Garbhashay Mein Sujan In Hindi गर्भाशय को आमतौर पर महिला की कोख या बच्चेदानी (woman’s womb) के नाम से भी जाना जाता है। औसतन महिला के गर्भाशय का आकार 2.5 इंच से 3-4 इंच का होता है। गर्भाशय का आकार और आयाम (dimensions) नीचे से ऊपर तक नाशपाती जैसा होता है। गर्भाशय की सूजन या महिला के गर्भाशय में असामान्य रूप से वृद्धि प्रेगनेंसी और फाइब्रॉयड्स के कारण होता है। जैसे ही गर्भाशय में सूजन होती है महिला को पेट के निचले हिस्से में भारीपन महसूस होने लगता है और उलझन सी होने लगती है। हालांकि शुरूआत में कोई विशेष लक्षण नहीं दिखायी देतें है। लेकिन गर्भाशय में सूजन पैदा होने के बाद महिला को तेज ब्लीडिंग शुरू हो जाती है और शरीर में काफी दर्द भी होता है। गर्भाशय में सूजन कई कारणों से होती है इसलिए जैसे-जैसे समय बीतता है, इसके लक्षण महसूस होने लगते हैं।
विषय सूची
1. गर्भाशय (बच्चेदानी) में सूजन के कारण – Causes Of Uterus Swelling In Hindi
2. गर्भाशय (बच्चेदानी) में सूजन के लक्षण – Symptoms Of Uterus Swelling In Hindi
3. गर्भाशय की सूजन दूर करने के उपाय – Uterus Swelling Home Remedies In Hindi
आमतौर पर महिलाओं के गर्भाशय में सूजन तब होता है जिस वर्ष उसका मेनोपॉज होने वाला होता है। लेकिन गर्भधारण के समय भी महिलाओं के गर्भाशय में सूजन हो सकता है। इसके अलावा अन्य बहुत से कारणों से महिलाओं के गर्भाशय में सूजन होता है। आइये जानते हैं महिलाओं के गर्भाशय में सूजन के संभावित कारण क्या होते हैं।
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गर्भाशय में सूजन होने का सबसे मुख्य कारण फाइब्रॉयड्स होते हैं। फाइब्रॉयड्स नॉन कैंसर ट्यूमर होते हैं जो गर्भाशय की दीवार के बाहर और अंदर गांठ के रूप में मौजूद होते हैं। यह गांठ तीस से चालीस वर्ष की महिलाओं में होती है। यह बहुत आम है और आमतौर पर पचास साल की हर दस में से आठ औरतों को गर्भाशय में फाइब्रॉयड्स होता है। फाइब्रॉयड होने का कारण हार्मोन का उतार चढ़ाव और अनुवांशिक कारण होता है। जिसके वजह से गर्भाशय में सूजन आ जाती है।
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एडिनोमायोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की परत, जिसे कि एंडोमेट्रिएम के नाम से जाना जाता है, वह गर्भाशय की दीवार की बाहरी परत की ओर बढ़ने लगता है। अधिक उम्र की महिलाओं में यह एक आम समस्या है। एडिनोमायोसिस होने पर महिलाओं के गर्भाशय में एस्ट्रोजन बनना बंद हो जाता है और इसके कारण गर्भाशय में सूजन आमतौर पर उन महिलाओं को होती है जिन्होंने बच्चे को जन्म देने के दौरान गर्भाशय की सर्जरी करायी हो या सी सेक्शन डिलीवरी हुई हो।
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यदि किसी महिला को पीसीओएस (PCOS) की समस्या है तो इसके कारण भी उसके गर्भाशय में सूजन पैदा हो सकती है। यह आमतौर पर शरीर में हार्मोन के असंतुलन के कारण होता है जिसके कारण मासिक धर्म अनियमित और असामान्य हो जाता है। इसके कारण गर्भाशय में सूजन हो जाती है।
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आमतौर पर यह समस्या 50 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाओं में होती है जिसके कारण गर्भाशय में कैंसर होने का खतरा बना रहता है और गर्भाशय में सूजन आ जाती है। यह समस्या होने पर शुरूआती स्टेज में ही डॉक्टर के पास जाकर जांच करा लेना चाहिए। योनि से असामान्य रूप से लगातार खून निकलना इस समस्या का मुख्य लक्षण है।
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मेनोपॉज होने से पहले महिलाओं के शरीर में हार्मोन का उतार चढ़ाव बहुत तेजी से होता है जिसके कारण गर्भाशय बड़ा हो जाता है और इसमें सूजन आ जाती है। हालांकि यह स्थायी नहीं होता है और पूरी तरह से मेनोपॉज होने के बाद गर्भाशय अपने वास्तविक आकार में आ जाता है।
