Touch Therapy In Hindi: भारत में ‘स्पर्श चिकित्सा’ सदियों पुरानी है। टच थेरेपी (स्पर्श चिकित्सा) एक प्राचीन आयुर्वेदिक टेक्निक है जो खुद को अपनी बॉडी और आत्मा से कनेक्ट कराने का कार्य करती है। अगर कोई व्यक्ति रोजाना टच थेरेपी लेता है तो उसका अपने शरीर और आत्मा से बहुत जल्दी गहरा जुड़ाव हो सकता है। इस दुनिया में टेक्नोलॉजी का वर्चस्व जितना बढ़ता जा रहा है, व्यक्ति का अपने अंदर और स्वयं से संपर्क उतना ही टूटता जा रहा है। हम अपनी सहज क्षमताओं को खोते जा रहे हैं और प्रकृति की सुंदरता और संवेदनाओं से दूर होते जा रहे हैं। माना जाता है कि मनुष्य का शरीर और उसकी आत्मा सबसे शक्तिशाली चीज होती है और इससे आप जितना जुड़ने की कोशिश करेंगे आप उतना ही ज्यादा खुद को समझेंगे और बीमारियों से दूर रहेंगे।
इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि टच थेरेपी क्या है, इसे कौन करता है और इसके फायदे क्या हैं। (Touch Therapy Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi)
विषय सूची
स्पर्श चिकित्सा या टच थेरेपी एक ऐसी थेरेपी है जिसमें थेरेपिस्ट मरीज के नजदीक या उसके शरीर के ऊपर अपना हाथ रखकर उसे स्पर्श का आभास कराते हैं और ठीक होने में मदद करते हैं। वास्तव में टच थेरपी के माध्यम से थेरेपिस्ट व्यक्ति के शरीर की ऊर्जा को व्यवस्थित करने का काम करते हैं। इस दौरान पूरा फोकस शरीर के एनर्जी को बैलेंस करने पर किया जाता है और शरीर की नैचुरल हीलिंग एबिलिटी को उत्तेजित किया जाता है। स्पर्श थेरेपी के दौरान आप धीरे धीरे अपने माइंड से अपने शरीर के किसी प्रकार के दर्द के बारे में सवाल पूछ सकते हैं और यहां तक कि अपने शरीर की ट्यून को भी सुन सकते हैं।
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वैसे तो कुछ मामलों में व्यक्ति अपने हाथों से ही टच थेरेपी ले सकता है लेकिन जब आप दूसरों से टच थेरेपी लेते हैं तो यह ज्यादा फायदेमंद हो सकती है। आमतौर पर टच थेरेपी नर्स, थेरेपिस्ट, काउंसलर, बॉडी थेरेपिस्ट, साइकोथेरेपिस्ट, फिजिशियन सहित अन्य हेल्थ केयर प्रोफेशनल देते हैं। इसके अलावा जिस भी व्यक्ति को इस चिकित्सा पद्धति की गहरी समझ है आप उससे भी टच थेरेपी ले सकते हैं।
वास्तव में टच थेरेपी इस विश्वास पर काम करती है इंसान के अंदर अपार ऊर्जा भरी है। अनिवार्य रुप से हम सभी के पास एनर्जी फिल्ड हैं जो हमारे शरीर को घेरे हुए हैं और ब्रह्मांड के साथ जुड़े हुए हैं। जब एनर्जी फिल्ड असंतुलित हो जाता है तब व्यक्ति विभिन्न विकारों एवं बीमारियों से घिरने लगता है। उदाहरण के लिए- व्यक्ति के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है, उसे हाइपरटेंसिव डिसऑर्डर, तंत्रिकाओं में समस्या, पीठ दर्द और कमर दर्द सहित अन्य दिक्कतें होने लगती हैं। टच थेरेपी असंतुलित ऊर्जा को रिस्टोर करने का कार्य करती है और व्यक्ति को विकारों से बचाती है। यही कारण है कि आज के समय में टच थेरेपी बहुत तेजी से पापुलर हो रही है।
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शरीर के डिसऑर्डर को दूर करने के लिए अपनायी जाने वाली यह एक चिकित्सा पद्धति है शरीर के ऊर्जा चक्र या एनर्जी फील्ड को बाधित नहीं होने देती और संतुलित रखती है जिसके कारण यह तमाम विकारों को बहुत आसानी से दूर कर देती है। आइये जानते हैं टच थेरेपी किस तरह से फायदेमंद है।
यह एक ऐसी थेरेपी है जो ज्यादा भोजन करने की लत और भूख न लगने की समस्या दोनों को ठीक करने में बहुत लाभदायक होती है। टच थेरेपी शरीर एवं सेहत दोनों को स्वस्थ रखती है। भारत सहित दुनिया के अन्य देशों के लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए टच थेरेपी का सहारा लेते हैं। इसके अलावा वजन घटाने या मोटापा को कम करने के लिए भी टच थेरेपी बेहद कारगर है।
