Urticaria in hindi शीतपित्त यानि अर्टिकेरिया खुजली की बीमारी का एक घातक प्रकार है जिसे ठीक करने के लिए आपको दवाओं का सेवन तक करना पड़ सकता है। आमतौर पर खुजली को लोग साधारण समझ कर अनदेखा कर देते हैं लेकिन शीतपित्त कोई सामान्य खुजली नहीं है बल्कि यह एक स्वास्थ्य समस्या है जिसे अनदेखा करना आपके लिए घातक हो सकता है। अर्टिकेरिया होने के कई कारण हो सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि आर्टिकेरिया (शीतपित्त) क्या होता है इसके लक्षण, कारण और उपचार क्या होते हैं।
बीमारियां शरीर को प्रभावित करती है। खुजली भी एक प्रकार की बीमारी है। आमतौर पर गर्मियों के समय पसीना आने, त्वचा पर दानें होने या मच्छर काटने के कारण खुजली पैदा हो जाती है। त्वचा पर खुजली बहुत कम समय के लिए होती है और खुजाने पर यह शांत हो जाती है लेकिन जब यह खुजली आपको जरुरत से ज्यादा परेशान करें तो यह सामान्य नहीं रह जाती है। खुजली के कारण त्वचा पर रैशेज, दानें, सूजन आदि आ जाने के कारण एलर्जी पैदा हो जाने की समस्या को अर्टिकेरिया कहा जाता है।
आइए जानते हैं कि क्या होता है आर्टिकेरिया और इससे जुड़ी कुछ बातों के बारे में।
1. अर्टिकेरिया (शीतपित्त) क्या होता है – What is hives (urticaria) in Hindi
2. अर्टिकेरिया (शीतपित्त) के कारण- What causes urticaria in Hindi
3. अर्टिकेरिया (शीतपित्त) के प्रकार- Types of urticaria in Hindi
- तीव्र अर्टिकेरिया – Acute urticaria in Hindi
- क्रोनिक अर्टिकेरिया – Chronic urticaria in Hindi
- फिजिकल अर्टिकेरिया – Physical urticaria in Hindi
- एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया – Aquagenic urticaria in Hindi
- जेनेटिक अर्टिकेरिया- Genetic urticaria in Hindi
4. अर्टिकेरिया (शीतपित्त) की जांच और उपचार के तरीके – Diagnose and cure of urticaria in Hindi
5. आर्टिकेरिया (शीतपित्त) का घरेलू उपचार – Tips to prevent urticaria in Hindi
6. अर्टिकेरिया होने पर डॉक्टर को कब दिखाएं- When to visit a doctor in urticaria in Hindi
अर्टिकेरिया (शीतपित्त) क्या होता है – What is hives (urticaria) in Hindi
इस बीमारी में त्वचा पर लाल-पीले दानें पड़ जाते हैं जिनमें सूजन आ जाती है और खुजली होने लगती है। खुजली शरीर पर छोटे से लेकर बड़े तक कितने भी हिस्से पर हो सकती है। इस दौरान होंठ, जीभ, गले और कान आदि पर भी रैशेज हो सकते हैं। इस खुजली की अवधि कुछ घंटों से लेकर कई सालों तक हो सकती है। एंजियोएडिमा (angioedima) आर्टिकेरिया से अलग एक बीमारी होती है जिसमें सूजन त्वचा की सतह पर नहीं ब्लकि नीचे होती है। बहुत बार इस बीमारी को लोग अर्टिकेरिया ही समझ लेते हैं जबकि यह बीमारियां अर्टिकेरिया से भी घातक होती है और सांस लेना भी दूभर कर देती है।
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अर्टिकेरिया (शीतपित्त) के कारण- What causes urticaria in Hindi
वैसे तो डॉक्टर अर्टिकेरिया के पीछे का सटीक कारण नहीं बता पाते हैं लेकिन इस बीमारी के संभावित कारण निम्न होते हैं।
- एलर्जीक रिएक्शन
- खाद्य पदार्थों में केमिकल्स
- संक्रमण जिसमे सामिल है इन्फ्लूएंजा, सामान्य सर्दी, और हेपेटाइटिस बी
- जीवाणु संक्रमण, मूत्र पथ संक्रमण और गले में खराबी
- कीड़े का डंक लगना
- पुरानी बीमारी, जैसे थायराइड रोग या लूपस
- सूरज की रोशनी
- शरीर का तापमान अधिक होना
- दवाओं का रिएक्शन।
दरअसल इन सभी कारण से शरीर में हिस्टामाइन केमिकल का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण ब्लड प्लाज्मा से छोटी-छोटी ब्लड वैसल्स से रिेसने लगता है। इससे त्वचा पर खुजली पैदा हो जाती है।
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अर्टिकेरिया (शीतपित्त) के प्रकार- Types of urticaria in Hindi
