Typhoid in Hindi टाइफाइड या आंत्र ज्वर दूषित भोजन और पानी के कारण होने वाला रोग है, जो किसी भी उम्र में व्यक्तियों को हो सकता है। सिर दर्द, बुखार और सुस्ती महसूस होना इस रोग के सामान्य लक्षण है। टाइफाइड मुख्य रूप से आंत (Intestine) को प्रभावित करने वाला रोग है। उपचार के बगैर, टाइफाइड बुखार एक महीने या उससे अधिक समय तक बना रहता है और बहुत गंभीर समस्या को जन्म दे सकता है। यहां तक कि इलाज के अभाव में टाइफाइड के कारण हर साल 10 से 30 प्रतिशत व्यक्तियों की मृत्यु तक हो जाती है। अतः टाइफाइड बुखार का समय पर निदान और इलाज किया जाना आवश्यक होता है।
आज के इस लेख में आप जानेंगे कि टाइफाइड क्या है इसके लक्षण, कारण, निदान, जांच, इलाज और उपचार के साथ-साथ परहेज और घरेलू उपचार के बारे में।
टाइफाइड बुखार को आंत्र ज्वर के नाम से भी जाना जाता है। टाइफाइड बुखार, साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया (Salmonella enterica serotype Typhi bacteria) से दूषित पानी और भोजन का सेवन करने से फैलने वाली बीमारी है। इस बैक्टीरिया का वाहक एक संक्रमित मनुष्य को ही माना जाता है। यह बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर रक्त प्रवाह (bloodstream) के माध्यम से सफेद रक्त कोशिकाओं से होता हुआ लिवर, प्लीहा (spleen) और अस्थि मज्जा ( bone marrow) में प्रवेश करता है। यह बैक्टीरिया पित्ताशय की थैली, पित्त प्रणाली (biliary system) और आंत की लसीका ऊतक (lymphatic tissue) पर आक्रमण करता है, क्योंकि यहाँ बैक्टीरिया तेजी से वृद्धि करता है। इन अंगों में वृद्धि करने के बाद बैक्टीरिया पुनः रक्त में प्रवेश कर प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है, जिससे टाइफाइड में पसीना, तेज बुखार के साथ-साथ पेट में दर्द और भूख न लगना इत्यादि लक्षण देखने को मिलते हैं।
टाइफाइड बुखार का नाम टाइफाइड मैरी (typhoid mary) नामक एक अमेरिकन महिला के नाम पर रखा गया है, जो साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से पीड़ित थी और भोजन परोसती थी। जिसके कारण अमेरिका के उस क्षेत्र में यह बीमारी महामारी का कारण बनी। साल्मोनेला बैक्टीरिया मुख्य रूप से छोटी आंत पर आक्रमण करता है।
(और पढ़ें – टाइफाइड बुखार कारण लक्षण और इलाज)
टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफी (Salmonella Typhi) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया आमतौर पर मनुष्यों में पाया जाता हैं और एक व्यक्ति के मल या मूत्र के माध्यम से बाहर आता हैं, तथा अन्य व्यक्तियों में फैलाकर टाइफाइड का कारण बनता है। टाइफी बैक्टीरिया भोजन, पानी या सूखे सीवेज में कई हफ्तों तक जीवित रह सकता है। यह बैक्टीरिया रक्त प्रवाह में प्रवेश कर जाते हैं और एक या दो हफ्ते के भीतर संक्रमित व्यक्ति में तीव्र बुखार का कारण बनते हैं। उपचार के बाद और रिकवरी के दौरान भी पीड़ित व्यक्ति से यह टाइफाइड बैक्टीरिया दूसरे व्यक्तियों तक पहुंच सकता है। एक बार टाइफी बैक्टीरिया से संक्रमित होने वाला व्यक्ति बैक्टीरिया का लम्बे समय तक वाहक बन सकता है और कई वर्षों बाद भी पुनः टाइफाइड बुखार से पीड़ित हो सकता है।
टाइफाइड फैलने के प्रमुख कारणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:-
टाइफाइड के लक्षण टीकाकरण, आयु, सामान्य स्वास्थ्य की स्थिति आदि पर निर्भर करते हैं। टाइफाइड के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। एक व्यक्ति में संक्रमण के बाद लक्षणों के प्रगट होने में 1 या 2 सप्ताह का समय लग सकता है। इन लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
