मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) जिसे यूरिन इन्फेक्शन के नाम से भी जाना जाता है एक ऐसा संक्रमण है जो मूत्र विसर्जन के रास्ते में सूक्ष्मजीवों के द्वारा होता है। अधिकांश यूटीआई बैक्टीरिया के कारण होते हैं, लेकिन कुछ कवक और दुर्लभ मामलों में वायरस के कारण भी हो सकता है। यूटीआई इंसानों में होने वाला आम संक्रमण है। जो अधिकतर महिलाओं को होता है। UTI मूत्र मार्ग में कहीं भी हो सकता है। आपका मूत्र मार्ग दो गुर्दे (Kidney), मूत्राशय (bladder), और उरेथ्रा (urethra) से मिलकर बना होता है। अधिकांश संक्रमण, मूत्राशय और मूत्रमार्ग में होता है परन्तु कुछ मामलों में यह गुर्दे में भी हो सकता है। इस लेख में आप मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में जानेगें।
विषय सूची
1. यूटीआई क्या है – What is UTI in Hindi
2. यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई, मूत्र मार्ग संक्रमण) के लक्षण – Urinary tract infection symptoms in Hindi
3. यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के कारण – Urinary Tract Infection (UTI) Causes in Hindi
4. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) की जाँच – UTI Ki Janch in Hindi
5. यूरिन ट्रैक इन्फेक्शन (यूटीआई) के जोखिम कारक – Risk factors of UTI in Hindi
6. यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) से बचाव के तरीके – UTI prevention in Hindi
7. यूरिन इन्फेक्शन के घरेलू उपाय – Urine Infection (UTI) Home Remedies in Hindi
यूरिन इन्फेक्शन मूत्र मार्ग से सम्बंधित संक्रमण है जो आपके मूत्र तंत्र के किसी भी हिस्से जैसे – आपके गुर्दे, मूत्रमार्ग, मूत्राशय और मूत्र में संक्रमण का कारण बन सकता है। अधिकांश संक्रमण में – मूत्राशय और मूत्रमार्ग शामिल होते हैं।
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यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण, मूत्र मार्ग में संक्रमण किस भाग में हुआ है उस पर निर्भर करते है-
निचले मूत्रमार्ग और मूत्राशय में होने वाले संक्रमण के निम्न लक्षण हैं-
ऊपरी मूत्रमार्ग में संक्रमण गुर्दे को प्रभावित करता है। यह संक्रमण बेक्टीरिया द्वारा होता है और बहुत ही ख़तरनाक होता है, क्योंकि अगर बैक्टीरिया संक्रमित गुर्दे से रक्त में जाता है, तो ये संभावित रूप से इन्सान को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। इस स्थिति को यूरोपेप्सिस कहते हैं, जिसके कारण कम रक्तचाप, सदमा और मौत भी हो सकती है।
ऊपरी पथ संक्रमण के लक्षण –
कुछ यूटीआई जोखिम कारक उसके कारण भी होते है कुछ भी कारण जो आपके मूत्राशय को खाली करने में रूकावट पैदा करते है या मूत्र मार्ग में जलन और परेशानी उत्पन्न करते है, यूटीआई का कारण बन सकते है। ऐसे कई कारक हैं जो आपके शरीर में यूटीआई होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
इन कारकों में शामिल हैं-
यूटीआई का परीक्षण निम्न तरीकों से किया जा सकता है –
यह एक प्रकार का लैब परीक्षण है, जिसमें मरीज़ की पेशाब (Urine) नमूना लिया जाता है और फिर उसको लैब में परीक्षण किया जाता है। जाँच रिपोर्ट के आधार पर यह निर्धारित होता है कि मरीज़ को UTI है या नहीं। यदि संभावित है तो सोनोग्राफी के माध्यम से प्रभावित अंग का पता लगाया जाता है।
एज़ो टेस्ट स्ट्रिप्स के माध्यम से आप घर बैठे ही UTI टेस्ट कर सकते हैं, जिसका उपयोग करना बहुत ही आसान होता है। एज़ो टेस्ट स्ट्रिप्स के द्वारा आप 2 मिनट में रिजल्ट पा सकते हो। आजकल डॉक्टर भी एज़ो टेस्ट स्ट्रिप्स का ही उपयोग करते हैं। अतः एज़ो टेस्ट स्ट्रिप्स का उपयोग UTI टेस्ट के लिए भरोसेमंद है।
यूटीआई का उपचार उसके कारण पर निर्भर करता है। आपका डॉक्टर यह निर्धारित करने में सक्षम होगा कि कौन सा अंग संक्रमण का कारण बन रहा है।चूकि ज्यादातर मामलों में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन एक बेक्टिरियल इन्फेक्शन है, जिसके उपचार के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग करना लाभदायक रहता है। एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) वो होते हैं, जो जीवाणु के विरुद्ध कार्य करते हैं, और उसकी कार्य क्षमता को कम करके उसको नष्ट करते हैं।
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) बेक्टिरियल इन्फेक्शन के कारण होता है। अतः इसके उपचार के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है। यदि निचले भाग में संक्रमण होता है तो उसके उपचार के लिये ओरल एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है, और, अगर मूत्र मार्ग के ऊपरी पथ में संक्रमण होता है, तो फिर शिरा के माध्यम से एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता होती है। ये एंटीबायोटिक्स सीधे इंजेक्शन के माध्यम से आपकी नसों में भेजे जाते है। परन्तु कभी-कभी जब एंटीबायोटिक्स ज्यादा हो जाता है, तो बेक्टिरिया एंटीबायोटिक्स के लिए प्रतिरोध बना लेते हैं। जिसका यूरिन टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर पता लगा लेते हैं जिससे उनको उपचार में आसानी होती है।
