Tingling In Hands And Feet In Hindi हाथ और पैरों में झुनझुनी आना, एक आम बात है। कोई भी व्यक्ति शरीर में झनझनाहट का अनुभव कर सकता है। अक्सर देर तक आराम करने या एक जगह बैठने के दौरान हाथों और पैरों से जुड़ी एक समस्या का जिक्र बार-बार होता है, जिसे लोग आम बोलचाल की भाषा में ‘झुनझुनी चढ़ना’ कहते है। हाथों और पैरों में होने वाली झनझनाहट काफी आम है, जो लंबे समय तक एक जगह बिना हिले-डुले बैठे रहने से हो सकती है। हालांकि, यह कोई गंभीर समस्या नहीं मानी जाती, लेकिन यह आपकी दिनचर्या को प्रभावित कर सकती है।
कभी कभी हाँथ और पैर में झनझनाहट अचानक और अस्पष्ट रूप से उत्पन्न हो सकती है। इस संवेदना को पैरेस्थेसिया (paresthesia) के रूप में जाना जाता है। झुनझुनी की भावना को चुभन, जलन, या “पिंस एंड नीडल” आदि संवेदना के रूप में भी वर्णित किया जा सकता है।
झुनझुनी के अलावा सम्बंधित व्यक्ति को हाथों और पैरों में सुन्नता, दर्द या कमजोरी महसूस हो सकती है। हाथों या पैरों में झुनझुनी विभिन्न कारकों या स्थितियों के कारण भी उत्पन्न हो सकती है। इन स्थितियों में दबाव, गुमचोट (trauma) या तंत्रिकाओं को नुकसान आदि स्थितियों को शामिल किया जा सकता है। अचानक पैर के तलवे में झनझनाहट या हाथों में झुनझुनी, एक स्वास्थ्य समस्या का भी संकेत हो सकता है। अगर आप भी इस तरह की समस्या से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाने के लिए प्राकृतिक उपाय चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। आज के इस लेख में आप जानेगें कि हाथों और पैरों में झनझनाहट क्या है, इसके कारण, लक्षण, उपचार और हाथो और पैरों में होने वाली झनझनाहट पर काबू पाने के सबसे सरल और सटीक घरेलू नुस्खों और घरेलू उपायों के बारे में।
1. हाथों और पैरों में झनझनाहट क्या है – What is tingling in hands and feet in Hindi
2. हाथों और पैरों में झनझनाहट के लक्षण – Tingling in hands and feet Symptoms in Hindi
3. हाथ पैर में झनझनाहट के कारण – tingling in hands and feet causes in Hindi
4. हाथ पैरों में झुनझुनी का निदान – Tingling in hands and feet Diagnosis in hindi
5. हाथ पैर में झनझनाहट के उपचार – Tingling in hands and feet treatment in Hindi
6. हाथ पैर में झनझनाहट होने पर डॉक्टर को कब दिखाए – When to see a doctor for tingling in Hindi
7. हाथ और पैर में झनझनाहट की रोकथाम के उपाय – Prevention tips for tingling in hands and feet in Hindi
8. हाथ पैर में झनझनाहट के घरेलू उपाय – Home Remedies for tingling in hands and feet in Hindi
9. हाथों और पैरों में झुनझुनी दूर करने के लिए आहार – Best Foods for Reducing tingling in hands and feet in Hindi
हाथों और पैरों में झुनझुनी अक्सर दर्द, जलन, सुई या पिन की चुभन (pins and needles) की तरह होती है जो हाथों और पैरों में सुन्नता जैसे लक्षणों के उत्पन्न होने का कारण बनती है। इस प्रकार की संवेदनाएं या इन लक्षणों का एहसास, प्रभावित क्षेत्र में आमतौर पर नसों की क्षति (न्यूरोपैथी) को दर्शाता हैं। इस प्रकार के लक्षणों को स्पष्ट करने के लिए परिधीय न्यूरोपैथी (peripheral neuropathy) शब्द का उपयोग किया जा सकता है। विटामिन की कमी, मधुमेह और किडनी की विफलता आदि स्वास्थ्य समस्याओं से संबन्धित व्यक्ति के शरीर में तंत्रिका को क्षति पहुँचने के कारण हाथ और पैरों में झुनझुनी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। कुछ दवाओं के सेवन के साथ-साथ ऑटोइम्यून रोग, विषाक्त पदार्थ, शराबीपन और संक्रमण भी हाथ और पैरों में झुनझुनी के अन्य संभावित कारण हो सकते हैं। झनझनाहट के उपचार, इसके कारणों के आधार पर भिन्न-भिन्न होते हैं।
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हाथ और पैर में झुनझुनी के सबसे आम संकेतों और लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
अधिकतर स्थितियों में झुनझुनी और अन्य संवेदनाएं बहुत अधिक चिंता का विषय नहीं होती हैं, लेकिन यह स्थिति एक गंभीर अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या की ओर संकेत कर सकती हैं। अगर आपको इस प्रकार की समस्या से रोजाना गुजरना पड़ रहा है, तो डॉक्टर के पास जाएं। नीचे जानिए हाथों और पैरों में होने वाली झनझनाहट के कुछ आम कारण –
