Triphala For Weight Loss in Hindi: वजन कम करने के लिए त्रिफला का उपयोग किया जा सकता है कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण मोटापा होता है। आप वेट लॉस के लिए त्रिफला का उपयोग कर सकते हैं। आज वजन बढ़ना न केवल पुरुषों बल्कि महिलाओं के लिए भी बड़ी समस्या है। क्या आप भी बेली फैट या थुलथुले पेट को कम करना चाहते हैं। निश्चित ही बॉडी फैट को कम करना मुश्किल काम है क्योंकि वजन घटाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है।
अगर आप वजन कम करने के तरीके अपनाकर थक चुके हैं तो त्रिफला को आजमा सकते हैं। त्रिफला का इस्तेमाल वजन घटाने के साथ ही अन्य हेल्थ बेनिफिट्स दिला सकता है। त्रिफला का प्रयोग बॉडी को डिटॉक्स करने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में सहायक होता है। जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है। इस लेख में हम मोटापा कम करने के लिए आसान उपाय त्रिफला का उपयोग करने की जानकारी दे रहे हैं।
विषय सूची
त्रिफला एक पांपरिक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे सदियों से कई हेल्थ समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जा रहा है। त्रिफला के नाम से ही पता चलता है कि इसे तीन फलों के मिश्रण से बनाया जाता है। त्रिफला में उपयोग किये जाने वाले तीनों फलों में औषधीय गुण भरपूर मात्रा में होते हैं। इन तीनों फलों में आंवला (Emblica Officinalis), बहेड़ा (black myrobalan) और हर्र या हरितकी (Haritaki) शामिल हैं। इन तीनों फलों के औषधीय गुणों के कारण त्रिफला को कई आयुर्वेदिक दवाओं का मिश्रण माना जाता है। त्रिफला चूर्ण का उपयोग जीवन आयु को बढ़ाने और कई गंभीर बीमारियों को रोकने में भी प्रभावी माना जाता है। आप अपने शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को कम करने के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग कर सकते हैं। इसलिए वजन घटाने वाले उपाय के रूप में त्रिफला चूर्ण आपको लाभ दिला सकता है।
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मोटापे से परेशान लोगों के लिए त्रिफला एक आयुर्वेदिक और प्रभावी औषधी है। त्रिफला का इस्तेमाल शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, पेट की छोटी और बड़ी आंत को स्वस्थ रखने में मदद करता है। त्रिफला एक प्रकार से कोलन टोनर (colon toner) के रूप में कार्य करता है और पेट के ऊतकों को मजबूत करने में मदद करता है। जिससे मोटे लोगों को अपना वजन कम करने में आसानी होती है। यह औषधीय और आयुर्वेदिक जड़ी बूटी कब्ज और पाचन तंत्र संबंधी अन्य समस्याओं को भी कम करने में प्रभावी होती है। नियमित रूप से त्रिफला का सेवन करना आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करने में सहायक होता है। खराब कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा कई स्वास्थ्य समस्याओं के साथ ही मोटापे का प्रमुख कारण होता है।
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क्या आप जानते हैं कि, त्रिफला चूर्ण में उपयोग किये जाने वाले तीनों घटकों के अपने-अपने विशेष स्वास्थ्य लाभ हैं। आइए जाने त्रिफला के तीनों घटक हमारे लिए किस प्रकार से लाभकारी होते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि केवल आंवला ही ऐसा फल है जिसमें लगभग 5 स्वाद होते हैं। ऐसा माना जाता है कि स्वस्थ रहने के लिए सभी स्वाद वाले खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए। आंवला में एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा होती है जो हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। यह औषधीय अग्न्याशय के स्वास्थ्य को नियंत्रित करता है। कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है और हड्डियों को मजबूत करता है। त्रिफला चूर्ण में मौजूद आंवला के अन्य स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार हैं।
आंवला में फ्लेवोनॉयड्स होते हैं जो रक्त सीरम में लिपिड के स्तर को कम करते हैं। जिससे यह कोलस्ट्रॉल के संश्लेषण को कम करने में सहायक होता है। एक अध्ययन से यह पता चलता है कि मौखिक आधार पर त्रिफला चूर्ण या आंवले के चूर्ण का सेवन करने पर यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में प्रभावी योगदान दे सकता है। (और पढ़े – हाई कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय…)