यौन संभोग के दौरान महिला मूत्र पथ पर दबाव मूत्राशय में गुदा के आसपास से बैक्टीरिया को स्थानांतरित कर सकता है। संभोग के बाद ज्यादातर महिलाओं के मूत्र में बैक्टीरिया होता है। हालांकि, शरीर आमतौर पर 24 घंटे के भीतर इन बैक्टीरिया से छुटकारा पा लेता है।
महिलाओं में मूत्रमार्ग की लंबाई और स्थान यूटीआई की संभावना को बढ़ाता है। महिलाओं में मूत्रमार्ग योनि और गुदा दोनों के बहुत करीब होता है। बैक्टीरिया जो योनि और गुदा दोनों के आसपास स्वाभाविक रूप से होते है, मूत्रमार्ग में संक्रमण का कारण हो सकते है। एक महिला की मूत्रमार्ग एक आदमी की तुलना में भी छोटा होता है, और बैक्टीरिया के मूत्राशय में प्रवेश करने के लिए एक छोटी दूरी होती है।
गैर-स्नेहक लेटेक्स कंडोम घर्षण को बढ़ा सकता है और यौन संभोग के दौरान महिलाओं की त्वचा को परेशान कर सकता है। इससे यूटीआई का खतरा बढ़ सकता है।हालांकि, यौन संक्रमित संक्रमण के प्रसार को कम करने के लिए कंडोम महत्वपूर्ण हैं। कंडोम से घर्षण और त्वचा की जलन को रोकने में मदद के लिए, पर्याप्त पानी आधारित लुब्रिकेंट का उपयोग करना चाहिए, और संभोग के दौरान कंडोम का भी उपयोग करें।
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सेक्स के दौरान शुक्राणुनाशक का इस्तेमाल करने यूटीआई जोखिम में वृद्धि कर सकते हैं। वे कुछ महिलाओं में त्वचा की जलन उत्पन्न कर सकते हैं। इससे मूत्राशय में प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया का खतरा बढ़ जाता है।
डायाफ्राम एक महिला के मूत्रमार्ग पर दबाव डाल सकता है। जिससे मूत्र त्यागने में परेशानी हो सकती है जिससे यह मूत्राशय को खाली करने में कमी कर सकता हैं।
रजोनिवृत्ति के बाद, आपके एस्ट्रोजेन स्तर में कमी आना स्वाभाविक है इसके कारण आपकी योनि में सामान्य बैक्टीरिया में बदलाव आ जाता है। इससे यूटीआई का खतरा बढ़ सकता है।
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ज्यादातर मामलों में यूरिन ट्रैक इन्फेक्शन से बचने के लिए हर कोई निम्नलिखित कदम उठा सकता है-
यूटीआई के लिए कई घरेलू उपचार हैं, जिनके द्वारा यूटीआई का इलाज कर सकते हैं घरेलू उपचार आपके शरीर को संक्रमण को तेजी से दूर करने में मदद कर सकते हैं। जैसे एक करौंदा का रस का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि करौंदे में एक रसायन होता है, जो कुछ प्रकार के बैक्टीरिया को रोकने में मदद करता है जो आपके मूत्राशय में यूटीआई का कारण बन सकते हैं। भविष्य में यूटीआई को रोकने में भी यह सहायक हो सकता है।
निर्जलीकरण (Dehydration), UTI का सबसे बड़ा कारण हो सकता है। अतः आप पर्याप्त पानी पीकर मूत्रपथ में उपस्थित बेक्टेरिया को बाहर निकालने में सहायक होता है।
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अक्सर हम पेशाब को बहुत देर तक रोककर रखते हैं जो UTI का कारण हो सकता है। यदि हम बहुत लम्बे समय तक पेशाब रोककर रखते हैं, तो मूत्राशय में बैक्टीरियल इन्फेक्शन बढ़ सकता है, जो UTI का कारण हो सकता है।
महिलाओं को अपने यूरिनरी अंगों को अच्छे से साफ़ और सुखा रखना चाहिए। इससे बाहरी कारणों से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से बचा जा सकता है। महिलाओं को ढीले और सूती कपड़े और अंडरवियर पहनना चाहिए, जिससे मूत्रमार्ग को सूखा रखने में मदद मिल सके। टाइट जींस या नायलॉन जैसे कपड़े पहनने से बेक्टेरियल इन्फेक्शन हो सकता है। अतः अंगों को साफ़ और सूखा रखकर आप UTI अपने आप को बचा सकते हो।
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लहसुन में एलिसिन नामक सक्रिय तत्व पाया जाता है, ताजा कुचले कच्चे लहसुन में Antimicrobial activity पायी जाती है। जिसके सेवन से UTI को नियंत्रित किया जा सकता है।
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प्राकृतिक रूप से मानव मूत्र की प्रकृति अम्लीय होती है, किन्तु यदि आप UTI से संक्रमित हैं तो आपके मूत्र की प्रकृति क्षारीय हो जाती है। जिसके उपचार के लिए आप विटामिन C युक्त भोजन या फिर विटामिन C की टेबलेट ले सकते हैं। विटामिन C मूत्र को अधिक अम्लीय बनाता है और ई कोलाई बेक्टेरिया जो UTI का कारण हो सकता है, के विकास को रोकता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है।
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लोंग के तेल में एंटी बेक्टेरियल, एंटी फंगल, एंटी माइक्रोबियल और एंटीवायरल के गुण होते हैं। अतः आप लोंग तेल का उपयोग करके भी UTI का उपचार कर सकते हैं। लोंग तेल का उपयोग विशेषज्ञ की सलाह से ही करें।
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