Basil In Hindi: तुलसी के फायदे और नुकसान की जानकारी आपके जीवन में आने वाली कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकती है। तुलसी का उपयोग कर आप मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग, यौन स्वास्थ्य और कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का निदान कर सकते हैं। आपके आंगन में एक तुलसी का पौधा जरूर होगा क्योंकि भारतीय समाज में तुलसी की पूजा की जाती है और ऐसा माना जाता है इसके घर पर होने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।
तुलसी पौधे को घर में लगाने का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद है। आयुर्वेद में भी तुलसी को जड़ी-बूटीयों की रानी माना जाता है। आज इस लेख में आप पवित्र तुलसी के फायदे और नुकसान की जानकारी प्राप्त करेगें। आइऐ जाने तुलसी के फायदे (Basil In Hindi) क्या हैं।
आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर तुलसी का पौधा एक बारहमासी पौधा है। रंग, आकार, गुणों और उपयोगिता के आधार पर तुलसी की लगभग 35 प्रजातियों की अब तक पहचान की जा चुकी है। तुलसी को, मीठी तुलसी के नाम से भी जाना जाता है।
तुलसी लामिकेयस परिवार (Lamiaceae family) से संबंधित है जिसका पौधा 20 से 50 सेमी लंबा होता है। यह सीधा बढ़ने वाला झाड़ी युक्त पौधा है जिसकी पत्तियां समूह के रूप होती हैं जो कि अंडाकर होती हैं। इसकी पत्तियां हरी होती हैं लेकिन कुछ प्रजातियों में हल्की बैंगनी रंग की पत्तियां भी होती है।
इसमें छोटे-छोटे फूल होते हैं जिनमें चिया बीज की तरह दिखने वाले बीज होते हैं। तुलसी के बीजों में भी औषधीय गुण होते हैं जो कि हमारे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किये जाते हैं। आइऐ जाने तुलसी के पौधे के पोषक तत्वों के बारे में।
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अपने औषधीय गुणों के कारण तुलसी को आयुर्वेदिक दवाओं में प्रमुख स्थान प्राप्त है। तुलसी के पौधे में 0.2 से 1 प्रतिशत मात्रा आवश्यक तेल की होती है जिसमें मुख्य रूप से लिनलूल और मिथाइल चाविकोल (linalool and methyl chavicol) होते हैं। इसमें पाए जाने वाले अन्य पोषक तत्वों में सिनेओल, मिथाइल सिनिमेट (methyl cinnamate) और अन्य टेपेपेन्स भी अल्प मात्रा में उपस्थित रहते हैं।
इसके अन्य घटकों में मोनोटेरपेन्स (monoterpenes), सेक्वाइटरपेन्स और फेनिलप्रोपैनोइड (sesquiterpenes and phenylpropanoids) आदि भी शामिल हैं। तुलसी एक सुगंधित आयुर्वेदिक औषधी है जिसे खाना पकाने और विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। आइए जाने तुलसी के फायदे क्या हैं।
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बेसिल जिसे हम मीठी तुलसी भी कह सकते हैं, यह हमारी बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए प्रभावी दवा के रूप में उपयोग की जाती है। इसमें बहुत से एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इसके साथ ही इसमें विभिन्न प्रकार के खजिन और विटामिन भी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं जो कि इसकी उपयोगिता को हमारे लिए और अधिक बढ़ा देते हैं। आइए जाने तुलसी किस प्रकार से हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
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कॉलेस्ट्रोल की अधिक मात्रा आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। तुलसी की पत्तीयां शरीर में मौजूद अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती है। कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा आपकी रक्तवाहिकाओं में अवरोध पैदा करती है जो कि आपके हृदय रोगों का कारण बनता है।
