हल्के पीले रंग की हल्दी के कारण दूध और हल्दी के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ है। हल्दी में हजारों गुण होते हैं और सदियों से इसका इस्तेमाल किया जाता आ रहा है। हल्दी में एंटीकैंसर और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते है जो अत्यधिक पौष्टिक दूध से पूरी तरह मिल जाती है। हल्दी और दूध के फायदे अनेक है और नुकसान ना के बराबर चुटकी भर हल्दी के कारण सफेद दूध का रंग हल्का पीला हो जाता है एक बार जब आप अपने आहार में हल्दी दूध शामिल करते हैं तो आपको अनेक स्वास्थ्य लाभ देखने को मिलेगें इस लेख को पढ़ने के बाद आप इसका सेवन जरुर करेंगे तो चलिए जानते है (Turmeric milk Benefits in Hindi) हल्दी और दूध के फायदे के बारे में।
हल्दी वाला दूध एक पारंपरिक भारतीय पेय है जो सर्दी होने, बुखार आने, चोट लग जाने या स्वास्थ्य संबंधी कोई अन्य परेशानी होने पर रामबाण की तरह काम करते हैं। हल्दी और दूध को स्वर्ण दूध भी कहा जाता है। न केवल इसके रंग के लिए, बल्कि इसके फायदे के लिए भी।
यह शक्तिशाली पेय हल्दी के साथ गाय का दूध मिलाकर बनाया जाता है। जिसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इन्फ्लामेट्री यौगिक शामिल हैं। हल्दी वाला दूध हल्दी के औषधीय गुणों को अपने आहार में शामिल करने का एक आसान तरीका है। यह एक ऐसा तरीका है जिससे आप अधिकांश बीमारियों से मुक्त हो सकते हैं और अपनी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ा सकते हैं।
इस पोस्ट में, हमने हल्दी और दूध पीने के फायदों के बारे में बताया है।
हल्दी वाला दूध पीने के फायदे (turmeric milk benefits) मुख्य रूप से इसमें मौजूद हल्दी के कारण होते हैं। हल्दी ही एक ऐसा मसाला है जिस पर सबसे अधिक शोध किये गए हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हल्दी मसाला होने के साथ ही एक औषधीय जड़ी बूटी भी है। हल्दी दूध के गुण इसमें मौजूद करक्यूमिन नामक घटक के कारण लाभकारी होते हैं। आप अपनी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए हल्दी दूध का उपयोग कर सकते हैं। नियमित रूप से हल्दी दूध का सेवन कर आप श्वसन समस्याओं, यकृत स्वास्थ्य, सूजन, गठिया और पाचन संबंधी समस्याओं का इलाज कर सकते हैं। आइए विस्तार से जाने हल्दी दूध पीने के फायदे क्या हैं। (1)
हल्दी वाले दूध में करक्यूमिन (Curcumin) होता है जो कि एक एंटीऑक्सीडेंट है। इसके अलावा हल्दी में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं जो जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार रूमेटीइड गठिया (rheumatoid arthritis) वाले रोगी को प्रतिदिन 500 मिली ग्राम हल्दी का सेवन कराया गया। इसके परिणाम गठिया का उपचार करने वाली दवाओं के समान ही पाया गया। लगभग इसी तरह के परिणाम अदरक का उपयोग करने से भी प्राप्त होते हैं। इसलिए बहुत से लोग हल्दी दूध के साथ ही अदरक पाउडर का भी इस्तेमाल करते हैं। यदि आप भी गठिया के दर्द से परेशान हैं तो हल्दी दूध के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। (2)
दूध और हल्दी के फायदे हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में सहायक होते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन साइटोकिन्स (cytokines) के स्राव को रोकता है जो हृदय की सूजन संबंधी समस्याओं को बढ़ाता है। इसके अलावा करक्यूमिन एंडोथेलियल कोशिकाओं के काम काज को भी सुधारता है। ये कोशिकाएं रक्त वाहिका अस्तर बनाती हैं। एंडोथेलियल कोशिकाओं (endothelial cells) के स्वस्थ्य रहने से हृदय भी स्वस्थ्य रहता है। यदि आप भी अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो हल्दी वाले दूध का सेवन करें। आप अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने के लिए हल्दी, दूध और दालचीनी के मिश्रण का भी सेवन कर सकते हैं। (3)
शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में हल्दी लाभकारी होती है। यही कारण है कि मधुमेह रोगी को नियमित रूप से हल्दी वाले दूध का सेवन करना चाहिए। अध्ययनों से पता चलता है कि करक्यूमिन (Curcumin) रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा यह यौगिक मधुमेह संबंधी यकृत विकारों को भी दूर करने में अहम भूमिका निभाता है। करक्यूमिन मधुमेह से जुड़े सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव जैसी समस्याओं को भी दूर करने में सहायक होता है। आप भी अपने शरीर मे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए हल्दी और दूध पीने के फायदे प्राप्त कर सकते हैं। (4)
मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए हल्दी दूध का उपयोग किया जा सकता है। इसमें मौजूद करक्यूमिन अवसाद और अल्जाइमर जैसी संभावनाओं को रोकने में सहायक होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार करक्यूमिन को मस्तिष्क-व्युत्पन्न न्युरोट्रॉफिक (brain-derived neurotrophic) कहा जाता है। यह ऐसा हार्मोन है जो मस्तिष्क में न्यूरॉन्स की संख्या और कार्य क्षमता को बढ़ाता है। हल्दी और दूध के साथ दालचीनी का सेवन करने से मस्तिष्क में न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रोटीन के स्तर को बढ़ाता है। जिससे पार्किंसंस रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है। अध्ययनों से यह भी स्पष्ट हुआ है कि हल्दी और दूध पीने के फायदे उम्र बढ़ने संबंधी संज्ञानात्मक गिरावट के जोखिम को भी कम करता है। यदि आप भी अपने मस्तिष्क को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो अपने दैनिक आहार में हल्दी दूध को जगह दे सकते हैं। (5)
यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो हल्दी वाले दूध का उपयोग कर सकते हैं। हल्दी वाले दूध में करक्यूमिन होता है जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इस गुण के कारण यह वजन कम करने में सहायक होता है। एक पशु अध्ययन से पता चलता है कि करक्यूमिन वसा ऊतकों की वृद्धि को कम करने में प्रभावी होता है। दूध के साथ करक्यूमिन का सेवन करना आपके मोटापे को कम कर सकता है। हालांकि इसके लिए अभी और भी शोधों की आवश्यकता है। लेकिन आप भी मोटापे से बचने के लिए नियमित रूप से हल्दी और दूध का सेवन कर सकते हैं। (6)
पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पित्त उत्पादन को भी 62 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है जिससे वसा पाचन को बढ़ावा मिलता है। अच्छे पाचन के लिए हल्दी, दूध और गुड़ के मिश्रण का सेवन किया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार हल्दी के औषधीय गुण चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम के लक्षणों को कम कर सकते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लामेटरी, कैरमिनिटिव और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। जिसके कारण यह जठरांत्र संबंधी समस्याओं को दूर कर सकता है। यदि आप भी पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो रात में सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं। (7)
यदि आप नींद की कमी संबंधी समस्या से परेशान हैं तो हल्दी वाला दूध आपकी मदद कर सकता है। आप अच्छी नींद लेने के लिए रात में सोने से पहले हल्दी, दूध और शहद के मिश्रण का सेवन करें। हल्दी वाला दूध नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। एक पशु अध्ययन के अनुसार चूहे को हल्दी वाले दूध का सेवन कराया गया। अध्ययन के अनुसार इस दौरान चूहे में नींद की कमी को दूर करने में सफलता प्राप्त हुई। इसके अलावा हल्दी में मौजूद करक्यूमिन चिंता और तनाव के स्तर को भी कम करता है। जिससे नींद लेने में आसानी होती है। यदि आप भी तनाव या चिंता के कारण नींद नहीं ले पा रहे हैं तो हल्दी दूध का नियमित सेवन शुरु करें। यह आपको गहरी और अच्छी नींद लेने में सहायक हो सकता है। (8)
दूध और हल्दी का सेवन करना आपको संक्रमण से बचा सकता है। हल्दी वाले दूध पीने के लाभ इंफेक्शन को रोकने में प्रभावी होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हल्दी में जीवाणुरोधी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। जिसके कारण यह कुछ प्रकार के वायरल संक्रमण को रोकने में हमारी मदद करता है। आप भी अपने शरीर को संक्रमण से दूर रखने के लिए नियमित रूप से प्रतिदिन 1 गिलास हल्दी दूध का सेवन कर सकते हैं।
