Achi Neend Ke Upay गहरी, लंबी और स्वस्थ नींद लेने की आदतें आपके जीवन की गुणवत्ता में बहुत बड़ा बदलाव ला सकती हैं। एक अच्छी और गहरी रात की नींद किसी नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार से कम महत्वपूर्ण नहीं है। कई शोधों से पता चला है कि खराब नींद का आपके हार्मोन, व्यायाम प्रदर्शन (exercise performance) और मस्तिष्क के कार्य (brain function) पर बहुत ही ज्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। स्वस्थ नींद ना होने से वजन बढ़ने और वयस्कों और बच्चों दोनों में कई तरह की गंभीर बीमारी होने के खतरे की संभावना को बढ़ा सकता है। एक अच्छी नींद आपको कम खाने, बेहतर व्यायाम करने और स्वस्थ रहने में मदद करती है और हर तरह से स्वस्थ, खुशहाल और तनाव से दूर रखती है। आज इस लेख में हम आपको अच्छी और गहरी नींद लेने के कुछ तरीकों और उपायों के बारे में बतायेंगे।
विषय सूची
1. अच्छी नींद लेने का महत्व – Importance of Sleep In Hindi
2. गहरी और अच्छी नींद लेने के तरीके – Neend Na Aane Ke Tips In Hindi
नींद आपके शारीरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उदाहरण के लिए, नींद आपके दिल और रक्त वाहिकाओं की चिकित्सा और मरम्मत में मदद करती है। नींद की कमी हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम से जुड़ी है। नियमित, अच्छी गुणवत्ता वाली नींद मस्तिष्क के कामकाज, भावनात्मक समझ, शारीरिक स्वास्थ्य, दिन के समय स्फूर्ती और व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ दशकों में, नींद की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में काफी गिरावट आई है। वास्तव में, कई लोग नियमित रूप से ही खराब नींद लेने लगे हैं जिसकी वजह से लोगों में अनिद्रा की शिकायत काफी बढ़ गयी है।
यदि आप अपने स्वास्थ्य को ठीक रखना चाहते हैं या अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो एक अच्छी और भरपूर रात की नींद लेना सबसे महत्वपूर्ण कार्य में से एक हैं। आपको कम से कम 8 घंटे की भरपूर नींद लेनी चाहिए।
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स्वस्थ और गहरी नींद लेने कुछ तरीके है जिन्हें अपनाकर आप एक अच्छी और भरपूर नींद ले सकते है। अच्छी, स्वस्थ, लंबी और गहरी नींद लेने के कुछ तरीके और उपाय है-
लंबी नींद के लिए आपके शरीर में एक प्राकृतिक समय रखने वाली घड़ी (natural time-keeping clock) होती है, जिसे सर्कैडियन रिदम (circadian rhythm) के रूप में जाना जाता है। यह आपके मस्तिष्क, शरीर और हार्मोन को प्रभावित करती है, और आपको समय से सोने और उठने में मदद करती है। दिन की प्राकृतिक धूप या तेज रोशनी आपके सर्कैडियन रिदम को स्वस्थ रखने में मदद करती है। यह रिदम आपकी पूरे दिन की ऊर्जा, साथ ही रात की नींद की गुणवत्ता और अवधि में सुधार करता है। अनिद्रा (insomnia) से पीड़ित लोगों में, दिन के समय ब्राइट लाइट रखने से नींद ना आने की समस्या में, और नींद की गुणवत्ता और अवधि में सुधार हुआ।
वयस्कों में इसी तरह के एक अध्ययन में पाया गया कि दिन में दो घंटे तेज रोशनी के संपर्क में आने से रात में नींद की मात्रा दो घंटे और बढ़ जाती है और नींद की कार्यक्षमता भी 80% तक बढ़ती है।
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गहरी नींद के लिए रात में ब्लू लाइट एक्सपोजर को कम करना चाहिए। दिन के समय रोशनी के संपर्क में आना फायदेमंद होता है, लेकिन रात के समय जो रोशनी होती है उसका सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसा सर्कैडियन रिदम पर इस रोशनी के प्रभाव के कारण होता है क्योकि यह आपके मस्तिष्क को यह सोचने पर मजबूर करती है की अभी भी दिन का समय ही है। यह रोशनी मेलाटोनिन (melatonin) जैसे हार्मोन जो आपको आराम देने और गहरी नींद लाने में मदद करता है उसके प्रभाव को कम करता है। कोई नीली रोशनी जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे स्मार्टफोन और कंप्यूटर से बड़ी मात्रा में निकलते हैं वह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है।
नीली रोशनी के जोखिम को कम करने के लिए आप-
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कैफीन के वैसे तो कई फायदे हैं और 90% आबादी इसका सेवन करती भी है। क्योकि कैफीन का एक बार सेवन करने से ही फोकस, ऊर्जा और खेल प्रदर्शन में बढ़ावा मिलता है। हालांकि, जब आप शाम को कैफीन का सेवन करते है, तो कॉफी आपके तंत्रिका तंत्र (nervous system) को उत्तेजित करती है और आपके शरीर को रात में आराम करने और गहरी नींद लेने से रोक देती है। एक अध्ययन में यह पाया गया है की, सोने से छह घंटे पहले तक कैफीन का सेवन करने से नींद की गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है। कैफीन आपके रक्त में 6 से 8 घंटे तक रहती है।
