Top Myths About Weight Loss in Hindi: फिटनेस हर व्यक्ति के लाइफ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इंटरनेट और सेल्फी के इस दौर में हर कोई फिट और स्लिम दिखना चाहता है लेकिन खराब लाइफ स्टाइल के कारण ज्यादातर लोगों की फिटनेस खराब होती जा रही है। देशभर में बहुत से लोग मोटापे के शिकार हैं और इसकी वजह से वे बहुत सी बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं। फिटनेस को ध्यान में रखकर ही लोग जिम, वॉक और एक्सरसाइज का सहारा लेते हैं और ट्रेडमिल पर घंटों पसीना बहाकर अपने वजन को कम करते हैं। लेकिन हर कोई वजन घटाने से जुड़े सही तथ्यों को नहीं जानता है। हममें से बहुत से लोग हैं जो वजन कम करने के लिए फिटनेस इंडस्ट्री की सुनी सुनायी बातों और मिथकों पर आंख बंद करके यकीन करते हैं और वजन घटाने के लिए वही तरीके भी अपनाते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि वजन कम करने के लिए फिटनेस इंडस्ट्री में फैले मिथक के बारे में, जिन्हें जानना है जरूरी।
विषय सूची
वजन कम करने के लिए मिथकों को क्यों मानते हैं लोग – Why people believe myths to lose weight in Hindi
आज के समय में लगभग हर व्यक्ति मोटापे से परेशान है। तेजी से बदलते खानपान, जीवनशैली और फास्ट फूड खाने की आदत से बॉडी पर बहुत जल्दी फैट जम जाता है। इसके अलावा आजकल स्लिम और फिट देखना एक स्टेटस भी बन गया है इसलिए लोग जल्दी वजन कम करने के चक्कर में कहीं से भी जो कुछ पढ़ते या सुनते हैं उसी पर यकीन कर बैठते हैं और वही तरीके भी अपनाते हैं। जैसे कि अगर किसी फ्रेंड ने आपको कोई तरीका बताया तो जाहिर है आप उसके बारे में ज्यादा नहीं सोचेंगे और आपको लगेगा की फ्रेंड ने बताया है तो ठीक ही बताया होगा। इसी तरह अन्य लोग भी सिर्फ किसी तरह स्लिम हो जाना चाहते हैं चाहे उन्हें पूरे दिन जिम में ही क्यों ना बिताना पड़े।
लोग गलत तरीकों से वजन घटाने से पड़ने वाले प्रभावों के बारे में नहीं सोचते हैं और मिथकों में ही उलझे रहते हैं।
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वजन घटाने के लिए फिटनेस इंडस्ट्री में फैले हैं ये मिथक – Weight loss myths in fitness industry in Hindi
अगर आप वजन घटाने के लिए कोई सुना सुनाया तरीका अपनाते हैं तो जरुरी नहीं है कि उससे आपका वजन कम हो ही। आपको अवेयर करने के लिए वजन घटाने से जुड़े कुछ मिथकों के बारे में हम नीचे बताने जा रहे हैं। इन्हें पढ़कर आप सच्चाई से अवगत हो सकते हैं।
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वजन कम करने से जुड़ा मिथक अधिक देर तक वर्कआउट करने से वजन बहुत तेजी से घटता है
आमतौर पर इस मिथक पर हर कोई भरोसा करता है कि अधिक देर तक एक्सरसाइज या वर्कआउट करने से वजन बहुत तेजी से कम होता है। जबकि यह सच नहीं है। फैक्ट यह है कि वर्कआउट एक या दो घंटे से अधिक नहीं करना चाहिए। कोई व्यक्ति कितनी देर तक वर्कआउट कर रहा है, इसकी बजाय उसे वर्कआउट की क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए। वर्कआउट के बीच में पर्याप्त रेस्ट भी बहुत जरूरी है। हाल ही में हुई एक स्टडी में पाया गया है कि जिम में वेट लिफ्टिंग सेशन के दौरान 2 से 3 मिनट का रेस्ट लेने से मसल्स ग्रोथ में काफी मदद मिलती है। इसलिए आपको वजन कम करने के लिए वर्कआउट की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए ना की ड्यूरेशन (समय) पर।
