Tooth Sensitivity In Hindi आमतौर पर बर्फ का पानी और गर्म कॉफी, चाय पीने पर ये ठंडे और गर्म पेय पदार्थ दांतों में बहुत तेजी से लगते हैं जो असहनशील हो जाते हैं, इसे ही दांतों की सेंसिटिविटी या दांतों में ठंडा गर्म लगने की समस्या कहा जाता है। ऐसी स्थिति में दांतों की विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है और कोई भी खाद्य पदार्थ बहुत सावधानी से खाना पड़ता है। वास्तव में दांतों में सेंसिटिविटी की समस्या किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, यदि वह अपने दांतों के प्रति बहुत लापरवाही बरतता हो तो। इसलिए दांतों की सेंसिटिविटी से बचने के लिए दांतों की साफ-सफाई पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। इस आर्टिकल में में हम आपको दांतों में सेंसिटिविटी के कारण, लक्षण, घरेलू उपाय और बचाव के बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
1. दांतों में सेंसिटिविटी क्यों होती है – Causes of Tooth Sensitivity in Hindi
2. दांतों में सेंसिटिविटी (झनझनाहट) के लक्षण – Sensitive teeth symptoms in Hindi
3. दांतों में ठंडा गरम लगे तो अपनाएं ये घरेलू उपचार – Home remedies for tooth sensitivity in hindi
4. दांतों की सेंसिटिविटी से बचने के उपाय – Teeth Sensitivity Prevention Tips in Hindi
दांतों में ठंडा गर्म लगने या सेंसिटिविटी की समस्या तभी होती है जब दांतों के अंदर पाये जाने वाला डेंटिन, इनेमल के सुरक्षा कवच को खो देता है या दांतों की बाहरी परत सिमेंटम का क्षय हो जाता है। जिसके कारण दांतों में ठंडा, गर्म और अम्लीय भोजन खाने पर सेंसिटिवटी की समस्या होती है। आमतौर पर दांतों में ठंडा गर्म लगने की समस्या निम्न कारणों से होती है।
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आमतौर पर दांतों में सेंसिटिविटी की समस्या होने पर व्यक्ति को निम्न लक्षण महसूस होते हैं।
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danto ki sensitivity dur karne ke upay in hindi दांतों में ठंडा गर्म लगने (सेंसिटिविटी) की समस्या होने पर व्यक्ति को कोई भी खाद्य पदार्थ खाने में कठिनाई होती है और दांतों में सनसनाहट के साथ ही दर्द भी उत्पन्न हो जाता है। इस समस्या से बचने के लिए ये हैं घरेलू उपचार।
नारियल की तेल की कुछ बूंदें मुंह में लेकर 15 से 20 मिनट तक तेल को मुंह के अंदर ही रहने दें। इसके बाद तेल को थूक कर ब्रश करके दांतों को साफ कर लें। नियमित रूप से यह क्रिया करें और यदि संभव हो तो प्रत्येक सुबह ऑयल पुलिंग करें। नारियल के तेल में एनलजेसिक और एंटी इंफ्लैमेटरी गुण पाया जाता है जिसके कारण यह दांतों के प्लाक और गंदगी को दूर कर सेंसिटिविटी की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है।
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दांतों में ठंडा गरम लगने या सेंसिटिविटी की समस्या को दूर करने में लौंग बहुत फायदेमंद होता है। लौंग में एंटी इंफ्लैमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एनेस्थेटिक गुण पाया जाता है जो दांतों में संक्रमण को दूर करता है जिसके कारण ठंडा गर्म लगना बंद हो जाता है। लौंग को पीसकर इसमें थोड़ा सा ऑलिव ऑयल मिलाएं और दांतों पर मालिश करें या सिर्फ प्रभावित जगह पर लगाएं। दांतों की सेंसिटिवटी दूर हो जाएगी।
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शहद (हनी) एक जीवाणुरोधी एजेंट है, जिसका उपयोग घाव प्रबंधन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। शहद उपचार को तेज करने में मदद कर सकती है, और दर्द, सूजन, और सेंसिटिविटी को कम कर सकती है।
संवेदनशील दांतों से दर्द को कम करने के लिए, अपने मुंह में गर्म पानी और शहद का एक चम्मच लेकर कुल्ला करें। यह कुल्ला मौखिक उपचार को बढ़ावा देगा और दांतों में झनझनाहट दूर करने में आपकी मदद करेगा।