इसलिए 3-4 बजे के बाद बड़ी मात्रा में कॉफी का सेवन करना सही नहीं है, खासकर यदि आप कैफीन के प्रति बहुत संवेदनशील हैं या आपको सोने में परेशानी हो रही हो। अगर आपको दोपहर या शाम को एक कप कॉफ़ी पीने की इच्छा हो तो आप डिकैफ़िनेटेड कॉफी (decaffeinated coffee) का विकल्प चुन सकते है।
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जिस तरह शॉर्ट पावर नैप (short power nap) यानि दिन में छोटी सी 5-10 मिनट की झपकी लेना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती हैं, उसी तरह दिन में लंबे समय तक सोना आपकी रात की नींद को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं। अगर आप दिन में ज्यादा सोयेंगे तो आपको रात में सोने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी। एक अध्ययन में पाया गया है की 30 मिनट या उससे कम समय की झपकी लेने से मस्तिष्क की कार्य करने की क्षमता बढ़ती है, परन्तु अगर आप उससे ज्यादा नींद लेते है तो यह आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है।
हालांकि, कुछ अध्ययनों से यह पता चला है कि जिन लोगों को नियमित रूप से दिन में झपकी लेने की आदत होती है, वे रात में नींद की खराब गुणवत्ता या अनिद्रा का अनुभव नहीं करते हैं। यदि आप नियमित रूप से दिन की झपकी लेते हैं और रात को अच्छी नींद लेते हैं, तो आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
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आपके शरीर की सर्कैडियन रिदम (circadian rhythm) एक सेट किये हुए लूप पर काम करती है, जो सूर्योदय और सूर्यास्त के साथ चलती है। अगर आपके सोने और उठने का समय एक जैसा है तो यह तरीका आपकी रात की नींद की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
एक अध्ययन में यह भी पाया गया है कि अनियमित नींद के पैटर्न की वजह से आपके सर्कैडियन रिदम और मेलाटोनिन के स्तर में बदलाव आता है जिसकी वजह से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। अगर आपको अनिद्रा की परेशानी है तो एक बार समय पर सोने और जागने का नियम तय करें, आप देखेंगे की कुछ हफ्तों बाद आपको उठने के लिए अलार्म घड़ी की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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रात में शराब पीने से आपकी नींद और हार्मोन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शराब पीने से स्लीप एपनिया (sleep apnea), खर्राटे (snoring) और बाधित नींद पैटर्न (disrupted sleep pattern) जैसे लक्षणों में वृद्धि होती है। यह रात में आपके शरीर के सर्कैडियन रिदम में महत्वपूर्ण भूमिका वाले मेलाटोनिन के उत्पादन को भी बदल देता है। एक अध्ययन में पाया गया कि रात में शराब का सेवन करने से व्यक्ति में रात में होने वाले अन्य प्राकृतिक कार्य और मानव विकास हार्मोन (human growth hormone) (HGH) को प्रभावित करता है।
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बहुत से लोग मानते हैं कि बेडरूम का वातावरण और इसके सही स्थान पर होना एक अच्छी रात की नींद पाने में महत्वपूर्ण कारक हैं। इन कारकों में रूम का तापमान, शोर, बाहरी रोशनी और फर्नीचर की व्यवस्था शामिल है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि बाहरी शोर, जैसे ट्रैफिक की वजह से होने वाला शोर, खराब नींद और बहुत से अन्य स्वास्थ्य मुद्दों का कारण बन सकता है। महिलाओं के बेडरूम के माहौल पर किये गए एक अध्ययन में, लगभग 50% प्रतिभागियों ने पाया कि जब शोर और रोशनी कम हो गई, तब नींद की गुणवत्ता में काफी हद तक सुधार हुआ है।
आप अलार्म घड़ियों जैसे उपकरणों की मदद से बाहरी शोर, प्रकाश और कृत्रिम रोशनी को कम करने का प्रयास कर सकते है। आप यह भी सुनिश्चित करें कि आपका बेडरूम एक शांत, आरामदायक, स्वच्छ और सुखद स्थान बना रहे।
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शरीर और बेडरूम का तापमान भी नींद की गुणवत्ता पर गहरा असर डालता है। जैसा कि आपने गर्मियों के मौसम में या गर्म स्थानों पर अनुभव किया होगा की, बहुत गर्म माहौल होने पर रात में अच्छी नींद लेना बहुत मुश्किल हो जाता है। एक अध्ययन में पाया गया कि बेडरूम का तापमान बाहरी शोर से ज्यादा अधिक रात की नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। इसलिए रात में अच्छी नींद लेने के लिए अपने कमरे का तापमान लगभग 20 °C तक रखे इससे नींद की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