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फिटनेस इंडस्ट्री में फैला मिथक गर्म पानी, शहद और नींबू के सेवन से वजन कम होता है
लोगों के बीच सबसे बड़ा मिथक यह है कि सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में एक चम्मच नींबू का रस और शहद मिलाकर पीने से फैट मेल्ट होता है और व्यक्ति का वजन कम होता है। वास्तव में सच्चाई यह है कि आपका शरीर किसी क्लॉग्ड (जाम) पाइप की तरह नहीं है और गुनगुने पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पीने से संभवतः आपके शरीर से वसा बाहर नहीं निकलती है। गुनगुने पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर इसलिए पीया जाता है क्योंकि इससे डाइजेशन बेहतर होता है जिससे खाने के बाद भोजन आसानी से पच जाता है और बॉडी पर एक्स्ट्रा फैट नहीं जमता है। लेकिन यह प्रक्रिया धीरे धीरे काम करती है जो तुरंत आपको स्लिम नहीं बनाती है।
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वजन कम करने के लिए फिटनेस इंडस्ट्री में फैला मिथक कार्बोहाइड्रेट से फैट बढ़ता है
वजन कम करने से जुड़े कई सारे मिथकों में एक मिथक यह भी है कि कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से वजन बढ़ता है। लोग कार्बोहाइड्रेट को अपना दुश्मन मानते हैं। यह शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ा देता है और इंसुलिन रिलीज होने के कारण वजन बढ़ने लगता है। इसलिए बहुत से लोग कार्बोहाइड्रेट लेना बंद कर देते हैं।
लेकिन सच तो यह है कि चावल, आलू और शुगर जैसे कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में कन्वर्ट होते हैं जो हमारी बॉडी को एनर्जी प्रदान करने का मेन सोर्स है। हमें वर्कआउट या अन्य एक्टिविटी करने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है जो कार्बोहाइड्रेट से ही मिलती है। कार्बोहाइड्रेट से युक्त किसी भी चीज को खाने से वजन नहीं बढ़ता है जबतक कि आप इसे बहुत अधिक मात्रा में नहीं खाते हैं। इसलिए इस मिथक से बाहर निकलें और सीमित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेते रहें।
वजन कम करने से जुड़ा मिथक ब्रेकफास्ट करने से वजन कम होता है
लोगों का मानना है कि नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है। यह मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है और पूरे दिन कैलोरी को बर्न करता है जिससे वजन कम होता है। फैक्ट यह है कि दिन की एक बेहतर शुरूआत के लिए हेल्दी ब्रेकफास्ट जरूरी होता है। यह आपको पूरे दिन एक्टिव होकर काम करने के लिए ईंधन (fuel) प्रदान करता है। लेकिन आपको यह उम्मीद नहीं करना चाहिए कि इससे आपका वजन प्रभावित होगा। सिर्फ ब्रेकफास्ट करने से किसी भी व्यक्ति का वजन कम नहीं होता है बल्कि ओवरऑल कैलोरी भी इसमें मायने रखती है। अगर आप कम कैलोरी युक्त एक हेल्दी और संतुलित ब्रेकफास्ट लेते हैं तो इससे आप जरूर स्लिम हो सकते हैं।
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फिटनेस इंडस्ट्री में फैला मिथक व्हे प्रोटीन लेने से वजन घटता है
