Uterine Prolapse in Hindi गर्भाशय और योनि का आगे की तरफ बढ़ाव (uterine and vaginal prolapse) तब होता है जब पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों और लिगामेंट में खिंचाव होता है जिससे यह कमजोर हो जाते हैं और जब यह गर्भाशय को पर्याप्त सपोर्ट नहीं दे पाते है तो नतीजतन, गर्भाशय नीचे की ओर फिसल जाता है या योनि से बाहर निकल जाता है। पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स (pelvic organ prolapse) की समस्या किसी भी उम्र की महिलाओं में हो सकती है। लेकिन यह अक्सर पोस्टमेनोपॉज़ल (postmenopausal) महिलाओं को प्रभावित करता है जिनके एक या इससे अधिक योनि प्रसव हो चुके हैं। अगर गर्भाशय हल्का सा आगे की ओर बढ़ा है तो आमतौर पर उसके लिए उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।
लेकिन अगर गर्भाशय का नीचे की तरफ बढ़ना आपको असहज महसूस करा रहा है या आपके सामान्य जीवन को बाधित करता है, तो आपको इसका उपचार लेना चाहिए इससे आपको लाभ हो सकता है। आज इस लेख के द्वारा हम जानेंगे की प्रोलैप्स यूटरस क्या है और इसके क्या लक्षण और कारण होते है प्रोलैप्स गर्भाशय कितने प्रकार के होते है, और वेजाइनल प्रोलैप्स की जांच और इलाज कैसे किया जा सकता है।
विषय सूची
गर्भाशय (गर्भ) एक मस्कुलर स्ट्रक्चर है जो पैल्विक मांसपेशियों और लिगामेंट के पास की जगह में होता है। यदि इन पेल्विक मांसपेशियों या लिगामेंट में खिंचाव होता है और यह कमजोर हो जाते हैं, तो उसके बाद यह गर्भाशय को सपोर्ट देने में सक्षम नहीं रहते हैं, जिससे गर्भाशय में आगे को बढ़ाव महसूस होता है जिसे प्रोलैप्स यूटरस (बच्चेदानी बाहर आना) कहा जाता है। इस समस्या को पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स और वेजाइनल प्रोलैप्स भी कहा जाता है।
गर्भाशय में आगे को बढ़ाव तब होता है जब गर्भाशय अपनी सामान्य स्थिति से निकल जाता है या फिसल कर योनि (जन्म नहर) में चला जाता है। पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स दो तरह से होता है अधूरा या पूरा। एक अधूरा प्रोलैप्स (incomplete prolapse) तब होता है जब गर्भाशय केवल योनि में आंशिक रूप से नीचे की तरफ आता है। परन्तु एक पूर्ण प्रोलैप्स (complete prolapse) तब होता है जब गर्भाशय इतनी नीचे गिर जाता है कि इसके कुछ टिश्यू योनि के बाहर फैल जाते हैं।
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यूटेराइन प्रोलैप्स (गर्भाशय का खिसकना) को विभिन्न चरणों में वर्णित किया गया है, यह चरण दर्शाते है कि यह प्रोलैप्स कितनी नीचे आ चुका है। इसमें अन्य पैल्विक अंगों जैसे मूत्राशय (bladder) या आंत्र (bowel) भी योनि में फिसल कर आ सकती है, इसलिए वेजाइनल प्रोलैप्स की चार श्रेणियां हैं, जिनमें शामिल है-
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शरीर में प्रोलैप्स की स्थिति तब होती है जब शरीर का कोई अंग अपने सामान्य स्थान से नीचे गिर जाता है या फिसल जाता है। योनि और गर्भाशय प्रोलैप्स के आलावा इसके अन्य प्रकारों में शामिल हैं-
यूटेराइन प्रोलैप्स (Uterine prolapse) – इस प्रकार में गर्भाशय उभरा हुआ होता है या योनि में फिसल गया होता है, और कभी-कभी ऐसा भी होता है कि यह योनि की ओपनिंग से बाहर आ जाता है।
योनि में आगे को बढ़ाव (Vaginal vault prolapse) – इसमें योनि का शीर्ष योनि नलिका में नीचे की तरफ चला जाता है। यह आमतौर पर उन महिलाओं में होता है जिन्होंने हिस्टेरेक्टॉमी (यानि गर्भाशय को हटाने) की सर्जरी करवाई हो।
सिस्टोसेल (Cystocele) – इस प्रकार में मूत्राशय (bladder) योनि में आ जाता है।
मूत्रमार्ग (Urethrocele) – इसमें मूत्रमार्ग (एक नली जो मूत्र को मूत्राशय से बाहर ले जाती है) योनि में प्रवेश करती है। बहुत सी महिलाओं में सिस्टोसेल और मूत्रमार्ग की समस्या अक्सर एक साथ पाई जाती हैं।
रेक्टोसेल (Rectocele) – मलाशय (rectum) योनि में या उसके बाहर निकल आता है।
एंट्रोसेल (Enterocele) – योनि की पिछली दीवार के पीछे छोटी आंत पर उभार आ जाता है। एंट्रोसेल और योनि वॉल्ट प्रोलैप्स की समस्या अक्सर एक साथ होती हैं।
