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टॉर्च टेस्ट क्या हैं, टॉर्च टेस्ट इन प्रेगनेंसी इन हिंदी – What Is Torch Test, Purpose, Procedure, Results In Hindi

Torch test information in Hindi टॉर्च टेस्ट (TORCH test) एक सामान्य रक्त परीक्षण है जो गर्भवती महिलाओं या नवजात शिशुओं में संक्रमण की स्थिति का पता लगाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। साथ ही जिन महिलाओं को बारबार गर्भपात हो जाता हो उनको भी टॉर्च टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान एक महिला कुछ विशिष्ट प्रकार के वायरस से संक्रमित हो सकती है, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे को भी संक्रमण का खतरा होता है। संक्रमण की स्थिति में मानव शरीर, वायरस प्रतिक्रिया के रूप में एंटीबॉडी (Antibody) का निर्माण करता है। अतः मानव शरीर में एंटीबॉडी (Antibody) की उपस्थिति संक्रमण की ओर संकेत करती है, जिसका रक्त परीक्षण के माध्यम से पता लगाया जा सकता है। अतः इस समस्या का निदान करने के लिए और संक्रमण के जोखिमों को कम करने के लिए टॉर्च टेस्ट (TORCH test) की आवश्यकता होती है।

आज के इस लेख में आप जानेंगें कि टॉर्च टेस्ट (TORCH test) क्या हैं, इसकी तैयारी, प्रक्रिया, जोखिम और परिणाम के बारे में।

विषय सूची

1. टॉर्च टेस्ट क्या होता है – What is torch test in hindi
2. टॉर्च टेस्ट फुल फॉर्म – TORCH test full form in hindi
3. टॉर्च परीक्षण द्वारा पता चलने वाले रोग – Diseases detected by TORCH test in hindi
4. टॉर्च टेस्ट के लिए तैयारी – Preparation for TORCH test in hindi
5. टॉर्च टेस्ट की प्रक्रिया – Torch test procedure in hindi
6. टॉर्च टेस्ट के लिए जोखिम – Risks of TORCH test in hindi
7. टॉर्च टेस्ट कराने का उद्देश्य – TORCH Test Purpose in hindi
8. टॉर्च टेस्ट कब किया जाता है – Why the TORCH Test is Performed in hindi
9. टॉर्च टेस्ट के परिणाम – TORCH test result in hindi

10. टॉर्च टेस्ट प्राइस – Torch test price in hindi

टॉर्च टेस्ट क्या होता है – What is torch test in Hindi

एक टॉर्च टेस्ट (TORCH test) या टॉर्च स्क्रीन (TORCH screen) गर्भवती महिलाओं में संक्रमण का पता लगाने के लिए परीक्षणों का एक समूह है। गर्भावस्था के दौरान किसी भी महिला को संक्रमण का खतरा हो सकता है और यह संक्रमण भ्रूण (fetus) को स्थानांतरित किया जा सकता है। संक्रमण की शुरुआती पहचान करने और उपचार के माध्यम से नवजात शिशुओं में इसकी जटिलताओं को रोकने के लिए यह परीक्षण जरुरी हो जाता है।

टॉर्च टेस्ट (TORCH test), रक्त परीक्षणों का एक समूह है। ये परीक्षण नवजात शिशु (newborn) में कई अलग-अलग प्रकार के संक्रमणों की जांच करने में सक्षम है। टॉर्च (TORCH), जिसे कभी-कभी TORCHS के रूप में जाना जाता है, परीक्षण में शामिल विभिन्न प्रकार के संक्रमणों का एक संक्षिप्त शब्द है।

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टॉर्च टेस्ट फुल फॉर्म – TORCH test full form in Hindi

टॉर्च (TORCH) का पूरा नाम निम्न है:

T = (Toxoplasmosis) टोक्सोप्लाज्मोसिस

O = Other (HIV, hepatitis viruses, varicella, parvovirus) अन्य (एचआईवी, हेपेटाइटिस वायरस, वेरीसेल्ला, परवोविरस)

R = (Rubella) रूबेला

C = (Cytomegalovirus) साइटोमेगालोवायरस,

H = (Herpes simplex) हर्पीस सिम्पलेक्स,

हालांकि, इसमें अन्य नवजात संक्रमण भी हो सकते हैं। कभी-कभी टॉर्च (TORCH) को TORCHS भी कहा जाता है जहाँ S = (syphilis) सिफलिस संक्रमण बीमारी को प्रगट करता है।