तुलसी की पत्तियां आपके हृदय और अन्य समस्याओं के लिए टॉनिक का काम करती है। तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन करके आप अपने रक्त परिसंचरण को सुधार सकते हैं जिससे आपके शरीर रक्त का प्रवाह बढता है। आप अपने हृदय रोगों को दूर करने के लिए तुलसी की ताजा पत्तियों के रस का उपयोग कर सकते हैं।
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खांसी, सर्दी, इन्फ्लूएंजा, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए घरेलू उपाय के रूप में तुलसी का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है। इसमे उपस्थित पोषक तत्व आपके श्वसन तंत्र को मजबूत करने में मदद करते हैं और साथ ही इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण आपके शरीर में मौजूद हानिकारक तत्वों को नष्ट करने में मदद करते हैं।
ऊपर बताई गई समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आप तुलसी की पत्तियां, अदरक और शहद मिलाकर एक काढ़ा तैयार करें और इसे नियमित रूप से दिन में दो बार सेवन करें। यह अस्थमा जैसी गंभीर समस्या से आपको छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
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आप अपने शरीर और विशेष रूप से लीवर को स्वस्थ्य रखने के लिए तुलसी के पत्तों का उपयोग कर सकते हैं। तुलसी आपके शरीर में एंजाइम उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है। एंजाइम शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और एंटीऑक्सीडेंट को प्राप्त करने में मदद करते हैं।
यह यकृत में वसा के निर्माण को भी कम करता है। यकृत में लगातार वसा बनने से गैर मादक फैटी यकृत रोग हो सकता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक हो सकता है। लेकिन आप इस तरह की तमाम बीमारियों से बचने के लिए आयुर्वेदिक तुलसी का सेवन कर सकते हैं। यह आपके स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय है।
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पवित्र तुलसी के पत्तों में तनाव को कम करने वाले गुण मौजूद रहते हैं साथ ही यह आपके मूड को ठीक करने में भी उपयोगी होती है। यदि आप तनाव ग्रस्त हैं तो तुलसी की ताजा पत्तियों को चबाने का प्रयास करें, यह आपके तनाव प्रबंधन में मदद करती है साथ ही आपकी चिंता के प्रभाव को भी कम करती है। आप तनाव से छुटकारा पाने के लिए तुलसी की चाय का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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यदि आप गुर्दे के पत्थरों की समस्या से पीड़ित हैं और इसके इलाज से आराम नहीं मिल रहा है तो धैर्य रखें। इसका घरेलू उपाय भी मौजूद है जो बहुत ही प्रभावी भी है। आप पथरी का इलाज करने के लिए तुलसी के पत्तों का रस निकाले और इसे शहद के साथ मिलाकर नियमित रूप से पीएं।
तुलसी के पत्तों का रस पीने से यह मूत्र पथ के माध्यम से पथरी या कैल्सियम ऑक्जेलेट (Calcium oxalate) को बाहर निकालने में मदद करता है। यह एक आयुर्वेदिक घरेलू उपचार प्रक्रिया है जिसमें आपको कुछ लंबा समय लग सकता है लगभग छ: माह के आसपास, लेकिन आपको इस उपचार को नियमित रूप से प्रतिदिन करना है। यह पथरी के कारण होने वाले पेट दर्द से भी राहत दिलाने में मदद करता है।
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बेसिल आपके सिर दर्द का उपचार करने में सहायक हो सकती है। आप शायद जानते होगें कि यदि सिर दर्द का समय पर उपचार न किया जाए तो यह बहुत ही गंभीर हो सकता है। लेकिन सिर दर्द से तत्काल राहत पाने के लिए आपके आंगन में लगी हुई तुलसी का उपयोग करें।
तुलसी के औषधीय गुण आपको सिर दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं। इसके लिए आपको तुलसी के पत्तों और चंदन दोनों को मिलाकर पेस्ट बनाना है और अपने माथे पर लगाना हैं। इसके अलावा आप तुलसी की पत्तियों को सुखा कर भी इनका सेवन भी कर सकते हैं। ये सूखी पत्तियां श्वास, माइग्रेन और सिर दर्द को कम करने में मदद करती हैं।
