बीमारी

वात रोग क्या है, कारण, लक्षण और उपचार – Vaat Rog Kya Hai Karan, Lakshan Aur Upchar In Hindi

वात रोग क्या है, कारण, लक्षण और उपचार - vaat rog kya hai karan, lakshan aur upchar in hindi

Vaat rog in Hindi वैसे तो उम्र बढ़ने पर व्यक्ति को तरह-तरह की बीमारियां होती हैं लेकिन वात रोग उनमें से एक है। वास्तव में यह एक ऐसा रोग है जो अधेड़ उम्र की महिलाओं और बुजुर्गों में सबसे ज्यादा होता है। वात रोग एक बहुत ही आम बीमारी है और लगभग हर घर में कोई न कोई व्यक्ति इस बीमारी से ग्रसित दिखायी देता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति अधिकांश समय एक ही जगह पर बैठा या लेटा हुआ दिखायी देता है क्योंकि हड्डियों में ऐंठन के कारण वह ज्यादा दूर तक चलने फिरने में समर्थ नहीं होता है।

विषय सूची

1. वात रोग क्या है? – vaat rog kya hai in hindi
2. वात रोग के कारण – vaat rog ke karan in hindi
3. वात प्रकृति के लक्षण – vaat rog ke lakshan in hindi
4. वात रोग को दूर करने के उपाय – vaat rog ka upchar in hindi

5. वात रोग में क्या खाना चाहिए – vaat rog me kya khana chahiye in hindi

वात रोग क्या है? – vaat rog kya hai in hindi

वात रोग क्या है? - vaat rog kya hai in hindi

जब शरीर में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में जमा हो जाती है तो शरीर के कुछ अंदरूनी अंगों में वायु भर जाती है जिसके कारण मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सूजन हो जाती है। इस समस्या को वात रोग (Rheumatic Diseases) कहते हैं। आमतौर पर वात रोग पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा होता है और यह रोग होने पर मांसपेशियों और हड्डियों में जकड़न उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण लगातार दर्द बना रहता है।

(और पढ़े – मांसपेशियों में खिंचाव (दर्द) के कारण और उपचार…)

वात रोग के कारण – vaat rog ke karan in hindi

वात रोग के कारण - vaat rog ke karan in hindi

माना जाता है कि वात रोग खराब जीवनशैली के कारण होता है। यदि आप स्वस्थ और फिट हैं तो यह रोग होने की संभावना कम होती है लेकिन आप बहुत आलसी प्रवृत्ति के हैं और शारीरिक श्रम नहीं करते हैं तो जल्दी ही वात रोग की चपेट में आ सकते हैं। आइये जानते हैं कि वात रोग किन कारणों से होता है।

  • पेट साफ न होने या नियमित मल न त्यागने के कारण वात रोग हो जाता है।
  • अगर आपको बहुत अधिक तली भूनी चीजें खाने की आदत है तो इसके कारण पेट में कब्ज बन जाता है और यह वात रोग का कारण बनता है।
  • व्यक्ति के आमाशय और मलाशय में अधिक मात्रा में वायु भर जाने के कारण वात रोग होता है।
  • अगर आपके पेट में गैस बनती है या आप लंबे समय से गैस के मरीज हों तो आपमें वात रोग होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
  • अधिक देर तक पेशाब और मल रोकने के कारण भी वात रोग हो जाता है।
  • अगर आपको खाना नहीं पचता है और दिन भर खट्टी डकार आती है तो एक समय के बाद आपमें वात रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • बहुत ज्यादा गरिष्ठ भोजन खाने, जल्दी भोजन न पचने और मल सूखने के कारण भी वात रोग होता है।
  • अगर आप एक ही जगह पर अधिक देर तक बैठकर काम करते हैं और बीच में उठते नहीं हैं तो आपको वात रोग हो सकता है।
  • खाना खाने के तुरंत बाद लेटने या सोने के कारण भी व्यक्ति को वात रोग होता है।
  • शारीरिक श्रम न करने, एक्सरसाइज न करने, बहुत ज्यादा आलसी होने और देर तक सोने की आदत के कारण भी वात रोग हो जाता है।
  • यदि आपके शरीर में कैल्शियम, आयरन जैसे पोषक तत्वों की कमी है तो आपको वात रोग हो सकता है।

(और पढ़े – कब्ज के लिए उच्च फाइबर फल और खाद्य पदार्थ…)