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टॉर्च परीक्षण द्वारा पता चलने वाले रोग – Diseases detected by TORCH test in Hindi

टॉर्च टेस्ट (TORCH test) के द्वारा मुख्य रूप से संक्रमण बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट के माध्यम से निम्न रोगों का पता चलता है, जैसे :

टोक्सोप्लाज़मोसिज़ (Toxoplasmosis)

टोक्सोप्लाज्मोसिस (Toxoplasmosis) एक बीमारी है, जो टोक्सोप्लाज्मा गोंडी (Toxoplasma gondii) नामक एक परजीवी के कारण होती है। यह परजीवी मां द्वारा बिल्ली को संभालने या दूषित मांस या बिना पका हुआ मांस खाने से ग्रहण किया जा सकता है। गर्भ में टॉक्सोप्लाज्मोसिस (Toxoplasmosis) से संक्रमित शिशु आमतौर पर जन्म के कई सालों तक कोई लक्षण प्रगट नहीं करते हैं। इस संक्रमण बीमारी के लक्षणों में निम्न शामिल हैं:

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सिफिलिस (Syphilis)

सिफिलिस (Syphilis) ट्रेपोनेमा पैलिडम (Treponema pallidum) के कारण होता है। यह यौन संभोग के माध्यम से वयस्कों (adults) के बीच फैलता है। सिफिलिस (Syphilis) समय पूर्व डिलीवरी (early delivery), गर्भपात (miscarriage) या भ्रूण के लिए संक्रमण का कारण बन सकता है। जो शिशुओं की मृत्यु का भी कारण बनता है। इसके अतिरिक्त एचआईवी, हेपेटाइटिस वायरस, वेरीसेल्ला (varicella), परवोविरस (parvovirus) आदि संक्रमित बीमारियों का भी टॉर्च टेस्ट (TORCH test) के माध्यम से निदान किया जा सकता है।

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रूबेला (Rubella)

रुबेला (Rubella), जिसे जर्मन खसरा (German measles) भी कहा जाता है। रूबेला (Rubella) एक वायरस है, जिसका संक्रमण या प्रकोप मौसमी पैटर्न पर आधारित है। इस वायरस से महामारी का सबसे अधिक प्रकोप वसंत ऋतु में होता है। अगर रूबेला (Rubella) वायरस के कारण भ्रूण में संक्रमण होता है,

तो यह शिशु के लिए निम्न लक्षणों का कारण बनता है:

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साइटोमेगालोवायरस (Cytomegalovirus)

साइटोमेगालोवायरस (Cytomegalovirus) (CMV) संक्रमण, हरपीस वायरस (herpes virus) परिवार में से एक है। यह वायरस वयस्कों दिखाई देने योग्य कोई लक्षण प्रगट नहीं करता है। हालांकि, साइटोमेगालोवायरस के परिणामस्वरूप विकासशील भ्रूण (developing fetus) में बौद्धिक अक्षमता, मिर्गी (epilepsy) और सुनने की क्षमता में कमी आदि लक्षण प्रगट किये जा सकते हैं।

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हर्पीस सिम्पलेक्स (Herpes simplex)

हर्पीस सिम्पलेक्स (Herpes simplex) वायरस आमतौर पर प्रसव के दौरान मां से भ्रूण  (fetus) को स्थानांतरित कर दिया जाता है। यह संक्रमण शिशुओं में गंभीर मुद्दों का कारण बन सकता है, जिनमें निम्न शामिल हैं:

इस वायरस के लक्षण आमतौर पर बच्चे के जन्म के दूसरे सप्ताह से देखे जा सकते हैं।

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अन्य बीमारियां (Other diseases)

इसके अतिरिक्त अन्य संक्रामक बीमारियां शामिल हो सकती हैं, जिनका निदान टॉर्च टेस्ट (TORCH test) के माध्यम से किया जा सकता हैं, जैसे :

  • चिकनपॉक्स (chickenpox)
  • एपस्टीन बार वायरस  (Epstein-Barr virus)
  • ह्यूमन पर्वोवायरस (human parvovirus)
  • खसरा (measles)
  • कण्ठमाला का रोग  (mumps)

