, साथ ही यह शरीर के अन्य अंगों की मरम्मत प्रणाली (repair system) में भी मदद करता है। आप भी अपने मस्तिष्क (Brain) को स्वस्थ्य और सुरक्षित रखने के लिए टिंडे का उपयोग कर सकते हैं।
दर्द और सूजन को कम करने के लिए टिंडे का उपयोग किया जाता है। जब हम टिंडे का सेवन करते हैं तो इसमें उपस्थित पोषक तत्व हमारे शरीर से दर्द और सूजन को हटाने में मदद करते हैं। आप टिंडे को पेस्ट बनाकर शरीर में लगा भी सकते हैं जो दर्द और सूजन को कम करता है।
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यह सब्जी पानी से भरपूर होती है, जो आपके शरीर को ठंडा और स्वस्थ्य (cool and healthy) रखने मे मदद करती है। इसमें उपस्थित पानी की पर्याप्त मात्रा आपके शरीर में मूत्र प्रवाह को बढ़ाती है जो गुर्दे से विषाक्त (Toxic ) पदार्थों को हटाने में मदद करती है। इस तरह आप टिंडे का उपभोग करके मूत्र संक्रमण जैसी आम परेसनियों को दूर कर अपने शरीर को स्वस्थ्य बना सकते हैं।
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