Sweet Flag ke Fayde Aur Nuksan in Hindi वच एक औषधी है जिसका उपयोग प्रचीन समय से ही ऋषि-मुनियों के द्वारा किया जा रहा है। विशेष रूप से आप और हम इसे धार्मिक अनुष्ठान के समय उपयोग करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वच के स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। वच के फायदे मस्तिष्क के लिए टॉनिक की तरह होते हैं। यह हमारी स्मृति और बुद्धि में सुधार करता है। इसके अलावा इसका उपयोग मिर्गी और सिर दर्द के इलाज में भी किया जाता है। यह उल्टी को नियंत्रित करने और मधुमेह के लक्षणों को भी कम कर सकता है। इस लेख में आप वच के फायदे और नुकसान की जानकारी प्राप्त करेंगे।
विषय सूची
1. वच क्या है – Vacha Kya Hai in Hindi
2. वच का पौधा – Vacha plant in Hindi
3. वच के पोषक तत्व – Sweet Flag (Vacha) Nutrients value in Hindi
4. वच के फायदे – Sweet Flag Benefits in Hindi
5. वच के नुकसान – Vacha Ke Nuksan in Hindi
यह एक औषधीय जड़ी बूटी है जिससे अंग्रेजी में कैलामस या स्वीट फ्लैग के नाम से जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एकोरस कैलामस (Acorus Calamus) है। यह एक शक्तिशाली नॉट्रोपिक जड़ी बूटी है। इसकी जड़ों में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो स्मृति संज्ञान, बुद्धि, आवाज और अन्य मानसिक क्षमताओं में सुधार के लिए आयुर्वेदिक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है।
औषधीय रूप में उपयोग किये जाने वाले वच बारहमासी पौधे से प्राप्त होता है। इस पौधे की लंबाई 30-100 सेमी (लगभग 12-39 इंच) होती है। इसकी पत्तियां गुच्छों के रूप में होती है जो जड़ से निकलती हैं। इनकी पत्तियों का रंग हरा पीला होता है। इसकी पत्तियां देखने में तलवार के आकार की तरह होती हैं। यह एक प्राकर का दलदल में होने वाला पौधा है जिस पर ठोस और त्रिभुजाकार फूल होते हैं। जिन पर बेलनाकार फल आते हैं जिनकी लंबाई लगभग 5-10 सेमी होती है। आइए जाने वच में मौजूद पोषक तत्व क्या हैं।
यह पौधा बहुत से पोषक तत्वों और रसायनों का संग्रह माना जाता है। इसकी जड़ों में बीटा-एसरोन, बीटा-गुर्जुनिन, Z-सारोन, अरिस्टोलिन, E-सारोन, सीक्वस्टरपेन्स-नॉरवेस्टेस्टरपाइन कैलामुसिन ए-एच (sequesterpenes-norsequesterpine calamusin A-H) और बीटा-डॉकोस्टरोल शामिल होते हैं।
विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए वच का उपयोग किया जाता है। इससे प्राप्त होने वाले लाभों की सूची बहुत लंबी है। भारत के अलावा अन्य देशों में वच का उपयोग विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए प्रमाणित औषधी के रूप में उपयोग की जाती है। आइए विस्तार से जाने वच के फायदे जो मानव जीवन को स्वस्थ्य और निरोगी बनाए रखने में मदद करते हैं।
आज के इस दौर में शारीरिक सुंदरता बहुत अधिक महत्व करती है। यह आपके व्यक्तिगत जीवन के साथ ही आपके व्यवसायिक जीवन को भी प्रभावित कर सकती है। आप अपनी त्वचा को सुंदर बनाने के लिए वच का उपयोग कर सकते हैं। आपकी सुंदरता को कम करने का प्रमुख कारण मुंहासे होते हैं जो कि नव युवक और युवतीयों में आम होते हैं। मुंहसों का इलाज इस औषधीय जड़ बूटी से किया जा सकता है। इसके लिए आप वच को पीस कर पाउडर बना लें। अब इसे चावल के आटे के साथ बराबर मात्रा में लें और गाय के दूध के साथ एक पैस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को मुंहासों के ऊपर लगाएं। यदि नियमित रूप से इसका इस्तेमाल किया जाए तो 3 दिनों के अंदर ही मुंहासों का उपचार किया जा सकता है। आप भी वच का उपयोग कर मुंहासों से छुटकारा पा सकते हैं।
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जैसा कि आप जानते हैं कि वच विशेष रूप से मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। इसका नियमित उपभोग मानसिक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इस जड़ी बूटी में याद रखने की क्षमता, दिमाग को तेज करने की क्षमता और मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने के गुण होते हैं। आप इस बुद्धि वर्धक औषधी का उपयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस उद्देश्य के लिए ½ वच पाउडर और ¼ चम्मच ब्राह्मी पाउडर लें। इन दोनों को अच्छी तरह मिलाने के बाद मक्खन और मिश्री के साथ उपभोग करें। आप इस औषधीय मिश्रण का उपभोग सुबह के समय कर अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह आपकी स्मृति, बुद्धि और दिमाग को तेज करने में सहायक होता है।
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विभिन्न स्वास्थ्य लाभों में यौन स्वास्थ्य भी शामिल होता है। यौन स्वास्थ्य में कमजोरी किसी भी व्यक्ति के लिए सहज नहीं होती है विशेष रूप से नपुंसकता की समस्या। लेकिन वच जड़ी बूटी का उपयोग कर नपुंसकता का इलाज
