Urine color in Hindi यूरीन के रंग से जाने अपनी सेहत। हमारे शरीर में बहुत से बदलाव होते है जिसमे से एक है हमारे यूरिन का कलर बदलना। हमारे पेशाब के अलग अलग रंग से हमें यह पता चलता है की कहीं हमें किसी तरह की कोई गंभीर बीमारी तो नही है। हमारे शरीर में होने वाले बहुत सारे बदलाव भी बहुत सी बीमारियों की तरफ इशारा करते है तो हमें यह जानना बहुत जरुरी है की हमारे यूरिन का कलर किस बीमारी की तरफ इशारा कर रहा है। परन्तु यह जरुरी नहीं है की यूरिन का कलर अगर चेंज है तो हमें कोई बीमारी जरुर होगी कई बार बहुत से खाद्य पदार्थो, दवाईयों और कम पानी पीने से भी पेशाब का रंग में बदलाव नजर आ सकता है।
इसलिए आज इस लेख में हम जानेंगे की यूरिन का कलर कैसा होना चाहिए और यूरिन का कलर बदलने के पीछे क्या कारण हो सकते है।
विषय सूची
1. यूरिन का कलर कैसा होना चाहिए – Urine ka color kaisa hona chahiye in hindi
2. यूरिन कलर बदलने का कारण – urine color badalne ka karan in hindi
3. विभिन्न प्रकार के यूरिन कलर – Vibhinn prakar ke urine color in hindi
डॉक्टरों के हिसाब से हल्के पीले रंग का यूरिन ही स्वस्थ होने की निशानी होता है जिसकी वजह से स्टैण्डर्ड यूरिन के कलर को यूरोक्रोम नाम दिया गया है, क्योकि आमतौर पर हमारे यूरिन का कलर पीला होता है परन्तु जब हमारा शरीर पूरी तरह से हाइड्रेटेड रहता है तो यूरिन का कलर बिल्कुल हल्का पीला यानि क्लोज टू क्लियर होता है। यूरिन का कलर हल्का पीला होना चाहिए परन्तु जब हमारा शरीर डीहाइड्रेटेड होता है तो आप देखेंगे कि आपका पेशाब एक गहरा एम्बर या यहां तक कि हल्का भूरा रंग का हो रहा है। आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन या दवा में मिले हुए विभिन्न वर्णक (pigment) आपके पाचन तंत्र के माध्यम से किडनी तक ले जाए जाते हैं जहां से किडनी अतिरिक्त पानी और अपशिष्ट पदार्थो को अलग करके यूरिन के द्वारा शरीर से बाहर करती है।
परन्तु अगर आपके यूरिन का कलर ऑरेंज, रेड, ब्लू, ग्रीन, ब्राउन, वाइट या ब्लैक होता है तो आपको तुरन्त डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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जैसे की हमने पहले बात की के आपके यूरिन का कलर इस बात पर निर्भर करता है की आप कितना पानी पीते है क्योकि अगर आप ज्यादा पानी पीते है तो आपके यूरिन का कलर एकदम हल्का पीला रहेगा लगभग साफ जैसा परन्तु अगर आप कम पानी पीते है तो आपके यूरिन का कलर और गहरे रंग का हो सकता है।
यूरिन का कलर बदलने के कई कारण हो सकते है जिनमें शामिल है-
हमारी डाइट भी एक बहुत बड़ा कारण है यूरिन कलर बदलने का क्योकि हम कई तरह के प्राकृतिक पदार्थो का सेवन करते है जैसे जामुन और चुकंदर का रंग वर्णक (pigment) के साथ क्रिया करता है और रंग बदलने की कोशिश करता है। भारी प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (highly processed foods) में डाई की उच्च मात्रा होती है, जिसकी वजह से यह डाई वर्णक के साथ क्रिया करता है जिससे यूरिन का कलर बदल सकता है।
विटामिन बी, जैसे राइबोफ्लेविन (बी -2) और कोबालामिन (बी -12), को फ्लोरोसेंट पीले-हरे रंग के यूरिन का कारण भी माना जा सकता है। और यदि आप सप्लीमेंट या मल्टीविटामिन लेते हैं, तो यह आपके चमकीले रंग के यूरिन का स्रोत हो सकते हैं।
अतिरिक्त बीटा कैरोटीन या विटामिन सी यूरिन के गहरे पीले या नारंगी रंग का होने का कारण बनता है। बीटा कैरोटीन, जिसे शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित किया जाता है, पीले और नारंगी खाद्य पदार्थों जैसे गाजर और शकरकंद में पाया जाता है।
खट्टे फलों के अलावा, विटामिन सी टमाटर, स्ट्रॉबेरी, और ब्रोकोली जैसे खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है। जो स्वास्थ्य को ठीक रखता है और हानिकारक बीमारियों से बचाता है।
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व्यायाम करने से भी यूरिन के कलर में बदलाव हो सकता क्योकि यदि आप कसरत के बाद भरपूर मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो हमारा शरीर डीहाइड्रेट हो सकता है और यह गहरे रंग के यूरिन का कारण बन सकता है। भरपूर पानी पिए बिना अत्यधिक व्यायाम करना एक गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है, जो मांसपेशियों के टूटने की वजह बन सकता है। कोला या चाय के रंग वाले पेशाब की वजह से मांसपेशियों में गंभीर दर्द हो सकता है। यदि ऐसा होता है, तो आपको तत्काल डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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ओवर-द-काउंटर और प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाएं भी आपके पेशाब के कलर को ब्राइट या अधिक ब्राइट बना सकती हैं। इसमें एंटीबायोटिक्स, जुलाब (laxative) और कैंसर का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ कीमोथेरेपी दवाएं शामिल हो सकती हैं।