मौसम परिवर्तन होने के कारण सर्दी और जुकाम आदि होना सामान्य है। लेकिन आप इन लक्षणों को दूर करने के लिए भी हल्दी वाले दूध का प्रयोग कर सकते हैं। हल्दी के एंटीवायरल और एंटीबायोटिक गुण सर्दी और इन्फ्लूएंजा वायरस को दूर रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा दूध आमतौर पर गले के संक्रमण में राहत दिलाता है। यदि आप भी सर्दी और इससे होने वाली अन्य समस्याओं से परेशान हैं तो हल्दी और दूध का सेवन करें।
लीवर संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए हल्दी और दूध के फायदे होते हैं। लीवर के लिए हल्दी दूध एक बेहतरीन टॉनिक है। इसमें कई हेपेटोप्रोटेक्टिव (hepatoprotective) और डिटॉक्सिफाइंग (detoxifying) गुण होते हैं। ये सभी गुण यकृत के कामकाज को संतुलित करने में मदद करते हैं। जिसे शरीर के रासायनिक केंद्र के रूप में जाना जाता है। यदि आप भी अपने लीवर की कार्य क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं। तो नियमित रूप से सुबह के समय हल्दी वाले दूध का सेवन करें।
हल्दी में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर में बलगम के प्रवाह और कार्य को बेहतर बनाते हैं। हल्दी के औषधीय गुण बलगम को हल्का बनाते हैं जिससे सिर दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा हल्दी के रक्त शुद्ध करने वाले गुण भी तनाव से संबंधित विषाक्त पदार्थों को दूर करते हैं। ये विषाक्त पदार्थ आपके सिर दर्द का कारण होते हैं। इस तरह से आप अपने सिर दर्द के उपचार के लिए हल्दी और दूध को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
मूत्र पथ संबंधी संक्रमण और समस्याओं को दूर करने में हल्दी प्रभावी मानी जाती है। यदि आप भी नियमित रूप से हल्दी वाले दूध का सेवन करते हैं तो आंतरिक अंगों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। हल्दी के औषधीय गुण मूत्राशय और गुर्दे में मौजूद विषाक्तता को दूर करते हैं। इस तरह से हल्दी वाला दूध मूत्र पथ में संक्रमण के विकास को रोकने और फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने में सहायक होता है। जिससे कई प्रकार के मूत्राशय संबंधी संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है।
हल्दी न केवल रक्त को शुद्ध करती है बल्कि यह रक्त परिसंचरण को भी बढ़ाती है। हल्दी में रक्त को पतला करने वाले और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं। ये दोनों ही गुण आपस में मिलकर रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा दूध और हल्दी के अन्य पोषक तत्व रक्त वाहिकाओं को आराम दिलाते हैं जिससे पूरे शरीर में स्वतंत्र रक्त प्रवाह को बढ़ावा मिलता है।
दूध और हल्दी के फायदे केवल स्वास्थ्य के लिए ही नहीं होते हैं। बल्कि यह त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी प्रभावी है। आप अपने चेहरे को सुंदर बनाने के लिए भी हल्दी और दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए विस्तार से जाने हल्दी और दूध के फायदे त्वचा के लिए क्या हैं।
हल्दी और दूध का मिश्रण आपके चेहरे के धब्बों को दूर कर सकता है। आप अपने फेस पैक में हल्दी और दूध को शामिल कर सकते हैं। यह मिश्रण चेहरे में पिंपल्स, ब्लैकहेड्स और ब्लेमिश की उपस्थिति को कम करने में सहायक होता है। हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है जो त्वचा में मौजूद बैक्टीरिया को दूर करने और त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। आप भी अपनी त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए हल्दी और दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं।
हम सभी जानते हैं कि हल्दी प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है और इसमें रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं। इस कारण ही हल्दी और दूध के फायदे त्वचा के चकत्ते दूर करने में सहायक होते हैं। त्वचा के चकत्ते दूर करने के लिए आप एक कटोरी में हल्दी और दूध का मिश्रण बनाए। इस मिश्रण में रूई को भिगोएं और प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। नियमित रूप से कुछ दिनों तक ऐसा करने से आपको चकते आदि से राहत मिल सकती है।
आप अपने चेहरे में मुंहासों की उपस्थिति दूर करने के लिए हल्दी और दूध का प्रयोग कर सकते हैं। दूध और हल्दी स्वाभाविक रूप से मुंहासों को रोकने में प्रभावी है। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। साथ ही एंटीसेप्टिक गुणों के कारण यह मुंहासे फैलाने वाले बैक्टीरिया को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। मुंहासों का उपचार करने के लिए आप हल्दी और दूध के मिश्रण को रूई की मदद से प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। साथ ही आप हल्दी और दूध का नियमित सेवन भी करें। कुछ दिनों के बाद आपको मुंहासों से राहत मिल जाएगी।