किया जा सकता है। यह यौन जीवन को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है। इस समस्या के निदान के लिए आप वच, अश्वगंधा (Withania Somnifera), पिप्पली (Piper longum), सौसुरा लप्पा (Saussurea Lappa) और धतूरा के बीज की बराबर मात्रा लें। इन सभी को मिलाकर बारीक पाउडर तैयार करें। नियमित रूप से इस पाउडर की 1 ग्राम मात्रा को गाय के घी (10 ग्राम) के साथ मिलाकर रोजाना पुरुष जननांग पर हल्की मालिश करें। इस प्रक्रिया को लगभग 21 से 41 दिन तक जारी रखें। यह पुरुषों की नपुंसकता को दूर करने का प्रभावी और सरल उपाय हो सकता है।(और पढ़े – इरेक्टाइल डिसफंक्शन नपुंसकता (स्तंभन दोष) कारण और उपचार…)
क्या आप भूख की समस्या से परेशान हैं। जिन लोगों को भूख की कमी होती है उनके लिए वच किसी औषधी से कम नहीं है। हालांकि वच अकेले ही आपकी भूख नहीं बढ़ा सकता है लेकिन अन्य जड़ी बूटीयों के साथ मिलाकर इसका सेवन करने से यह बहुत ही फयादेमंद होती है। भूख की कमी को दूर करने के लिए आप कैलमस रूट, हींग (Asafoetida), एकोनिटम (Aconitum Heterophyllum), पिप्पली, काली मिर्च, अदरक, हरीतकी, सौंचल नमक की 10-10 ग्राम मात्रा लें। इन सभी को अच्छी तरह से मिलाकर एक पाउडर तैयार करें। नियमित रूप से सबुह और शाम के भोजन के बाद इस पाउडर का सेवन करें। यह आपकी भूख को बढ़ाने और अपचन आदि की समस्या को दूर करने में मदद करता है। इस तरह से आप अपने पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए वच का उपयोग कर सकते हैं।
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आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए वच का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह तनाव से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। वच तंत्रिका को शांत करने के लिए जाना जाता है इसके अलावा यह स्मृति में भी सुधार कर सकता है। वच में किसी टॉनिक के समान ही गुण होते हैं इसलिए यह किसी व्यक्ति को तनाव और अवसाद से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है। इसके अलावा आप वच का उपयोग मिर्गी का उपचार भी कर सकते हैं। इन्हीं विशेष गुणों के कारण वच को विभिन्न औषधीयों में प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। आप भी अवसाद और तनाव जैसी मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए वच का उपयोग कर सकते हैं।
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आप अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए वच के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होने से आप सर्दी बुखार जैसी सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। सर्दी होने की स्थिति में वच की बहुत ही कम मात्रा का उपयोग सर्दी को ठीक किया जा सकता है। यह सर्दी के दौरान कफ को दूर कर सर्दी से छुटकारा दिला सकती है। इस समस्या का उपचार करने के लिए उबलते पानी में बच का चूर्ण को मिलाएं और इसकी भाप लें। इसके अलावा आप बच के चूर्ण में 1 चम्मच मात्रा में शहद मिलाएं और इसका सेवन दिन में दो बार करें। यह आपको सर्दी से तत्काल राहत दिला सकता है।
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अक्सर महिलाओं को प्रसव के दौरान बहुत ही कष्ट और असुविधा का सामना करना पड़ता है। यह समस्या विशेष रूप से बच्चे के जन्म में होने वाली देरी के कारण होती हैं। इस प्रकार की समस्या में अक्सर वच का उपयोग किया जाता है। क्योंकि वच गर्भाशय संकुचन को प्रेरित करता है जिससे बच्चे के जन्म मे मुश्किल या देरी को कम करने में मदद मिलती है। इस प्रकार की समस्या बहुत गंभीर होती है क्योंकि इस दौरान मां बहुत ही थक जाती है या प्रसव में नहीं जाती है। वच ऐसी परिस्थितियों में मदद करती है और मां आसानी से बच्चे को जन्म दे सकती है। इसके अलावा यह जड़ी बूटी डिसमोनोरिया (dysmenorrhea) के इलाज में भी प्रभावी होती है।
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अपने औषधीय गुणों के कारण वच त्वचा संक्रमण का इलाज करने में सहायक होती है। वेखंड का उपयोग घावों के उपचार के लिए किया जा सकता है। घाव उपचार करने के लिए वेखंड के साथ अन्य जड़ी बूटीयों का उपयोग किया जाता है। इसके लिए आप सरसों के बीज, हरीतकी (terminaliachebula), वच, हींग (asafetida), मोरिंगा ओलीफेरा (moringaoleifera) आदि को लेना चाहिए। इन सभी को अच्छी तरह से पीसने के बाद आंवला रस मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र मे लगाएं और किसी पट्टी से बांध लें। यह आपके घाव की सूजन को कम करने के साथ ही उसे ठीक करने में मदद करता है।
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प्राचीन समय से ही वच का उपयोग विभिन्न औषधीय उपयोग के लिए किया जा रहा है। वच के लाभों में सिर दर्द से राहत दिलाना भी शामिल है। सिरदर्द से राहत पाने के लिए पानी के साथ वच का पेस्ट तैयार करें। सिर दर्द के दौरान इस पेस्ट को माथे में लगाएं। इस पेस्ट के फायदे सिर में भारीपन की भावना, थकान आदि लक्षणों को दूर करने में मदद करते हैं।
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औषधीय गुणों से भरपूर वच हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है।
लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
इसके अलावा कुछ विशेष स्थिति के दौरान वच का उपभोग और उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। जो इस प्रकार हैं:
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