उदाहरण के तौर पर, दवा फेनाज़ोपाइरिडिन (पाइरिडियम) का ज्यादातर उपयोग आमतौर पर पेशाब पथ के संक्रमण (यूटीआई) से होने वाली असुविधा के इलाज के लिए किया जाता है। इसका उपयोग करने से नारंगी रंग का पेशाब हो सकता है।
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आपके यूरिन कलर में परिवर्तन आपके किडनी, लीवर या मूत्राशय (bladder) के कार्य में परेशानी का संकेत हो सकता है। यदि आपका यूरिन बदबूदार है या तेज गंध विकसित कर रहा है, तो आपको मूत्राशय या किडनी में संक्रमण के लक्षण हो सकते है। यह विशेष रूप से सही है की यदि आपको इन संक्रमणों के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि पेशाब करते समय दर्द, बुखार, उल्टी या पीठ में दर्द तो आप तुरन्त ही डॉक्टर से सलाह लें और इलाज करवाएं।
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कई डॉक्टर यह बताते हैं कि ब्राइट-येलो पेशाब गर्भावस्था के समय का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है। हालांकि, इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई खास अध्ययन नहीं किया गया हैं। इसलिए गर्भावस्था को यूरिन कलर बदलने का महत्वपूर्ण कारण नहीं मान सकते है।
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यूरिन के कलर के कई प्रकार होते है जिनसे यह पता लगाया जा सकता है की कहीं यह कोई गंभीर बीमारी के संकेत तो नहीं है, विभिन्न प्रकार के यूरिन कलर की सूचि निचे दी गयी है-
यदि आपके यूरिन का कलर हल्का पीला या एकदम साफ़ है तो इसका मतलब है की आप एकदम स्वस्थ है और ठीक से पानी पी रहे है।
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यदि आपके यूरिन का कलर थोड़ा ज्यादा पीला है तो इसका अर्थ है की आप पानी कम पी रहे है और आपका शरीर डीहाइड्रेट हो रहा है, इससे बचने के लिए आपको अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेने की आवश्यकता है।
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यदि आपके यूरिन का कलर गहरा पीला है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए और तुरन्त डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए क्योकि यह लक्षण लीवर सम्बन्धी बीमारी के या हेपेटाइटिस (hepatitis) के हो सकते है।
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यदि आपके यूरिन का कलर दुधिया सफेद रंग का है तो तुरन्त डॉक्टर को दिखाए क्योकि यह यूरिन मार्ग में संक्रमण (UTI) और किडनी स्टोन के लक्षण हो सकते है।
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इस तरह का लाल या गुलाबी यूरिन कलर तब आता है जब आपने भोजन में चुकन्दर या जामुन खाया हो, परन्तु अगर आपने इन खाद्द पदार्थो का सेवन नही किया है तो यह यूरिन में रक्त आने का संकेत हो सकता है या फिर कभी कभी ज्यादा एक्सरसाइज करने से या किडनी में स्टोन की वजह से भी लाल रंग का यूरिन आ सकता है। अगर आपको सही वजह समझ ना आये तो आप डॉक्टर की सलाह ले सकते है।
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यदि आपके यूरिन का कलर नारंगी हो रहा है तो इसका मतलब यह हो सकता है की आप यूरिन से सम्बंधित किसी प्रकार की बीमारी की दवा ले रहे है। इस तरह का नारंगी कलर कभी कभी गाजर खाने या उसका रस पीने से भी हो सकता है।
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यूरिन की बीमारियों को ठीक करने के लिए ली जाने वाली दवाईयों की वजह से भी कभी कभी हमारा यूरिन भूरे रंग में बदल जाता है। यह स्थिति कोई खास चिंताजनक नहीं होती है।
पोर्फिरीया ( porphyria ) नामक एक स्थिति के कारण भी यूरिन गहरे बैंगनी रंग का दिखाई देता है। पोर्फिरीया एक दुर्लभ प्रकार का मेटाबोलिक विकार है।
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कुछ दवाईयों और भोजन में मिलाने वाले रंगों की वजह से भी यूरिन में हरा रंग आ सकता है, परन्तु कभी कभी यह यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया के इन्फेक्शन की वजह से भी यूरिन में हरा रंग आने की संभावना हो सकती है।
यूरिन में नीला कलर भी भोजन और दवाईयों में विभिन्न तरह के रंग मिलाने से आ सकता है, परन्तु यह हाइपरकैल्सिमिया या ब्लू डायपर सिंड्रोम के भी लक्षण हो सकते है।
बहुत अधिक मात्रा में रुबर्ब या एलोवेरा का सेवन करने से यूरिन का कलर काला हो सकता है, और अधिक मात्रा में कॉपर या फिनॉल विषाक्तता (toxicity) वाले पदार्थ जिसे मेलेनोमा भी कहा जाता है की वजह से यूरिन का काला रंग आ सकता है जिसे मेलेनुरिया कहा जाता है।
नोट- बताये गये कारणों के आलावा भी कई अन्य कारण हो सकते है पेशाब का रंग चेंज होने के इसलिए अगर आपको यूरिन का कलर असामान्य लगता है तो डॉक्टर से सलाह जरुर लें।
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