गर्भावस्था या प्रसव के दौरान इन सभी बीमारियों को मां से गर्भ या भ्रूण  (fetus) में स्थानांतरित किया जा सकता है। अतः इन सभी बीमारियों का निदान कर उपचार उपलब्ध करने और शिशुओं के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए टॉर्च टेस्ट (TORCH test) महत्वपूर्ण हो जाता है।

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टॉर्च टेस्ट के लिए तैयारी – Preparation for TORCH test in Hindi

टॉर्च टेस्ट (TORCH test) के लिए कोई विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। यदि किसी महिला को लगता है कि वह टॉर्च टेस्ट (TORCH test) से सम्बंधित किसी भी वायरस से संक्रमित हैं, तो वह इस परीक्षण हेतु डॉक्टर से परामर्श कर सकती है। परीक्षण से पहले किसी भी ओवर-द-काउंटर (over-the-counter) या अन्य दवाओं के सेवन करने या न करने की जानकारी डॉक्टर को जरुर देनी चाहिए। डॉक्टर की सिफारिश पर परीक्षण से पहले कुछ दवाओं का सेवन बंद करने या अन्य पदार्थों के सेवन से परहेज करने की आवश्यकता पड़ सकती है।

टॉर्च टेस्ट की प्रक्रिया – Torch test procedure in Hindi

एक टॉर्च टेस्ट (TORCH test) के दौरान रक्त का एक छोटा सा नमूना लेना शामिल है। रक्त का नमूना आमतौर पर गर्भवती महिलाओं की बांह में स्थित किसी एक नस से लिया जाता है। स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता (health care provider) या नर्स रक्त नमूना लेने के लिए क्षेत्र को जीवाणु रहित करने के लिए साफ करते हैं। इसके बाद एक तेज नुकीली सुई का प्रयोग कर रक्त नमूना खीच लिया जाता है। रक्त को एकत्रित करने के लिए एक छोटी सी ग्लास ट्यूब, एक स्लाइड (slide), टेस्ट स्ट्रिप (test strip) या एक छोटे कंटेनर (container) का प्रयोग किया जाता है। नमूना लेने के बाद खून के बहाव को रोकने के लिए कपास या बैंडेज (bandage) का प्रयोग किया जा सकता है। शिशुओं का रक्त नमूना आमतौर पर हीलस्टिक प्रक्रिया (heelstick procedure) द्वारा प्राप्त किया जाता है, इसमें केवल थोड़ी मात्रा में रक्त की आवश्यकता होती है।

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टॉर्च टेस्ट के लिए जोखिम – Risks of TORCH test in Hindi

टॉर्च टेस्ट (TORCH test) सरल, सहज और कम जोखिम वाला रक्त परीक्षण है। परीक्षण के दौरान रक्त निकलते समय कुछ सामान्य जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। टॉर्च टेस्ट के जोखिमों में शामिल हैं:

  • रक्त नमूना लेने वाले स्थान पर हल्का रक्तस्राव या चोट
  • प्रभावित क्षेत्र में लालिमा और दर्द
  • त्वचा के नीचे रक्त का जमाव (हेमाटोमा) (hematoma)
  • घाव संक्रमण का खतरा
  • सेल्युलाइटिस (cellulitis) (सेलुलर ऊतक की सूजन)।

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टॉर्च टेस्ट कराने का उद्देश्य – TORCH Test Purpose in Hindi

एक टॉर्च टेस्ट (TORCH test) शिशुओं में कुछ वायरस संक्रमण से सम्बंधित बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है यह परीक्षण रक्त नमूने में वायरस की उपस्थिति का पता लगता है। यह वायरस नवजात शिशुओं में जन्म दोषों से सम्बंधित लक्षणों का कारण बनते हैं। इन वायरस के कारण उत्पन्न दोष को कभी-कभी टॉर्च सिंड्रोम (TORCH syndrome) कहा जाता है। वायरस संक्रमण की स्थिति का निर्धारण करने के लिए रक्त परीक्षण किया जा सकता है, इससे यह निर्धारण किया जा सकता हैं, कि माँ और शिशुओं में इन पांच प्रकार के संक्रमण में से कोई भी संक्रमण उपस्थिति हैं या नहीं।