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आयुर्वेद के अनुसार तुलसी सामान्य स्वास्थ्य लाभ दिलाने के साथ ही योन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में बहुत ही मददगार होती है। तुलसी को सदियों से प्यार का प्रतीक माना जाता है। आयुर्वेद में विश्वास रखने वाले लोगों का मानना है कि तुलसी की सुगंध शरीर में रक्त प्रवाह और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाती है जिससे कामेच्छा और उत्तेजना को बढ़ावा मिलता है।
आयुर्वेद में तुलसी को कामोद्दीप औषधी (Aphrodisiac) के रूप में उपयोग किया जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी को जीवन का उत्थान माना जाता है और इसका उपयोग स्वस्थ यौन कार्य और उत्साही मनोदशा को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।
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मधुमेह एक गंभीर समस्या है जो न केवल एक बीमारी है बल्कि कई बीमारियों को आमंत्रण देती है। लेकिन इस समस्या का निदान आप अपने कुछ आसान से घरेलू उपायों के माध्यम से कर सकते हैं। इसके लिए तुलसी के पौधे से निकाले गए रस का उपयोग किया जा सकता हैं।
बेसिल अर्क आपके शरीर में उपस्थित रक्त ग्लूकोज और सूजन के स्तर को कम करने में मदद करता है। रक्त में उच्च ग्लूकोज मधुमेह के प्रभाव को बढ़ाता है। तुलसी के इन लाभों के अलावा इसमें मौजूद आवश्यक तेल ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रोल (triglyceride and cholesterol) के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद करते हैं जो कि मधुमेह के खतरे को और अधिक बढ़ा सकते हैं।
तुलसी का उपयोग पूरक के रूप में करके आप मधुमेह के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
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यदि आप पाचन और पेट की गैस जैसी समस्याओं से परेशान हैं तो आप दवा के रूप में तुलसी के पत्तों का उपयोग कर सकते हैं। तुलसी आपके शरीर में एसिड संतुलन बनाए रखने में मदद करती है और शरीर के उचित पीएच स्तर को बहाल करती है।
यदि तुलसी का नियमित रूप से सेवन किया जाता है तो यह पेट की आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ने में मदद करती है जिससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व आपकी प्रतिरक्षा को भी बढ़ाने में सहायक होते हैं। प्रतिरक्षा शक्ति के बढ़ने से आपके शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को कम करने में मदद मिलती है।
पाचन के अलावा तुलसी के फायदे सूजन, जल प्रतिधारण, भूख की कमी, पेट की ऐंठन, पेट की गैस और पेट के कीड़े या परजीवी को मारने में मदद करने के लिए भी होते हैं।
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)मनोदशा से संबंधित बीमारियों वाले लोगों पर अवसाद और चिंता जैसे लक्षण होते हैं। तुलसी को कुछ लोगों द्वारा अवसादरोधक औषधि (antidepressant) भी माना जाता है क्योंकि यह मस्तिष्क के भीतर एड्रेनल कॉर्टेक्स के कार्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है जो न्यूरोट्रांसमीटर को उत्तेजित करने में मदद करता है। यह हमारे शरीर में खुशी और ऊर्जावान बनाने वाले हार्मोन को नियंत्रित करता है। इस तरह आप तुलसी का इस्तेमाल करके अवसाद की समस्या को दूर कर सकते हैं।
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संक्रमण और वायरस से लड़ने वाले एंटी माइक्रोबियल गुण तुलसी में मौजूद रहते हैं। तुलसी से प्राप्त होने वाले आवश्यक तेल को बैक्टीरिया, खमीर, फफूँद और वायरस आदि को नष्ट करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि तुलसी को कैंडीडा वायरस और त्वचा की विभिन्न समस्याओं के उपचार के लिए उपयोग किया जा सकता है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि तुलसी में फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो प्राकृतिक रूप से कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं, जिसमें रासायनिक प्रेरित त्वचा, यकृत, मौखिक और फेफड़ों के कैंसर शामिल हैं। तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो सकारात्मक रूप से जीन अभिव्यक्तियों को बदलता है।
