तुलसी एक औषधीय पौधा है, जो हर भारतीय घर में आम है जिसका हर हिस्सा कई दवाओं को बनाने के काम आता है। अधिकतर लोग तुलसी के पत्तों के फायदों के बारे में तो जानते हैं, मगर आपको बता दें कि तुलसी के बीज के भी कई फायदे होते हैं। हमारे इस लेख में जानिए तुलसी के बीज के फायदे, उपयोग और नुकसान के बारे में। तुलसी का पौधा भारत का मूल निवासी है। इसे मीठी तुलसी भी कहा जाता है, लेकिन पवित्र तुलसी या उस तुलसी से अलग है, जो हर भारतीय घर में पाया जाता है। इनमें काफी मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और आयरन होता है। इन्हें सब्जा सीड्स भी कहा जाता है, जो कि आपको कई स्वास्थ्य लाभ पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं कि तुलसी के बीज हमें किन स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद करते हैं।
आपने शायद ही सब्जा बीज (sabja seed) या तुकमेरिया (Turkmaria) के बीज का नाम सुना होगा या कहीं देखा होगा, लेकिन तुलसी का नाम बहुत ही प्रसिद्ध है जिसे हर कोई जानता है, क्योंकि तुलसी और तुलसी के बीजों का उपयोग सदियों से स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता आ रहा हैं। इस लेख में आप तुलसी बीज के फायदे (Basil Seeds Benefits in Hindi) और नुकसान के बारे में जानेंगे। यह प्रतिरक्षा शक्ति (immunity power) को बढ़ाने और वजन कम करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। तुलसी के पौधे को स्वास्थ्य जड़ी बूटी माना जाता है और ऐसे ही इसके बीजों के गुण भी होते हैं। आइये तुलसी के बीज के फायदे, उपयोग, गुण, लाभ और नुकसान के बारे में विस्तार से जानते है।
विषय सूची
1. तुलसी के बीज (सब्जा बीज) क्या है – What are basil seeds in Hindi
2. तुलसी के बीज का उपयोग कैसे करें – How to use basil seeds in Hindi
3. तुलसी बीज के औषधीय गुण – Basil Seeds Nutritional values in Hindi
4. तुलसी पौधे के प्रकार –Types of Basils in Hindi
5. तुलसी के बीज के फायदे – Tulsi ke beej ke fayde in hindi
6. तुलसी के बीज के नुकसान –Tulsi seeds ke Nuksan in Hindi
तुलसी के काले आकार वाले बीज जो चिया बीज के समान दिखाई देते हैं वे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और अच्छे वसा से भरपूर होते हैं और इनमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। इन बीजों में कैलोरी नहीं होती है। सब्जा बीजों में एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) गुण अच्छी मात्रा में होते हैं जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और आपकी त्वचा के लिए भी अच्छे हैं। इन बीजों को चबाना (chew) मुश्किल होता है इसलिए इन्हें कच्चे नहीं खाना चाहिए। उपभोग करने से पहले इसे पानी में भिगोना अच्छा है जो उन्हें अधिक चिपचिपा (gelatinous) बनाता है। अधिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन 2 चम्मच तुलसी बीज का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
तुलसी के बीज को कच्चा खाने की अपेक्षा पानी में भिगों कर खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। जब पानी में भिगोया जाता है और सेवन किया जाता है, तो साबजा के बीज सबसे अधिक पौष्टिक होते हैं। इन काले फलों के ऊपर एक पारदर्शी (translucent) परत होती है जो पानी के संपर्क में आने पर फूलने लगते हैं और अपने आकार से दोगुना बढ़ जाते हैं। आप एक कप गर्म पानी में लगभग 15 मिनिट के लिए 2 चम्मच तुलसी बीज को ड़ाल सकते हैं। एंटीआक्सीडेंट और फायदेमंद पाचन एंजाइमों को मुक्त करने के लिए बीजों का फूलना आवश्यक है। इन बीजों में अलग से कोई विशेष स्वाद नहीं होता है लेकिन पोषण को बढ़ावा (nutrition boost) देने के लिए इनका उपयोग विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है। इसका उपयोग आप नींबू पानी में, पिस्ता या सूप के साथ कर सकते हैं।
तुलसी के बीज में पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं। तुलसी के बीजों में कई प्रकार के फाइटोकेमिकल्स और पॉलीफेनोलिक फ्लैवोनोइड्स होते हैं जैसे कि ओरिएंटिन, बीसीनिन और विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट।
तुलसी की पत्तियों से बहुत सारे आवश्यक तेल (essential oils) प्राप्त किये जा सकते हैं जैसे कि लिमोनेन, साइट्रल, यूजीनॉल, साइट्रोनेलोल और टेरपीनॉल आदि। इसमें विटामिन A, विटामिन K, बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन और जीएक्सैंथिन के साथ ही पोटेशियम, कॉपर, कैलिशयम
, फोलेट्स, मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे खनिज भी प्रचुर मात्रा होते है।भारत में तुलसी को पवित्र पौधा माना जाता है जो कि लगभग हर घरों में उगाया जाता है। तुलसी को विशेष उद्देश्यों के लिए भी उगाया जाता है। तुलसी पौधे के रंग और आकार के अनुसार इसके प्रकारों का निर्धारण किया जाता है। आमतौर पर उगाए जाने वाली तुलसी पौधे निम्न प्रकार के होते हैं।