हर कोई स्वस्थ, निखरी और चमकदार त्वचा चाहता है लेकिन झुर्रियां, मुंहांसे , रुखी त्वचा और त्वचा संक्रमण जैसे एक्जिमा, छालरोग जैसे कारक हैं जो सौंदर्य को प्रभावित करते हैं।
हल्दी में एंटीऑक्सिडेंट एंटी इंफ्लैमेटरी गुण होते है जो रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है। शुद्ध और स्वस्थ रक्त स्वस्थ कोशिकाओं को जन्म देता है जो त्वचा को प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करते हैं।
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हल्दी वाला दूध कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत है जो हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए आवश्यक है। यह शरीर में रीढ़ की हड्डी और जोड़ों को मजबूत करता है और शरीर में होने वाले जोड़ो के दर्द को रोकता है।
जोड़ों का दर्द रुमेटी संधिशोथ के बहुत आम लक्षण है। गठिया के रोगी को पाने आहार में इस दूध को शामिल करना चाहिए यह गठिया के दर्द से राहत में दिलाने में मदद कर सकता है।
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रोग और संक्रमण के खिलाफ लड़ने की क्षमता को प्रतिरोधक क्षमता कहते है। उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता का मतलब है कि रोग होने का बहुत कम चांस होना।
हल्दी वाला दूध उच्च स्तर पर आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सबसे अच्छा पेय में से एक है आम सर्दी , खाँसी और वायरल बुखार, संक्रमण कुछ मौसमी समस्याएं होती हैं जो सामान्य रूप से हर किसी को परेसान करती हैं
घरों में हल्दी और दूध सर्दी, खांसी और अन्य जैसे गले के संक्रमणों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाल बहुत ही पारंपरिक उपाय है। इस संक्रमण में गले की बलगम मुख्य समस्या है जो सांस में बाधा बनती है। गर्म हल्दी वाला दूध आसानी से बलगम को निकलने में मदद करता है।
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कर्क्यूमिन (Curcumin), हल्दी का घटक होता है, जिसमे कैंसर विरोधी गुण है। हल्दी वाला दूध स्तन कैंसर, प्रोस्टेट, त्वचा, बृहदान्त्र, और फेफड़ों के कैंसर के काफी प्रभावी होता है।
दूध और हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और अन्य सक्रिय पदार्थ होते हैं जो कि मुक्त कोशिका क्षति को रोकने में मदद करते हैं जो की कैंसर पैदा कर सकता है।
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मासिक धर्म में हल्दी और दूध पीने से आराम मिलता है क्योंकि यह दूध गर्भाशय को उत्तेजित करता है जो मासिक धर्म के निर्वहन के मुक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है।
हल्दी और दूध के फायदे उन महिलाओं में प्रजनन क्षमता बढ़ती है जिनको हार्मोनल अपर्याप्तता के कारण गर्भ धारण करने में परेशानी होती है।
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सामान्य रूप से हल्दी वाला दूध पीने का कोई समय निर्धारित नहीं है। लेकिन फिर भी लोग अपनी सुविधा के अनुसार इसे सुबह या सोने से पहले हल्दी दूध का सेवन कर सकते हैं। यदि आपको अनिद्रा संबंधी समस्या है तो रात को सोने से पहले हल्दी दूध का सेवन करना अधिक फायदेमंद है। लेकिन यदि आप अन्य स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए हल्दी दूध का सेवन कर रहे हैं तो सुबह का समय आपके लिए सबसे अच्छा है। आप सुबह खाली पेट भी हल्दी और दूध का सेवन कर सकते हैं। यह आपको अतिरिक्त ऊर्जा दिलाने के साथ ही पाचन संबंधी समस्याओं को दूर कर सकता है।
हल्दी के टुकड़ो को बारीक काट ले अगर टुकड़े नहीं मिल पा रहे है तो अच्छी क्वालिटी का हल्दी पाउडर का उपयोग कर सकते है अब आधा गिलास दूध लेकर उसमे इसे डाल दे और 20 मिनिट तक उबाले अगर आपका दूर जादा गाढ़ा हो तो उसमे एक कप पानी मिला लीजिये और जब वह आधा गिलास बचे तब इस गैस से उतारकर पीने के बर्तन में ले लिजीये आपका हल्दी वाला दूध तैयार है।
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