जब वजन कम करने की बात आती तब व्हे प्रोटीन का भी नाम लिया जाता है। ज्यादातर लोग इस मिथक को मानते हैं कि व्हे प्रोटीन सप्लिमेंट लेने से वजन घटता है। फिटनेस लवर्स और मसल्स बनाने के शौकीन लोग व्हे प्रोटीन का सेवन करते हैं ताकि वो अपने वजन को घटा सकें। लेकिन आपको बता दें कि व्हे प्रोटीन मिल्क और उससे बने उत्पादों में पाया जाता है। यह पाउडर के रुप में आता है। वास्तव में सच्चाई यह है कि प्रोटीन लेने से वजन कम होता है ना की व्हे प्रोटीन सप्लिमेंट लेने से। व्हे प्रोटीन सप्लिमेंट की बजाय आपको प्रोटीन से युक्त फूड लेना चाहिए। प्रोटीन से वसा कोशिकाएं तेजी से नष्ट होती हैं और वजन घटता है। इसलिए वजन घटाने के लिए आप प्रोटीन पर डिपेंड रहें ना कि व्हे प्रोटीन पर।
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वजन घटाने के लिए फिटनेस इंडस्ट्री में फैला मिथक आप जितना पसीना बहाएंगे, वसा भी उतनी ही बर्न होगी
हम लोगों को अक्सर यह कहते हुए सुनते हैं कि वजन कम करना है तो खूब पसीना बहाओ और हम इस मिथक में विश्वास भी करते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि पसीना व्यक्ति के बॉडी टेम्परेचर को रेगुलेट करने में मदद करता है लेकिन पसीना बहने के पीछे कई कारण होता है जैसे कि उम्र, आनुवांशिक कारण, तेज गति से एक्सरसाइज करना और अन्य पर्यावरणीय कारक। अगर आपके शरीर से खूब पसीना बहता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपका फैट बर्न हो रहा है बल्कि आपके शरीर में वाटर लेवल कम हो रहा है।
फिटनेस इंडस्ट्री में फैला वजन घटाने का मिथक डाइटिंग से वजन कम होता है
वजन घटाने के लिए फिटनेस इंडस्ट्री में सबसे बड़ा मिथक यह फैला हुआ है कि डाइटिंग करने से वजन कम होता है। हालांकि एक स्टडी में पाया गया है कि डाइटिंग करने वाले 85 प्रतिशत लोग अपना वजन तो घटा लेते हैं लेकिन डाइटिंग किसी व्यक्ति को लंबे समय तक स्लिम रखने में मदद नहीं करती है और डाइटिंग से वजन कम करने वाला व्यक्ति एक साल के अंदर फिर से मोटा हो जाता है।
अगर आप सिर्फ कुछ समय के लिए अपना वजन घटाना चाहते हैं तो डाइटिंग आपके लिए बेहतर हो सकती है लेकिन यह लंबे समय तक आपको स्लिम रखने में मदद नहीं करती है। इसके लिए आपको डाइटिंग की बजाय अपनी लाइफस्टाइल को हमेशा के लिए बदलने की जरूरत होती है और हेल्दी, हैप्पी रहने के साथ ही अच्छी नींद पर भी ध्यान देना जरूरी होता है। इसके बाद आपको वजन बढ़ने की समस्या से लंबे समय तक मुक्ति मिल सकती है।
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वजन घटाने को लेकर फैला मिथक लेट नाइट या सोने से पहले भोजन करने से वजन बढ़ता है
हम सभी हमेशा यह सुनते पढ़ते हैं कि देर रात भोजन करने या फिर खाने के तुरंत बाद सोने से वजन बढ़ता है। लेकिन सच्चाई यह है कि कैलोरी आखिर कैलोरी होती है। यदि आप बहुत ज्यादा खाते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो यह मैटर नहीं करता है कि आप लेट नाइट खाकर तुरंत सोने चले जाते हैं या फिर दिन में खाते हैं। समय चाहे कोई भी हो, ज्यादा भोजन करने पर हमारा शरीर एक्स्ट्रा कैलोरी को फैट के रुप में जमा करने लगता है। इसके बाद जब आप दोबारा भोजन करते हैं तो यह कैलोरी बढ़ती ही जाती है।
ऊपर दिए गए वजन कम करने से जुड़े सभी मिथक बहुत प्रचलित हैं और लगभग हर व्यक्ति इन मिथकों पर यकीन करता है और वजन कम करने के लिए ऐसे प्रचलित उपाय ही करता है। लेकिन उम्मीद है इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप इन मिथकों पर यकीन नहीं करेंगे और वजन कम करने के लिए तथ्यों से पूर्ण तरीकों को अपनाएंगे जिससे आपको बेहतर परिणाम भी दिखायी देगा।
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