इस बीमारी के कई प्रकार होते हैं और इसी के आधार पर इसका ईलाज भी अलग-अलग होता है।
तीव्र अर्टिकेरिया – Acute urticaria in Hindi
इसकी अवधि 6 सप्ताह तक की होती है। इसका मुख्य कारण लेटेक्स, दवाओं और खाद्य पदार्थों के कारण होने वाला संक्रमण, कीड़े का डंक मारना आदि होता है। इसके अलावा ताजा बेरीज खाने, सोया, अनाज, दूध, नट्स, चॉकलेट्स, टमाटर और अंडा खाने से भी तीव्र अर्टिकेरिया (Acute urticaria) समस्या हो सकती है।
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क्रोनिक अर्टिकेरिया – Chronic urticaria in Hindi
इस प्रकार के शीतपित्त में खुजली और सूजन 6 सप्ताह से भी अधिक समय तक रहती है। इसका कारण भी खान-पान और एलर्जीक रिएक्शन हो सकता है इसके अलावा इम्यून सिस्टम, क्रोनिक इंफेक्शन, हार्मोनल डिसऑर्डर और ट्यूमर भी क्रोनिक अर्टिकेरिया कारण हो सकते हैं।
फिजिकल अर्टिकेरिया – Physical urticaria in Hindi
त्वचा के सीधे गर्मी, ठंडक, सूर्य की किरणों, तेज धूप, दबाव, पसीने आदि के संपर्क में आने के कारण फिजिकल अर्टिकेरिया होता है। इसकी अवधि काफी अधिक नहीं होती है। यह अधिकतर एक घंटे तक ही होने वाली खुजली होती है।
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एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया – Aquagenic urticaria in Hindi
यह पानी के संपर्क में आने से पैदा होने वाली खुजली होती है। 2011 की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष ऐसे कई केस आते हैं जिनमें पानी, बारिश, पसीने और आंसू आदि के संपर्क में आने पर त्वचा पर खुलजी पैदा हो जाती है।
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जेनेटिक अर्टिकेरिया- Genetic urticaria in Hindi
कई बार अनुवांशिक कारणों से भी त्वचा पर खुजली पैदा हो जाती है जिसे जेनेटिक अर्टिेकेरिया कहा जाता है। यह बीमारी जीन के कारण संचरित भी एक से दूसरी पीढ़ी में संचरित हो सकती है इसलिए शीतपित्त को अनुवांशिक माना जाता है।
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अर्टिकेरिया (शीतपित्त) की जांच और उपचार के तरीके – Diagnose and cure of urticaria in Hindi
ब्लड टेस्ट और स्किन टेस्ट करवा कर इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। एंटी-हिस्टामाइन (Anti-histamine) दवाएं और एपीनेफ्रीन (Epinephrine) आदि दवाओं का डॉक्टर के परामर्श से सेवन करें जिससे आराम मिलता है इसके अलावा आप कुछ घरेलू उपायों जैसे
- कॉल्ड कंप्रेस
- बेकिंग सोडा
- सेब का सिरका
- ओटमील
- अदरक
- एलोवेरा जेल
- हल्दी
आदि घरेलू उपचारों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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आर्टिकेरिया (शीतपित्त) का घरेलू उपचार – Tips to prevent urticaria in Hindi
- गर्म पानी की बजाय हल्के गर्म पानी का इस्तेमाल करें।
- त्वचा पर नर्म प्रभाव डालने वाली साबुन का इस्तेमाल करें।
- कपड़े की मदद से कॉल्ड कंप्रेस करें।
- कम तापमान में रहने की कोशिश करें।
- हल्के और कम फिटिंग के कपड़े पहनें।
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अर्टिकेरिया होने पर डॉक्टर को कब दिखाएं- When to visit a doctor in urticaria in Hindi
- खुजली और सूजन बहुत तेज होने पर
- चक्कर आने पर
- सांस लेने में समस्या होने पर
- सीने के तन जाने पर
- जीभ, होंठ और चेहरे पर सूजन आने के कारण भी डॉक्टर से परामर्श लें।
शीतपित्त को साधारण खुजली या स्किन एलर्जी समझ कर लोग अक्सर नजरअंदाज करते हैं। लेकिन कभी-कभी खुजली इस बीमारी में इतना परेशानी करती है कि आपका कुछ भी करना मुश्किल हो जाता है इसलिए कोशिश करें हेल्दी डाइट अपनाएं और स्वास्थ्य का ख्याल रखें जिससे आपको यह बीमारी परेशान ना करे।
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