सब्जा के बीज आयुर्वेदिक और चीनी चिकित्सा में लोकप्रिय रूप से उपयोग किए जाते हैं और इसके कई और स्वास्थ्य लाभ हैं जो आप नहीं जानते होंगे। यह पाचन स्वास्थ्य में सुधार लाने, वजन घटाने, त्वचा को रोग मुक्त रखने, बालों को मजबूत बनाने, शरीर को शीतलता दिलाने, तनाव कम करने और हड्डियों को मजबूत करने जैसे प्रमुख स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। इसके अन्य लाभ द्रष्टि में सुधार, सूजन को कम करने, संक्रमण को रोकने और कोलेस्ट्रॉल को कम (lower cholesterol) करना भी है।
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तुलसी के बीजों में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं जो कि इन बीजों में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड की अधिक मात्रा होने के कारण प्राप्त होता है। यह पोषक तत्व शरीर में वसा को जलाने और चयापचय (metabolism) को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। तुलसी बीजों का एक और लाभकारी गुण यह भी है कि ये फाइबर से भरपूर होते हैं जो लंबे समय तक आपकी भूख को संतुष्ट रखते हैं। आप इसका उपयोग दही के साथ कर सकते हैं या हल्की भूख लगने पर स्नेक्स या फलों के साथ सलाद में भी उपयोग कर सकते हैं।
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टाइप-2 मधुमेह के उपचार के लिए तुलसी के बीज बहुत अच्छे माने जाते हैं क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते हैं। वे आपके चयापचय (metabolism) को भी धीमा करते हैं और इस प्रकार कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में परिवर्तित करते हैं। आप एक गिलास दूध में तुलसी के बीजों को भिगों कर नाश्ते के रूप में सेवन कर सकते हैं।
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शरीर को डिटोक्स (detox) करने और कब्ज जैसी परेशानियों को दूर करने के लिए तुलसी के बीजों का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। इसके लिए आप कुछ दिनों तक सोने से पहले एक गिलास दूध में तुलसी के बीजों को मिलाकर इसका सेवन करें। यह आपके पेट को साफ करने का काम करता है। इनमें वाष्पशील तेल होते हैं जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से गैस को निकालने में मदद करते हैंऔर पाचन में सहायक होते हैं।
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नारियल तेल में तुलसी के बीजों को कुचल कर मिलाने और प्रभावित क्षेत्र में लगाने से एक्जिमा और सोरायसिस जैसे कई त्वचा संक्रमणों का उपचार किया जा सकता है। एक कप नारियल तेल में थोड़े से तुलसी बीजों को कुचल करकर मिलाएं और उपयोग करने से पहले कुछ मिनिट के लिए गर्म करें। तुलसी के बीजों को नियमित रूप से खाने से आप शरीर से कोलेजन (collagen) को कम कर सकते हैं जो नई त्वचा कोशिकाओं को बनाने के लिए आवश्यक होता है। तुलसी के बीजों में आयरन, विटामिन K और प्रोटीन अच्छी मात्रा में होते हैं। इन खनिजों की उपस्थित के कारण तुलसी के बीज आपके बालों को लंबा और मजबूत बनाने में मदद करते हैं। आयरन और प्रोटीन बाल विकास को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं।
आयुर्वेदिक औषधी तुलसी के बीजों में एंटीस्पाज्मोडिक (antispasmodic) गुण होते है, जिसके कारण यह स्पास्मैटिक (spasmatic) मांसपेशियों में तनाव को कम करते हैं और उन्हे आराम दिलाने में मदद करते हैं। इस तरह वे काली खांसी (whooping cough) को नियंत्रित करने मे मदद करते हैं। तुलसी बीज में उपस्थित फ्लैवोनोइंड्स वेसिनिन (vicenin), ओरिएंटिन और बीटा कैरोटीन शरीर की प्रतिरक्षा को मजबूत करने में भी मदद करते हैं।
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अध्ययनों से पता चलता है कि मीठे तुलसी के बीज एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल (bad cholesterol) के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इन बीजों में पाये जाने वाले औषधीय गुण एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis), धमनियों और रक्त वाहिकाओं में प्लेक को हटाने का काम करते हैं। जिससे दिल पर तनाव कम हो जाता है और दिल के दौरे और स्ट्रोक की संभावना भी कम हो जाती है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि तुलसी के बीजों में पोटेशियम की उपस्थिति रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है। तुलसी के बीजों का यह प्रभाव इसलिए है क्योंकि इसमे उपस्थिति पोटेशिम एक वासोडिलेटर (vasodilator) का काम करता है जो रक्त वाहिकाओं और धमनियों के तनाव को कम करके उन्हें आराम दिलाता है। इस प्रकार तुलसी बीज कार्डियोवैस्कुलर प्रणाली पर तनाव कम कर रक्तचाप को नियंत्रित करने में हमारी मदद करते है।