टाइफाइड बुखार की गंभीर जटिलताएं काफी दुर्लभ हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में पुरानी टाइफाइड के लक्षण काफी जोखिमदायक हो सकते है। अतः टाइफाइड की जटिलताओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
बुखार की स्थिति में डॉक्टर टाइफाइड का निदान करने के लिए सर्वप्रथम शारीरिक परीक्षण करता है, तथा चिकित्सकीय इतिहास के बारे में कुछ प्रश्न पूंछ सकता है। शारीरिक परीक्षण के तहत बुखार और शरीर पर लाल धब्बे की जाँच की जा सकती है और लक्षणों से सम्बंधित प्रश्न किये जा सकते हैं। टाइफाइड का सटीक निदान करने के लिए डॉक्टर द्वारा टाइफाइड टेस्ट की सिफारिश की जा सकती हैं। टाइफाइड टेस्ट के दौरान निम्न परीक्षणों को शामिल किया जा सकता है।
बॉडी फ्लूइड या टिश्यू कल्चर टेस्ट (Body fluid or tissue culture test) – इस टेस्ट के अंतर्गत साल्मोनेला टाइफी (S. typhi) की उपस्थिति निदान करने के लिए शरीर के रक्त, मूत्र या अस्थि मज्जा (bone marrow) के ऊतक का छोटा सा नमूना लिया जा सकता है। अतः इसके तहत निम्न परीक्षणों में से किसी एक को शामिल किया जा सकता है जैसे:
टाइफी डॉट आईजीएम (Typhi dot IgM) – डॉक्टर द्वारा इस परीक्षण का उपयोग बुखार के 2-3 दिनों के दौरान निदान करने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण आईजीएम (IgM) और आईजीजी (IgG) एंटीबॉडी की पहचान करता है।
विडाल टेस्ट (Widal test) – टाइफाइड बुखार की जांच ज्यादातर विडाल परीक्षण द्वारा किया जाता है। विडाल टेस्ट एक स्लाइड एग्लूटिनेशन टेस्ट (agglutination test) है, जो टाइफाइड और पैराटाइफाइड बुखार के रोगियों के सीरम में सीरम एग्लूटिनिन (serum agglutinins) की उपस्थिति का पता लगाता है। सीरम एग्लूटिनिन (serum agglutinins) टाइफाइड रोगी के रक्त में पाई जाने वाली ओ और एच एंटीबॉडी हैं। इस परीक्षण के तहत तीव्र टाइफाइड बुखार की स्थिति में ओ एग्लूटीनिन को आमतौर पर बुखार की शुरुआत के 6 से 8 दिन बाद और एच एग्लूटीनिन 10 से 12 दिनों के बाद देखा जा सकता है।
अधिकांश स्थितियों में टाइफायड का इलाज एंटीबायोटिक्स के द्वारा किया जाता है, तथा घर पर आराम करने की सलाह दी जाती है। अतः एक डॉक्टर द्वारा निम्न तरीकों से टाइफायड का इलाज किया जा सकता है, जैसे:
एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) – टाइफायड के इलाज के लिए डॉक्टर द्वारा एंटीबायोटिक्स की सिफारिश की जा सकती है जिसका सेवन उचित समय और पर्याप्त मात्रा में किया जाना महत्वपूर्ण होता है। एंटीबायोटिक्स द्वारा किया गया उपचार 2 से 3 दिनों में ही बेहतर परिणाम प्रदान कर सकता है और रोगी सात से 10 दिनों के भीतर ठीक हो सकता है। इन एंटीबायोटिक्स दवाओं में एजिथ्रोमाइसिन (azithromycin), सेफ्ट्रैक्सोन (ceftriaxone) और फ्लोरोक्विनोलोन (fluoroquinolones) को शामिल किया जा सकता है। यदि कुछ स्थितियों में मौखिक दवाएं सफल परिणाम प्रदान नहीं करती हैं तो तरल पदार्थों के साथ-साथ अंतः शिरा दवाओं (Intravenous medication) की भी सिफारिश की जा सकती है।
अन्य उपचार प्रक्रियाओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
घरों में टाइफाइड को दूसरे व्यक्तियों तक फैलने से रोकने के लिए निम्न सावधानियां रखनी चाहिए, जैसे:
टाइफाइड बुखार से बचाव के लिए घरेलू उपाय के तहत निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