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नमक प्राकृतिक रूप से एंटीसेप्टिक गुणों से युक्त होता है जिसके कारण यह मुंह के अंदर मसूढ़ों में सूजन को दूर कर ठंडा गर्म लगने की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है। एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और इस विलयन को मुंह में लेकर थोड़ी देर तक हिलाते या कुल्ला करते रहें। रोजाना यह क्रिया करने से दांतों की सेंसिटिविटी खत्म हो जाती है।
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दही में कई तरह के पोषक तत्व पाये जाते हैं जो दांतों के इनेमल को घिसने से बचाते हैं जिसके कारण दांतों में सेंसिटिविटी की समस्या नहीं होती है। यदि आपको दांतों में ठंडा गर्म लगने की समस्या हो तो पर्याप्त मात्रा में दही खाएं। कुछ ही देर में दांतों की सेंसिटिविटी शांत हो जाएगी।
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खाना पकाने के अलावा, हल्दी को एंटी-इन्फ्लामेंट्री उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। हल्दी में एक यौगिक होता है जिसे कर्क्यूमिन (curcumin) कहा जाता है जिसे इसके एंटी-इन्फ्लामेंट्री प्रभावों के लिए जाना जाता है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक उपचार में, पाचन से जुड़े रोगों के उपचार में और घाव चिकित्सा के लिए एजेंट के रूप में किया गया है। मौखिक स्वास्थ्य के लिए और संवेदनशील दांतों के दर्द को कम करने के लिए, आप दांतों पर हल्दी से मालिश कर सकते हैं।
इसके लिए आप 1 चम्मच हल्दी, ½ छोटा चम्मच नमक, और ½ छोटा चम्मच सरसों का तेल से सामयिक पेस्ट बना सकते है। इस पेस्ट को दांतों और मसूड़ों को दर्द से राहत पाने के लिए दिन में दो बार उपयोग करें।
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लहसुन के पेस्ट में थोड़ा सा पानी और चुटकी भर नमक मिलाएं और दांतों के प्रभावित हिस्से पर यह मिश्रण लगाकर 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर पानी से दांतों को साफ कर लें। दांतों की सेंसिटिविटी को दूर करने का यह सर्वोत्तम आयुर्वेदिक उपचार है। लहसुन में एंटी माइक्रोबियल गुण पाया जाता है जो दांतों को क्षय से बचाता है और मुंह के रोगाणुओं से लड़ने में सहायक होता है।
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प्याज में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी इंफ्लैमेटरी गुण पाया जाता है जो दांतों में रोग उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है और दांतों के सूजन और दर्द को भी कम करता है। यदि आप दांतों में ठंडा गर्म लगने (सेंसिटिविटी) की समस्या से परेशान हैं तो प्याज के एक टुकड़े को कुछ मिनट तक चबाने से यह समस्या दूर हो सकती है। इसके अलावा प्याज से रस को प्रभावित स्थान पर लगाने से बी सेंसिटिविटी कम हो जाती है।
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दांतों में ठंडा गर्म लगने की समस्या होने पर अमरूद की पत्तियों से भी इसका उपचार किया जा सकता है। अमरूद की पत्तियों में क्वेरसेटिन (quercetin) और रूटिन (rutin) नामक फ्लेनॉयड पाये जाते हैं और अमरूद की पत्तियां एंटी इंफ्लैमेटरी गुणों से युक्त होने के कारण दांतों में ठंडा गर्म लगने की समस्या को दूर करने में सहायक होती हैं। अमरूद की ताजी पत्तियों को धोकर उन्हें कुछ मिनट तक अच्छी तरह से चबाएं और इसके बाद थूक दें। दिन में नियमित दो से तीन बार यह क्रिया दोहराएं, दांतों की सेंसिटिविटी दूर हो जाएगी।
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मौखिक दर्द और दांत संवेदनशीलता के इलाज के लिए आप कई घरेलू उपचार का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, मौखिक दर्द के स्थायी समाधान की सिफारिश की जाती है। घरेलू उपचार अस्थायी रूप से दर्द को कम कर सकते हैं, लेकिन कई बार आपकी असुविधा के मुख्य कारण को ठीक नहीं कर पाते हैं। यदि आपके लक्षण कुछ दिनों के बाद बने रहते हैं, तो आपको अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता हो सकती है। इसके लिए आप अपने दंत चिकित्सक से अन्य विकल्पों पर चर्चा करें।
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