अध्ययनों से पता चलता है कि आंवला का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है। भूखे या खाली पेट में ब्लड शुगर (Fasting Blood Sugar) की मात्रा और एचबीए 1 सी दोनों को नियंत्रित करने में आंवला मदद करता है। (और पढ़े – नॉर्मल शुगर लेवल कितना होना चाहिए और कैसे करें जांच…)
आंवला का सेवन करना आपको एनीमिया या रक्त की कमी संबंधी समस्याओं से बचा सकता है। नियमित रूप से त्रिफला पाउडर या आंवले का सेवन करने से रक्त में लाल रक्त कोशिकओं या हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
आवंले का नियमित सेवन करना आपके फेफड़ों और श्वसन तंत्र के लिए अच्छा होता है। इसके अलावा आंवला ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और खांसी के लिए भी उपयोगी होता है। इस प्रकार के लाभ प्राप्त करने के लिए आप त्रिफला चूर्ण का भी सेवन कर सकते हैं।
आंवले को आयुर्वेद में सबसे प्रभावी औषधी माना जाता है। आवंला का सेवन करना आपकी ताकत को बढ़ाने में मदद करता है। यह हड्डियों के घनत्व को बढ़ाने और शरीर को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाने में भी अहम योगदान देता है।
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आंवले में नमकीन स्वाद को छोड़कर लगभग सभी स्वाद होते हैं जैसे मीठा, खट्टा, कड़वा, तीखा और कसैला। आंवले की तासीर ठंडी होती है। आंवले का नियमित सेवन तीनो दोषों वात, पित्त और कफ को नियंत्रित करने में मदद करता है।
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बहेड़ा को बहुत से लोग बिभितकी के नाम से भी जानते हैं। ब्लैक मैरोबालन कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही यह मांसपेशियों और हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने में सहायक होता है। बहेड़ा को बेलिरिक मिरोब्लांस (Belliric Myrobalans) या टर्मिनलिया बेलिका (Terminalia belerica) के रूप में भी जाना जाता है जो कि इसका वनस्पतिक नाम है। त्रिफला चूर्ण में उपयोग किये जाने वाले बहेड़ा के अन्य स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार हैं।
बहेड़ा के औषधीय गुण रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण या बहेड़ा पाउडर का सेवन स्वस्थ प्लाज्मा, मांसपेशियों और हड्डियों को बढ़ावा देता है।
बहेड़ा में एंटी- ओवेसिटी (anti-obesity) गुण होते हैं। जिसके कारण यह वजन को प्रबंधित करने वाली विशेष औषधी माना जाता है। नियमित रूप से त्रिफला पाउडर या टर्मिनलिया बेलिरिका के फल का सेवन करना शरीर के वजन को नियंत्रित करने में सहायक होता है। (और पढ़े – तोंद कम करने और वजन घटाने के लिए आयुर्वेदिक तरीके…)
वजन घटाने के लिए बॉडी को डिटॉक्स करना बहुत जरुरी होता है आप अपनी बॉडी को डिटॉक्स करने या शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए बहेड़ा के चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। इससे आपको शरीर पर जमी अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद मिलेगी।
बहेड़ा का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। क्योंकि बहेड़ा में कई पोषक तत्व और औषधीय गुण होते हैं जो हमे स्वस्थ रखने में अहम योगदान देते हैं। जैसे कि :
बहेड़ा के गुण – आयुर्वेद में बहेड़ा को एक कायाकल्प जड़ी बूटी (rejuvenative herb) के रूप में उपयोग किया जाता है। यह जड़ी बूटी कफ दोष को दूर करने के लिए टॉनिक का काम करती है। इसके अलावा यह मधुमेह, गठिया और उच्च रक्तचाप का उपचार करने में भी सहायक है। बहेड़ा स्वाद में तीखा और पचने में आसान होता है। पाचन के बाद इसका प्रभाव मीठा होता है। बहेड़ा तासीर में गर्म होता है जो विशेष रूप से तीनों दोषों को प्रबंधित करने में सहायक होता है।
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हरिताकी एक अखरोट के आकार का फल होता है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। हर्र को दवाओं का राजा भी कहा जाता है। इसे चेबुलिक मिरोबलन (Chebulic Myrobalan) या टर्मिनलिया चेबुला (Terminalia chebula) भी कहा जाता है जो कि इसका वानस्पतिक नाम है। इसमें भी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भरपूर मात्रा में होते हैं। हरीताकि के औषधीय गुण गले की खराश, एलर्जी, कब्ज और अपच जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है।
