जॉब या पढ़ाई के चलते ज्यादातर लोग घर से बाहर हॉस्टल या किराए के फ्लैट में रहते हैं। वहां जगह पर्याप्त होती है और किराया भी इतना ज्यादा होता है कि रुममेट रखने की जरूरत पड़ जाती है। वास्तव में रुममेट रखने से सिर्फ आपका रेंट ही शेयर नहीं हो जाता बल्कि आपको किसी व्यक्ति का साथ भी मिल जाता है। माना कि आपको रुममेट के साथ जीवनभर नहीं रहना है लेकिन फिर भी रुम पार्टनर तो अच्छा होना ही चाहिए। ज्यादातर लोग किसी व्यक्ति के बारे में ज्यादा कुछ जाने बिना ही उसे अपना रुममेट बना लेते हैं और परेशानी को दावत दे बैठते हैं। इसलिए रोज रोज की दिक्कतों से दूर रहने से बेहतर है कि हम थोड़ा समय देकर अच्छा रुममेट ढूंढे।
यदि आपको भी एक अच्छे रुममेट की तलाश है तो इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं इन तरीकों से चुनें सही रूममेट, कभी नहीं होगा झगड़ा।
विषय सूची
1. सही रुममेट चुनना क्यों है जरूरी – Why we need perfect roommate in Hindi
2. सही रुममेट चुनने का सबसे आसान तरीका – Easy way to select perfect roommate in Hindi
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आमतौर पर परफेक्ट रुममेट चुनना बहुत मुश्किल काम नहीं है। आप कल्पना करें कि अगर किसी के साथ एक छत के नीचे रहने के लिए कह दिया जाए तो आप उसकी कौन सी आदतें नहीं झेल पाएंगे। अगर आपको इन सवालों का जवाब मिल जाता है तो फिर रुममेट चुनना भी बेहद आसान हो सकता है। फिर भी सही रुममेट चुनने के लिए हम आपको कुछ अनोखे तरीके बता रहे हैं।
आप और आपके रुममेट के बीच म्युचुअल अंडरस्टैंडिग बेहतर होगी तो आपको उसके साथ रहने में आसानी होगी। इसलिए रुममेट चुनने में बहुत जल्दबाजी ना करें और उससे तीन चार बार अलग अलग चीजों को लेकर बात करें ताकि आपको यह समझ में आ जाए कि वह जिम्मेदार या समझदार है या लापरवाह है। अगर वह जिम्मेदार नहीं होगी तो आए रुम में ताला लगाए बिना जॉब या कॉलेज चली जाएगी, गैस का नॉब बंद करना भूल जाएगी और पंखा और लाइट भी चालू छोड़कर चली जाएगी। आपके टोकने पर वह लड़ाई करने लगेगी। इसके अलावा फोन पर देर रात तक जोर जोर बात करके आपको परेशान भी करेगी। इसलिए बेहतर है कि उसे समझने में थोड़ा वक्त लगाएं और जब लगे कि उसकी आदतें ठीक हैं तो उसे अपना रुममेट बनाएं।
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अगर आप रुममेट चुनने जा रहे हैं तो पहले उसकी पसंद और नापसंद के बारे में खुलकर बातें जरुर कर लें। उसके क्लास या ऑफिस की टाइमिंग क्या है, वह सिगरेट या शराब तो नहीं पीता, वह दिन भर अपने दोस्तों को लेकर तो रुम पर नहीं आता, वह वेजिटेरियन है या नॉन वेजिटेरियन, रुम पर लड़की लाने की बात तो नहीं करता। कहीं आए दिन उसके रिश्तेदार तो नहीं आए रहते। खाने में क्या पसंद करता है, जल्दी खाना खाता है या देर रात को खाता है। इन सभी चीजों के बारे में पूछें और बिल्कुल विस्तार से बातें करें। जब इन सभी सवालों के जवाब पॉजिटिव लगे तब जाकर उसे अपना रुममेट बनाने का अंतिम डिसीजन लें।
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जब किसी को अपनी आदतों से मिलता जुलता रुममेट मिल जाता है तो उसके साथ रहने में मजा आता है। इसका एक फायदा यह होता है कि आप दोनों के बीच झगड़े बहुत कम होते हैं और रुम का माहौल भी ठीक रहता है। इस तरह का रुममेट ढूंढने के लिए उसके साथ घूमें फिरे और उसे अपने फ्लैट या हॉस्टल बुलाएं। एक महीने में तीन से चार मीटिंग करें और जानें कि आपकी कितनी चीजें उससे मिलती हैं और किस जगह आपको एडजस्ट करना पड़ेगा। यदि सबकुछ अपने अनुसार मिले तो उसे अपना रुममेट बना लें।
