Two Finger Test In Hindi टू फिंगर टेस्ट (वर्जिनिटी टेस्ट) सदियों से किया जा रहा है। इस लेख में आप जानेंगे टू फिंगर टेस्ट क्या है, टू फिंगर टेस्ट कौन करता है, टू फिंगर टेस्ट कैसे किया जाता है, टू फिंगर टेस्ट कितना विश्वसनीय है, फायदे और नुकसान के बारे में। माना जाता है कि टू फिंगर टेस्ट की शुरूआत 18वीं शताब्दी के आसपास हुई थी। लेकिन भारत में इसे वैध नहीं माना जाता है। टू फिंगर टेस्ट (दो उँगली परीक्षण) करने वाले डॉक्टरों को गृह मंत्रालय ने कुछ दिशानिर्देश दिए हैं। इन दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक एवं अनिवार्य है। टू फिंगर टेस्ट के लिए जारी दिशानिर्देश के अनुसार डॉक्टरों को न केवल पीड़ित महिला को बेहतर चिकित्सा प्रदान करने की आवश्यकता है बल्कि उसके साथ बहुत अधिक संवेदनशील व्यवहार एवं मनोवैज्ञानिक समर्थन भी देने की जरूरत है।
इस आर्टिकल में हम आपको टू फिंगर टेस्ट क्या है, कैसे किया जाता है, फायदे और नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
1. टू फिंगर टेस्ट क्या है – Two Finger Test Kya Hota Hai
2. टू फिंगर टेस्ट कौन करता है – Who perform Two finger test in Hindi
3. टू फिंगर टेस्ट कैसे किया जाता है – Two Finger Test Kaise Kiya Jata Hai
4. कोर्ट के लिए टू फिंगर टेस्ट के रिजल्ट के मायने – How can the result from two finger test be used in court in Hindi
5. टू फिंगर टेस्ट करने का कारण – Reasons of Two finger test in Hindi
6. टू फिंगर टेस्ट कितना विश्वसनीय है – Reliability of Two finger test in Hindi
7. टू फिंगर टेस्ट के फायदे – Two finger test Benefits in Hindi
8. टू फिंगर टेस्ट के नुकसान – Two finger test side effects in Hindi
टू फिंगर टेस्ट क्या है – Two Finger Test Kya Hota Hai
अक्सर टू फिंगर टेस्ट को वर्जिनिटी टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह लड़कियों या महिलाओं के कौमार्य का परीक्षण करने की एक प्रक्रिया है जिसमें यह जांच की जाती है कि लड़की के साथ संभोग किया गया है या नहीं। टू फिंगर टेस्ट आमतौर पर बलात्कार की घटनाओं की पुष्टि करने के लिए किया जाता है लेकिन भारत में इस टेस्ट को व्यापक रूप से विवादास्पद और अनैतिक माना जाता है। कई जगहों पर इस पर रोक लगा दी गई है लेकिन इसके बावजूद बड़े पैमाने पर टू फिंगर टेस्ट किया जाता है।
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टू फिंगर टेस्ट कौन करता है – Who perform Two finger test in Hindi
किसी महिला का बलात्कार होने के बाद दोषी को सजा दिलवाने के लिए महिला की सहमति लेकर टू फिंगर टेस्ट किया जाता है। हालांकि कई बार महिला की सहमति के बिना भी उसका परीक्षण किया जाता है। टू फिंगर टेस्ट प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा अस्पतालों में किया जाता है। लेकिन जिन स्थानों पर डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं वहां अक्सर अनुभवी और वृद्ध महिलाओं द्वारा टू फिंगर टेस्ट किया जाता है। जबकि किसी महिला की कौमार्यता का पता लगाने के लिए उसका पति घर पर ही उसका वर्जिनिटी परीक्षण करता है। हालांकि इसे उचित नहीं माना जाता है और यह महिलाओं के साथ अन्याय के समान है। महिला की योनि में लचीलेपन का बलात्कार या कौमार्यता से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए टू फिंगर टेस्ट न करने की सलाह दी जाती है।
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टू फिंगर टेस्ट कैसे किया जाता है – Two Finger Test Kaise Kiya Jata Hai
टू फिंगर टेस्ट के जरिए डॉक्टर अपनी राय देता है कि महिला के साथ बलात्कार हुआ है या नहीं। हालांकि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है, जो डॉक्टरों को ऐसा करने की अनुमति देता हो, लेकिन फिर भी कुछ जगह यह टेस्ट किया जाता है। आइये जानते हैं टू फिंगर टेस्ट कैसे होता है।
सबसे पहले पीड़ित महिला को बेड पर लेटा दिया जाता है और इसके कपड़ों को नाभि के ऊपर खिसकाया जाता है।
इसके बाद योनि की मांसपेशियों के लचीलेपन (laxity) की जांच करने के लिए डॉक्टर महिला की योनि में दो उंगलियों को डालकर परीक्षण करते हैं।
यदि दो उंगलियां आसानी से महिला की योनि में प्रवेश कर जाती हैं तो इससे यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि बलात्कार पीड़िता को संभोग करने की आदत है या वह संभोग में पहले भी लिप्त रह चुकी है।
अगर डॉक्टर की दो उंगलियां पीड़ित महिला की योनि में आसानी से प्रवेश नहीं करती हैं या प्रवेश कराने में कठिनाई होती है तो यह परीक्षण बलात्कार से महिला के जननांगों को होने वाले नुकसान की मात्रा को निर्धारित करता है।