वात प्रकृति के लक्षण – vaat rog ke lakshan in hindi

वात प्रकृति के लक्षण - vaat rog ke lakshan in hindi

  • वात रोग होने पर व्यक्ति के शरीर की त्वचा ड्राई हो जाती है जिसके कारण पूरे शरीर से मृत त्वचा या पपड़ी निकलने लगती है।
  • पैर के जोड़ों और हड्डियों में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में जमा हो जाने के कारण जोड़ों, घुटनों, पैरों और मांसपेशियों में सूजन हो जाती है जिसके कारण व्यक्ति को उठने बैठने में काफी तकलीफ होती है और दर्द का भी अनुभव होता है। वास्तव में यह वात रोग का लक्षण है।
  • इस रोग का एक अन्य लक्षण यह भी है कि पीड़ित मरीज का मुंह और गला सूखता रहता है जिसके कारण उसे अधिक प्यास लगती है और वह हमेशा पानी मांगता है।
  • यदि आपको पूरे दिन डकार और हिचकी आती है तो यह वात रोग का लक्षण हो सकता है।
  • हड्डियों में ऐंठन और अकड़न आना, चलने फिरने में दर्द महसूस होना वात रोग के लक्षण हैं।
  • वात रोग होने पर सिर में भी दर्द होता है और हमेशा भारीपन बना रहता है।
  • सोते समय करवट लेने में भी पैर और मांसपेशियों में जकड़न महसूस होता है और कभी कभी सुन्नता भी महसूस होती है।

(और पढ़े – डिहाइड्रेशन से बचने के घरेलू उपाय, जानलेंगें तो कभी नहीं होगी पानी की कमी…)

वात रोग को दूर करने के उपाय – vaat rog ka upchar in Hindi

यह एक ऐसा रोग है जिसका उपचार घर पर ही बहुत आसानी से किया जा सकता है। यदि वात रोग का सही समय पर घरेलू उपचार किया जाए तो यह पूरी तरह से ठीक भी हो सकता है। आइये जानते हैं वात रोग के घरेलू उपचार के बारे में।

वात रोग से मुक्ति पाने के लिए पर्याप्त धूप लें – sun light for vaat rog in Hindi

वात रोग से मुक्ति पाने के लिए पर्याप्त धूप लें - sun light for vaat rog in hindi

चूंकि वात रोग पैर हड्डियों और जोड़ों से जुड़ी समस्या है इसलिए यह रोग होने पर व्यक्ति को पर्याप्त धूप लेनी चाहिए ताकि शरीर में विटामिन डी की भरपायी हो सके। माना जाता है कि धूप से बेहतर विटामिन डी का कोई अन्य स्रोत नहीं है। इसलिए अगर आप वात रोग से पीड़ित हैं तो रोजाना पर्याप्त धूप लें।

(और पढ़े – सूरज की धूप लेने के फायदे और नुकसान…)

वात रोग के इलाज के लिए तांबे के बर्तन का पानी पिएं – copper water for vaat rog in Hindi

वात रोग के इलाज के लिए तांबे के बर्तन का पानी पिएं - copper water for vaat rog in hindi

वास्तव में यह वात रोग का सबसे आसान और सस्ता घरेलू इलाज है। रात में तांबे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह उठकर खाली पेट पानी पीएं। इससे वात रोग से मुक्ति मिल जाएगी।

(और पढ़े – तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे और नुकसान…)

वात रोग से बचने के लिए खट्टे फलों का जूस पीएं – juice for vaat rog in Hindi

वात रोग से बचने के लिए खट्टे फलों का जूस पीएं - juice for vaat rog in hindi

शरीर में विटामिन सी की आपूर्ति के लिए वात रोग होने पर खट्टे फलों का जूस पीना फायदेमंद होता है। अगर आप इस रोग से जल्दी छुटकारा चाहते हैं तो कुछ हफ्तों तक मौसंबी, संतरा, अंगूर और नींबू के रस का सेवन करें। आपको फर्क जरूर महसूस होगा।

(और पढ़े – मौसंबी जूस के फायदे और नुकसान…)

वात वात रोग का आयुर्वेदिक उपचार जामुन की छाल का लेप – jamun ka lep for vaat rog in Hindi

वात वात रोग का आयुर्वेदिक उपचार जामुन की छाल का लेप - jamun ka lep for vaat rog in hindi

जामुन के पेड़ से छाल उतार लाएं और इसे पानी में पीसकर पैरों के जोड़ों और घुटने के ऊपर गाढ़ा लेप लगाएं। सूखने के बाद यह लेप उतार लें और दूसरी लेप चढ़ाएं। दिन में दो बार यह प्रक्रिया दोहराएं। एक महीने तक यह उपाय करने से वात रोग दूर हो जाता है।

(और पढ़े – जामुन के फायदे गुण लाभ और नुकसान…)

वात रोग की आयुर्वेदिक दवा दालचीनी का सेवन – dalchini for vaat rog in Hindi

वात रोग की आयुर्वेदिक दवा दालचीनी का सेवन - dalchini for vaat rog in hindi

अगर वात रोग के कारण जोड़ों का दर्द अधिक बढ़ जाए तो एक चम्मच दालचीनी पाउडर को दो चम्मच शहद में मिलाएं और गर्म पानी के साथ इसका सेवन करें। नियमित सुबह शाम एक महीने तक यह नुस्खा अपनाएं। आपको वात रोग से छुटकारा मिल जाएगा।

(और पढ़े – दालचीनी के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान…)

वात रोग में क्या खाना चाहिए – vaat rog me kya khana chahiye in Hindi

वात रोग में क्या खाना चाहिए - vaat rog me kya khana chahiye in hindi

(और पढ़े – आम रस के फायदे और बनाने की विधि…)

इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।

Leave a Comment

Subscribe for daily wellness inspiration