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अस्थायी पैरेस्थेसिया या हाथों और पैरों में झनझनाहट के अनेक कारण हो सकते है, जो कि अस्पष्ट रूप से झुनझुनी, चुभन, जलन और अन्य सम्बंधित लक्षण प्रगट कर सकते हैं। हाथों और पैरों में होने वाली झनझनाहट अक्सर इन अंगों में मौजूद किसी नस पर अत्यधिक दवाब पड़ने या रक्त संचालन में अवरोध के कारण उत्पन्न होती है। हाथों और पैरों में झनझनाहट के कारण इस प्रकार हैं, जैसे:
हाथों और पैरों में झनझनाहट के सामान्य कारणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
विटामिन की कमी (Vitamin deficiency) – विटामिन ई, विटामिन बी1, विटामिन बी6, विटामिन बी12 और नियासिन आदि पोषक तत्व स्वस्थ तंत्रिका कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं। विटामिन बी12 की कमी से पर्निशियस एनीमिया (pernicious anemia) हो सकता है, जो परिधीय न्यूरोपैथी (peripheral neuropathy) का एक महत्वपूर्ण कारण बनता है। कुछ स्थितियों में विटामिन B6 की कमी भी हाथ और पैरों में झुनझुनी पैदा कर सकती है। (और पढ़े – विटामिन और उनकी कमी से होने वाले रोग…)
मधुमेही न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy) – मधुमेह के कारण तंत्रिका को होने वाली क्षति, मधुमेह न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy) कहलाती है। यह समस्या मुख्य रूप से पैर और तलवों के अलावा कभी-कभी भुजा और हाथ को भी प्रभावित कर सकती है। मधुमेह न्यूरोपैथी की स्थिति में रक्तप्रवाह में उच्च रक्त शर्करा स्तर के कारण तंत्रिका और रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुँचती है।
पिंच तंत्रिका (Pinched nerve) – पिंच तंत्रिका (Pinched nerve) की स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब चोट, सूजन जैसी अन्य स्थितियों के कारण आसपास के ऊतकों द्वारा तंत्रिका पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है। तंत्रिका में दवाब (Pinched nerve) शरीर के अनेक हिस्सों को प्रभावित कर सकता है, जिससे हाँथ और पैर में झुनझुनी, सुन्नता या दर्द महसूस होता है।
किडनी फेल (Kidney failure) – किडनी फेल (Kidney failure) की स्थिति सम्बंधित व्यक्ति में किडनी के ठीक से काम नहीं करने की स्थिति है। जब किडनी सही तरीके से काम नहीं करती है, तो संबन्धित व्यक्ति के शरीर में द्रव (fluid) और अपशिष्ट पदार्थ जमा हो सकते हैं, जिससे तंत्रिका को नुकसान पहुँच सकता है और पैरों में झुनझुनी उत्पन्न हो सकती है।
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विभिन्न प्रकार की दवाओं का सेवन तंत्रिका क्षति का कारण बन सकती हैं, जिससे सम्बंधित व्यक्ति के हाथों या पैरों में झुनझुनी महसूस हो सकती है। अधिकतर स्थितियों में यह समस्या कैंसर और एचआईवी (HIV) रोग के इलाज में उपयोग की जाने वाली दवाओं के दुष्प्रभाव से उत्पन्न हो सकती है। हाथों और पैरों में झुनझुनी पैदा करने वाली दवाओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर की संक्रमण तथा रोगों से रक्षा करती है। ऑटोइम्यून विकार की स्थिति में मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वयं के शरीर की कोशिकाओं पर हमला करती है। इस स्थिति में प्रतिरक्षा प्रणाली नसों या तंत्रिका के सुरक्षात्मक आवरण को नष्ट कर, उन्हें क्षतिग्रस्त कर सकती है, तथा हांथ और पैर में झुनझुनी का कारण बन सकती है। ऑटोइम्यून विकार के तहत निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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संक्रमण की स्थिति में वायरस, बैक्टीरियल या फंगल (fungal) शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करने के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र को सीधे प्रभावित कर सकते हैं। अतः संक्रमण की स्थिति हाथों और पैरों में झनझनाहट का कारण बन सकती है। इस प्रकार के संक्रमण में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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हाथों या पैरों में झुनझुनी के अन्य कारणों में निम्न स्थितियों को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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किसी भी व्यक्ति के हाथों या पैरों में अस्पष्टीकृत झुनझुनी उत्पन्न होने पर उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हाँथ पैर में झनझनाहट से सम्बंधित विभिन्न स्थितियों का निदान करने के लिए डॉक्टर विभिन्न परीक्षणों की मदद ले सकते हैं। इन परीक्षणों में शामिल हैं:
शारीरिक परीक्षण – डॉक्टर हाँथ पैर में झुनझुनी के कारणों की जांच करने के लिए मरीज के मेडिकल इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है, तथा लक्षणों की जानकारी प्राप्त करने के लिए न्यूरोलॉजिकल परीक्षण (Neurological examination) कर सकता है। न्यूरोलॉजिकल परीक्षण की मदद से सजगता और संवेदी कार्य (Sensory work) का निरीक्षण किया जा सकता है।
रक्त परीक्षण – रक्त परीक्षण हाँथ और पैर में झनझनाहट के कारणों का निदान करने का एक उपयोगी परीक्षण हो सकता है। इस परीक्षण की मदद से डॉक्टर पीड़ित व्यक्ति के रक्त में कुछ रसायनों, विटामिन या हार्मोन के स्तर और रक्त कोशिका के स्तर जैसी जरुरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा परिणामों का आकलन कर समस्या के निदान में सहायता प्राप्त कर सकते है।
इमेजिंग परीक्षण – विभिन्न प्रकार के इमेजिंग परीक्षण हाथों या पैरों में झुनझुनी की समस्या का निदान करने में सहायता प्रदान कर सकते हैं। डॉक्टर द्वारा निम्न प्रकार के इमेजिंग परीक्षण की सिफारिश की जा सकती है, जैसे:
तंत्रिका कार्यों का परीक्षण – तंत्रिका चालन वेग परीक्षण (nerve conduction velocity tests) (NCV) या इलेक्ट्रोमोग्राफी (electromyography) (EMG) जैसी तकनीकों का उपयोग करके तंत्रिका कार्यों का परीक्षण आसानी से किया जाता है।
बायोप्सी (biopsy) – डॉक्टर द्वारा हाँथ और पैर में झनझनाहट की नैदानिक प्रक्रिया में तंत्रिका या त्वचा की बायोप्सी करने की सिफारिश कर सकता है।
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हाथों और पैरों में झुनझुनी के उपचार का निर्धारण, इस स्थिति के उत्पन्न होने वाले कारणों के आधार पर किया जाता है। कारणों का निदान होने के बाद, डॉक्टर एक उचित उपचार प्रक्रिया को अपना सकता है।
उपचार विकल्पों के रूप में निम्नलिखित में किसी एक या अनेक उपचार प्रणाली को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
जो व्यक्ति हाथों और पैरों झुनझुनी को महसूस करते हैं, तो उन्हें इन लक्षणों को बहुत लंबे समय तक नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह समस्या पूरे शरीर में पक्षाघात (लकवा) का कारण बन सकती है। इसलिए, जब भी व्यक्ति लगातार चुभन या झुनझुनी महसूस करता है तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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विभिन्न प्रकार की स्थितियां हाथों और पैरों में झुनझुनी पैदा कर सकती हैं। अतः जो व्यक्ति हाथों या पैरों में अस्पष्टीकृत झुनझुनी का अनुभव करते हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर को देखना चाहिए। क्योंकि इस स्थिति के कारणों का प्रारंभिक निदान कर, इससे सम्बंधित लक्षणों को कम करने और अतिरिक्त तंत्रिका क्षति (nerve damage) को रोकने में मदद मिल सकती है।
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हाथों और पैरों में झुनझुनी और अन्य संवेदनाओं की रोकथाम के लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं:
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हाथों और पैरों में झनझनाहट और अन्य संवेदनाओं जैसे- सूजन, सुन्नता, चुभन आदि स्थितियों का इलाज करने के लिए सम्बंधित व्यक्ति निम्न घरेलू उपचार अपना सकता है, जैसे:
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एक संतुलित आहार का सेवन भी हाथों और पैरों में झनझनाहट को ठीक करने में मदद कर सकता है। विटामिन की कमी मानव शरीर में सुन्नता और झुनझुनी उत्पन्न होने का एक प्रमुख कारण है। अतः शरीर को उचित तरीके से कार्य करने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना महत्वपूर्ण होता है। हाथों और पैरों में झुनझुनी और सुन्नता को दूर करने के लिए मददगार खाद्य पदार्थों के रूप में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
ब्रोकोली (Broccoli) – इसमें फाइटोन्यूट्रिएंट्स तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर में हार्मोन को संतुलित करने तथा विटामिन के अवशोषण को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।
विटामिन बी (Vitamin B) – विटामिन बी से समृद्ध खाद्य पदार्थों में निम्न को शामिल किया जा सकता है जैसे
ताजे फल और सब्जियां (Fresh fruits and vegetables) – एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर फल और सब्जियां हाँथ और पैर में झनझनाहट की समस्या को कम करने में मदद कर सकती हैं इनमें शामिल हैं:
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