वास्तव में टू फिंगर टेस्ट के दौरान डॉक्टर महिला की योनि में अपनी दो उंगलियां प्रवेश कराकर यह पता करते हैं कि महिला का हाइमन टूटा है या नहीं।
चिकित्सा की भाषा में यह माना जाता है कि जोर जबरदस्ती से किए गए सेक्स के कारण ही हाइमन जल्दी टूटता है इसलिए कुंवारी बलात्कार पीड़ित लड़कियों के साथ घटना की पुष्टि करने में यह टेस्ट मदद करता है।
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कोर्ट के लिए टू फिंगर टेस्ट के रिजल्ट के मायने – How can the result from two finger test be used in court in Hindi
जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि टू फिंगर टेस्ट बलात्कार पीड़िता की जांच के लिए किया जाता है। टू फिंगर टेस्ट का रिजल्ट आने के बाद रिपोर्ट के आधार पर अदालत दोषियों को सजा देती है। आइये जानते हैं टू फिंगर टेस्ट की रिपोर्ट के क्या मायने हैं।
यदि टू फिंगर टेस्ट में बलात्कार की पुष्टि हो जाती है और बलात्कार पीड़िता अविवाहित और वर्जिन है तो दोषी को अधिक से अधिक सजा देने का प्रावधान है।
अगर बलात्कार पीड़िता विवाहित महिला है तो दोषी को पहले से कुछ कम सजा दी जाती है।
यदि बलात्कार पीड़ित महिला अविवाहित है लेकिन वर्जिन नहीं है तो बलात्कार के दोषी को बहुत कम या कोई सजा नहीं मिल पाती है। क्योंकि बचाव पक्ष में वकील यह तर्क देता है कि महिला की सहमति से शारीरिक संबंध बनाया गया है।
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टू फिंगर टेस्ट करने का कारण – Reasons of Two finger test in Hindi
आपको बता दें कि वैसे तो टू फिंगर टेस्ट आमतौर पर महिला के साथ हुए बलात्कार का पता लगाने के लिए किया जाता है। लेकिन इसके अलावा अन्य कई कारणों से भी महिला का टू फिंगर टेस्ट या वर्जिनिटी टेस्ट किया जाता है। आइये जानते हैं टू फिंगर टेस्ट करने का क्या कारण है।
यदि किसी लड़की की शादी होने वाली हो तो उसकी कौमार्यता या वर्जिनिटी का पता लगाने के लिए घर पर टू फिंगर टेस्ट किया जाता है और हाइमन (hymen) की उपस्थिति का पता लगाया जाता है।
किशोरावस्था में लड़कियों को टीनएज प्रेगनेंसी और एचआईवी फैलने से बचाने के लिए भी टू फिंगर टेस्ट किया जाता है।
समाज में लड़कियों की कौमार्यता को अच्छा माना जाता है इसलिए चरित्र के परीक्षण के लिए भी टू फिंगर टेस्ट किया जाता है।
इसके अलावा शारीरिक उत्पीड़न, जोर जबरदस्ती से किया गया सेक्स या बलात्कार सहित घरेलू हिंसा का पता लगाने के लिए भी टू फिंगर टेस्ट किया जाता है।
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टू फिंगर टेस्ट कितना विश्वसनीय है – Reliability of Two finger test in Hindi
शोधकर्ताओं का मानना है कि टू फिंगर टेस्ट बहुत ज्यादा विश्वसनीय नहीं होता है क्योंकि महिला की योनि के अंदर का हाइमन फटना या टूटना किसी भी घटना का परिणाम हो सकता है।
चूंकि हाइमन योनि के अंदर एक मांसल ऊतक है जो प्रत्येक महिला में भिन्न-भिन्न होती है। यह पतली, मोटी, कठोर होती है और इसमें खिंचाव होता है। मासिक धर्म के दौरान टैम्पोन का इस्तेमाल करने, योनि में चोट लगने, स्पोर्ट्स में भाग लेने, खेल खेलने या कई अन्य कारणों से भी यह टूट जाती है। इसलिए यह गलत धारणा है कि हाइमन हमेशा संभोग करने के कारण ही टूटती है। चूंकि टू फिंगर टेस्ट हाइमन के परीक्षण पर ही टिका होता है इसलिए इस टेस्ट को अधिक प्रामाणिक या विश्वसनीय नहीं माना जाता है।
टू फिंगर टेस्ट के फायदे – Two finger test Benefits in Hindi
हालांकि टू फिंगर टेस्ट को अनैतिक माना जाता है लेकिन कई स्थानों पर अभी भी इसी टेस्ट के माध्यम से बलात्कार या वर्जिनिटी की पुष्टि की जाती है। आइये जानते हैं टू फिंगर टेस्ट के फायदों के बारे में।
अविवाहित या वर्जिन महिला के साथ हुई बलात्कार की घटना की बेहतर पुष्टि के लिए टू फिंगर टेस्ट फायदेमंद है।
टू फिंगर टेस्ट कई बार समय पर दोषी को सजा दिलाने का काम करता है।
टू फिंगर टेस्ट के नुकसान – Two finger test side effects in Hindi
यह एक ऐसा टेस्ट है जिसमें डॉक्टर हाथों में दस्ताना पहनकर महिला की योनि में अपनी दो उंगलियां डालते हैं। माना जाता है कि इस दौरान महिला को बलात्कार से भी अधिक और असहनीय दर्द होता है। इस टेस्ट को करते समय महिला दर्द के कारण बार बार चीखती है।
टू फिंगर टेस्ट महिलाओं के सम्मान को खराब करता है और उनकी प्राइवेसी को भी नुकसान पहुंचाता है।
2 फिंगर टेस्ट करते समय कई बार डॉक्टर क्रूरता दिखाते हैं जो पीड़ित महिला के मन पर बहुत खराब प्रभाव छोड़ता है।
टू फिंगर टेस्ट से महिला को आत्मसम्मान और आत्मविश्वास में कमी का सामना करना पड़ता है।
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