Toor or Arhar Dal Benefits in Hindi अरहर की दाल का उपयोग भारतीय समाज में प्रमुख खाद्ययान के रूप में किया जाता है। इसकी मुख्य वजह अरहर की दाल के फायदे हैं। ऐसा नहीं है कि अरहर दाल के सिर्फ फायदे हैं बल्कि इसके कुछ सामान्य से नुकसान भी हो सकते हैं। लेकिन तुअर की दाल के फायदे हमारे स्वास्थ्य के लिए अधिक हैं जिनमें शारीरिक विकास को बढ़ावा देना, रक्तचाप का प्रबंधन करना, एनिमिया को रोकना, हृदय को मजबूत करना और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। इसके अलावा नियमित रूप से अरहर दाल का सेवन करने से वजन को कम करने में भी मदद मिलती है। यह पाचन के लिए अच्छी होने के साथ ही प्रतिरक्षा तंत्र को भी बढ़ावा देती है। इस लेख में आप जानेगें अरहर दाल के फायदे और नुकसान के बारे में।
विषय सूची
1. अरहर दाल क्या है – Arhar Dal Kya Hai in Hindi
2. अरहर का पौधा – Arhar Ka Paudha in Hindi
3. अरहर के प्रकार – Arhar Ke Prakar in Hindi
4. अरहर के पोषक तत्व – Arhar Dal Me Kya Paya Jata Hai
5. अरहर दाल के फायदे इन हिंदी – Pigeon Peas (Arhar Dal) benefits in Hindi
6. अरहर की दाल के नुकसान – Arhar Ki Dal Ke Nuksan in Hindi
भारत में अरहर का उपयोग प्रमुख रूप से दाल के रूप में किया जाता है। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक खाद्य सामग्री है जिसे क्षेत्रीय भाषा में ‘’राहर या तुअर ‘’ के नाम से भी जाना जाता है। अरहर का वनस्पति नाम कैजनस कैजन (Cajanus cajan) है जो कि फैबेश परिवार से संबंधित है। इनके अलावा भी तुअर को दुनिया भर में कई नामों जैसे हरी मटर, लाल ग्राम आदि नामों से भी जाना जाता है। इसमें उपस्थित पोषक तत्व और खनिज पदार्थ हमें विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। आइए जाने अरहर के पौधे के बारे में।
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प्रमुख रूप से खाद्यान के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दाल के रूप में अरहर को जाना जाता है। इसका पौधा सीधा खड़ा, झाड़ीनुमा होता है। जो कि अपनी प्रजाति के अनुसार अल्पकालिक और बारहमासी दोनों ही प्रकार का हो सकता है। बहुत ही घनी शाखाओं के साथ इस पौधे की ऊंचाई 1-2 मीटर तक हो सकती है और तने का व्यास लगभग 15 सेमी तक हो सकता है। इसकी पत्तियां अंड़ाकार होती हैं जो कि एकान्तर क्रम में शाखाओं में लगी होती हैं। इनका रंग गहरा हरा होता है। इसके फूल पीले और लाल रंग के होते हैं। जिनसे लगभग 2-13 सेमी लंबा और 0.5 से 1.7 सेमी चौड़ी फलियां प्राप्त होती हैं। प्रत्येक फलियों में लगभग 9 बीज होते हैं। प्रजाति के अनुसार इन बीजों का रंग सफेद, क्रीम, भूरे, बैंगनी या काले रंग के होते हैं।
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तुअर दाल का व्यवसायिक रूप से उत्पादन किया जाता है। इसका उत्पादन इसकी प्रजाति के आधार पर किया जाता है। जिनमे ये वार्षिक या अर्धवार्षिक फसल के रूप में उगाई जाती है। अपनी प्रजाति के अनुसार अरहर के पौधे चार प्रकार के होते हैं। (1) बड़े पौधे या पेड़ के रूप में, (2) लंबी प्रजाति (3) बौनी किस्में (4) छोटी झाड़ीयों वाली फसल। अरहर का पौधा उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में उगने वाली सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसलों में से एक है। इस फसल का उत्पादन विशेष रूप से सूखे और कम पानी बाली जगहों पर किया जाता है।
प्रमुख रूप से खाद्य दाल के रूप में उपयोग की जाने वाली अरहर की दाल में बहुत से पोषक तत्व होते हैं। तुअर की दाल में कार्बोहाइड्रेट, शुगर, फाइबर, वसा और प्रोटीन आदि की अच्छी मात्रा होती है। इसमें विटामिन भी भरपूर मात्रा में होते हैं जिनमें थियामिन (B1), रिबोफ्लाविन (B2), नियासिन (B3), पैंटोथेनिक एसिड (B5), विटामिनB6, फोलेट (B9), कोलाइन, विटामिन C, विटामिन E, विटामिन K भी होते हैं। इनके अलावा खनिज पदार्थों में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और जिंक आदि भी होते हैं। इन सभी की उपस्थिति के कारण अरहर की दाल हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी जाती है।
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पोषक तत्वों की कमी के कारण मानव शरीर में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन नियमित रूप से अरहर दाल का सेवन करने से कुछ हद तक शरीर को पोषण उपलब्ध कराया जा सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। आइए विस्तार से जाने अरहर की दाल खाने के फायदे क्या हैं।
पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होने के बाद भी अरहर की दाल में कैलोरी की मात्रा बहुत ही कम होती है। कैलोरी के साथ-साथ इसमें संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल भी बहुत ही कम होते हैं जो कि वजन को बढ़ाने वाले प्रमुख कारण माने जाते हैं। अरहर दाल में मौजूद फाइबर पाचन में आसान होने के साथ ही आपकी भूख को नियंत्रित करने में मदद करता हैं। ये आपको लंबे समय तक पूर्ण (भूख की इच्छा को कम करना) रखते हैं जिससे चयापचय दर में वृद्धि होती है। आपकी अच्छी चयापचय प्रणाली