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रात को देर से खाना खाने से रात की नींद की गुणवत्ता, एचजीएच (HGH) और मेलाटोनिन के प्राकृतिक रूप से काम करने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक अध्ययन में पाया गया है की, सोने से चार घंटे पहले खाया गया एक उच्च कार्ब वाला भोजन लोगों को अच्छी नींद लेने में मदद करता है। खास बात यह कि एक अध्ययन में पता चला है कि कम कार्ब वाला आहार भी नींद में सुधार करता है, इससे यह पता चलता है की कार्ब्स हमेशा आवश्यक नहीं होते हैं, खासकर यदि आप कम कार्ब वाला आहार ले रहे हैं।
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लंबी नींद के लिए एक आरामदायक स्नान या शॉवर भी एक लोकप्रिय तरीका है। एक अध्ययन में पाया गया है की, सोने से 90 मिनट पहले गर्म पानी से स्नान करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और लोगों को अधिक गहरी नींद लेने में मदद मिलती है। परन्तु यदि आप रात में नहाना नहीं चाहते है तो बस अपने पैरों को गर्म पानी से साफ करें इससे भी आपको अच्छी नींद का अनुभव होगा और नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी।
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एक अंतर्निहित (underlying) स्वास्थ्य स्थिति भी आपकी नींद की समस्याओं और उसकी गुणवत्ता को कम करने का कारण हो सकती है। अनिद्रा की समस्या जिसे स्लीप एपनिया (sleep apnea) कहा जाता है, वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति को असंगत (inconsistent) और बाधित श्वासन (interrupted breathing) की समस्या होती है। इस विकार से पीड़ित लोग सोते समय बार-बार सांस लेना रोक देते हैं। आपके लिए यह एक सामान्य समस्या होगी, पर एक अध्ययन में पता चला है की 24% पुरुषों और 9% महिलाओं में स्लीप एपनिया की समस्या पायी गयी है जो बहुत ही चिंताजनक बात है।
नींद के अन्य तरह के विकारों में शामिल है स्लीप मूवमेंट डिसऑर्डर (sleep movement disorders) और सर्कैडियन रिदम स्लीप / वेक डिसऑर्डर (circadian rhythm sleep/wake disorders), यह समस्याएं शिफ्ट में काम करने वाले वर्कर्स में ज्यादा पायी जाती है। अगर आपको भी नींद लेने में बार बार परेशानी होती है तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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लंबी नींद के लिए यह सुनिश्चित करें कि आपका गद्दा और तकिया आरामदायक हो। आप सालों से जो गद्दे उपयोग कर रहे है जरुरी नहीं है की उनकी लाइफ अब उतनी बची हो की वो आपको एक आरामदायक नींद दे सकें क्योकि सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले गद्दे की अवधि भी लगभग 9 या 10 वर्ष की ही होती है। साथ ही आरामदायक तकिए भी रखें और कमरे को आकर्षक बनाएं ताकि आप एक अच्छी और गहरी नींद ले सकें साथ ही यह भी पक्का करें की गद्दे और तकिया एलर्जी से मुक्त हो नहीं तो यह आपकी नींद को प्रभावित कर सकती।
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कई अध्ययनों में यह पाया गया है की अच्छी और गहरी नींद के लिए व्यक्ति को रोज व्यायाम या एक्सरसाइज करना चाहिए इससे नींद की समस्या में आराम मिलता है और एक्सरसाइज करने से नींद की गुणवत्ता में भी इजाफा होता है। दिन भर में किसी भी समय आप व्यायाम कर सकते है, पर रात में सोने से पहले एक्सरसाइज कभी ना करें। व्यायाम के प्रभाव के कारण, व्यक्ति में सतर्कता और एपिनेफ्रीन (epinephrine) और एड्रेनालाईन (adrenaline) जैसे हार्मोन को बढ़ाता है।
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रात के दौरान अत्यधिक पेशाब आने की समस्या को नोक्टुरिया (Nocturia) कहा जाता है। यह समस्या भी रात में नींद की गुणवत्ता और दिन की ऊर्जा को प्रभावित करती है। सोने जाने से पहले बड़ी मात्रा में तरल पदार्थ पीने से इस समस्या के जैसे समान लक्षण दिखाई दे सकते है। यह सही है की भरपूर मात्रा में पानी पीना आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है परन्तु सोने से पहले तरल पदार्थ कम लेने में ही समझदारी है। इसलिए सोने जाने से 1-2 घंटे पहले तक कोई भी तरल पदार्थ पीने की कोशिश ना ही करें। आपको सोने से ठीक पहले बाथरूम का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि इससे रात में बार बार नींद खुलने की संभावना कम हो सकती है जिससे अनिद्रा की समस्या नहीं होती है।
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