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जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह समस्या होने पर गर्भाशय के अंदर छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं जिसमें द्रव (fluid) भरा होता है। इसकी वजह से लगातार कमर में दर्द बना रहता है और मासिक धर्म के दौरान
अधिक ब्लीडिंग होती है और गर्भाशय में सूजन हो जाती है।(और पढ़े – पीरियड में ब्लीडिंग कम करने के घरेलू उपाय…)
गर्भाशय के भौतिक आकार (physical size) में परिवर्तन होने के अलावा गर्भाशय में सूजन होने के अन्य कई लक्षण दिखायी देते हैं लेकिन आमतौर पर गर्भाशय में सूजन के लक्षण इसके कारणों पर ही निर्भर होते हैं। महिलाओं में गर्भाशय में सूजन होने के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं।
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अन्य समस्याओं की तरह गर्भाशय में सूजन होने की समस्या को भी घरेलू उपचारों के जरिए बहुत आसानी से ठीक किया जा सकता है। आइये जानते हैं गर्भाशय में सूजने को ठीक करने के लिए घरेलू उपचार क्या है।
सुबह नाश्ते से पहले एक चम्मच शहद के साथ दो से तीन चम्मच ताजा सोया मिल्क का सेवन करने से गर्भाशय की सूजन दूर हो जाता है। शहद में दर्द, सूजन और जलन कम करने का गुण पाया जाता है और यह गर्भाशय में फाइब्रॉयड्स को कम करता है। तीन हफ्ते लगातार सोया मिल्क और शहद का सेवन करने से गर्भाशय की सूजन ठीक हो जाती है।
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आधे चम्मच हल्दी पावडर को एक चम्मच शुद्ध देशी घी या मक्खन में फ्राई कर लें। इसके बाद इस हल्दी को एक गिलास दूध में मिलाएं और चार पांच किशमिश, दो चम्मच पीसा हुआ अखरोट और चार पांच बादाम के छोटे टुकड़े डालें और इस दूध को अच्छी तरह से उबालें। दो हफ्ते तक लगातार इन सामग्रियों को मिलाकर दूध का सेवन करने से गर्भाशय की सूजन ठीक हो जाती है।
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गर्भाशय को स्वस्थ रखने और सूजन से बचाने के लिए शरीर को एक स्वस्थ फैट, इसेंशियल विटामिन और खनिज की जरूरत होती है। अखरोट में ओमेगा 3 सहित अन्य ऑक्सीडेंट पाये जाते हैं जो गर्भाशय को स्वस्थ रखते हैं। अखरोट में एंटीइंफ्लैमेटरी गुण होता है इसलिए हफ्ते में तीन दिन एक महीने तक मुट्ठी भर अखरोट खाने से गर्भाशय की सूजन कम हो जाती है।
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गर्भाशय में तरल पदार्थों और श्लेष्म (mucus) का अधिक उत्पादन होने से गर्भाशय में सूजन आ जाती है। मुलैठी श्लेष्म पैदा करने वाली ग्रंथियों को बाधित करती है जिसके कारण गर्भाशय का सूजन ठीक हो जाती है। 50 ग्राम मुलैठी की लकड़ी को पीसकर पाउडर तैयार कर लें और एक कांच की बॉटल में रख लें। रोजाना एक चौथाई चम्मच पाउडर पानी के साथ एक महीने तक लगातार खाएं। गर्भाशय की सूजन खत्म हो जाएगा।
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शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और गर्भाशय की सूजन को दूर करने में अलसी के बीज बहुत फायदेमंद होते हैं। अलसी के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो शरीर के आंतरिक अंगों के सूजन को कम करने में मदद करता है। एक या दो चम्मच पीसी हुई मेथी को एक गिलास दूध में तब तक उबालें जबतक कि दूध आधा न हो जाए। इसके बाद दूध को ठंडा करके प्रतिदिन रात में सोने से पहले पीएं। ऐसा करने से गर्भाशय की सूजन ठीक हो जाएगी।
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