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आयरन, पोटेशियम, कापर, कैल्शियम, मैंगनीज, और मैग्नीशियम जैसे खनिजों की भरपूर मात्रा इन बीजों में पाई जाती है। इनका नियमित सेवन करने से ये खनिज पदार्थ हड्डियों को मजबूत करने में मदद करते हैं। यह उम्र बढ़ने के साथ हड्डीयों कों मजबूत करने और ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) के खतरे को कम करने में मदद करता है
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कई एशियाई देशों में तुलसी के बीज शरीर में शीतलता लाने (cooling effects) के लिए व्यापक रूप सेका उपयोग किये जाते हैं। क्योंकि ये बीज पेय पदार्थों के रूप में शरीर के ठंडे तापमान को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और पेट को स्वस्थ्य बनाने में मदद करते हैं। तुलसी बीजों के इन्हीं गुणों के कारण बुखार और अन्य सूजन संबंधी स्थितियों (inflammatory conditions) से छुटकारा पाने के लिए इनका उपयोग किया जाता है।
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यदि आपको मानसिक तनाव (stress) है और यह आपके दैनिक जीवन को प्रभावित कर रहा है तो आप इसके त्वरित उपचार के लिए एक गिलास पानी में थोड़े से तुलसी के बीजों का सेवन करें जो आपको तत्काल राहत दिलाने में मदद करेगें। तुलसी के बीजों का नियमित सेवन करने से अवसाद को कम करने और आपके मूड को बढ़ावा देने में मदद मिलती है जो शरीर में तनाव हार्मोन (stress hormones) के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
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विटामिन A आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। तुलसी के बीजों मे विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो अक्सर आंखों के दोष बाले लोगों और आक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) वाले लोगों के लिए लाभकारी होता है। विटामिन ए रेटिना के एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है, जो मोतियाबिंद के विकास को रोकता है और मैकुलर अपघटन (macular degeneration) के आगमन को धीमा कर देता है।
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शारीरिक दर्द जैसे कि गठिया, सिरदर्द, चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम (irritable bowel syndrome) आदि को ठीक करने के लिए तुलसी के बीजों का उपयोग लंबे समय से किया जा रहा है। प्रो इंफ्लामैट्रीयोगिकों और साइटोकिन्स के स्राव को रोकने जैसे कई सामान्य स्वास्थ्य स्थितियों में तुलसी बीज के तत्व सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
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चिकित्सकीय स्वास्थ्य के लिए तुलसी बीज बहुत ही उपयोगी होते हैं। तुलसी के बीज मुंह के अल्सर, मुंह की बदबू, मसूढ़ों से खून आनाऔर प्लेक जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं क्योंकि इनके पास एंटी-फंगल (anti-fungal), जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीमाइक्रोबायल गुण होते हैं। मुंह की ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए तुलसी बीजों को माउथ फ्रेशनर के रूप में चबाया जा सकता है।
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इन बीजों के स्वास्थ्य लाभ बहुत अधिक हैं लेकिन यह आपको कुछ नुकसान भी पहुंचा सकते हैं जैसे हार्मोन के उतार चढ़ाव आदि। बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सब्जा के बीज के सेवन से बचना चाहिए। आइए जाने तुलसी के बीज के नुकसान क्या हैं।
गर्भवती महिलाएं : तुलसी के बीज हमारे शरीर में हार्मोन के उतार चढ़ाव के लिए जिम्मेदार होते हैं अर्थात एस्ट्रोजन पर उनके संभवित प्रभाव होते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए यह नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि यह मासिक धर्म (menstrual) को उत्तेजित कर सकता है और इसके परिणाम स्वरूप बच्चे के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है।
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थायराइड मुद्दे : जो लोग थायराइड असंतुलन या अन्य हार्मोनल मुद्दों से ग्रसित हैं उन्हें तुलसी के बीजों का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।
श्वसनसंबंधी खतरे :बच्चों और बुजुर्गों को इसके उपयोग से बचने की जरूरत है क्योंकि तुलसी के बीज और पानी के असंतुलन के कारण श्वसन संबंधि परेशानी हो सकती है।
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