वजन बढ़ने की संभावना को कम करती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व आपके शरीर में उपस्थित वसा को आवश्यक ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करते हैं जिससे आपका मोटापा कम होता है। इस तरह यदि आप अपने वजन को नियंत्रण में रखना चाहते हैं तो अपने दैनिक आहार में अरहर को विशेष रूप से शामिल करें।(और पढ़ें –कैलोरी क्या है और कैलोरी बर्न कैसे करें)
पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की प्राप्ती के लिए खाद्य पदार्थों को कच्चा खाए जाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पकाने पर 25 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। हालांकि सभी खाद्य पदार्थों को कच्चा नहीं खाया जा सकता है। तुअर दाल में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है जो प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करती है। विटामिन सी सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ावा देता है और शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं।
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तुअर की दाल में फाइबर, पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है। इन खनिजों की पर्याप्त मात्रा और कोलेस्ट्रोल की कम मात्रा दिल को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं। पोटेशियम रक्तचाप को कम करके दिल पर तनाव के स्तर को संतुलित करने और एथेरोस्क्लेरोसिस को रोकने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल संतुलन को बनाए रखता है। इसलिए आप अपने दिल को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए अरहर दाल का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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अन्य फलियों की तरह अरहर दाल में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो कि पाचन के लिए अच्छा माना जाता है। उचित मात्रा में फाइबर युक्त आहारों का सेवन करने से मल से संबंधित परेशानियों को दूर किया जा सकता है। जिनमें दस्त और कब्ज आदि समस्याएं भी शामिल हैं। अरहर दाल का नियमित सेवन करने से स्वस्थ्य मल त्याग को बढ़ावा मिलता है, इस प्रकार यह तनाव और सूजन को कम करता है। इसके अलावा फाइबर दक्षता में सुधार करता है जिससे आंत पोषक तत्वों को अवशोषित करती है। इसका मतलब यह है कि आपका शरीर भोजन से पर्याप्त लाभ उठा रहा है। आप भी अपने पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए अरहर दाल का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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फोलेट की अच्छी मात्रा अरहर की दाल में पाई जाती है। फोलेट की अच्छी उपस्थिति के कारण यह एनीमिया और तंत्रिका ट्यूब दोषों को रोकने में मदद करता है। अरहर दाल की 1 कप मात्रा का सेवन करने पर विटामिन की आवश्यक दैनिक मात्रा का 110 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त किया जा सकता है। विटामिनों की पर्याप्त मात्रा प्राप्त करने के लिए अरहर की दाल का नियमित सेवन किया जा सकता है।
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ऐसा माना जाता है कि अरहर (तुअर) दुनिया के सबसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से एक है। क्योंकि इसमें पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा मौजूद रहती है। पके हुए 1 कप अरहर के दानों में 11 ग्राम प्रोटीन होता है। शरीर के नियमित विकास के लिए प्रोटीन बहुत ही आवश्यक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रोटीन कोशिकाओं और ऊतकों से लेकर मांसपेशीय ऊतक और हड्डीयों के निर्माण में मदद करता है। इस तरह से अरहर दाल हमारे शारीरिक विकास के लिए बहुत ही आवश्यक खाद्य पदार्थ बन जाता है। आप अपने शरीर के संपूर्ण शारीरिक विकास के लिए विकल्प के रूप में अरहर दाल का सेवन कर सकते हैं।
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तुअर दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्वों में पोटेशियम भी शामिल है। पोटेशियम को एक वासोडिलेटर के रूप में जाना जाता है, जो रक्त वाहिकाओं में उत्पन्न होने वाले अवरोधों को कम करने में सहायक होता है। रक्त वाहिकाओं में अवरोध न होने पर रक्त परिसंचरण स्वस्थ्य रहता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों या कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के उच्च जोखिम पर आपके दैनिक या साप्ताहिक आहार में अरहर की दाल को शामिल करना फायदेमंद होता है।
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नियमित रूप से अरहर की दाल का सेवन करने से किसी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। लेकिन असावधानी के साथ अधिक मात्रा में इसका सेवन करने पर यह कुछ लोगों के लिए एलर्जी पैदा कर सकती है।
यदि आपको किसी प्रकार की एलर्जी होती है तो इसका सेवन बंद कर दें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
अरहर की दाल को अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें मौजूद फाइबर आपके लिए फायदेमंद होते हैं लेकिन अधिक मात्रा में होने पर यह आपको पेट दर्द, दस्त आदि समस्याओं से प्रभावित कर सकते हैं।
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