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माइल्ड पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स होने पर आमतौर पर कोई संकेत या लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। परन्तु अगर गंभीर रूप से बच्चेदानी बाहर आने की समस्या हो तो इसमें निम्न लक्षण दिखाई दे सकते है, जिनमें शामिल हैं-
पेल्विक एरिया में कुछ भरा हुआ महसूस होना, साथ ही भारीपन या दर्द की भावना महसूस होना। अक्सर यह अहसास दिन पर दिन और खराब होता जाता है ऐसे में खड़े होने, कुछ उठाने या खांसने पर स्थिति और खराब हो जाती है।
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)पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां कई कारणों से कमजोर हो सकती हैं, जिनमें मुख्य कारण है-
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प्रोलैप्स गर्भाशय का निदान आमतौर पर कुछ विभिन्न परीक्षणों द्वारा किया जाता है, जिनमें शामिल है-
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बच्चेदानी बाहर आने का इलाज इस समस्या की गंभीरता पर निर्भर करती है। फिर भी आप कुछ उपाय अपनाकर पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स का इलाज कर सकती है, जो दो तरह से होते है एक नॉन सर्जिकल और दूसरा सर्जिकल।
इस तरह के इलाज में आप सेल्फ केयर तरीके अपना सकती है जैसे-
यह एक प्रकार का योनि उपकरण है जो गर्भाशय को सपोर्ट प्रदान करता है और इसे अपनी सही स्थिति में रखता है। पेसरी की देखभाल, इसे हटाने और लगाने के तरीकों की जानकारी के लिए इस पर दिए गए निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है। गंभीर प्रोलैप्स के मामलों में, पेसरी की वजह से आपको जलन, अल्सर और यौन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अपने डॉक्टर के साथ चर्चा करें कि क्या यह उपचार आपके लिए सही है।
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आपका डॉक्टर गर्भाशय के आगे बढ़ने की समस्या का ट्रीटमेंट करने के लिए सर्जरी की सलाह दे सकता है। इसके इलाज के लिए न्यूनतम इनवेसिव (लैप्रोस्कोपिक) (Minimally invasive (laparoscopic) या योनि सर्जरी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
इस सर्जरी में शामिल हो सकती हैं-
यह सर्जरी आमतौर पर योनि के माध्यम से की जाती है लेकिन कभी-कभी यह पेट के माध्यम से भी होती है। इस प्रक्रिया में सर्जन आपके पैल्विक अंगों को सपोर्ट देने के लिए आपके कमजोर पैल्विक फ्लोर स्ट्रक्चर पर आपके अपने टिश्यू , डोनर टिश्यू या एक सिंथेटिक मटेरियल को ग्राफ्ट करता है।
कुछ मामलों में गर्भाशय के आगे बढ़ जाने की वजह से डॉक्टर आपको हिस्टेरेक्टोमी की सलाह दे सकता है। हिस्टेरेक्टॉमी की प्रक्रिया आमतौर पर बहुत सुरक्षित होती है, लेकिन किसी भी सर्जरी के साथ जटिलताओं का खतरा तो होता ही है।
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पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स की समस्या से बचने के लिए आप केगेल व्यायाम, वजन प्रबंधन और भारी वजन ना उठाने का प्रयास करें। उपचार के सफल होने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है केगेल एक्सरसाइज को ठीक तरह से करना। यह एक्सरसाइज कहीं भी और किसी भी समय की जा सकती है और यह पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करने में भी मदद कर सकती है। आपका चिकित्सक आपको यह निर्देश दे सकता है कि केगेल एक्सरसाइज को उचित तरह से कैसे करना है। तो चलिए देखते है केगेल एक्सरसाइज करने का सही तरीका क्या होता है-
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प्रोलैप्स का उपचार इसके विभिन्न चरणों और गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ प्राकृतिक उपाय प्रोलैप्स गर्भाशय के जोखिम को कम कर सकते हैं और इसे बिगड़ने से रोक सकते हैं। बच्चेदानी बाहर आने के घरेलू उपाय में शामिल है-
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