टॉर्च टेस्ट कब किया जाता है – Why the TORCH Test is Performed in Hindi

टॉर्च सिंड्रोम (TORCH Syndrome) के विभिन्न लक्षणों के प्रगट होने पर यह परीक्षण किया जा सकता है। इन लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • प्लेटलेट्स (platelets) का निम्न स्तर होने पर
  • त्वचा के लाल चकत्ते (Skin rash) ।
  • प्रसव (delivery) के दौरान मां की गर्भावस्था की लंबाई के अनुपात में अपेक्षाकृत छोटे आकार के शिशु का जन्म होने पर
  • बढ़ा हुआ लिवर (Enlarged liver) और प्लीहा (spleen)
  • केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system) की हानि होने पर टॉर्च परीक्षण (TORCH test) किया जा सकता है।
  • जिन महिलाओं को बारबार गर्भपात हो जाता हो।
  • जांडिस (Jaundice) की स्थिति में भी टॉर्च परीक्षण (TORCH test) आवश्यक हो जाता है।

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टॉर्च टेस्ट के परिणाम – TORCH test result in Hindi

टॉर्च टेस्ट (TORCH test) के दौरान रक्त का विश्लेषण करने के बाद परिणाम दो प्रकार से प्राप्त किये जा सकते हैं। टॉर्च टेस्ट (TORCH test) के अंतर्गत “सकारात्मक” (positive) और “नकारात्मक” (negative) परीणाम प्राप्त होते हैं। इन परीणामों के आधार पर ही संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।  टॉर्च टेस्ट के अंतर्गत प्राप्त परिणाम इस प्रकार हैं:

टॉर्च टेस्ट नकारात्मक (सामान्य) परिणाम – Torch test negative (Normal) results in Hindi

टॉर्च टेस्ट (TORCH test) से प्राप्त सामान्य या नकारात्मक परिणाम शिशु या गर्भवती महिला के रक्त में इम्यूनोग्लोबुलिन एम (immunoglobulin M) या आईजीएम एंटीबॉडी (IgM antibodies) के सामान्य स्तर को दर्शाता है। आईजीएम (immunoglobulin M), प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) द्वारा उत्पन्न पांच प्रकार की एंटीबॉडी (अर्थात प्रोटीन अणुओं) में से एक है, और यह रक्त में पाया जाता है। आईजीएम (IgM), एंटीबॉडी का एक विशिष्ट वर्ग (specific class) है, जो वायरस कणों (virus particles) को खोजता है। यह नवजात शिशुओं में इम्यूनोग्लोबुलिन (immunoglobulin) का सबसे सामान्य प्रकार है, इसलिए यह टोरच वायरस संक्रमण (TORCH virus infections) की उपस्थिति का पता लगाने के लिए एक सबसे उपयोगी सूचक (indicator) है।

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टॉर्च टेस्ट सकारात्मक (असामान्य) परिणाम – Torch test positive (Abnormal) results in Hindi

टॉर्च टेस्ट (TORCH test) से प्राप्त असामान्य या “सकारात्मक” परिणाम शिशु या गर्भवती महिला के रक्त में मौजूद आईजीएम एंटीबॉडी (immunoglobulin M antibodies) के उच्च स्तर पाए जाने का निर्देश देते हैं। इसका मतलब यह हो सकता है कि वर्तमान में सम्बंधित गर्भवती महिला या शिशु के पास संक्रमण है। अतः सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने पर, डॉक्टर सम्बंधित व्यक्ति में विशिष्ट एंटीबॉडी या रोग का निदान करने के लिए अतिरिक्त परीक्षण कर सकता है।

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टॉर्च टेस्ट प्राइस – Torch test price in Hindi

टॉर्च टेस्ट (TORCH test) की कीमत इंडिया में लगभग Rs.1000 से Rs.3000 तक हो सकती है। यह कीमत विभिन्न प्रयोगशाला और विभिन्न शहरों के आधार पर भिन्न-भिन्न होती है। इसके अतिरिक्त टॉर्च टेस्ट के अंतर्गत किये जाने वाले विभिन्न टेस्टों के अनुसार इसकी कीमत कम या ज्यादा हो सकती है।

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