हरीताकि के अन्य लाभ – हर्र या हरिताकि एंटी-एजिंग के रूप में कार्य करता है। इसमें बहुत ही शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो हमारी त्वचा कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाने में सहायक होते हैं।
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हम सभी के मन में यह प्रश्न उठता है कि वजन घटाने में त्रिफला चूर्ण किस प्रकार मदद करता है। आइए जाने वजन घटाने में त्रिफला चूर्ण किस प्रकार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हमारी मदद कर सकता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि त्रिफला चूर्ण रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में प्रभावी होता है। जिससे ग्लाइकेशन (glycation) को रोकने में मदद मिलती है। इस प्रकार यह डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides) और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (lipoprotein) कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। जिससे शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद मिलती है। इस प्रकार आप त्रिफला चूर्ण का नियमित सेवन कर अपने मोटापे को कम कर सकते हैं।
तीन प्रमुख जड़ी बूटियों के संयुक्त प्रभाव के कारण त्रिफला वात, पित्त और कफ तीनों दोष को संतुलित करने में सहायक होता है। जिससे पाचन संबंधी सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। उचित पाचन तंत्र आपके बढ़ते वजन को नियंत्रित करने और आपके शरीर को उचित वजन प्राप्त करने में प्रभावी माना जाता है।
त्रिफला चूर्ण में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जिसके कारण यह पाचन के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। यह आंतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और मल त्याग को आसान बनाने में सहायक होता है। जिससे कब्ज की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। कब्ज और पाचन तंत्र की अन्य समस्याएं दूर करने के साथ ही यह वजन प्रबंधन में भी अहम भूमिका निभाता है। क्योंकि त्रिफला का सेवन करना शरीर में मौजूद विषाक्तता को आसानी से बाहर निकाल सकता है। साथ ही यह शरीर में तरल पदार्थों को अपने सामान्य स्तर पर बनाए रखने में मदद करता है।
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सामान्य रूप से आप त्रिफला चुर्ण का सेवन कर कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर कर सकते हैं। यहां पर उचित लाभ प्राप्त करने के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग करने के कुछ तरीके बताए गए हैं। जिनका इस्तेमाल करना आपको वजन घटाने में मदद कर सकता है।
आप एक गिलास ठंडा पानी लें और इसमें 2 चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाएं। इस मिश्रण को रात भर भीगने दें और अगली सुबह इसे खाली पेट सेवन कर सकते हैं।
एक गिलास पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण और दालचीनी पाउडर को मिलाएं। इस मिश्रण को भी रात भर के लिए ढक कर रख दें। अगली सुबह इस मिश्रण में 1 चम्मच शहद मिलाएं और खाली पेट इस मिश्रण का सेवन कर सकते हैं। (और पढ़े – दालचीनी और शहद के फायदे…)
आप त्रिफला चुर्ण का सेवन करने के साथ ही त्रिफला टेबलेट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आप नियमित रूप से त्रिफला की एक टेबलेट को रात में सोने से पहले सेवन कर सकते हैं।
उचित लाभ प्राप्त करने के लिए आप त्रिफला चूर्ण से बनी चाय या काढ़े का भी सेवन कर सकते हैं। त्रिफला की चाय बनाने के लिए आप 1 कप पानी को अच्छी तरह से उबालें और इसमें 1 चम्मच त्रिफला पाउडर मिलाएं। इस मिश्रण को कुछ देर पकाएं और कप में निकाल लें। थोड़ा ठंडा होने के बाद आप इसे अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए 1 चम्मच नींबू के रस को भी मिला सकते हैं।
निष्कर्ष –
इस लेख में वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण से प्राप्त लाभ और उपयोग करने का तरीका बताया गया है। लेकिन इस लेख में बताई गई जानकारी उपचार प्रक्रिया का विकल्प नहीं है। यह लेख चिकित्सक की सलाह का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। इस चूर्ण का उपभोग करने से पहले आपको अपने चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है। क्योंकि आपकी स्वास्थ्य संबंधी और शारीरिक स्थिति का अनुभव केवल आपके चिकित्सक को होता है। इसलिए आपके चिकित्सक की सलाह सर्वोपरि है।
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