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जहां बात पैसे की आती है वहां तकरार होना लाजिमी है। अगर आप अपने फ्लैट में रुममेट रख रहे हैं तो जाहिर है कि आप दोनों को किचन शेयर करना पड़ेगा। किचन का सामान और सब्जियां और इससे जुड़ी अन्य चीजों पर दोनों को पैसा खर्च करना पड़ेगा। ऐसी कंडीशन में पैसे को लेकर लड़ाई हो सकती है। इसलिए बेहतर है कि आप अपने लिए ऐसा रुममेट ढूंढे जो रुपये पैसे और अन्य खर्चों का हिसाब क्लियर रखता हो। इसके लिए दो चार दिन उसके साथ रेस्टोरेंट में खाना खाएं, नुक्कड़ पर चाय पीएं और मूवी देखें। ऐसा करने से एक जनरल आइडिया लग जाएगा कि जिसे आप रुममेट बनाने जा रहे हैं वह यह कहकर आपके पैसे खर्च करवा देता है कि मैं तुम्हें बाद में दे दूंगा या फिर अपने खर्च स्वयं देता है।
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अपनी ऑफिस के कलीग या क्लासमेट को रुममेट बनाने से आपको काफी हद तक मानसिक शांति मिलेगी और रोज रोज झगड़ा नहीं होगा। इन लोगों को इसलिए रुममेट बनाना चाहिए कि इनके साथ आप काम करते हैं और आपका रोज उठना बैठना भी होता है। आप इनके बिहेवियर और नेचर को अच्छी तरह से जानते हैं। आपको यह भी मालूम होता है कि आपको उसके साथ कितना एडजस्ट करना पड़ेगा और किन बातों को वह बहुत आसानी से मान सकता है। इसके अलावा तबियत खराब होने पर वह आपकी हेल्प करेगा और एक दोस्त होने के नाते आप अपनी कुछ बातें भी उससे शेयर कर सकते हैं। इसलिए क्लासमेट या कलीग को रुममेट बनाना एक बेस्ट ऑप्शन है।
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रुममेट चुनने से पहले आपको उसकी लाइफस्टाइल के बारे में भी जानना बेहद जरुरी है। वह क्या काम करता है, कितने बजे उठता है, कितने बजे सोता है, ऑफिस या क्लास कब जाता है आदि। वास्तव में जब रुममेट के साथ टाइमिंग मैच नहीं होती है तो फिर रहना बहुत मुश्किल हो जाता है। इन सारी चीजों के बारे में बात करना इसलिए जरुरी है कि यदि वह लेट नाइट जॉब करता है और आपको अर्ली मॉर्निंग जाना होता है तो आपकी खटर पटर से उसकी नींद खराब होगी और वह आपके ऊपर झुंझलाएगा। इससे रुम की शांति भंग होगी और तनाव बढ़ेगा। इसलिए बेहतर है कि उसकी लाइफस्टाइल और काम की टाइमिंग दोनों के बारे में पहले ही बात कर लें।
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यह हो सकता है कि आपके फ्लैट या हॉस्टल में सफाई करने वाली रोज आती हो लेकिन यह भी हो सकता है कि वह कभी कभी लंबी छुट्टी पर चली जाए। ऐसे में आपको यह पहले ही तय करना पड़ेगा कि रुम की सफाई कौन करेगा। इससे पहले आपको जानना चाहिए कि आप जिसे रुममेट रखने जा रहे हैं वह बिल्कुल सफाई से रहता है या फिर बहुत गंदे तरीके से।
अक्सर देखा जाता है कि कई रुममेट रुम की कभी सफाई नहीं करते, जाले नहीं साफ करते, गंदे और मैले कुचैले कपड़े डियो लगाकर पहनते रहते हैं, नाखून नहीं काटते, गंदे पैरों के साथ ही बिस्तर पर लेट जाते हैं, मोजे से जब तक दुर्गंध ना आ जाए उसे साफ नहीं करते और पूरे दिन सिर और अपने शरीर में खुजली करते रहते हैं। ऐसी गंदी आदतों के साथ रुममेट को टॉलीरेट करना काफी मुश्किल हो जाता है। इसलिए अगर वह सफाई से रहता हो तभी उसे अपना रुममेट बनाएं।
कभी भी रूममेट रखने से पहले रूम पार्टनर के साथ इन मुद्दों पर खुलकर बात कर लें। इसके बाद ही आप अपने रूममेट को चुनें। इससे जब आप एक साथ रहेंगें तो आप दोनों के बीच अच्छा रिश्ता बना रहेगा, झगड़े नहीं होगें और आप दोनों एक—दूसरे के अच्छे दोस्त बन सकेंगे।
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