एंटीऑक्सीडेंट गुण कैंसर ट्यूमर के विकास को रोकने में मदद करते हैं। पशुओं पर किये गए अध्ययनों के अनुसार तुलसी से निकाले गए रस का उपयोग करने पर मृत्यु दर में कमी देखी गई। इसका अर्थ यह है कि तुलसी का उपयोग कैंसर के उपचार के लिए पूरक के रूप में किया जा सकता है।
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यदि आप अपनी त्वचा को सुंदर और स्वस्थ्य बनाना चाहते हैं तो तुलसी से अच्छा विकल्प शायद ही और कोई होगा, क्योंकि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लामेटरी, बहुत सारे विटामिन और खनिज पदार्थ अच्छी मात्रा में मौजूद रहते हैं। तुलसी का उपयोग आपकी त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
इसके लिए आप तुलसी के पत्तों को नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं या फिर इनकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर अपने चेहरे में लगा सकते हैं। यदि इन पत्तियों का सेवन किया जाता है तो यह रक्त में उपस्थित विषाक्त पदार्थों को दूर करता है और चेहरे में उपस्थित मुंहासे और पिंपल्स को हटाने में भी मदद करता है। आइए जाने तुलसी के फायदे त्वचा के लिए और क्या हैं।
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आप अपनी त्वचा को चमकदार बनाने के लिए तुलसी के पत्तों का उपयोग कर सकते हैं। आप अपने घर में ही तुलसी के पत्तों का पेस्ट बनाकर फेस पैक तैयार कर सकते हैं जो आपको तुरंत ही लाभ पहुंचा सकता है। इस पेस्ट का उपयोग करने से यह आपके त्वचा छिद्रों में उपस्थित विषाक्त पदार्थों को दूर करता और आपकी त्वचा को मजबूत करता है। तुलसी का उपयोग कर आप अपनी त्वचा की सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
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जीवाणुरोधी और एंटीसेप्टिक गुणों की अच्छी मात्रा तुलसी में मौजूद रहती है जो आपकी त्वचा में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करने और उनसे त्वचा की रक्षा करने में मदद करते हैं। आप अपने चेहरे को मुंहासे मुक्त करने के लिए तुलसी के पत्ते, मुलतानी मिट्टी और गुलाब जल को मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें।
इस पेस्ट में उपस्थित मुल्तानी मिट्टी आपकी त्वचा पर आने वाले अतिरिक्त तेल को हटाने और मुंहासे के घावों में मौजूद गंदगी को साफ करने में मदद करती है। इस प्रकार तुलसी के एंटीसेप्टिक गुण, मुल्तानी मिट्टी के फायदे और गुलाब जल तीनों मिलकर आपके चेहरे से मुंहासों को दूर करने में मदद करते हैं।
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यदि आपको ऐसा लगता है कि आपकी त्वचा का रंग आपकी सुंदरता को कम कर रहा है तो इसके उपचार के लिए आप तुलसी का उपयोग कर सकते हैं। तुलसी का उपयोग करने से आप अपनी त्वचा को पहले से युवा और गोरा बनाया जा सकता है। आप थोड़े से पानी में तुलसी की पत्तियों को उबालें और ठंडा कर लें।
इस पानी की और गुलाब जल की बराबर मात्रा लें और इसमें ताजे नींबू के रस की कुछ बूंदे मिलाएं। इस मिश्रण को आप किसी बोतल में रख लें और प्रतिदिन इसका उपयोग अपनी त्वचा पर करें। यह आपकी त्वचा को गोरा बनाने में मदद करेगा।
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आप अपनी त्वचा के दाग जो कि मुंहासों और पिंपल्स के जाने के बाद रह जाते हैं उन्हें दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों का उपयोग संतरे के छिल्कों के साथ कर सकते हैं। आप इन दोनों के मिश्रण से तैयार फेस पैक में चंदन का उपयोग भी किया जा सकता है। आप एक चम्मच दूध में ऊपर बताए गए मिश्रण को मिलाकर मुंहासों के निशानों पर लगाएं और 5 से 10 मिनिट तक लगे रहने दें और फिर साफ पानी से अपने चेहरे को धो लें।