टाइफाइड वैक्सीन टाइफाइड बुखार की रोकथाम का सबसे असरदार तरीका है। टाइफाइड की रोकथाम के लिए टीकाकरण में मुख्य रूप से दो प्रकार की वैक्सीन प्रयोग में लाई जा सकती हैं:
चूँकि यह टीका 100% तक प्रभावी नहीं होता है तथा समय के साथ-साथ इसकी प्रभावशीलता भी कम होती जाती है। लेकिन वर्तमान में बेहतर संयुग्म वैक्सीन (conjugate vaccine) का उपयोग किया जाने लगा है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि एचआईवी (HIV) पीड़ित किसी भी व्यक्ति को लाइव वैक्सीन और ओरल वैक्सीन की खुराक नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि इससे टाइफाइड टीके के गंभीर साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं।
ये आपके टाइफाइड बुखार की स्थिति में कुछ खाद्य पदार्थ लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं टाइफाइड में खाए जाने वाले आहार में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
उच्च कैलोरी आहार (high-calorie diet) – टाइफाइड से पीड़ित रोगियों के लिए उच्च कैलोरी आहार की सिफारिश की जाती है। चूँकि उच्च मात्रा में कैलोरी का सेवन टाइफाइड बुखार से सम्बंधित लक्षणों (जैसे- वजन में कमी और अन्य) को कम करने में लाभकारी होता है। उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
फलों का ताजा रस (Fresh fruit juices) – टाइफाइड बुखार की स्थिति में जितना संभव हो उतना तरल पदार्थ का सेवन करना महत्वपूर्ण होता है। चूँकि टाइफाइड से गंभीर दस्त और बुखार के कारण निर्जलीकरण की समस्या उत्पन्न हो सकती है और अनेक जटिलताओं का कारण बन सकती है। अतः उन खाद्य पदार्थों या ताज़े फलों का सेवन करना चाहिए जिनमें पानी की मात्रा अधिक हों।
कार्बोहाइड्रेट आहार (carbohydrate food) – टाइफाइड बुखार की स्थिति में घरेलू उपचार के तहत कार्बोहाइड्रेट में उच्च भोजन का सेवन करना चाहिए। अतः टाइफाइड बुखार के दौरान कार्बोहाइड्रेट आहार में उबले हुए चावल, सेंका हुआ आलू और उबला अंडा फायदेमंद होता है।
प्रोटीन युक्त आहार (protein foods) – टाइफाइड के रोगी के आहार में दही और अंडे शामिल करना लाभदायक होता है, क्योंकि यह मांस की तुलना में में आसानी से पचते हैं और शरीर में प्रोटीन की कमी को भी पूरा कर सकते हैं। शाकाहारी लोग उच्च प्रोटीन आहार में फलियां (legumes) और कॉटेज पनीर (cottage cheese) को भी शामिल कर सकते हैं। दही टायफायड और इसके लक्षणों को दूर करने का एक उचित घरेलू इलाज है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ (omega-3 fatty acids rich Food) – ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। अतः टाइफाइड की स्थिति में ओमेगा-3 फैटी एसिड रोगियों के लिए फायदेमंद होने के कारण इसके अत्याधिक सेवन पर जोड़ देने की आवश्यकता होती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों में अखरोट, अंडे, नट्स और बीज इत्यादि को शामिल किया जा सकता है।
टाइफाइड बुखार से पीड़ित होने पर डेयरी उत्पादों का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। साथ ही साथ अधिक मात्रा में चीनी उत्पाद जैसे शहद इत्यादि के सेवन पर भी ध्यान देना चाहिए।
(और पढ़ें – टाइफाइड फीवर डाइट प्लान और चार्ट)
कुछ खाद्य पदार्थ टाइफाइड बुखार की स्थिति गंभीर बना सकते है अतः संक्रमण की स्थिति में रोगीं को निम्न पदार्थों से परहेज करने की सलाह दी जाती है, जैसे:
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