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डिमेंशिया से पीड़ित लोगों के लिए टच थेरेपी रामबाण है। 2009 में हुई एक स्टडी में डिमेंशिया से पीड़ित कुछ लोगों को टच थेरेपी दी गयी। इसके बाद देखा गया कि गर्दन और कंधे पर स्पर्श चिकित्सा के दौरान डिमेंशिया से पीड़ित मरीजों में काफी सुधार हुआ। इससे रिजल्ट यह निकला कि अगर दिन में दो बार प्रत्येक हफ्ते लगातार तीन दिन ऐसे मरीजों को टच थेरेपी दी जाए तो वह बहुत ही जल्द डिमेंशिया से बाहर निकल सकते हैं।
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स्पर्श चिकित्सा सा सबसे बड़ा लाभ मेंटल और फिजिकल राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है। वास्तव में यह एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें व्यक्ति अपने आप से जुड़ता है और अपने आप को महसूस करता है। इस दौरान टच थेरेपी किसी मेडिटेशन से कम नहीं होती है और यह हर तरह की चिंता, डिप्रेशन, स्ट्रेस और सिरदर्द को दूर करने में लाभदायक होती है। इसके अलावा यह व्यक्ति को इमोशनली स्ट्रांग बनाने का भी कार्य करती है।
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आमतौर पर टच थेरेपी सिर्फ इंसानों पर ही नहीं बल्कि यह जानवरों पर भी काम करती है। प्यार और दुलार की जरुरत हर जीवित प्राणी को पड़ती है। जानवरों के शरीर पर हाथ फेरने से या फिर उन्हें प्यार से स्पर्श करने से उन्हें राहत मिलती है और वे खुशी से झूम उठते हैं। इसलिए आप अपने जानवरों पर भी यह थेरेपी ट्राई करके देख सकते हैं।
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कई मामलों में स्पर्श चिकित्सा रेकी का कार्य करती है और बिना दवा के पीड़ा को दूर करने में मदद करती है। गर्दन में दर्द या जकड़न होने पर टच थेरेपी देने पर यह पूरी तरह से ठीक हो जाती है। माना जाता है कि स्पर्श करने से एक एनर्जी मिलती है जो शरीर को राहत प्रदान करती है और पेनकीलर का भी काम करती है।
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ऑस्टियोअर्थराइटिस की गंभीर से गंभीर समस्या को दूर करने में टच थेरेपी काफी लाभदायक है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह चिकित्सा पद्धति घुटने के इलाज में बहुत प्रभावी रुप से कार्य करती है। कई देशों में घुटने के दर्द से परेशान लोग टच थेरेपी सेंटर में जाकर इस समस्या का इलाज कराते हैं और उन्हें काफी फायदा भी होता है।
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रात को बिस्तर पर जाने से पहले टच थेरेपी लेने से इंसोम्निया (अनिद्रा) की समस्या दूर हो जाती है और व्यक्ति को अच्छी एवं गहरी नींद आती है। टच थेरेपी लेने के बाद जब आप सोते हैं तो सुबह उठने के बाद काफी तरोताजा महूसस करते हैं। इसके अलावा आप ऊर्जा से भरे होते हैं और दिनभर के कार्यों को करने के लिए सबसे ज्यादा एक्टिव रहते हैं।
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बहुत से लोग शारीरिक रुप से मजबूत तो होते हैं लेकिन मानसिक और भावनात्मक रुप से बहुत कमजोर होते हैं। टच थेरेपी एक ऐसी पद्धति है जो व्यक्ति को इमोशनली स्ट्रांग बनाने में चमत्कार की तरह काम करती है। रोजाना स्पर्श चिकित्सा लेने पर यह नकारात्मक विचारों को दूर करती है और अवचेतन मन को खोलने में मदद करती है। इससे आपके मन से सारे डाउट और निगेटिव थॉट खत्म हो जाते हैं और आप भावनात्मक रुप से खुद को बहुत मजबूत फील करते हैं।
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टच थेरेपी खुद से नहीं करनी चाहिए अन्यथा गलत तरीका अपनाने से परिणाम गंभीर हो सकता है।
स्पर्श चिकित्सा के दौरान व्यक्ति को बेचैनी या चिड़चिड़ाहट हो सकती है।
यदि आपको लो ब्लड प्रेशर की समस्या है या फिर वर्टिगो है तो टच थेरेपी आपके लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है।
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