आप अपनी त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए नियमित रूप से प्रतिदिन तुलसी की पांच पत्तियों का सेवन भी कर सकते हैं। यह आपके खून को साफ कर आपकी सभी प्रकार की त्वचा समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
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आप अपने बालों की समस्या के लिए भी तुलसी का फायदेमंद उपयोग कर सकते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व आपके बालो को भरपूर पोषण देने और उन्हें झड़ने से रोकने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं तुलसी के फायदे बालों के लिए।
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पुरुषों और महिलाओं दोनों में बालों के झड़ने की समस्या अक्सर देखी जाती है जो कि रासायनिक उत्पादों के इस्तेमाल के परिणाम स्वरूप और होर्मोन की कमी के कारण होती है। लेकिन आप इन सभी समस्याओं से बचने के लिए आयुर्वेदिक तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
बालों को झड़ने से रोकने के लिए तुलसी की पत्तियों का पेस्ट बहुत ही अच्छा होता है। इसका इस्तेमाल करने पर यह सिर की खुजली को कम करता है और सिर के रक्त परिसंचरण को भी बढ़ाता है जिससे आपके बालों को पर्याप्त पोषण मिलता है और वे कमजोर होकर झड़ने से बच सकते हैं।
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आप अपने सिर में नमी को बनाए रखने के लिए नारियल तेल के साथ तुलसी के तेल का उपयोग करें। इस मिश्रण से सिर की मालिश करने से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है जो सिर की खुजली और सूखापन को कम करने में मदद करता है। नियमित रूप से इस तेल से मालिश करने पर यह बालों की जड़ों को भी मजबूत करता है। आप अपने सिर से डैंड्रफ (Dandruff) को दूर करने के लिए तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
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आप अपने बालों को भूरा होने से रोकने के लिए तुलसी के पत्तों का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप तुलसी के पत्तों में आंवला पाउडर और नारियल के तेल का मिश्रण बनाकर उपयोग करें। मिश्रण को तैयार करने के लिए तुलसी के पत्तों और आंवला पाउडर को रात भर पानी में भीगनें दें। अगली सुबह इस मिश्रण में नारियल तेल मिलाकर अपने बालों में उपयोग करें। यह आपके बालों को भूरा होने से रोक सकता है।
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आप सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए रोजाना 3 ग्राम से 20 ग्राम तक तुलसी के पत्तों से निकाले गए रस का सेवन कर सकते हैं। इतनी मात्रा का सेवन आपके लिए फायदेमंद होती है। इससे अधिक मात्रा का सेवन आपको नुकसान पहुंचा सकता है। हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव के लिए 2.5 ग्राम तुलसी पत्तों के पाउडर को 200 ग्राम पानी के साथ 2 महीने तक नियमित रूप से प्रतिदिन सेवन किया जा सकता है।
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कम मात्रा में तुलसी के पत्तों और तुलसी के अर्क का उपयोग करने पर यह फायदेमंद होता है। लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने पर इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। तुलसी के पत्तों का उपयोग करने पर कुछ लोगों को एलर्जी (Allergies) प्रतिक्रियाएं भी हो सकती हैं। आइए जाने तुलसी के नुकसान क्या हैं।
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तुलसी के फायदे और नुकसान (Tulsi Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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Reference
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